Gujarati Whatsapp Status | Hindi Whatsapp Status
Shailesh Joshi

કર્મ કરવાથી ફાયદો જ થશે, એની કોઈ ગેરન્ટી નથી હોતી, બાકી માત્રને માત્ર ફાયદો જોઈને જ કર્મ કરવાથી તો નિશ્ચિત રૂપે નુકસાન થશે થશે અને થશે જ... એની ફૂલ ગેરન્ટી હોય છે. - Shailesh Joshi

Riddhi Mistry

પ્રેમ નું આયુષ્ય એના પર આધાર રાખે છે કે એ કરેલો છે કે થયેલો છે...!!

Bhavna Bhatt

હિતશત્રુઓ દાવપેચ રમે છે...

Manish Patel

સંબંધો નિભાવવામાં મુકાબલો ન કરાય... કોઈ આપણને યાદ ન કરે તો આપણે યાદ કરી લેવાય... શુભ સવાર

archana

अभी भी समय है, सुधर जाओ हिंदुओं, वरना कहर बनकर दस्तक देगा भविष्य। आज जो बांग्लादेश में जल रही आग है, कल वही सीमा लांघकर आएगी—निर्दय, निष्ठुर। एक-एक करके मरता जाएगा हिंदू, और हम कहते रहेंगे— “मैं बड़ा, तू छोटा, मेरी जात ऊँची, तेरी नीची।” अहम के सिंहासन पर बैठे हम, एकता को ठुकराते रहे, जात-पात की ज़ंजीरों में जकड़े रहे, और दुश्मन हमें गिन-गिनकर काटते रहे। दुश्मन ने कभी नहीं पूछा तुम कौन सी जात के हो, बस इतना देखा— तुम हिंदू हो… और बस वही काफ़ी था। तुम बने रहे “मैं” की भावना में, “तू” और “वो” करते रहे, और इसी बँटवारे की आग में अपने ही लोग जलते रहे। अगर अब भी नहीं जागे, तो इतिहास यही लिखेगा— हिंदू मारा गया हथियारों से नहीं, बल्कि अपने ही अहंकार से। अभी भी समय है— जात नहीं, एकता चुनो। मैं नहीं, हम बनो। वरना याद रखना— बँटा हुआ हिंदू, हमेशा अकेला मरता है।

Shailesh Joshi

સારું વાંચન, અને લેખન સારા વિચારોને જન્મ આપે છે, ને પછી એ સારા વિચારોની પહેલી અસર આપણી વાણી, આપણા વર્તન, અને આપણા વ્યવહારમાં વર્તાય છે, જો ન વર્તાય તો આપણે એ જ્ઞાનનું અપમાન કર્યા બરોબર છે, કે પછી એ આપણા જ્ઞાનના અભિમાનનું પ્રતિક છે. - Shailesh Joshi

Raa

inko na sayri. na papa ki pari he. cut he. na koi line Marta he. na aapni tarif manjoor.he ye to bus aapne desh ki tivar he

Raju kumar Chaudhary

https://youtube.com/@rajufilmyjunction?si=cCmXX87Yn7XPtluE

Bhavna Bhatt

*ખોટી હેરાનગતિ* ૨૩-૧૨-૨૦૨૫ લેખ... આજકાલ મોટા મોટા શોપિંગ મોલ ને હોટલો, રેસ્ટોરન્ટ, સ્કૂલ ને અઢળક દુકાનો, ફ્લેટ, ફુટપાથ પર ગેરકાયદેસર દબાણો થકી ત્યાં લારી કે ગલ્લા હોય છે.. આમાં નાના ધંધાદારી ને રોજીરોટી મેળવવા કરતાં પ્રયત્નોમાં જીવન જીવી રહેવા ફાંફાં મારતાં આમ આદમી પાસે હપ્તા ચાલે છે, અને એ ખરીદવા આવતી જનતા સ્કૂટર મુકીને લેવા જાય એટલી વારમાં ટોઈંગ વાળા સ્કૂટર ઉઠાવી જાય છે, માણસ નોકરી ધંધે જતાં સ્કૂટર કે બાઈક કે ગાડી છોડાવવા માટે વગર કામની મુસીબતમાં ફસાઈ જાય છે અને એનો આખો દિવસ ખરાબ જાય છે.. એ માટે પહેલેથી જ આવી અવ્યવસ્થા ન સર્જાય એ‌ માટે ઈમાનદારીથી કામ કરે અને હપ્તા ન લે તો આમ જનતા હેરાન ન થાય.. પણ ભ્રષ્ટાચાર છેક સુધી છે.. ટેક્ષ લેવાનો, જી એસટી ને બેંકમાં એફડી વધુ હોય તોય તકલીફ, એક સાથે રૂપિયા ઉપાડો તોય ટેક્ષ્ટ લગાવે, તો મધ્યમ વર્ગના લોકો જીવે કઈ રીતે એવો વિચાર આવતો નથી.. અને જ્યાં પગલાં લેવાનાં છે ત્યાં લેવાતાં નથી... રોડ તૂટેલા, બ્રિજ તૂટી જાય, ખુલ્લેઆમ ખૂન ખરાબી, બળાત્કાર, ક્યાં છે સલામતી.. છે કોઈ જવાબ.. *ભાવના ભટ્ટ અમદાવાદ* ➖〰️➖〰️➖〰️➖〰️➖〰️

Kamini Shah

ના તારો વાંક ના મારો વાંક કારણ વગરનો શું કામ કંકાસ… -કામિની

Arun V Deshpande

नमस्कार-नवी कविता अभिप्रायसाठी- दै.नवराष्ट्र -नागपूर- दि.२२-१२-२०२५ अंकात प्रकाशित **** कवी अरुण वि.देशपांडे चंद्र **** वाट्यास आली काळी रात्र विरहाची कोमेजे मुखचंद्र ,चांदणी दूर त्याची ।। चंद्र प्रतिबिंब दिसे जळात साजरे झोंबती एकट्यास शीतल ते वारे ।। बिलगलेल्या जोड्या दिसे काठावरी आठवण होता तिची कळ उठे अंतरी ।। करिती जोडपी साजरी ही कोजागरी त्याच्यासाठी मात्र एकांतरात्र अंधारी ।। असतो म्हणे चंद्र प्रेमाचा साक्षीदार का आले वाट्या क्षण विरह टोकदार ।। बा चंद्रा, तू मित्र आहेस न त्याचा संपवून टाक तूच वनवास त्याचा ।। ******************************** कवी अरुण वि.देशपांडे-पुणे ९८५०१७७३४२ ********************************

