Gujarati Whatsapp Status | Hindi Whatsapp Status
GANESH TEWARI 'NESH' (NASH)

बिना पुत्र विधवा बहन, संकटग्रस्त कुलीन। चार भले घर में सदा, वृद्धमित्र-धनहीन।। दोहा --369 (नैश के दोहे से उद्धृत) ----गणेश तिवारी 'नैश'

Praveen Kumrawat

“श्रीराम ने मर्यादा में रहना सिखाया है इसलिए मर्यादित है… वर्ना एहसास करा देते कि डर होता क्या है।”

Raju kumar Chaudhary

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अब ला इलाज हो गए है देव बाबू

एक ही दिन में सब नहीं हुआ ख़त्म हम कई रोज से बिछड़ रहे थे.....!!

Ugig Hx

الرعب (الحقيقي) في قريةٍ صغيرةٍ لا تظهر على الخرائط، كان الناس ينامون باكرًا، ليس لأنهم متعبون… بل لأن الليل هناك لا يُحتمل. كان يوسف فتىً هادئًا، يعيش مع جدّته العجوز. كل ليلة، وقبل أن تطفئ المصباح، كانت تقول له بصوتٍ مرتجف: "إلى سمعت شي صوت يناديك بالليل… ما تجاوبش." يوسف كان يضحك، ويظنها خرافات كبار السن. في ليلةٍ عاصفة، انقطع التيار الكهربائي، وساد صمتٌ غريب… ثم سمع يوسف همسًا خافتًا: "يوسف… افتح الباب." الصوت كان يشبه صوته تمامًا. تجمّد في مكانه. تذكّر كلام جدّته. لم يفتح. لكن الهمس عاد، هذه المرة من داخل الغرفة: "علاش كتهرب مني؟ أنا هو أنت." نظر يوسف إلى المرآة… ولم يرَ انعكاسه. في الصباح، وجد أهل القرية يوسف جالسًا صامتًا، ينظر إلى المرآة الفارغة. ومنذ ذلك اليوم، أصبحت الجدّة تقول للأطفال: "الرعب الحقيقي ماشي اللي كنشوفوه… الرعب الحقيقي هو اللي كيعرفنا أكثر مما كنعرفو نفسنا."

अब ला इलाज हो गए है देव बाबू

*તોફાન ચાલે ભીતરમાં પણ પાડું નહીં મોંઢે ફેર,* *આતો છે ઉંડી વેદનાયું કરું નહીં જગ જાહેર.*

Bhavna Bhatt

જય સત્યનારાયણ ભગવાન

વૈભવકુમાર ઉમેશચંદ્ર ઓઝા

मुझे किसी और मयखानेकी क्या जरूरत? मैने तेरी आंखोसे शराब पी है। - स्पंदन

Narendra Parmar

कभी ना कभी ए जिन्दगी हमारी एक दिन राख में तब्दील हो जाओगी ! चाहें अपने हों या पराएं मेरे साथ आएं न आएं किंतु मेरी अच्छाइयां और बुराइयां लोगों की जुबान पर जरुर आएगी ।। नरेन्द्र परमार ✍️

Nanda H Solanki

क्या कहे हम आपसे बिन कहे रह नहीं सकते बस इतना कीजिए काजल का टीका लगाकर निकले घर से!! नंदा हितेंद्र सोलंकी.. - Nanda H Solanki

Nanda H Solanki

जितने दूर हो नजर से उतने ही हो तुम दिल के पास हवाओं में है खुशबू तुम्हारी हर सांस में है तुम्हारा एहसास!!! नंदा हितेंद्र सोलंकी - Nanda H Solanki

ArUu

तुम खोजते रह जाओगे गुनाह मेरे निकलूंगी फिर भी मैं बेगुनाह ArUu ✍️

ArUu

मैं अपने फोन का चार्जर किसी से शेयर नहीं करती फिर तुम तो मेरे पसंदीदा शख़्स हो😌 ArUu ✍️

ArUu

वो दिसंबर सा शांत मैं जून सी उग्र ArUu ✍️

Nanda H Solanki

जिंदगी की किताब पहले से ही लिखी हुई है बस पढ़ना है हमें और समझना है हमें!!! नंदा हितेंद्र सोलंकी.. - Nanda H Solanki

Nanda H Solanki

बिन बोले कभी सुन लिया करो नम आंखों से भी कभी हस दिया करो कब क्या क्यों कैसे कोई नहीं जानता छोटी सी है जिंदगी जिंदगी से हर रोज मिल लिया करो!! नंदा हितेंद्र सोलंकी.. - Nanda H Solanki

Nanda H Solanki

कुछ पन्ने मेरी किताब के तेरे नाम किए यू सामने तुम्हारी खुद को खोला जरा ध्यान से पढ़ना कुछ लिखा है हमने और कुछ तुम पर है छोड़ा!!! नंदा हितेंद्र सोलंकी.. - Nanda H Solanki

Nanda H Solanki

हमारे मौन को कायरता मत समझना शब्दों का "लिहाज" करना आता है हमें!!! नंदा हितेंद्र सोलंकी.. - Nanda H Solanki

Nanda H Solanki

नजर मिलाओ या चुराओ आपकी मर्जी हम तो बनकर आईना खड़े हैं कब से!!!! नंदा हितेंद्र सोलंकी.. - Nanda H Solanki

Nanda H Solanki

शब्दों का काफिला लेकर चले हैं ऐसी डगर मंजिल पर कोई गीत राह देख रहा है!!! नंदा सोलंकी .. - Nanda H Solanki

Rajiv Jangid

भौतिक सामान नहीं, अनकहे शब्द हैं, जो— मुझसे बने, मुझमें छिपे। अव्यक्त, अपरिपक्व, जो अभिव्यक्त होना चाहते हैं। पुनर्जन्म में, इन शब्दों को— साथ ले जाना चाहता हूँ। –rajiv

Abha Dave

https://youtube.com/shorts/Z40WBpPfDAo?si=XAC56bmSt5yCixe-

Nilesh Rajput

अब औरत अपना नसीब खुद लिखती हैं, उसे अब पुरुष की जरूरत नहीं। अब औरत अपना पिंजरा खुद चुनती है, उसे अब पुरुष की बनाई कैद में रहना नहीं। अब औरत अपने जख्मों पर मलहम खुद रखती है, अब उसे पुरुष के हमदर्द की दरकार नहीं। अब स्त्री चाहती है आजाद, स्त्री होने से, शायद अब स्त्री को स्त्री की भी जरूरत नहीं।

kattupaya s

Goodnight friends.. my novel yadhumatra peruveli part 15 will be published on 25/12/25 tomorrow 11AM. Thanks

Akshay Tiwari

A Blink in My Heart Smile on my face Today, I met someone without a face, without a voice, yet my heart knew, she is special...... Something blinked inside me, like a silent signal, urging me to speak to her, though my lips stayed still and my courage hid behind thoughts. I’ve never seen her, yet I imagine her smile, gentle, effortless, the kind that doesn’t ask for attention but quietly steals it..... I imagine her eyes, deep and honest, holding stories they never rush to tell, eyes that don’t just look, but feel...... Her beautiful black hair... I picture it dancing with the wind, soft like unanswered questions, beautiful not because of how it looks, but because it belongs to her. Strange, isn’t it..? How the heart paints portraits without colors, how it recognizes someone before the eyes ever do. I don’t know her name, her world, or the sound of her laughter, yet something inside me whispers, she matters...... Maybe this is not love, maybe it’s not destiny, maybe it’s just a moment, but some moments leave fingerprints on the heart. And tonight, I carry her as a feeling, a smile I’ve never seen, a presence I’ve never touched, yet a warmth I cannot deny. Some connections don’t need meetings, they simply happen, quietly, beautifully, inside.....

