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Mbhh
Story season <br />
जनरल्स ज़ीरो आवर कंटिन्यू में तीन बिल्कुल नए जनरल शामिल हैं, हर मुख्य गुट के लिए एक। हर जनरल अपनी विशिष्ट क्षमताओं और रणनीतिक शैलियों के साथ आता है, जिससे सामरिक विविधता काफ़ी बढ़ जाती है। मौजूदा इकाइयों को भी दृश्य और कार्यात्मक अपडेट मिले हैं, जैसे कि नए डिज़ाइन वाले हम्वी और कुछ मौजूदा इकाइयों में संतुलन।<br />
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यह सिर्फ़ नई सामग्री ही नहीं, बल्कि और भी बहुत कुछ प्रदान करता है। कई इकाइयों में नए सिरे से डिज़ाइन किए गए गुण हैं, जो लड़ाई के परिणामों को प्रभावित कर सकते हैं और स्थापित रणनीतियों को बदल सकते हैं। अप्रयुक्त आवाज़ों और विस्तारित कथाओं के जुड़ने से नए खिलाड़ियों और नए खिलाड़ियों, दोनों के लिए खेल में तल्लीनता बढ़ जाती है। नए और नए जनरलों, दोनों द्वारा अपनाई गई वैकल्पिक रणनीतियों से पुनरावृत्ति को बढ़ावा मिलता है।
Kirti kashyap
"ज़िन्दगी का हाल"
ज़िन्दगी का कैसा मैं ये हाल कर बैठी,
कितने खराब गुज़रे हुए साल कर बैठी।
ये सूनी आँखें, मायूसी, ये बुझती रंगत,
फीका चेहरे का नूर-ओ-ज़माल कर बैठी।
आईने में अपना अक्स भी अंजाना लगा,
ख़ुद से ही अपने वजूद पर सवाल कर बैठी।
ख्वाहिशों की आग में खुद को राख़ कर बैठी,
एक ख़्वाब को हक़ीक़त का ख्याल कर बैठी।
मर ही जाती अग़र कलम ना मिली होती,
कज़ा पास दिखी तो फिर अहवाल कर बैठी।
"कीर्ति" किस बात का अब मलाल कर बैठी,
क्यों आधी रात को ये आँखें लाल कर बैठी।
Kirti Kashyap "एक शायरा"✍️
Nirali patel
कभी भी लोगों की टीका टिप्पणी से
घबराना नही चाहिए,
क्योंकि खेल में
दर्शक ही शोर मचाते हैं
खिलाडी नहीं !
pink lotus
**दूसरों में उलझना व्यर्थ है,
खुद में उलझना संघर्ष है।
यही संघर्ष हमें हमारे असली रूप तक ले जाता है।**
by:pink lotus
om shiv gorksh ❣️🌸🙏
369.🙏
Shailesh Joshi
વિકટ પરિસ્થિતિમાં જ્યારે
કોઈજ વ્યક્તિ મદદે ના આવે
ત્યારે "એ" મદદે આવે, અને
જો કાયમ માટે આપણે એને
નજર સામે રાખીને જીવીએ
તો એવી પરિસ્થિતિ જ
ના આવે.
- Shailesh Joshi
Awantika Palewale
आज का चाँद मुझे प्यारा लगे, बिल्कुल तुम्हारी तरह।
हर लम्हा मुझे गुज़ारा लगे, तेरी बातो कि तरह।
जब भी देखूँ मैं आसमाँ की उस हसीन गहराई को,
वो मंज़र मुझे हमारा लगे,तेरी आंखों कि नमी की तरह।
तुम्हारे आने से पहले तो अंधेरा था हर जगह,
अब हर कोना उजीयारा लगे, तेरी बांहों कि तरह।
ये दिल जो कभी आवारा था, ख़ामोश रहता था,
अब हर धड़कन में नकारा लगे, बिल्कुल तुम्हारी तरह।
होठों पे तुम्हारे है शरारत भरी वो एक हँसी,
वो चेहरा मुझे दुलारा लगे, बिल्कुल चांद की तरह।
दुनिया की हर ख़ुशी से मुझे बेहतर है ये साथ,
ये बंधन मुझे सहारा लगे, तेरी आदत कि तरह।
जब तुम पास नहीं होते हो तो जान लो ये बात,
ये जहाँ हमको बेकार लगे, जैसे चारों और अंधेरे कि तरह।
Bhavna Bhatt
આજકાલ આવાં કારસ્તાન વધી ગયાં છે,
વિદ્યાર્થીઓ ને સજા નથી થતી,
પણ વગર વાંકે શિક્ષક ને નોકરીમાંથી કાઢી મુકવામાં આવે છે...