Roshan baiplawat

yaari ki Aag 1 My song lyrics Hemraj parunda नाम सुनते ही हलचल फैले Nanagal से लेकर Dausa दुश्मन बोले दूर रह भाई— उसमें है कुछ आग का छिलावा। गली-गली चर्चे उसके, काम करे वो साफ-सुथरा, Badamasi स्टाइल में चलता— attitude पूरा खतरनाक उतरा। Verse 1 मीणा की एंट्री होवे, रोड पे शोर आपे-आप, पीछे छोरा पूरा टीम लिए, आगे उसके no time-pass। दुश्मन बोले भाई माफ कर, हाथ जोड़कर डर से कांपे, Hemraj भाई का नियम— “सीधा चलो, वरना हटो मेरे रास्ते।” Verse 2 जग्गा बीट–सा ठोका flow, vibe heavy जैसे थार, दोस्त उसके चारो यार— साथ चले तो लगे त्योहार। गाँव–कस्बा सब जानता, उसका बोले बिना नाम नहीं, Meena के मूड पे मत जा— ठीक हो तो तू सुरक्षित भाई। Rap देख भाईचारा Hemraj का, दिल साफ पर दिमाग तेज, काम करे वो सटीक, चाल उसकी हमेशा hard-n-pace। नाम भाई का चमके, जैसे रात में full चाँद, दुश्मन डरें उसके fame से— बोले “भाई ये बंदा है दिमाग।” Outro Hemraj palunda— छोरा सीधा पर चाल में fire, नाम उसका बोले दूर-दूर— बन गया पूरे इリア का tiger। मीणा wala attitude— swag heavy, walk unique, हेमराज भाई का राज— बात पूरी killer technique अगर आप इस सॉन्ग को ऑडियो में सुना चहते हो तो हमारे you tube par sun sakate ho Song Link https://youtu.be/nqPrRaV4NW4?si=X6Sm69h1LrhB5vRr YouTube RTR VINES Instagram id Roshan baiplawat Thanks for reading 🙏🙏🙏🙏🙏

Parmar Mayur

कुछ दुखों की दवा "वक्त" है, बस जाने दो! वक्त,,। - Parmar Mayur

Paagla

तोड़ा थोड़ी है,....✍️

POEMRAJA

Alone🙇🏻 My Instagram I’d :POEMRAJA7

Parag gandhi

કડવુ સત્ય દુનિયા મજબૂત ને નમે છે. અને, મજબૂર ને નમાવે છે.. 🌹 શુભ સવાર jj 🌹

Dr Darshita Babubhai Shah

मैं और मेरे अह्सास दिसंबर की सर्दी फूल गुलाबी दिसंबर की सर्दी में फिजाओ में रंगत छाई हैं l खूबसूरत हसीन महबूबा के गुलाबी गालों पर लाली लाई हैं ll साल का आखिरी माह ढ़ेर सारी यादे पीछे छोड़ जायेगा l नई भोर के आगमन के ख्याल से अजीब सी खुशी पाई हैं ll "सखी" डो. दर्शिता बाबूभाई शाह

Imaran

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Soni shakya

🙏🙏सुप्रभात🙏🙏 , 🌹आपका दिन मंगलमय हो 🌹

GANESH TEWARI 'NESH' (NASH)

मित्र बनाए शत्रु को, करे मित्र से द्वेष। मूढचित्त के व्यक्ति ये, सदा उठाते क्लेश।। दोहा --367 (नैश के दोहे से उद्धृत) ----गणेश तिवारी 'नैश'

Bitu

बने गा जश्न आने वाले साल का, ग़म हैं गुजरे हुए साल का. दोस्त बिछड़ गए रिश्ते बदल गए अपनो को छोड़कर अनजानों में फंस गए... ना सपने पूरे , ख्वाब भी है अधूरे, दिल में है बीते लम्हों की मीठी यादें... खुद को खुश रखने का करते हैं खुद से वादा ढलते साल के ढलते दिसंबर को कहते है अलविदा....

Biru Rajkumar

“डर के साथ उड़ान” मैं बचपन से उड़ती रही, आसमान मेरे लिए खेल का मैदान था, पर हर उड़ान में दिल के कोने में एक डर बैठा रहता था। ऊँचाई बुलाती थी, ज़मीन पकड़ कर खींचती थी, और मैं— दोनों के बीच खुद को पहचानती थी। लोग कहते रहे— “नीचे रहो, सुरक्षित रहो” पर मेरी आत्मा ने हमेशा कहा— “ऊपर जाओ, सच वहीं है।” डर ने मुझे रोका नहीं, उसने मुझे संभलना सिखाया। मैं गिरी नहीं, क्योंकि डर के साथ हौसला भी उड़ता था। आज भी उड़ती हूँ, फर्क बस इतना है— अब डर मेरा दुश्मन नहीं, मेरी चेतना है। मैं वही हूँ जो ऊँचाई से डरती भी है और फिर भी उड़ना नहीं छोड़ती।