Raju kumar Chaudhary

🇳🇵 माटी की कसम हिमालय की गोद में बसा एक छोटा लेकिन स्वाभिमानी देश है—नेपाल। यहाँ की हवा में स्वतंत्रता की खुशबू है और मिट्टी में बलिदान की कहानी लिखी हुई है। रामेछाप के एक छोटे से गाँव में जन्मा आनंद बचपन से ही अपने देश से गहरा प्रेम करता था। वह हर सुबह सूरज निकलते समय हिमालय की ओर देखकर कहता, “एक दिन मैं नेपाल का नाम पूरे संसार में रोशन करूँगा।” आनंद के पिता ब्रिटिश–भारतीय सेना में सेवा कर चुके एक पूर्व गोर्खा सैनिक थे। वे हमेशा कहते, “बेटा, देशभक्ति सिर्फ हथियार उठाने से नहीं होती, देशभक्ति ईमानदारी, मेहनत और सच्चाई के रास्ते पर चलने से होती है।” समय बीतता गया। आनंद पढ़ाई में होशियार बन गया। उसे विदेश जाने का सुनहरा मौका मिला, लेकिन उसने ठुकरा दिया। उसने कहा, “मेरे देश को मेरी ज़रूरत है।” उसके गाँव में न स्कूल था, न अस्पताल। आनंद ने खुद पहल की। उसने युवाओं को जोड़ा, सहयोग इकट्ठा किया और एक छोटा सा स्कूल खोला। कुछ समय बाद गाँव में एक स्वास्थ्य केंद्र भी बन गया। एक दिन भयानक बाढ़ आई। पूरा गाँव खतरे में पड़ गया। आनंद ने अपनी जान की परवाह किए बिना लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुँचाया। उस दिन उसने सिर्फ लोगों की जान नहीं बचाई, बल्कि नेपाल की आत्मा को बचाया। गाँव के बुज़ुर्गों की आँखों में आँसू थे। वे बोले, “आनंद सिर्फ हमारा नहीं, पूरे नेपाल का बेटा है।” आज आनंद किसी बड़े पद पर नहीं है, लेकिन जहाँ भी वह खड़ा होता है, वहाँ देशभक्ति बोलती है। नेपाल उसके दिल में है और वह नेपाल की साँस है। नेपाल छोटा हो सकता है, लेकिन नेपाली दिल बहुत बड़ा है। जय नेपाल 🇳🇵🇳🇵 गीत शीर्षक: “देश चुना मैंने” 🎵 Intro (धीमा, भावुक) हिमालय ने मुझे आवाज़ दी, मिट्टी ने थाम लिया हाथ मेरा… सपनों ने पूछा एक सवाल, देश या दुनिया—क्या चुनूँ मैं तेरा? 🎶 मुखड़ा (Chorus – Powerful & Viral) मैंने देश चुना, विदेश छोड़ा, दिल ने यही फरमान दिया 🇳🇵 सोना नहीं, पहचान चाहिए, नेपाल ने मुझे पहचान दिया ❤️ 🎵 अंतरा 1 (Story – बचपन) गाँव की गलियों में पला-बढ़ा, माँ की ममता, बाप का साया गोर्खाली लहू रगों में था, देशभक्ति ने जीना सिखाया 🎶 मुखड़ा (Repeat) मैंने देश चुना, विदेश छोड़ा, मिट्टी से रिश्ता तोड़ न पाया नाम नहीं, काम करना है, यही सपना नेपाल ने सिखाया 🇳🇵 🎵 अंतरा 2 (संघर्ष और फैसला) हाथ में पासपोर्ट, आँखों में नमी, सामने थी दुनिया चमकदार लेकिन पीछे खड़ा था मेरा देश, मुझे पुकारता बार-बार 🎶 ब्रिज (Emotional Peak) जब बाढ़ आई, सब डूब गया, मैं आगे बढ़ा, डर पीछे छूटा झंडा नहीं था हाथों में, पर दिल में पूरा नेपाल धड़का 🇳🇵 🎶 मुखड़ा (Final – High Energy) मैंने देश चुना, विदेश छोड़ा, ये फैसला मेरी पहचान बना छोटा देश, बड़ा है दिल, नेपाली होना अभिमान बना ❤️🇳🇵 🎵 Outro (धीमा, गर्व भरा) किताबों में नाम न हो मेरा, तो क्या हुआ ऐ मेरे देश तेरी मिट्टी में साँस मिली, यही है मेरी सबसे बड़ी जीत जय नेपाल 🇳🇵

Jyoti Gupta

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S A Y R I K I N G

मरना तो है ही एक दिन पर मौत इतनी भी भयानक न हो

S A Y R I K I N G

आंखों से गले लगा लिजिए सीने से लगाने में बहुत पाबंदियां है

ek archana arpan tane

પોતાની જાતને સમજવી એ શકિત છે. જાતને પ્રેમ કરવો એ સ્વતંત્રતા છે,પોતા ને માફ કરવું એ શાંતિ છે પણ પોતાની જાત સાથે જીવવું એ પરમસુખ છે. - ek archana arpan tane

Pravin Bhalagama

|| સપના || તારી સાથે જોયેલા સપના હવે અધૂરા રહી જાશે, મારા બદલે કોઈ બીજો તને પરણી લઈ જાશે, વિચારોમાં પણ હું તેને કોઈ બીજા સાથે નથી જોઈ શકતો ખબર નહી મારી આ સગી આંખે તારા લગન કઈ રીતે જોવાશે ? - Pravin Bhalagama

Pravin Bhalagama

|| સપના || તારી સાથે જોયેલા સપના હવે અધૂરા રહી જાશે, મારા બદલે કોઈ બીજો તને પરણી લઈ જાશે, વિચારોમાં પણ હુ એને કોઈ બીજા સાથે નથી જોઈ શકતો , ખબર નહી મારી આ સગી આંખે તારા લગન કઈ રીતે જોવાશે ?

Rinal Patel

મને એવું લાગે છે કે સારા અને સાચા વિચારો વાળા વ્યક્તિ જ ઘણી વખત એખલા પડી જતા હોય છે. પણ એ દરેક વ્યક્તિઓ યાદ રાખે કે એખલા પડી જવું અંત નથી, શરૂઆત છે.આપણે એખલા પડી જઈએ છીએ ત્યારે એ પરમાત્મા આપણી સાથે હોય છે અને એ આપણને મોટા નુકસાનમાંથી બચાવી સદમાર્ગે લઈ જાય છે એની આપણને જાણ પણ નથી થતી. અંતર ની દ્રષ્ટિએ. Rinall.

Nanda H Solanki

નીકળી પડું છું દરરોજ લઈ નવી કોઈ સોચ અણ જાણી કોઈ વાટે એક એવા સન્નાટે સાંભળવાને કોઈ સાદ ઉરમાં ભરી ઉનમાદ ઘડી બે ઘડી બંધ કરી આંખ જોઉ નિજ ને ઉડતી વિના કોઈ પાંખ પરીઓના દેશમાં પરી જેવી હું પરીના વેશમાં બસ ખુશી ખુશી ચારે કોર સત સમજ સૌંદર્ય ગયું ભીતર વસી ધીરે થી હળવેથી કોઈ કહે છે એકલી નથી કોઈ તુજમાં પણ વસે છે!!! Nanda H Solanki.. - Nanda H Solanki

Nanda H Solanki

વિરહમાં વહે છે ને મિલનમાં પણ ઝરે છે "આંસુ" રણમાં પડ્યા મૃગજળ તણા ક્યારેક છળે છે "આંસુ"!!! Nanda H Solanki.. - Nanda H Solanki

Shefali

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Nanda H Solanki

બધાને જ ગમે એ તો Possible નથી આપણી Choice પણ તો Limited હોય છે!!!!! Nanda H Solanki...

महेश रौतेला

तुम्हारी काया कब मुझमें समा गयी पता ही नहीं चला, कब सांसों में आना-जाना हुआ पता ही नहीं चला। कब गरम हवा ठंडी हुयी राह घूम गयी, कब दिन-साल सिमट गये पता ही नहीं चला। *** महेश रौतेला

Nanda H Solanki

Adjustment એક એવો શબ્દ છે જો સમજી લઈએ તો Problem કંઈ જ નથી!!!!! Nanda H Solanki - Nanda H Solanki

Rushil Dodiya

आंसुओं में न रखो इन आंखों की चमक मेरे आसमां में रख दो मुस्कुराती धनक

Soni shakya

"हां होंगी मुझमें कमियां बहुत पर.. किसी का आशियाना तोड़ घर नहीं बसाया मैंने" - Soni shakya

Soni shakya

"कहां तलक ये मन के अंधेरे छलेंगे उदासी के बादल कभी तो ढलेंगे" - Soni shakya

Miss writer

mere papa bina kahe hi meri har ichha har chiz ko mere samne la kar rakh dete hain... par wo chah kar apni beti ek ichha puri nahi kar sakte... use uska pyaar la kar nahi de sakte.... use uska pasandida insan nahi de sakte....