Bitu
जनाब इतना मत किया करो
मुझे नजरअंदाज ,
उस वक्त बहुत
आएगी आपको मेरी याद...
जब मेरी अर्थी को सजाकर
ले जाओगे कंधे पर उठाकर ,
और अपने हाथों से
दोगे मेरी चिता को चिराग...
- Bitu
Raju kumar Chaudhary
⭐ भाग 9 — हिस्सा 1
राधा अब सिर्फ़ शहर में एक नौसिखिया रिपोर्टर नहीं रही थी।
उसने मेहनत, हिम्मत और ईमानदारी से खुद को साबित किया था।
सुबह-सुबह राजु ने कहा,
“आज तुम्हारे लिए बहुत बड़ा दिन है, राधा। आज तुम्हारी पहली बड़ी पत्रकारिता उपलब्धि सामने आने वाली है।”
राधा ने सिर हिलाया,
“मैं तैयार हूँ, राजु। अब डर और लालच मेरे जीवन में जगह नहीं रखते।”
उस दिन उसके ऑफिस ने उसे एक बड़ी रिपोर्ट पर काम करने का मौका दिया—शहर के गरीब बच्चों की शिक्षा और जीवन स्तर पर एक विस्तृत अध्ययन।
राधा ने पूरे दिन मेहनत की।
वह स्कूल गई, बच्चों और उनके परिवार से मिली, और उनके संघर्षों को रिकॉर्ड किया।
राजु हर कदम पर उसके साथ था, नोट्स लेने और रिपोर्ट को व्यवस्थित करने में मदद कर रहा था।
राधा ने महसूस किया कि उसकी मेहनत अब सिर्फ उसकी जिंदगी बदलने के लिए नहीं थी, बल्कि समाज के लिए भी फायदेमंद साबित हो सकती थी।
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⭐ भाग 9 — हिस्सा 2
राधा ने अपने लेख को तैयार किया।
उसमें बच्चों की कहानियाँ, उनके संघर्ष, उनके सपने और उन्हें मिलने वाली कठिनाइयाँ सब कुछ शामिल था।
राजु ने उसे सलाह दी,
“राधा, यह रिपोर्ट केवल खबर नहीं, बल्कि समाज के लिए संदेश भी है। इसे सही तरीके से प्रस्तुत करो।”
राधा ने अपनी रिपोर्ट को संपादकों को सौंपा।
संपादक ने कहा,
“राधा, यह लेख बहुत प्रभावशाली है। इसे प्रमुख समाचार में प्रकाशित किया जाएगा। तुम्हारी मेहनत और ईमानदारी सराहनीय है।”
राधा की आँखों में चमक थी।
“मेरी मेहनत रंग ला रही है। अब मैं सिर्फ खुद के लिए नहीं, बल्कि समाज के लिए भी कुछ कर रही हूँ।”
राजु ने मुस्कुराते हुए कहा,
“तुमने साबित कर दिया कि मेहनत, हिम्मत और ईमानदारी से न केवल जीवन बदलता है, बल्कि समाज भी प्रभावित होता है।”
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⭐ भाग 9 — हिस्सा 3
रिपोर्ट प्रकाशित होने के बाद, राधा को शहर और समाज में मान्यता मिली।
लोग उसके साहस और ईमानदारी की तारीफ करने लगे।
कुछ अभिभावकों ने सीधे उससे मिलकर धन्यवाद कहा,
“आपने हमारे बच्चों के लिए आवाज़ उठाई। हम आपके आभारी हैं।”
राधा ने महसूस किया कि अब वह सिर्फ नौकरी करने वाली नहीं, बल्कि एक प्रभावशाली पत्रकार बन चुकी थी।
लेकिन शहर की चुनौतियाँ अभी खत्म नहीं हुई थीं।
अरमान जैसी साजिशें अब भी कहीं-कहीं नजर आती थीं, लेकिन राधा अब डरने वाली नहीं थी।