POEMRAJA

"जो मेरा है, वो भीतर है" दुनिया जिसे "अभाव" कहती है, मैं उसे "स्वभाव" कहता हूँ, तुम्हारी भरी हुई तिजोरियों से बेहतर, मैं अपना खाली हाथ कहता हूँ। मोह के धागे बहुत बारीक होते हैं, जो सबको बांध लेते हैं, पर मैंने उन धागों से अब अपनी कफनी (लिबास) बुन ली है। मिल गया जो सफर में, उसे माथे का तिलक कर लिया, जैसे कोई शहंशाह अपनी फतह पर ताज पहनता है। पर याद रहे, वो ताज मेरी हस्ती को नहीं बढ़ाता, मैं तो पहले ही मुकम्मल (पूरा) हूँ, वो तो बस एक गहना है। और जो ना मिला, वो बस एक धूल का झोंका था, मिट्टी की चीज़ थी, शायद कोई हसीं धोखा था। क्या रोना उस चीज़ के लिए जो कभी रूह की थी ही नहीं, मैंने तो उसे खोकर ही जाना कि मेरा होना ही कितना अनोखा था। मुझसे लोहा लेने की कोशिश मत करना ऐ ज़माने, जिसके पास खोने को कुछ ना हो, उसे कोई कैसे हराएगा? तुम अपनी जीत के जश्न में भी डरे-सहमे रहोगे, और मैं अपनी हार को भी हार की तरह नहीं, हार (माला) की तरह पहनूँगा। मेरी अमीरी का अंदाज़ा तुम लगा नहीं पाओगे, क्योंकि मेरी दौलत सिक्कों में नहीं, सुकून में है। तुम महलों की दीवारों में कैद होकर खुश हो, और मैं ज़मीन की धूल में भी "अर्श" (आसमान) देखता हूँ। POEMRAJA✒️🙇🏻

Mamta Trivedi

ममता गिरीश त्रिवेदी की कविताएं कविता का शीर्षक है 🌹 मनचला सावन https://www.instagram.com/reel/DSk0OLgDcSp/?igsh=MWZwYjlnOWF1NG5obw==

Shailesh Joshi

આજે આપણે ક્યાં છીએ, અને શું કરી રહ્યાં છીએ ? એની ઉપરથી નક્કી થાય છે કે, કાલે આપણે ક્યાં હોઈશું, અને શું કરી રહ્યા હોઈશું ? આપણે આપણને મળતા સમયનો ઉપયોગ નહીં કરી શકીએ તો પણ આપણને એટલો વાંધો નહીં આવે, પરંતુ જો આપણે આપણને મળતા સમયનો દુરુપયોગ કરતા રહીશું, તો ચોક્કસપણે આપણા જીવનમાં વાંધાઓની હારમાળા સર્જાઈ જશે. - Shailesh Joshi

Raj Phulware

IshqKeAlfaaz तेरी यादें आज..

Nabiya Khan

ख़ामोश-सी ख़ूबसूरत शाम शाम जब अपनी नर्म चादर आसमान पर बिछाती है, तो दिल भी सुकून की गहराइयों में उतर जाता है। सूरज की आख़िरी किरणें जैसे अलविदा कहती हों और हवा में एक मीठी-सी उदासी घुल जाती है। इस वक़्त हर चीज़ ठहर-सी जाती है, शोर भी ख़ामोशी से बातें करने लगता है। एक ख़ूबसूरत शाम, बीते लम्हों की याद दिलाती है और आने वाले ख़्वाबों को सहलाती है। चाय की चुस्की, ठंडी हवा और अपनों की मुस्कान—यही तो शाम की असली ज़ीनत है। इस पल में अगर दिल को सुकून मिल जाए, तो समझो शाम मुकम्मल हो गई।

shabdh skhi

उम्मीद जिंदा रखनी चाहिएं एक न एक दिन हवा अपना रुख ज़रूर बदलेगी ..💯 - shabdh skhi

Raj Shah

જરૂરી નથી કે પ્રેમમાં કાયમ વાત થાય ખામોશ રહીને ચૂપચાપ એકબીજાની post વાંચી લઈએ તે પણ એક પ્રેમ છે. 😊😊😊

shabdh skhi

"अंदर की घुटन" सबसे भयानक होती है, जो एक मासूम दिल को बुरा बनने पर मजबूर कर देती है ! - shabdh skhi

MOU DUTTA

বহু বছর পরে তোমার পড়বে দেখো মনে না চাইতেই পেয়েছো যাকে হারিয়ে ফেলো না ভুলে। শব্দ গুলো শান্ত ভীষন নীরব চোখের জল ক্লান্ত হয়ে ভাবছে পথিক জীবন সর্বনাশ। কথা গুলো আটকে গেছে গলার কাঁটা হয়ে, যেদিন আমি ফুরিয়ে যাবো পড়বে তোমার মনে। সেদিন আমি ওই আকাশে আলতো হাসি হাসবো সেদিন তোমায় জিতিয়ে দিয়ে হারিয়ে দিয়ে রাখবো। কষ্ট গুলো শান্ত হবে উত্তাল হবে তুমি দূর আকাশে থেকেও তোমায় অনেক ভালোবাসবো সখী অনেক ভালোবাসবো। মৌ 🖋️

shabdh skhi

बेकद्र वालों के हाथो अगर चांद भी लग जाए तो वो उसे भी ग्रहण लगाने का हुनर रखते हैं .. - shabdh skhi

Rahul Budiya

❣️तेरी हँसी में जन्नत का नूर हैं तेरे साथ हर दर्द मंजूर है।।❤️‍🩹 - Rahul Budiya

Rahul Budiya

❣️तेरी हँसी में जन्नत का नूर हैं तेरे साथ हर दर्द मंजूर है।।❤️‍🩹 - Rahul Budiya

Shefali

રાષ્ટ્રીય ગણિત દિવસની શુભેચ્છાઓ.. #shabdone_sarname__ #shandone_sarname_

Piyush Goel

https://english.dainikjagranmpcg.com/life-style/story-of-piyush-goel-%E2%80%9Cthe-miirror-man-of-india%E2%80%9D/article-10812

Miska

मरीज: डॉक्टर साहब, मेरे कान में कुछ गिर गया है डॉक्टर: क्या? मरीज: मेरी बीवी की बातें निकल ही नहीं रहीं hihihihihihihi

Jyoti Gupta

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S A Y R I K I N G

अब देखो यार कुछ लोगो के फॉलोअर्स और उनके वीडियो के लाइक देखो ऐसा लगता हैं उन्होंने लाशे इक्कठा कर रखी हैं