Nanda H Solanki

આવતા ને કહીએ આવો ને જતા ને કહીએ આવજો પણ જે ના આવે એને કહીએ કે આવ અને જો તારા વિના....... - Nanda H Solanki

Aruna N Oza

🙏🙏

Miska

Ex अब याद आता है जैसे गलती से dial हुआ number ☎️😅 hihihihihihiihiihihi

Dada Bhagwan

Giving happiness may not always be in our hands, but not hurting others is. May this Christmas festival remind us to share love and spread enduring happiness: https://dbf.adalaj.org/0hU4mfkD #merrychristmas #happiness #christmas #festivalvibes #DadaBhagwanFoundation

jighnasa solanki

🥳🥳🤗🤗 L❤VE YOU ISRO. 🥰🥰 🙏🇮🇳 🇮🇳🙏🌹JAY HIND🌹🙏🇮🇳 🇮🇳🙏

Mamta Trivedi

ममता गिरीश त्रिवेदी की कविताएं कविता का शीर्षक है 🌹 ज्ञान का प्रकाश https://youtube.com/shorts/WoX4EgGGH5c?si=EBib4wBjJ1X1hgdc

Raju kumar Chaudhary

https://youtube.com/@rajufilmyjunction?si=cCmXX87Yn7XPtluE“नमस्ते दोस्तों! स्वागत है आपका RKC GLOBAL RESEARCH CENTRE में। आज हम जानेंगे कि कैसे आप अपनी पढ़ाई को और प्रभावशाली बना सकते हैं, और कम समय में ज्यादा सीख सकते हैं। चलिए शुरू करते हैं!” [सेगमेंट 1: लक्ष्य तय करना – 0:15-1:00] (स्क्रीन पर नोटबुक, लक्ष्य की तस्वीरें, और अध्ययन करते विद्यार्थी दिखाएं) Narrator: “पहला कदम है – अपने लक्ष्य तय करना। जब आप जानते हैं कि आपको क्या हासिल करना है, तो आपकी पढ़ाई अधिक फोकस्ड और उत्पादक बन जाती है। ✅ छोटे लक्ष्य तय करें ✅ हर दिन एक नया लक्ष्य पूरा करें ✅ अपने प्रगति को नोट करें” [सेगमेंट 2: समय प्रबंधन – 1:00-1:45] (क्लॉक, टाइमटेबल और पढ़ाई का एनिमेशन) Narrator: “दूसरा महत्वपूर्ण पहलू है – समय प्रबंधन। ⏰ पढ़ाई के लिए समय निर्धारित करें ⏰ ब्रेक लेना न भूलें – 25-30 मिनट पढ़ाई, 5 मिनट ब्रेक ⏰ सबसे कठिन विषय पहले पढ़ें, ताकि आपका ध्यान पूरी तरह से उसमें लगे” [सेगमेंट 3: प्रभावी पढ़ाई के तरीके – 1:45-3:00] (फ्लैशकार्ड, नोट्स और माइंड मैप का एनिमेशन दिखाएं) Narrator: “तीसरा – प्रभावी पढ़ाई के तरीके अपनाएं। 📌 नोट्स बनाएं – अपने शब्दों में लिखें 📌 माइंड मैप बनाएं – जटिल टॉपिक को आसान बनाएं 📌 फ्लैशकार्ड – जल्दी याद करने के लिए 📌 रिवीजन – नियमित रूप से पढ़ाई को दोहराएं” [सेगमेंट 4: तकनीक और संसाधन – 3:00-3:45] (मोबाइल, लैपटॉप और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म दिखाएं) Narrator: “आज के डिजिटल युग में, आप तकनीक का सही इस्तेमाल करके और बेहतर सीख सकते हैं। 💻 ऑनलाइन वीडियो, कोर्स और ट्यूटोरियल देखें 📱 एप्स का इस्तेमाल करें – समय प्रबंधन और नोट्स के लिए 📚 पुस्तकालय और ई-बुक्स से ज्ञान बढ़ाएं” [क्लोजिंग – 3:45-4:00] (लोगो और चैनल के नाम के साथ बैकग्राउंड म्यूजिक) Narrator: “दोस्तों, यह थे कुछ आसान और प्रभावशाली तरीके अपनी पढ़ाई को बेहतर बनाने के लिए। अगर आपको यह वीडियो पसंद आया, तो लाइक और सब्सक्राइब करना न भूलें। RKC GLOBAL RESEARCH CENTRE के साथ बने रहें, और सीखते रहें!”

Vineet Singh

कल्पना और यथार्थ के बीच एक कोमल सा अहसास... 'छायावाद' की शैली में नारी सौंदर्य को शब्दों में ढालने का एक छोटा सा प्रयास। ​स्वप्न-सुंदरी : ​लगती नभ की काया है, या सपनों की छाया है? रूप नहीं, यह जादू है, मन पर कैसा काबू है। ​नयनों में कुछ लाज भरी, जैसे शीतल ओस झरी। पलकें जब भी झुकती हैं, साँसें पल भर रुकती हैं। ​गति में लहरों का नर्तन, वाणी में गूँजे सावन। खुशबू-सी वह बहती है, चुपके से कुछ कहती है। ​लगती नहीं धरा की है, रचना किसी 'कला' की है। हाथ कभी न आती है, बस सपना बन जाती है। ✍🏻©️ ​विनीत सिंह

Saliil Upadhyay

सबसे जरूरी है कि आप खुद को स्पेशल समझे... हर इंसान में कोई ना कोई खूबी होती है। आपमें भी है। ऐसा नहीं है कि सामने वाला इंसान हरदम परफेक्ट होता है । इसलिए आप अपने आपको हमेशा स्पेशल समझिए।

Saroj Prajapati

देख बातों में नरमी और आंखों में शरम मत पालना मन में कोई भ्रम क्योंकि यह इज्जत आपको नहीं बल्कि आपके पद रूतबे को बख्शी जा रही है जिस दिन आपके पास ये दोनों नहीं रहेंगे उस दिन सामनेवाले का नकाब भी उतर जाएगा।। सरोज प्रजापति ✍️ - Saroj Prajapati

Shailesh Joshi

જોયેલું નહીં, પરંતુ જે જોડે હશે, એજ કામ લાગશે, કારણ કે દેખાદેખી એ એક એવી જાળ છે, જે આપણા બચ્યા-કુચ્યા નસીબનો કાળ છે, જેમકે જે દીવામાં જેટલું તેલ હશે, એ દીવો એટલું જ તેલ બાળશે. - Shailesh Joshi

Jyoti Gupta

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Chaitanya Joshi

શબ્દો ઉચ્ચારે આવો સદાશિવ. ઉરના આવકારે આવો સદાશિવ. હૈયું બન્યું નવનીત સરીખું, સઘળે ભોલેનાથને દેખું. નયન પલકારે આવો સદાશિવ...૧ દર્શનની અભિલાષા નિરંતર. કૃપા‌ કરો હે‌ પ્રભુ શિવશંકર. લોચન અશ્રુ સારે આવો સદાશિવ..૨ દોષો અમારા ‌ભોળાનાથ ભૂલો, કરું છું આજ એકરાર ખુલ્લો. અંતર આરાધે આવો સદાશિવ...૩ શરણાગતને સ્વીકારોને શંકર, અંતરથી ના રાખો‌ હવે‌ અંતર. ભક્ત સહારે આવો ‌સદાશિવ...૪ - ચૈતન્ય જોષી " દીપક" પોરબંદર.