Ajit

મારા જીવનસાથી....😭🙏😭🙏

Vibhuti Desai

મોબાઈલ આવ્યા અંક ભૂલ્યાં મોઢે ગણતરી વિસરીયા. વિભૂતિ દેસાઈ ઘાસવાલા. બીલીમોરા

Gunjan Banshiwal

वो कुछ बदले - बदले लगते है, लगता है कोई खास मुलाकात हुई है। हम मनाने में लगे थे, गलतफहमी थी कुछ बात हुई है। दीवानी ने कदमों में दिल बिछाया था, उन्हें लगा पतझड़ में पत्तों की बरसात हुई है। सुना था जिंदगी नई मिलती है इश्क में, कहां पता था मुकद्दर में पहले इकरार- ए- मौत हुई है। वो कहते थे आंखे बड़ी खूबसूरत है मेरी, किसे मालूम था बादलों से ज्यादा इन आंखों से बरसात हुई है। मैने तो खुशियां मांगी थी ए- जिंदगी , तूने तो मौत की तस्वीर दिखाई है। बड़ी छोटी औकात थी तेरी, देख तेरी जिद्द पर मैने अपनी जिंदगी उड़ाई है।

ek archana arpan tane

પાણી ને રોટલી નો ના કોઈ ઘર્મ કે ના કોઈ જાત. મળી જાય જો સવાર ને સાંજ તો જ જીવન ટકે નહીંતર મહેલોમાં પણ ક્યાં સુખ છે?? - ek archana arpan tane

Thakor Pushpaben Sorabji

જીવન એક ગણિત છે, મહત્વ ગણિતનું જીવનમાં ઝાઝું ગણિત દિવસની ઉજવણી થકી જાગૃત બનીએ ગણિત થકી! રાષ્ટ્રીય ગણિત દિવસની શુભેચ્છા જય શ્રી કૃષ્ણ:પુષ્પા.એસ.ઠાકોર - Thakor Pushpaben Sorabji

Archana Singh

आज फुर्सत में पुरानी एल्बम जो पलटी, अनायास ही बचपन की याद आ गई...! खिलखिलातीं हंसी , आंखों में चमक , नादानियां की उमंग सी छा गई ... ऐ बचपन ! तू फिर याद आ गई...! सूरज चाचा गए तेल लेने , सर्दियों में भी बर्फ के गोले भा गई ... ऐ बचपन ! तू फिर रुला गई ...! फूलों को देखकर मुस्कुराना , तितलियां सा बाहें फैला कर गोल घूम जाना , फिर चक्कर खाकर गिर जाना ... ऐ बचपन ! तू फिर रुला गई ... ! जाने कितनी स्मृतियां , आज फिर याद आ गई ... जाने क्यों तू बीते दिनों की याद दिला गई ... ऐ बचपन ! तू फिर रुला गई ...!! स्वरचित : अर्चना सिंह ✍🏻

Komal Arora

कई बार सपने सच होते दिखाई देते हैं....... और कई बार असलियत भी सपना सी लगने लगती है.......... worse but reality............

Imaran

🤎imran 🤎

અશ્વિન રાઠોડ - સ્વયમભુ

અછાંદસ કાવ્ય:– શિર્ષક:"મૌનનો મહાસાગર: બાપ" ​ઘરની જે ભીંતો પર ભાર છે છતનો, એ ભીંતોમાં ધરબાયેલો અવાજ એટલે બાપ. ​જેની આંખમાં ચોમાસું તો હોય છે, પણ ક્યારેય નેવાં નથી વરસતા, કોઈ પણ અવાજ કે ડૂસકાં વગર, ભીતરે ભીતરે જે રોવે છે... એ બાપ છે. ​મા ભલે નવ મહિના બાળકને પેટમાં રાખે, પણ એ નવ મહિના જે મગજમાં ચિંતા છુપાવે, આખી જિંદગીના ભારને હસતા મુખે વેંઢારે... એ બાપ છે. ​પોતાના ચંપલની પાની ઘસાઈ જાય, રસ્તાના પથ્થરો પગને ચચરાવે, પણ સંતાનોના પગમાં નવા 'બૂટ-સેન્ડલ' જોઈ જેના ચહેરા પર ગજબનું સ્મિત મલકાય... એ બાપ છે. ​દુનિયા આખી સામે જે પહાડ થઈને ઊભો રહે, પણ દીકરીને વળાવતી વખતે જે અંદરથી ભાંગી પડે, ક્યારેય પોતાના દુઃખનું પ્રદર્શન ન કરે, બસ, મનમાં ને મનમાં બધું સહી લે... એ બાપ છે. ​ખોબો ભરીને વહાલ આપતા તો સૌને આવડે, પણ દરિયો ભરીને દુઃખ પી જઈને, હોઠ પર ‘હું બેઠો છું’નું આશ્વાસન રાખે..."સ્વયમ’ભુ" એ બાપ છે. – અશ્વિન રાઠોડ "સ્વયમ’ભુ"