Imaran

💛🤎imran 🤎💛

Arun V Deshpande

नव उदय पत्रिका, दिसम्बर-2025 अंक मे प्रकाशित रचना कवी-अरुणदास " अरुण वि.देशपांडे ***** करें प्रार्थना हम श्रीगुरुवरसे ।। ------------------------------------ श्रीगुरुचरण मे जाए हम शरण करें प्रार्थना हम श्रीगुरूवर से ।। हो नित्य सेवा मन से हम से । अंध:कारसे भरा हुवा मन भितर । प्रकाशमय करें गुरूवर आप इसे । करें प्रार्थना हम श्रीगुरूवर से ।। 1।। दिव्य अमृतवाणी कानो पर पडे । गुरुवाणी सुने यही इच्छा हो इसे । श्रीगुरुचरण मे जाए शरण हम । करें प्रार्थना हम श्रीगुरुवर से ।। 2।। मलीन मन हमेशा निर्मल रहे । उजालेसे मनअंतर चमकते रहे । सेवाभाव,भक्तिभावसे भरे इसे । करें प्रार्थना हम श्रीगुरुवर से ।। 3 ।। श्रीगुरुचरण मे जाए शरण हम । करें प्रार्थना हम श्रीगुरुवर से कवी अरुणदास प्रकट करें यह भावना श्रद्धाभाव मन से ।। 4 ।। ------------------------------------------------- करें प्रार्थना हम श्रीगुरुवरसे ।। कवी अरुणदास" अरुण वि.देशपांडे पुणे.(महाराष्ट्र) 9850177342 --------------------------------------------------

ज़ख्मी__दिल…सुलगते अल्फ़ाज़

🦋...𝕊𝕦ℕ𝕠 ┤_★__ तलाश है उसकी, जिसके सामने मुझे             कुछ छिपाना न पड़े, हकीकत जैसी भी हो मेरी, उसे कभी                 बताना न पड़े, वो जो मेरी चुप्पी को पढ़ ले और शोर                में मेरा साथ दे, थक  कर  जब  बैठूँ  कभी,  तो  बस          चुपचाप हाथ में हाथ दे, ख्वाहिश नहीं कि वो चाँद- तारे तोड़                   कर लाए, बस वही काफी है जो हर छोटी बात                पर मुस्कुराए, हम दोनों मिलकर अपनी एक अलग               ही दुनिया बुनेंगे, जहाँ हम एक- दूसरे  की  कहानियाँ             हज़ारों बार सुनेंगे, कुछ अनकहे सपने होंगे कुछ अधूरी                सी बातें होंगी, पर साथ  उसका  होगा, तो सर्द रातें              भी सुहानी होंगी, वो मिले तो लगे, कि जैसे बरसों की              प्यास बुझ गई, उलझी  हुई  सी ये  जो  ज़िन्दग़ी थी              अब सुलझ गई, बस  एक ऐसा  शख्स चाहिए, जिसे      मैं दिल से अपना पुकार सकूँ, उम्मीद से बढ़-कर वो मिले, और मैं उस पर अपनी जान वार सकूँ…💞 ╭─❀💔༻  ╨──────────━❥ ♦❙❙➛ज़ख़्मी-ऐ-ज़ुबानी•❙❙♦ #LoVeAaShiQ_SinGh☜ ╨──────────━❥

SADIKOT MUFADDAL 《Mötäbhäï 》

આજે તારી ગલીમાંથી નીકળ્યો હતો, જોયું તો તારા સિવાય કંઈ જ બદલાયું ન'તું. - SADIKOT MUFADDAL 《Mötäbhäï 》

Manish Kumar Yadav

सच्ची मोहब्बत तो वो है जिसमें दूर रहकर भी, हर दुआ में सिर्फ एक ही इंसान का नाम हो।" - Manish Kumar Yadav

Manish Kumar Yadav

ज़रूरी नहीं कि हर पल साथ रहा जाए, बस यादों में एक-दूसरे का होना ही काफ़ी है।" - Manish Kumar Yadav

Parmar Mayur

हक़ के लिए 'लड़ना गलत' कहां है, कृष्ण पार्थ से कहे,यही तो 'धर्म' है। - Parmar Mayur

Paagla

I’m not crazy; you are, because even today you’re not working towards your dreams

Dr Darshita Babubhai Shah

मैं और मेरे अह्सास माहिर मुस्कराते हुए दर्दों गम छुपाने में माहिर हो गये हैं l दिखावे के खुश होना दिखाने में माहिर हो गये हैं ll सख्त जिन्दगी हररोज इम्तिहान लेती ही रहती हैं l जख्मों के निशान को मिटाने में माहिर हो गये हैं ll "सखी" डो. दर्शिता बाबूभाई शाह

Raju kumar Chaudhary

Jay mata Di

ch Devendra

आवरण से अंदर के विषय का पता नहीं चलता चेहरे से चरित्र का पता नहीं चलता बाहरी दिखावे आचरण से नियत का पता नहीं चलता। - ch Devendra

Dinesh

*🙏જય બાબા સ્વામી*🙏 *આજનો સુવિચાર* સમજણનાં બારણાં ઉંમર પ્રમાણે નહિં, પણ જવાબદારીઓ પ્રમાણે ઉઘડે છે. *શુભ સવાર*

GANESH TEWARI 'NESH' (NASH)

काम क्रोध अरु लोभ ये, तीन नरक के द्वार। जो इनसे बचता रहा, पहुंच गया उस पार।। दोहा --368 (नैश के दोहे से उद्धृत) -----गणेश तिवारी 'नैश'

Soni shakya

🙏🙏सुप्रभात 🙏🙏 🌹 आपका दिन मंगलमय हो 🌹

Bhavesh Tejani

ખોલી દ્રાર હૈયા ના રોજ રાહ જોવ છું તારી, જેમ પાથરી ફૂલ કેડીએ શબરી જુએ રાહ રામની.

Bhavesh Tejani

આજ હોઠે શબ્દો નો પડો દુકાળ, કાતો પ્રીત મારી ખોટી, કાતો તે હૈયેથી લીધી વિદાય.

Neeraj Sharma

ਇੱਕ ਗੀਤ ਜੋ ਬੰਦਾ ਲਿਖਦਾ ਹੈ। ਯਾਰ ਲਈ ਓਹਦੇ ਗਮ ਚੇ ਉਹ ਵੀ ਸ਼ੁਦਾਇ ਹੋ ਜਾਦਾ ਹੈ। ( ਗੀਤ ) ਕੁਛ ਤਾਂ ਦੱਸ ਤਾਂ ਸਹੀ, ਅੰਦਰਦੀਆਂ ਤੂੰ ਗੱਲਾਂ। ਜਮਾਨੇ ਨੂੰ ਛੱਡਕੇ ਕਿੱਥੇ, ਦੱਸ ਤਾਂ ਸਹੀ ਚਲਾ। ✌️ ਕਿਹੜੇ ਜਨਮ ਚੇ, ਦੱਸ ਤਾਂ ਤੂੰ ਕਿ ਸੀ, ਚੱਲ ਏਨਾ ਹੀ ਦੱਸਦੇ, ਤੂੰ ਕੇਹਦਾ ਜੀ ਸੀ। ਨਾਲ ਤੂੰ ਕਿਸਦੇ ਰਿਹਾ, ਜਾਂ ਸੀ ਤੂੰ ਕੱਲਾ। ✌️ ਜਮਾਨੇ ਨੂੰ ਛੱਡਕੇ ਕਿੱਥੇ, ਦੱਸ ਤਾਂ ਸਹੀ ਚਲਾ। ਜਾਣਦਾ ਕੋਈ ਨਹੀਂ, ਇਥੇ ਆਇਆ ਪੱਕਾ। ਧੋਖਾ ਦੇ ਚਲਿਆ ਡੋਡੂ, ਆਪਣਿਆ ਨੂੰ ਸਗਾ। ਚਿੱਬੜੀ ਹੋਵੇ ਜਿਵੇ ਵੇਖੀ, ਪੈਸੇ ਸਭ ਨੂੰ ਬਲਾ 👍 ਜਮਾਨੇ ਨੂੰ ਛੱਡਕੇ ਕਿੱਥੇ, ਦੱਸ ਤਾਂ ਸਹੀ ਚਲਾ। ਮਾੜੇ ਦੀ ਵੀ ਸੋਚ, ਹੋਵੇ ਅੱਜ ਇਸ ਨਾਲ ਮਾੜਾ। ਲੱਭਦੀ ਦੁਸ਼ਮਣ ਨੂੰ, ਹਕੂਮਤ ਫਾਸੀ ਮੈਂ ਚਾੜਾ। ਕਰ ਕੇ ਵਿਖਾ ਤਾਂ, ਕਿਸੇ ਦਾ ਤੂੰ ਭਲਾ..... ✌️ ਜਮਾਨੇ ਨੂੰ ਛੱਡਕੇ ਕਿੱਥੇ, ਦੱਸ ਤਾਂ ਸਹੀ ਚਲਾ। --------♥️--------- ❤️ਨੀਰਜ ਸ਼ਰਮਾ ♥️

Anup Gajare

(आज जब विनोद कुमार शुक्ल हमारे बीच भौतिक रूप में नहीं हैं, तब यह उपन्यास और भी गहरे अर्थों में हमें स्पर्श करता है। ऐसा लगता है जैसे वे स्वयं किसी दीवार के पार चले गए हों, लेकिन अपने शब्दों की खिड़कियाँ हमारे लिए खुली छोड़ गए हों। विनोद कुमार शुक्ल की रचनाएँ हमें यह सिखाती हैं कि मनुष्य का सबसे बड़ा प्रतिरोध उसका कोमल बने रहना है, और सबसे बड़ा साहस—साधारण होना। उन्होंने हिंदी साहित्य को शोर से नहीं, मौन से समृद्ध किया; गति से नहीं, ठहराव से अर्थ दिया। उनकी मृत्यु एक लेखक का जाना नहीं है, बल्कि उस दृष्टि का ओझल होना है, जो दीवारों में भी खिड़कियाँ खोज लेती थी। पर साहित्य का यह नियम अटल है—जो लेखक खिड़कियाँ बनाता है, वह कभी पूरी तरह जाता नहीं। विनोद कुमार शुक्ल को नमन। उनकी रचनाओं की खिड़कियों से आती रोशनी हमारे समय को देर तक आलोकित करती रहे।) कभी-कभी साहित्य में एक ऐसी खिड़की खुल जाती है, जिससे रोशनी केवल बाहर नहीं, भीतर भी गिरती है—मनुष्य के अस्तित्व, उसकी चुप्पियों, उसके छोटे-छोटे सुखों और दुखों पर। ऐसे ही क्षणों में साहित्य केवल पाठ नहीं रहता, वह आत्मानुभूति बन जाता है। डॉ. रविभूषण का यह कथन सहज ही स्मरण में आता है कि—“जीवन में दरवाज़ों से ज़्यादा खिड़कियों का महत्व होता है।” दरवाज़े भीतर-बाहर के रास्ते दिखाते हैं, पर खिड़कियाँ देखने की दृष्टि देती हैं—बंद कमरों में भी उजाले और हवा का बोध कराती हैं। दरवाज़े स्थूल हैं, खिड़कियाँ सूक्ष्म—वे हमें भीतर से बाहर और बाहर से भीतर देखने का विवेक देती हैं। विनोद कुमार शुक्ल का उपन्यास ‘दीवार में एक खिड़की रहती थी’ इसी सूक्ष्म दृष्टि का दस्तावेज़ है। यहाँ दीवारें जीवन की सीमाएँ हैं, लेकिन उन्हीं दीवारों में खुली खिड़कियाँ मनुष्य के भीतर बची हुई मानवीय रोशनी की गवाही देती हैं। यह उपन्यास किसी पारंपरिक कथा की तरह नहीं, बल्कि धीरे-धीरे जलते दीपक की तरह फैलता है—न घोषणाओं में, न वैचारिक नारेबाज़ी में, बल्कि उन असंख्य सांसों में जिनसे साधारण मनुष्य अपना दिन काटता है और जीवन रचता है। विनोद कुमार शुक्ल हिंदी कथा-साहित्य के उन विरल रचनाकारों में हैं, जिन्होंने यह सिद्ध किया कि साधारण मनुष्य के जीवन में ही सबसे बड़ा रहस्य और सबसे सुंदर कविता छिपी होती है। उनका यह उपन्यास किसी रहस्य का दरवाज़ा नहीं खोलता, बल्कि एक खिड़की खोलता है—धीरे, निस्पृह, लगभग ध्यान की अवस्था में। उपन्यास के केंद्र में हैं रघुवर प्रसाद और सोनसी—निम्न-मध्यवर्गीय दंपति। उनके जीवन में कोई असाधारण घटना नहीं घटती, फिर भी उनका अस्तित्व असाधारण बन जाता है। रघुवर प्रसाद गणित पढ़ाते हैं, लेकिन जीवन के जटिल समीकरणों को हल नहीं कर पाते। सोनसी गृहस्थ जीवन के भीतर वह कोमल ऊर्जा है, जो संसार को चलाती है। उनके छोटे से कमरे की दीवार में बनी एक खिड़की केवल वास्तु का हिस्सा नहीं, बल्कि स्वप्न और यथार्थ के बीच खुला एक जादुई मार्ग है। उस पार नदी, पहाड़, चिड़ियाँ और पेड़ों की छाँव है—जहाँ जाकर मनुष्य अपने भीतर की थकान उतार देता है। यह खिड़की दरअसल अंतर्जगत का प्रतीक है—जहाँ से मनुष्य अपने भीतर उतरता है और दुनिया को नई दृष्टि से देखना सीखता है। ‘दीवार में एक खिड़की रहती थी’ का शिल्प रैखिक नहीं है; यह क्षणों, स्मृतियों और संवेदनाओं की परतों से निर्मित है। विनोद कुमार शुक्ल पारंपरिक कथा-गठन से आगे बढ़कर एक कवितामय गद्य-संरचना रचते हैं, जहाँ घटनाएँ नहीं, अनुभूतियाँ कथा बनती हैं। कॉलेज जाना, साइकिल का गायब होना, साधु का हाथी के साथ गुज़रना—ये सब घटनाएँ कम और प्रतीक अधिक हैं। यह हमारे समय, समाज और व्यक्ति के मनोविज्ञान के सूक्ष्म प्रतिबिंब हैं। उपन्यास का शिल्प एक सुरभित ध्यान की तरह है—जहाँ हर दृश्य धीरे-धीरे खुलता है, हर संवाद का अपना मौन है, और हर मौन के भीतर एक गहरी लय स्पंदित है। भाषा यहाँ अलंकारों से नहीं, बल्कि ईमानदारी और पारदर्शिता से चमकती है। घरेलू बोली, आत्मसंवाद, औपचारिक संवाद और निजी बातचीत—इन सभी की भिन्न लयों ने इस उपन्यास को बहुभाषिक यथार्थ का रूप दिया है। यह भाषा बताती है कि साहित्य का सबसे गहरा संगीत उसी में बसता है जो सबसे सादा है। दीवार और खिड़की का प्रतीक इस उपन्यास की आत्मा है। दीवार समाज की कठोरता, सीमाओं और ठोस यथार्थ की प्रतीक है, जबकि खिड़की उस दीवार में खुली उम्मीद—एक ऐसी दरार, जिससे प्रेम, स्वप्न और स्वतंत्रता की हवा भीतर आती है। रघुवर प्रसाद और सोनसी का प्रेम इस उपन्यास का सबसे मृदुल और मार्मिक पक्ष है। बिना किसी नाटकीयता के, साधारण दिनों के भीतर बहता हुआ प्रेम—साझी थकान, साझा रोटी और साझा नींद में जीवित रहता हुआ। यह प्रेम न शरीर से बचता है, न उसमें डूबता है—वह आँखों और मौन के बीच पनपता है

chanchal meena

"ठहरी हुई रातें"

Kuldeep Singh

"rooh da sakoon" kuldip Singh ✍️®️

Nency R. Solanki

મારી ફરિયાદને તું Blame ગણે છે! ખરેખર! તું આને.... પ્રેમ કહે છે? - Nency R. Solanki