Amreen Khan

शाम का वक़्त था। नदी बिल्कुल शांत थी, जैसे उसने दिनभर की सारी बातें अपने भीतर समेट ली हों। पानी की सतह पर आसमान झुका हुआ दिख रहा था—नीला, हल्का-सा गुलाबी, और कहीं-कहीं सुनहरी लकीरों से भरा। उसी किनारे बैठी थी मीरा, हाथ में एक पुरानी डायरी और आँखों में ढेर सारे अनकहे सवाल। मीरा को लगता था कि ज़िंदगी भी नदी जैसी है—बहती रहती है, बिना रुके, बिना पूछे। कभी तेज़, कभी ठहरी हुई। आज वह ठहरी हुई थी। शहर की भागदौड़, लोगों की राय, और “क्या सही है, क्या गलत”—इन सब से दूर, वह बस अपने होने के एहसास को सुनना चाहती थी। नदी के उस पार एक नाव धीरे-धीरे सरक रही थी। नाविक की चाल में अजीब-सी तसल्ली थी, जैसे उसे मंज़िल की जल्दी ही न हो। मीरा ने सोचा—कितना सुकून होगा, अगर इंसान भी ऐसे ही बिना हड़बड़ी के आगे बढ़ सके। उसी पल हवा ने उसके बालों को छुआ, और डायरी के पन्ने खुद-ब-खुद पलटने लगे। एक पन्ने पर लिखा था— “अगर दुनिया तुम्हें समझ न पाए, तो क्या हुआ? खुद से समझौता मत करना।” मीरा मुस्कुरा दी। यह पंक्ति उसने बरसों पहले लिखी थी, जब उसे लगता था कि उसकी आवाज़ कहीं खो जाती है। आज वही आवाज़ नदी के शोर में भी साफ़ सुनाई दे रही थी। अचानक पास ही एक छोटी-सी लड़की आई, हाथ में काग़ज़ की नाव। उसने नाव को पानी में छोड़ा और बोली, “दीदी, देखो! मेरी नाव दूर जाएगी न?” मीरा ने कहा, “ज़रूर जाएगी, अगर उसे बहने दिया जाए।” काग़ज़ की नाव लहरों के साथ आगे बढ़ गई—कभी डगमगाती, कभी सीधी। मीरा ने महसूस किया कि उसकी ज़िंदगी की तरह ही है। डर तो हर मोड़ पर है, पर रुक जाना समाधान नहीं। सूरज धीरे-धीरे पानी में उतरने लगा। आसमान का रंग बदल गया, और नदी एक बड़े आईने की तरह चमकने लगी। उस आईने में मीरा ने खुद को देखा—थोड़ी थकी हुई, पर पहले से ज़्यादा सच्ची। उसे समझ आ गया कि शांति बाहर नहीं, भीतर होती है; और हिम्मत शोर नहीं करती, बस साथ चलती है। मीरा ने डायरी बंद की, गहरी साँस ली, और उठ खड़ी हुई। अब उसे जवाब नहीं चाहिए थे, बस भरोसा चाहिए था—खुद पर। नदी पीछे रह गई, लेकिन उसका बहाव मीरा के कदमों में उतर चुका था। और उस शाम, पानी के आईने में आसमान के साथ-साथ मीरा ने अपना भविष्य भी साफ़ देखा—खुला, बेख़ौफ़, और बहता हुआ।

Dada Bhagwan

Do You Know that if you analyze the nature of suffering, then it will not feel like suffering? If you do precise and exact pratikraman (the process of recalling mistakes, asking for apology and resolving never to repeat it) for your suffering, it will not feel like suffering anymore. Read more on: https://dbf.adalaj.org/WrlT6Asq #suffering #forgiveness #spirituality #doyouknow #DadaBhagwanFoundation

Tr. Mrs. Snehal Jani

રાષ્ટ્રીય ગણિત દિવસની શુભેચ્છાઓ💐

Soni shakya

"हम वो कहानी है जो, लिखी तो गई पर अंत के बिना"..! - Soni shakya

Tr. RAJ KHARA

मुस्कुराना आदत हैं हमारी, वरना जिदंगी तो हमसे भी नाराज़ हैं..!!! - Tr. RAJ KHARA

Soni shakya

"ग़म उसके जाने का नहीं, उसके ना रूक पाने का है" - Soni shakya

S A Y R I K I N G

कुछ इस तरह अपने ज़ख़्म भरने लगे हैं लोग, कि कुछ लिखा हुआ पढ़कर रोने लगे हैं लोग।

Soni shakya

"जिस इंसान के साथ सुकून बहुत मिलता है उसके साथ वक्त बहुत कम मिलता है "

Rohit SOLANKI

આ એક પ્રેમ કહાની .. ...

Pragati

kashi tamil sangmam 😍🙏🏻 #namo ghat #Varanasi, Uttarpradesh वायुना प्रेम वायुना सङ्गीतम्

Pragati

Nothing is permanent in this very world just pray good wishes good think keep you alive .... keep on working yourself nobody is going to stay with you - Pragati

Dinesh

*🙏જય બાબા સ્વામી*🙏 *આજનો સુવિચાર* અહંકાર એટલે વહાણમાં પડેલું કાણું, જે નાનું હોય કે મોટું, અંતે તો તે ડુબાડીને જ રહે. *શુભ સવાર*

Narendra Parmar

नखरे तुम हजार करती हों फिर भी सहे लेता हूं अरे पगली प्यार करता हूं में तुमसे इतना में तेरे लिए कर हि सकता हूं ।। नरेन्द्र परमार " तन्हा "

Nanda H Solanki

વાત થાય છે ને તું યાદ આવે છે રાત થાય છે ને તું યાદ આવે છે તને જ સાંભળું છું પળે પળ કે હર શ્વાસમાં તુજ સાદ આપે છે... - Nanda H Solanki

Mamta Trivedi

ममता गिरीश त्रिवेदी की कविताएं https://www.instagram.com/reel/DSjtl3RjSYT/?igsh=MWUzNHRpczRvZ3pwNg==

उषा जरवाल

जब किसी चीज़ का भाव बढ़ जाता है तो लोग उसे खरीदना बंद कर देते हैं तो कुछ ही दिनों में उस चीज़ के भाव गिरने लगते हैं । बस ऐसा ही कुछ ज़िंदगी में होता है । जो बेवजह भाव खाए…. उसे भाव देना बंद कर दो, सारे भाव गिरने लगेंगे । - उषा जरवाल

Jyoti Gupta

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krupa

મામા નું ઘર વેકેશન પડે ત્યારે સૌથી પેહલા મગજ માં આવતો વિચાર એટલે મામા નું ઘર,ઘર થી કંટાળ્યા હોઈએ ત્યારે મન ને શાંત કરવાની જગ્યા એટલે મામા નું ઘર, દિવાળી વેકેશન હોય કે પછી ઉનાળા નું વેકેશન...મામા ના ઘરે ન જઈએ ત્યાં સુધી વેકેશન અધૂરું કેહવાય.મામી જોડે કરેલી વાતો ,નિધિ દી અને મીરા જોડે કરેલી લેટ નાઈટ મસ્તી,ક્યારેક ઝઘડીએ પણ છીએ પરંતુ મારા માટે જીવન જીવવાનું બેસ્ટ સ્થળ એટલે મામા નું ઘર...જ્યાં ખરેખર એવું લાગે કે ખાલી જીવી નથી રહ્યા પણ જિંદગી ને માણી રહ્યા છીએ...મામા નો પ્રેમ મારા નસીબ માં થોડા સમય માટે જ હતો પણ મારા મામી એ એમની કમી ક્યારેય વર્તવા જ નથી દીધી...મારા ઘર કરતાં પણ વધારે મને મામા ના ઘરે ગમે છે ... એવું નથી કે રોજ એક ની એક જગ્યા એ રહી ને કંટાળીએ એટલે બીજી સારુ જ લાગે...પણ મારા મામા નું ઘર છે જ એવી જગ્યા ...ગમે તેટલા મોટા થઈ જઈએ પણ મામા નું ઘર ન ભૂલી શકાય..શું કહેવું તમારું?