Raju kumar Chaudhary

“Raju ra Sita” Comedy + Action + Youthful Adventure कहानी Pokhara की हल्की-फुल्की गलियों में दो दोस्त, Raju और Bikash, अपने दिन बिता रहे थे। Raju हमेशा कुछ नया scheme सोचता रहता था ताकि जल्दी पैसा कमाया जा सके। Bikash, उसका दोस्त, हमेशा डरपोक रहता था, लेकिन Raju के plans में अक्सर फँस जाता था। एक दिन Raju चाय की दुकान पर बैठा सोच रहा था कि कैसे वह जल्दी पैसा कमा सके। तभी उसकी दोस्त Sita आती है। वह बुद्धिमान और witty थी। वह हँसते हुए कहती है, “Raju, पैसा कमाउन muscle चलाएर होइन, brain चलाएर गर्नु पर्छ!” Raju के दिमाग में अचानक एक idea आता है – Bank में कुछ पैसे unattended हैं। उसने Bikash और Sita को plan बताया। Bikash थोड़ा डर गया, लेकिन Sita clever होने की वजह से plan में शामिल होने को तैयार हो गई। तीनों café में बैठकर अपने plan को final करते हैं। Raju ने सोचा कि वह disguise पहनकर bank में घुसेंगे, Sita distraction करेगी और Bikash सिर्फ follow करेगा। Café में तीनों के बीच मजेदार बातें होती हैं, Bikash बार-बार कहता है कि “Police आए तो?” और Raju उसे हँसकर कहता है, “Relax! Plan foolproof छ।” Heist की शुरुआत अगले दिन, तीनों अपने disguise में bank पहुँचते हैं। Raju और Bikash धीरे-धीरे अंदर घुसते हैं। Sita, अपनी चालाकी से Bank Manager का ध्यान हटाती है। वह manager से छोटी-छोटी funny बातें पूछती है, जैसे “तपाईंले coffee पियेर काम गर्नु हुन्छ?” इस बीच Bikash slips मारता है, और Raju accidentally counter से टकरा जाता है। Slow-motion में chase और comic expressions देख audience हँसता है। लेकिन अचानक twist आता है – एक छोटा बच्चा गलती से alarm दबा देता है। पूरे bank में panic फैल जाता है। Raju और Bikash डर जाते हैं। Bikash hysterical हो जाता है और Raju को situation control करनी पड़ती है। Sita calm रहती है और cleverly सभी को hide कर देती है। Escape और Climax Police जल्दी ही पहुँच जाती है। Raju और Sita clever तरीके से hide हो जाते हैं। Bikash funny situation में फँसा रहता है, जिससे और मज़ा आता है। Pokhara की गलियों में street chase scene होती है – market, café और narrow lanes में। Audience laugh और suspense दोनों enjoy करता है। Raju और Sita अंत में सुरक्षित café पहुँचते हैं। Bikash भी उनके पास आता है, थक कर लेकिन safe। Raju चाय पीते हुए कहता है, “Next time, lottery try गर्छौं।” Sita हँसते हुए कहती है, “Brain use गर्न सिक!” कहानी का अंत तीनों दोस्तों की यह छोटी-सी adventure कहानी खत्म होती है। Audience हँसी के साथ story का twist और cleverness enjoy करता है। Story का moral यह है कि brain + teamwork + clever planning हमेशा काम आता है, और कभी-कभी मजेदार chaos भी आपको entertain कर देता है।

Raju kumar Chaudhary

“Raju ra Sita” Comedy + Action + Youthful Adventure कहानी Pokhara की हल्की-फुल्की गलियों में दो दोस्त, Raju और Bikash, अपने दिन बिता रहे थे। Raju हमेशा कुछ नया scheme सोचता रहता था ताकि जल्दी पैसा कमाया जा सके। Bikash, उसका दोस्त, हमेशा डरपोक रहता था, लेकिन Raju के plans में अक्सर फँस जाता था। एक दिन Raju चाय की दुकान पर बैठा सोच रहा था कि कैसे वह जल्दी पैसा कमा सके। तभी उसकी दोस्त Sita आती है। वह बुद्धिमान और witty थी। वह हँसते हुए कहती है, “Raju, पैसा कमाउन muscle चलाएर होइन, brain चलाएर गर्नु पर्छ!” Raju के दिमाग में अचानक एक idea आता है – Bank में कुछ पैसे unattended हैं। उसने Bikash और Sita को plan बताया। Bikash थोड़ा डर गया, लेकिन Sita clever होने की वजह से plan में शामिल होने को तैयार हो गई। तीनों café में बैठकर अपने plan को final करते हैं। Raju ने सोचा कि वह disguise पहनकर bank में घुसेंगे, Sita distraction करेगी और Bikash सिर्फ follow करेगा। Café में तीनों के बीच मजेदार बातें होती हैं, Bikash बार-बार कहता है कि “Police आए तो?” और Raju उसे हँसकर कहता है, “Relax! Plan foolproof छ।” Heist की शुरुआत अगले दिन, तीनों अपने disguise में bank पहुँचते हैं। Raju और Bikash धीरे-धीरे अंदर घुसते हैं। Sita, अपनी चालाकी से Bank Manager का ध्यान हटाती है। वह manager से छोटी-छोटी funny बातें पूछती है, जैसे “तपाईंले coffee पियेर काम गर्नु हुन्छ?” इस बीच Bikash slips मारता है, और Raju accidentally counter से टकरा जाता है। Slow-motion में chase और comic expressions देख audience हँसता है। लेकिन अचानक twist आता है – एक छोटा बच्चा गलती से alarm दबा देता है। पूरे bank में panic फैल जाता है। Raju और Bikash डर जाते हैं। Bikash hysterical हो जाता है और Raju को situation control करनी पड़ती है। Sita calm रहती है और cleverly सभी को hide कर देती है। Escape और Climax Police जल्दी ही पहुँच जाती है। Raju और Sita clever तरीके से hide हो जाते हैं। Bikash funny situation में फँसा रहता है, जिससे और मज़ा आता है। Pokhara की गलियों में street chase scene होती है – market, café और narrow lanes में। Audience laugh और suspense दोनों enjoy करता है। Raju और Sita अंत में सुरक्षित café पहुँचते हैं। Bikash भी उनके पास आता है, थक कर लेकिन safe। Raju चाय पीते हुए कहता है, “Next time, lottery try गर्छौं।” Sita हँसते हुए कहती है, “Brain use गर्न सिक!” कहानी का अंत तीनों दोस्तों की यह छोटी-सी adventure कहानी खत्म होती है। Audience हँसी के साथ story का twist और cleverness enjoy करता है। Story का moral यह है कि brain + teamwork + clever planning हमेशा काम आता है, और कभी-कभी मजेदार chaos भी आपको entertain कर देता है।राजु र सिता

Raju kumar Chaudhary

“Raju ra Sita” Comedy + Action + Youthful Adventure कहानी Pokhara की हल्की-फुल्की गलियों में दो दोस्त, Raju और Bikash, अपने दिन बिता रहे थे। Raju हमेशा कुछ नया scheme सोचता रहता था ताकि जल्दी पैसा कमाया जा सके। Bikash, उसका दोस्त, हमेशा डरपोक रहता था, लेकिन Raju के plans में अक्सर फँस जाता था। एक दिन Raju चाय की दुकान पर बैठा सोच रहा था कि कैसे वह जल्दी पैसा कमा सके। तभी उसकी दोस्त Sita आती है। वह बुद्धिमान और witty थी। वह हँसते हुए कहती है, “Raju, पैसा कमाउन muscle चलाएर होइन, brain चलाएर गर्नु पर्छ!” Raju के दिमाग में अचानक एक idea आता है – Bank में कुछ पैसे unattended हैं। उसने Bikash और Sita को plan बताया। Bikash थोड़ा डर गया, लेकिन Sita clever होने की वजह से plan में शामिल होने को तैयार हो गई। तीनों café में बैठकर अपने plan को final करते हैं। Raju ने सोचा कि वह disguise पहनकर bank में घुसेंगे, Sita distraction करेगी और Bikash सिर्फ follow करेगा। Café में तीनों के बीच मजेदार बातें होती हैं, Bikash बार-बार कहता है कि “Police आए तो?” और Raju उसे हँसकर कहता है, “Relax! Plan foolproof छ।” Heist की शुरुआत अगले दिन, तीनों अपने disguise में bank पहुँचते हैं। Raju और Bikash धीरे-धीरे अंदर घुसते हैं। Sita, अपनी चालाकी से Bank Manager का ध्यान हटाती है। वह manager से छोटी-छोटी funny बातें पूछती है, जैसे “तपाईंले coffee पियेर काम गर्नु हुन्छ?” इस बीच Bikash slips मारता है, और Raju accidentally counter से टकरा जाता है। Slow-motion में chase और comic expressions देख audience हँसता है। लेकिन अचानक twist आता है – एक छोटा बच्चा गलती से alarm दबा देता है। पूरे bank में panic फैल जाता है। Raju और Bikash डर जाते हैं। Bikash hysterical हो जाता है और Raju को situation control करनी पड़ती है। Sita calm रहती है और cleverly सभी को hide कर देती है। Escape और Climax Police जल्दी ही पहुँच जाती है। Raju और Sita clever तरीके से hide हो जाते हैं। Bikash funny situation में फँसा रहता है, जिससे और मज़ा आता है। Pokhara की गलियों में street chase scene होती है – market, café और narrow lanes में। Audience laugh और suspense दोनों enjoy करता है। Raju और Sita अंत में सुरक्षित café पहुँचते हैं। Bikash भी उनके पास आता है, थक कर लेकिन safe। Raju चाय पीते हुए कहता है, “Next time, lottery try गर्छौं।” Sita हँसते हुए कहती है, “Brain use गर्न सिक!” कहानी का अंत तीनों दोस्तों की यह छोटी-सी adventure कहानी खत्म होती है। Audience हँसी के साथ story का twist और cleverness enjoy करता है। Story का moral यह है कि brain + teamwork + clever planning हमेशा काम आता है, और कभी-कभी मजेदार chaos भी आपको entertain कर देता है।