Miss writer

jab koi puchta hai ki itne saalo me kya badla hai? tab ek baat yaad aati hai.... jab koi chot lagti thi tab chup rehti thi bachpan me lekin papa ko dekhte hi rone lagti thi. aur ab.... jab dard hota , sab bikhra hua mehsus hota tab mere mahadev ko dekh aansu nahi rukte hain

Manish Patel

જે તમારી દિલથી Care કરતા હશે, એ તમને ત્યારે પણ સાંભળી શકશે જયારે તમે ચુપ હશો શુભ સવાર

Antarbodh The Truth

l just got this realisation that my life till now and even right now is on surviving not living . I don't know what it feels like to live . I don't know what it makes you feel . I don't know if my emotions are real . I just don't know anything about myself. It's all blank , completely blank like I didn't write anything there . When i stare in mirror, my eyes look hollow. I see my younger self through them who I love very much. Then I realised that I am running from my current self , that is why I see my past self . I don't know if my emotions are real . Or are my responses real ? Was my trauma real ? Is anything I remember is real ? The blankness of knowing nothing but still staring at myself in eyes . I don't feel the way I want myself to . I love myself but my body screams that I am lying. Do anyone else feel like this ? ARE WE ALIVE AND LIVING ?

Arun V Deshpande

कविता- माझा छंदआनंद ----------------------- ---------- माझा छंद आनंद करावे नित्य लेखन द्यावा आनंद सकलांना हा माझा छंद आनंद लिहावी कविता आपल्या माणसावर करावे दुःख त्याचे हलके हसवावे त्यास थोडे हा माझा आनंद.. असावीत भवताली जिगरी दोस्त मंडळी बोलावे, हसावे खूप द्यावी -घ्यावी हातावर टाळी हा छंद -हा आनंद... -------------------------------------------- कविता- छंद -आनंद -अरुण वि.देशपांडे-पुणे. 9850177342 ----------------------------------------------

આશુતોષ

उन्होंने हमारा वक़्त खरीद जो लिया है, अब मिलना उन्ही की मर्जी से होता है। - આશુતોષ

Dipti Sagarka

એટલે જ કેહવાય છે માં તે મા ! બીજા વગડાના વા.

Raa

miss you aal freinds . and kashmir

Parmar Mayur

तुम विरोध करो। ग़लत हो रहा है तो विरोध करो । तुम युद्ध लड़ो। सब युद्ध तलवारों से लड़ें नहीं जाते। कुछ युद्ध मन भीतर की आवाज सुनकर लडो। अन्याय,असत्य और ग़लत के खिलाफ बगावत करो। तलवार नहीं बस तुम अपनी कलम को क्रियाशील करो। कलम कागज़ की दोस्ती से सून पड़े दिमागों में नवचेतना का संचार करो।।

ज़ख्मी__दिल…सुलगते अल्फ़ाज़

🦋...𝕊𝕦ℕ𝕠 ┤_★__ अगर तू है हवा का झोंका, तो मैं वो             ठहरी हुई साँस हूँ, जो तेरे  छुअन  के  बिना, बस एक             ख़ाली एहसास हूँ, तू  कहता है  खुद को  बेनूर  पत्थर         उस हसीन साहिल का, मगर मैं वो लहर हूँ, जिसका वजूद       है सिर्फ तुझसे मिलने का, गर तू पतझड़ का पत्ता है तो मैं वो    मिट्टी हूँ जिसमें तुझे मिलना है, मेरे ही आगोश में सो कर तुझे फिर        बहार बन कर खिलना है, तू अमावस की काली रैना है तो सुन              मैं वो इंतज़ार हूँ, जो तेरी कोख से जन्म लेने वाले नए           चाँद का तलबगार हूँ, तू ग़मों में डूबा सितारा है, तो मैं वो             अनंत आसमान हूँ, बिना तेरे अंधेरे के, मैं अपनी चमक            से भी अनजान हूँ, गर  तू  तपता  अंगारा है, तो  मैं वो           जलती हुई आग हूँ, हम जुदा नहीं एक-दूसरे से, मैं तेरा          ही तो राग हूँ…🥀😌 ╭─❀💔༻  ╨──────────━❥ ♦❙❙➛ज़ख़्मी-ऐ-ज़ुबानी•❙❙♦ #LoVeAaShiQ_SinGh☜ ╨──────────━❥

સુરજબા ચૌહાણ આર્ય

મિત્રો સંક્ષિપ્ત મહાભારત ના પહેલા ભાગ માં 1072પાના છે અને બીજા ભાગમાં 1136પાના છે. મને વાંચવાનો બહુ શોખ છે એટલે જયારે પણ ટાઈમ મળે ત્યારે ધાર્મિક ગ્રંથો ની ખરીદી કરવી ગમે છે. મારી પાસે. તુલસી કૃત રામાયણ, વાલ્મિકી રામાયણ, શ્રીમદ્ ભાગવત પુરાણ, ગણેશ પુરાણ, શિવ મહાપુરાણ,2 શ્રીમદ્ ભાગવત ગીતા, 1 સંક્ષિપ્ત રામાયણ, 2 વિષ્ણુ સાહસ્ર નામાવલી છે. હજુ તો આજીવન ગ્રંથો લેવા ના છે

S Sinha

नए साल की दहलीज पे खड़े हैं दिसंबर के कुछ दिन <br /> कभी ख़ुशी कभी गम देकर बीत जायेंगे बाकी के दिन <br /> बेसब्री से इन्तजार है जनवरी तेरा हर पल हर छिन <br /> दिसम्बर तुम्हें विदा करते दिल भर आया है लेकिन