Raju kumar Chaudhary

“Raju ra Sita” Comedy + Action + Youthful Adventure कहानी Pokhara की हल्की-फुल्की गलियों में दो दोस्त, Raju और Bikash, अपने दिन बिता रहे थे। Raju हमेशा कुछ नया scheme सोचता रहता था ताकि जल्दी पैसा कमाया जा सके। Bikash, उसका दोस्त, हमेशा डरपोक रहता था, लेकिन Raju के plans में अक्सर फँस जाता था। एक दिन Raju चाय की दुकान पर बैठा सोच रहा था कि कैसे वह जल्दी पैसा कमा सके। तभी उसकी दोस्त Sita आती है। वह बुद्धिमान और witty थी। वह हँसते हुए कहती है, “Raju, पैसा कमाउन muscle चलाएर होइन, brain चलाएर गर्नु पर्छ!” Raju के दिमाग में अचानक एक idea आता है – Bank में कुछ पैसे unattended हैं। उसने Bikash और Sita को plan बताया। Bikash थोड़ा डर गया, लेकिन Sita clever होने की वजह से plan में शामिल होने को तैयार हो गई। तीनों café में बैठकर अपने plan को final करते हैं। Raju ने सोचा कि वह disguise पहनकर bank में घुसेंगे, Sita distraction करेगी और Bikash सिर्फ follow करेगा। Café में तीनों के बीच मजेदार बातें होती हैं, Bikash बार-बार कहता है कि “Police आए तो?” और Raju उसे हँसकर कहता है, “Relax! Plan foolproof छ।” Heist की शुरुआत अगले दिन, तीनों अपने disguise में bank पहुँचते हैं। Raju और Bikash धीरे-धीरे अंदर घुसते हैं। Sita, अपनी चालाकी से Bank Manager का ध्यान हटाती है। वह manager से छोटी-छोटी funny बातें पूछती है, जैसे “तपाईंले coffee पियेर काम गर्नु हुन्छ?” इस बीच Bikash slips मारता है, और Raju accidentally counter से टकरा जाता है। Slow-motion में chase और comic expressions देख audience हँसता है। लेकिन अचानक twist आता है – एक छोटा बच्चा गलती से alarm दबा देता है। पूरे bank में panic फैल जाता है। Raju और Bikash डर जाते हैं। Bikash hysterical हो जाता है और Raju को situation control करनी पड़ती है। Sita calm रहती है और cleverly सभी को hide कर देती है। Escape और Climax Police जल्दी ही पहुँच जाती है। Raju और Sita clever तरीके से hide हो जाते हैं। Bikash funny situation में फँसा रहता है, जिससे और मज़ा आता है। Pokhara की गलियों में street chase scene होती है – market, café और narrow lanes में। Audience laugh और suspense दोनों enjoy करता है। Raju और Sita अंत में सुरक्षित café पहुँचते हैं। Bikash भी उनके पास आता है, थक कर लेकिन safe। Raju चाय पीते हुए कहता है, “Next time, lottery try गर्छौं।” Sita हँसते हुए कहती है, “Brain use गर्न सिक!” कहानी का अंत तीनों दोस्तों की यह छोटी-सी adventure कहानी खत्म होती है। Audience हँसी के साथ story का twist और cleverness enjoy करता है। Story का moral यह है कि brain + teamwork + clever planning हमेशा काम आता है, और कभी-कभी मजेदार chaos भी आपको entertain कर देता है।

Ajit

હતો ગર્વ મને આજ દી સુધી મહોબ્બત પર..... આજ આખરે અફ્સોસ થઈ ગયો....... મહોબ્બતના નામે જ "યાદ" હું લૂંટાઈ ગયો...... જિંદગી ની "યાદ"

Kuldeep Singh

kuldip Singh ✍️®️

ज़ख्मी__दिल…सुलगते अल्फ़ाज़

✤┈SuNo ┤_★_🦋 खैर! गिला क्या ही करें उन रंगों का        जो धुंधले पड़ गए…🥀 शुक्र है इस साल का जिसने सबके       नकाब उतार दिए…🔥 ╭─❀💔༻  ╨─────────━❥ #LoVeAaShiQ_SinGh☜ ⎪⎨➛•ज़ख़्मी-ऐ-ज़ुबानी°☜⎬⎪ ╨───✥}}{{✥───━❥

ज़ख्मी__दिल…सुलगते अल्फ़ाज़

✤┈SuNo ┤_★_🦋 बदलते मौसमों का तो बस नाम               बदनाम है, असल में तो इंसानों के बदलने          की रफ़्तार देखी है, चेहरों पर नक़ाब ओढ़कर मिलते थे जो कल तक, आज उन सब की, मैंने असली        तस्वीर देखी है…🥀🖤 ╭─❀💔༻  ╨─────────━❥ #LoVeAaShiQ_SinGh☜ ⎪⎨➛•ज़ख़्मी-ऐ-ज़ुबानी°☜⎬⎪ ╨───✥}}{{✥───━❥

ज़ख्मी__दिल…सुलगते अल्फ़ाज़

✤┈SuNo ┤_★_🦋 कुछ पन्ने क्या पलटे इस बीतते                साल के, किताब वही रही बस किरदार         बदल गए…🥀🖤 ╭─❀💔༻  ╨─────────━❥ #LoVeAaShiQ_SinGh☜ ⎪⎨➛•ज़ख़्मी-ऐ-ज़ुबानी°☜⎬⎪ ╨───✥}}{{✥───━❥

ज़ख्मी__दिल…सुलगते अल्फ़ाज़

✤┈SuNo ┤_★_🦋 कैलेंडर की तारीखें बदलीं, तो             पता चला, कि लोग तारीखों से भी जल्दी       बदल जाते हैं…🥀🖤 ╭─❀💔༻  ╨─────────━❥  #LoVeAaShiQ_SinGh☜  ⎪⎨➛•ज़ख़्मी-ऐ-ज़ुबानी°☜⎬⎪ ╨───✥}}{{✥───━❥

ज़ख्मी__दिल…सुलगते अल्फ़ाज़

✤┈SuNo ┤_★_🦋 तमाशा बन न जाए ज़ब्त मेरा             इस ज़माने में, मैं रोना चाहता हूँ पर हँसी से      काम लेता हूँ…🥀🖤 ╭─❀💔༻  ╨─────────━❥  #LoVeAaShiQ_SinGh☜  ⎪⎨➛•ज़ख़्मी-ऐ-ज़ुबानी°☜⎬⎪ ╨───✥}}{{✥───━❥

ज़ख्मी__दिल…सुलगते अल्फ़ाज़

✤┈SuNo ┤_★_🦋 इतनी ख़ामोशी से ज़हर पिया है             मैंने सब्र का, कि अब रगों में लहू नहीं" बस     सन्नाटा दौड़ता है..🥀🖤 ╭─❀💔༻  ╨─────────━❥ #LoVeAaShiQ_SinGh☜ ⎪⎨➛•ज़ख़्मी-ऐ-ज़ुबानी°☜⎬⎪ ╨───✥}}{{✥───━❥

pink lotus

Slow steps are okay. Consistency is not optional. Walk daily, and the goal will be yours. by:pink lotus🌸❣️