Parmar Mayur

कुछ चीजें और घटनाओं को वक्त या नसीब के हवाले छोड़ना ही बेहतर रहता है। किसान खेतों में बीज बोने के बाद बस वह यह संभावना कर सकता है कि पाक इतना होगा। किन्तु अंत में वह यही कहेगा कि जैसी ईश्वर की मर्जी बस यही बात &#39;परिश्रम में भी प्रारब्ध सहभागी&#39; है वह एक &#34;किसान&#34; समझा जाता है।। - Parmar Mayur

ज़ख्मी__दिल…सुलगते अल्फ़ाज़

✤┈SuNo ┤_★_🦋 दौड़ती दुनिया में सुकून की तलाश                 बेकार है, यह तो बस मन के भीतर का एक                विचार है, खोजता है  जिसे तू  महलों  की             चकाचौंध में, वो तो बस संतुष्टि के छोटे से घर               का द्वार है, नहीं चाहिए उसे किसी की जीत या              किसी की हार, जिसने थाम लिया है धैर्य और कर्म                का पतवार, मिलेगा ज्ञान उसे ही जो शोर में भी                   मौन है, शांत मन ही तो असली खुशियों का                 आधार है, अहंकार  को  छोड़  जो  भक्ति में              लीन रहता है, सच्चा सुख भी, बस वही मुसाफिर                सहता है, न दुख  में  विचलित,  न  सुख में               अभिमानी, उसका जीवन ही महादेव की कृपा     की कहानी कहता है…😌👏 #हर_हर_🔱महादेव..🍃🙏 #𝐉𝐀𝐈_𝐒𝐇𝐑𝐄𝐄_𝐑𝐀𝐌..🚩  सुप्रभात..🌹 ☞#motivatforself😊°   ╭─❀💔༻  ╨──────────━❥ #LoVeAaShiQ_SinGh ⎪⎨➛•ज़ख़्मी-ऐ-ज़ुबानी°☜⎬⎪ ╨────✥}}{{✥───━❥

Nanda H Solanki

વાત થાય છે ને તું યાદ આવે છે રાત થાય છે ને તું યાદ આવે છે તારા સાથ વિના આ દુનિયા કપરી લાગે છે કોણ જાણે કેમ હર શ્વાસમાં જાણે તું સાદ આપે છે

Ghanshyam Patel

हमीं को कत्ल और हमीं को सलाम करते हैं, कुछ लोग बड़े सलीके से यह काम करते हैं।

Rakesh Prajapati Bijowa

गिरने वालो के अक्सर मैंने हौसलें कमजोर देखे हैं मगर गिरकर संभल जाने वालो के मैंने बड़े-बड़े दौर देखे हैं मुझे फिक्र नही हैं क्या होगा मेरे बाद ग़ालिबन लाखों आएंगे फ़नकार ये महफ़िल लुटने मेरे बाद कोई सूरज बनके कोई आँखो का तारा बनके चमकेगा मेरे बाद

Prashant Singh

Mujhe Aisa lagta Hai Ki Ab Main Mar jaunga Agar Na mara to pata nahin FIR kidhar jaunga Yu awaro Ki tarah bhatkana bhi mujhe Raas nahin aata Ab To Mera apna bhi mere pass nahin aata Ab mujhe lagta hai ki main ab mar jaunga Agar Main Bach Gaya to fir kidhar jaunga Mere pass to ghar bhi nahin Jo Main Laut aaunga Ab tu hi bata a zindagi main kidhar jaunga

Mohammed Abdelhady

Hello everyone i am a new user here and i don&#39;t know anything about the app

Dr Darshita Babubhai Shah

मैं और मेरे अह्सास सपन सपन के हौसलों ने दिल बाग बाग कर दिया l खुशहाल जिन्दगी की उम्मीदों से भर दिया ll जो होने वाला है उसकी खबर अंतर देते हुए l आने वाले समय का पहले से ही सगड़ दिया ll &#34;सखी&#34; डो. दर्शिता बाबूभाई शाह

Gautam Patel

કેલેંડર ઇ.સ. પૂર્વે ૭૩૮ના અરસામાં પ્રાચીન રોમ નગરના સ્થાપક રોમ્યુલસે માત્ર નગરના રહીશો પૂરતું જ કેલેન્ડર બનાવ્યું તે ૧૨ નહિ, પણ ૧૦ મહિનાનું હતું. કેલેન્ડરમાં છ મહિના ૩૦ દિવસોના અને ચાર ૩૧ દિવસોના હતા. યુદ્ધનો દેવતા મંગળ રોમ્યુલસનો આરાધ્ય દેવ હતો, માટે વર્ષનો પ્રથમ મહિનો Martius/માર્ચ હતો. આગામી મહિના અનુક્રમે Aprilis, Maius, Junius, Quintilis, Sexilis, September, October, November અને December હતા. આ સૂચિમાં અંતિમ છ નામો ૫, ૬, ૭, ૮, ૯ અને ૧૦ અંકોનાં લેટિન નામોના આધારે પસંદ કરાયાં હતાં. દા.ત. લેટિનમાં ૭ને Septem કહેવાય, માટે સાતમા મહિનાનું નામ રોમ્યુલસે સપ્ટેમ્બર રાખ્યું હતું.તો પછી સાતમો મહિનો નવમો કેવી રીતે બન્યો ? બારની જગ્યાએ દસ મહિનાને કારણે રોમ્યુલસના કેલેન્ડરમાં વર્ષ ફક્ત ૩૦૪ દિવસોનું હતું. વર્ષ દરમ્યાન વધુ કરવેરા ઉઘરાવી શકાય એ માટે રોમ્યુલસના અનુગામીએ December પછી Januarius અને Februarius એમ બે મહિના ઉમેર્યા. મહિનાના દિવસોમાં પણ ફેરફાર કરી વર્ષને ૩૫૫ દિવસોનું બનાવ્યું. દર બે વર્ષે Mercedinus નામનો અધિક માસ રાખવાનો પણ ધારો પાડ્યો. આમ છતાં ઋતુચક્ર સાથે મેળ જામ્યો નહિ. આશરે ૭૦૦ વર્ષ પછી જુલિયસ સીઝર ગાદી પર આવ્યો ત્યારે રોમન કેલેન્ડર ઋતુ કરતાં પણ ત્રણ મહિના આગળ હતું. આથી તેણે પોતાનું જુલિયન કેલેન્ડર ઘડી છેવટના જાન્યુઆરી-ફેબ્રુઆરીને માર્ચની આગળ લાવી દીધા. પરિણામે સાતમો મહિનો સપ્ટેમ્બર નવમો મહિનો બન્યો. https://www.facebook.com/share/181irgiRk4/