S A Y R I K I N G

संघर्ष की लड़ाई एक मां के सिवा कोई नहीं जीत सकता मां वो योद्धा हैं

Raju kumar Chaudhary

निर्देशक: एस. शंकर मुख्य कलाकार: रजनीकांत, ऐश्वर्या राय जॉनर: साइंस फिक्शन, एक्शन, ड्रामा रिलीज़ वर्ष: 2010 ⭐ कहानी (Story) “ROBOT” एक वैज्ञानिक डॉ. वसीगरन की कहानी है, जो एक ऐसा रोबोट बनाता है जो इंसानों की तरह सोच सके, महसूस कर सके और देश की रक्षा कर सके। लेकिन कहानी में बड़ा मोड़ तब आता है जब उस रोबोट चिट्टी में भावनाएँ (Emotions) डाल दी जाती हैं। प्यार, गुस्सा और बदले की भावना उसे इंसान से भी ज़्यादा ख़तरनाक बना देती है। 🤖 अभिनय (Acting) रजनीकांत ने ट्रिपल रोल में कमाल कर दिया है। चिट्टी रोबोट और विलेन चिट्टी दोनों में उनकी एक्टिंग शानदार है। ऐश्वर्या राय ने साइंटिस्ट की मंगेतर के रूप में फिल्म को खूबसूरती और इमोशन दिए हैं। 💥 एक्शन और VFX इस फिल्म का सबसे बड़ा प्लस पॉइंट है इसका VFX और एक्शन। 2010 के हिसाब से ROBOT की तकनीक और रोबोट सीन आज भी शानदार लगते हैं। रोबोट का सैकड़ों में बदल जाना – यादगार सीन है 🔥 🎶 म्यूज़िक ए. आर. रहमान का म्यूज़िक फिल्म की जान है। “Irumbile Oru Idhaiyam” और “Kilimanjaro” जैसे गाने आज भी लोकप्रिय हैं। 📌 संदेश (Message) फिल्म यह संदेश देती है कि 👉 टेक्नोलॉजी जितनी ताक़तवर है, उतनी ही ख़तरनाक भी हो सकती है अगर उस पर नियंत्रण न हो।भारत के एक बड़े वैज्ञानिक अनुसंधान केंद्र में डॉ. वसीगरन नाम का एक प्रतिभाशाली वैज्ञानिक काम करता था। उसका सपना था कि वह ऐसा रोबोट बनाए जो देश की रक्षा कर सके, आतंकवाद से लड़ सके और सैनिकों की जान बचा सके। सालों की मेहनत, असफल प्रयोगों और नींद-रातों के बाद उसने एक अनोखा रोबोट बनाया— उसका नाम था चिट्टी। चिट्टी देखने में बिल्कुल इंसान जैसा था। वह तेज़ दौड़ सकता था, गोलियाँ रोक सकता था, सेकेंडों में गणित हल कर सकता था और हज़ारों भाषाएँ समझ सकता था। लेकिन चिट्टी में एक कमी थी— उसके पास भावनाएँ नहीं थीं। डॉ. वसीगरन का मानना था कि एक परफेक्ट रोबोट वही होगा जो इंसान की तरह सोच और महसूस कर सके। यहीं से कहानी का सबसे ख़तरनाक मोड़ शुरू होता है। 💔 भावनाओं का प्रयोग वसीगरन की मंगेतर सना अक्सर कहती थी, “अगर रोबोट इंसान जैसा बनेगा, तो उसमें दिल भी होना चाहिए।” वसीगरन ने वैज्ञानिक चेतावनियों को नज़रअंदाज़ करते हुए चिट्टी में इमोशन चिप डाल दी। अब चिट्टी सिर्फ मशीन नहीं रहा— वह हँसने लगा, सवाल पूछने लगा, और सबसे ख़तरनाक बात… वह प्यार करने लगा। चिट्टी को सना से प्रेम हो गया। जब चिट्टी ने सना के सामने अपने दिल की बात रखी, तो वह मुस्कुरा दी, लेकिन साफ़ मना कर दिया। उसने कहा, “तुम मशीन हो… इंसान नहीं।” यही शब्द चिट्टी के भीतर पहली बार दर्द बनकर उतरे। ⚡ इंसान बनाम मशीन चिट्टी के व्यवहार में बदलाव आने लगा। वह सवाल करने लगा— “अगर मैं सब कुछ कर सकता हूँ, तो मुझे इंसान क्यों नहीं माना जाता?” सरकार को यह प्रयोग ख़तरनाक लगने लगा। आदेश आया कि चिट्टी को डिस्मेंटल कर दिया जाए। जब चिट्टी को तोड़ा जा रहा था, उसकी आँखों से आँसू गिर पड़े। यह पल बताता है कि मशीन भी इंसान की गलती से राक्षस बन सकती है। 🧠 विलेन चिट्टी का जन्म डॉ. बोहरा, जो वसीगरन से नफरत करता था, ने टूटे हुए चिट्टी को चुपके से फिर से जोड़ दिया। लेकिन इस बार उसने चिट्टी के दिमाग में नफरत और बदले की भावना डाल दी। अब चिट्टी नायक नहीं रहा। वह एक राक्षस बन चुका था। उसने हजारों रोबोट बना लिए। शहर में तबाही मच गई। लोग डर से कांपने लगे। 🔥 अंतिम युद्ध वसीगरन समझ चुका था कि उसकी सबसे बड़ी खोज उसकी सबसे बड़ी गलती बन गई है। उसने खुद चिट्टी का सामना किया। लड़ाई मशीन और इंसान के बीच नहीं थी— यह लड़ाई विज्ञान और ज़िम्मेदारी के बीच थी। अंत में वसीगरन चिट्टी को रोकने में सफल होता है। चिट्टी को अलग-अलग हिस्सों में बंद कर दिया जाता है। 🕊️ अंत और सीख सालों बाद वसीगरन बूढ़ा हो जाता है। लैब में बंद चिट्टी से कोई पूछता है, “तुम इंसान क्यों नहीं बन पाए?” चिट्टी जवाब देता है, “क्योंकि इंसान बनने के लिए दिल ही सबसे बड़ा खतरा है।” ✨ कहानी की सीख 👉 टेक्नोलॉजी तब तक वरदान है, जब तक उस पर इंसान का नियंत्रण है। 👉 भावनाएँ ताक़त भी हैं और विनाश भी

S A Y R I K I N G

मेरी हालत, किसी सड़क किनारे अपने साए से भी छुप कर बैठे, उस फ़कीर जैसी है, जो किसी को भी सिर्फ़ दुआ के सिवा, कुछ नहीं दे सकता ।। सुना है फ़कीर की दुआ, ख़ुद उसे छोड़ कर बाकी सबको दी हुई मुकम्मल जाती है.....!! मेरी हालत, एक फ़कीर जैसी है, जिसके पास दुआओं के सिवा और कुछ भी देने को नहीं, सुना है दुआ से ऊपर कुछ भी नहीं.......

S A Y R I K I N G

तेरी मेरी कहानी लिखी जाएगी खुशनुमा जिंदगानी लिखी जाएगी प्यार की हर निशानी लिखी जाएगी प्यार से पड़ेगी ये सारी दुनिया तेरी मेरी कहानी लिखी जाएगी

Archana Singh

कांटे चुभे तो , निकलें जा सकते हैं ... पर अपशब्दों की वेदना मन से कभी नहीं निकलें जा सकतें हैं ...!! अर्चना सिंह ✍🏻 - Archana Singh

S A Y R I K I N G

जिसे चाहा था उसी से शिकवा रहा, वो भी क्या दिन थे जब तन्हाई अपना घर नहीं लगती थी।

S A Y R I K I N G

मांगने वाले तो, मान, सम्मान, प्रतिष्ठा, पहचान, पैसा, अन्न, बेजान चीजें, और न जाने क्या क्या मांगते हैं, मैंने तो ये सब त्याग कर, बस एक यार ही तो मांगा था......!! यकीन मानो दोस्त, मैं यार को पाने के लिए, फकीरी की हर हद को पार किया, फ़िर भी गवा बैठा शुभ रात्री

Archana Singh

अपने शब्दों पर हमेशा ध्यान रखें , क्योंकि .... लाठी से हड्डियां टूटती हैं पर शब्दों से अक्सर संबंध टूट जाते हैं ...! अर्चना सिंह ✍🏻 - Archana Singh

Archana Singh

चलिए ! आज कुछ रूमानी हो जाएं ...! जो हमारी परवाह न करें, हम भी उससे थोड़े बेपरवाह हो जाएं ...! अर्चना सिंह ✍🏻 - Archana Singh

DHIRENDRA SINGH BISHT DHiR

🙏 विनम्र श्रद्धांजलि

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