Gautam Patel

ભજન

Imaran

💛imran 💛

Soni shakya

🙏🙏सुप्रभात 🙏🙏 🌹 आपका दिन मंगलमय हो 🌹 🙏🌹🙏ओम् नमः शिवाय 🙏🌹🙏

Kartik Kule

की टिपल्या होत्या जुन्या आठवणी मोबाईल मधल्या कॅमेरात हृदयात जागा पुरली नाही म्हणून ठेवल्या होत्या गॅलरीत ल्या खप्प्यात वेळ बदलत गेली आणि नवीन आठवणी सुधा बनू लागल्या होत्यां त्या आठवणीत मात्र जुन्या आठवणी लपू लागल्या होत्या अच्यानक एक खळबळ मनात उमटली जुन्या आठवणी पुन्हा आठवून पाहू अस मानणे हाक मारली पहायला गेलो तर त्या आठवणी सुधा आयुष्यातल्या आनंदासारख्या मोबाईल च्या गॅलरीत हरवल्या होत्या आठवण झालीच होती तर म्हटलं एकदा शोधून तर पाहू परत ते क्षण जगू नाही शकत पण एकदा त्या आठवणी पाहून रडून तर जाऊ आणि एकदा त्या आठवणीतल्या व्यक्तीला मनभरून तर पाहू माहित नाही आयुष पुन्हा कधी हे जगण्याची संधी देईल पण मनातल्या भावना मात्र मोबाईल मधल्या गॅलरिलाच जपायला देऊ गॅलरीलाच जपायला देऊ - Kartik Kule

Paagla

कैसे कहूँ मैं कुछ तुम्हारे बारे में, मुझे बहुत वक़्त लगा है तुम्हें पाने में...✍️ Paagla | Love | quotes

GANESH TEWARI 'NESH' (NASH)

आदर मिलता साधु को, होता सबसे भिन्न। मिला अनादर जब उसे, हुआ नहीं वह खिन्न।। (नैश के दोहे से उद्धृत) ----गणेश तिवारी &#39;नेश&#39;

shah

▬▭▬▭▬▭▬▭▬▭▬▭▬▭▬▭▬▭▬▭▬▭▬ ◽ *આજ ના  સુવિચાર* ◽ ▬▭▬▭▬▭▬▭▬▭▬▭▬▭▬▭▬▭▬▭▬▭▬              *સુપ્રભાત.* ▬▭▬▭▬▭▬▭▬▭▬▭▬▭▬▭▬▭▬▭▬▭▬ 🌸 *સારા માણસોને શોધવા જઈશું તો થાકી જઈશું, પણ માણસોમાં સારું શોધવા જઈશું તો ફાવી જઈશું!* 🌸 *જો આપણે સફળ થવા માંગતા હોય તો, સમસ્યા શોધવામાં નહીં પરંતુ સમાધાન શોધવામાં ધ્યાન આપવું જોઈએ.* 🌸 *&#34;મુશ્કેલીઓ કામચલાઉ છે. તમારી અંદરની શક્તિ કાયમી છે, વિશ્વાસ રાખો અને આગળ વધો&#34;..!* 🌸 *ઓળખાણ થી મળેલું કામ ઓછા સમય માટે ટકે છે, પણ કામ થી મળેલી ઓળખ જિંદગીભર ટકે છે...✍🏻* 🌸 *&#34;દુખાવો&#34; એક સંકેત છે* *કે  તમે જીવતા છો.* 🌸*&#34;સમસ્યા&#34;એક સંકેત છે* *કે   તમે મજબૂત છો* 🌸*&#34;સંબંધ&#34;એક સંકેત છે* *કે તમે એકલા નથી.* ▬▭▬▭▬▭▬▭▬▭▬▬▭▬▭▬▭▬▭▬▭▬▭  ☕️ *આપનો દિવસ શુભ રહે*  ▬▭▬▭▬▭▬▭▬▭▬▬▭▬▭▬▭▬▭▬▭▬▬

Urvisha Vegda

लौटे है फिरसे पुरानी महफिल में नए अंदाज से, अब देखेंगे पुराने यार हमारी नई मुहब्बत को लफ्जों के अंदाज में। - Urvisha Vegda ।

Urvisha Vegda

वह इश्क ही क्या जिसमें तेरे लिए हम कुछ लिख न सके, छोड़ी थी महफिल हमने तो क्या अब तेरे लिए हम कलम उठा भी न सके ? - Urvisha Vegda ।

Bhavna Bhatt

હોમ‌ મેડ...‌

ધબકાર...

खुशनसीब हूं में उन्हें गले लगाकर, जिन्होंने जिंदगी भर साथ निभाया। जब कभी भी सुना पड़ा हाथ मेरा, साथ हूं में हरपल अहसास दिलाया। 😊

Shailesh Joshi

જીવનમાં જ્યારે સારા બનવાની સજા મળે, ત્યારે જરાય પાછા ન પડવું, કેમકે પ્રભુની કૃપા મેળવવાનો, અને અજ્ઞાત શક્તિ પ્રાપ્ત કરવાનો આનાથી સરળ રસ્તો બીજો એકપણ નથી. - Shailesh Joshi

Miska

वो बोला दिल टूट गया मेरा मेने कहा आओ दिल को सुई धागे से सिल दूं तेरा hihihihi 😅

Ritu

कभी ठंड में भी पसीना आ जाता है, कभी धूप में भी सुकून नहीं मिलता। यही तो ज़िंदगी है जनाब, हालात बदलते रहते हैं, हम समझते-समझते थक जाते हैं।...🙂🙂

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