उसने मन ही मन कहा—
“अब मैं किसी भी झूठ या लालच से डरने वाली नहीं हूँ। मेरी मेहनत और इज्जत ही मेरी सबसे बड़ी पूँजी हैं।”
राजु ने उसकी ओर देखकर मुस्कुराया,
“तुमने आज साबित कर दिया कि ईमानदारी और साहस के सामने कोई बाधा टिक नहीं सकती।”
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⭐ भाग 9 — हिस्सा 4 (अंतिम)
राधा ने शाम को घर लौटते हुए खिड़की से बाहर देखा।
शहर की रोशनी अब डर, लालच और झूठ का प्रतीक नहीं रही।
बल्कि यह उसके साहस, मेहनत और सफलता का प्रतीक बन गई थी।
उसने अपने आप से वादा किया—
“अब मैं किसी भी चुनौती से नहीं डरूँगी। चाहे कितनी भी मुश्किलें क्यों न आएँ, मेहनत, हिम्मत और ईमानदारी ही मेरे मार्गदर्शक होंगे।”
माँ ने उसकी पीठ थपथपाई और कहा,
“बेटी, तुम्हारा साहस और मेहनत अब समाज में सम्मान पा चुका है। तुमने केवल अपने लिए नहीं, बल्कि दूसरों के लिए भी बदलाव लाया है।”
राधा ने मुस्कुराते हुए अपनी आँखें बंद कीं।
उसने महसूस किया कि अब उसका जीवन केवल डर और लालच से मुक्त नहीं, बल्कि समाज में उसकी पहचान और सम्मान से भरा हुआ था।
भाग 9 का अंत
राधा ने सीखा—सच्चाई, मेहनत और आत्मसम्मान के साथ न केवल व्यक्तिगत सफलता मिलती है, बल्कि समाज में भी सम्मान और पहचान बनती है।
⭐ भाग 10 — हिस्सा 1
राधा अब शहर में केवल एक नौसिखिया रिपोर्टर नहीं रही थी।
उसने मेहनत, हिम्मत और ईमानदारी से खुद को साबित किया और समाज में पहचान हासिल की थी।
सुबह-सुबह राजु ने उसे फोन किया,
“राधा, तुम्हारे लिए एक नया प्रोजेक्ट आया है। यह शहर का सबसे बड़ा प्रोजेक्ट है और इसमें तुम्हारी रिपोर्टिंग की आवश्यकता है।”
राधा की आँखों में चमक थी।
“राजु, मैं तैयार हूँ। अब डर या लालच मुझे रोक नहीं सकते।”
प्रोजेक्ट के लिए उसे शहर के विभिन्न क्षेत्रों में जाना पड़ा।
यह प्रोजेक्ट शिक्षा, स्वास्थ्य और नागरिक सुविधाओं की स्थिति पर आधारित था।
राधा ने हर जगह जाकर बच्चों, बुजुर्गों और आम नागरिकों से बातचीत की।
राजु हर कदम पर उसके साथ था, मदद और मार्गदर्शन के लिए।
राधा ने महसूस किया—यह प्रोजेक्ट सिर्फ उसकी रिपोर्टिंग का काम नहीं, बल्कि शहर के लिए बदलाव लाने का अवसर है।
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⭐ भाग 10 — हिस्सा 2
राधा ने पूरे दिन नोट्स लिए, इंटरव्यू किए और साक्ष्य जुटाए।
हर कहानी उसके मन को छू रही थी—किस तरह लोग शहर की सुविधाओं से वंचित हैं, और किस प्रकार सरकारी योजनाएँ सही ढंग से नहीं पहुँच रही थीं।
राजु ने सलाह दी,
“राधा, यह प्रोजेक्ट केवल खबर नहीं है, बल्कि शहर के लिए सुधार का संदेश है। इसे प्रभावशाली बनाना होगा।”
राधा ने अपने लेख और वीडियो रिकॉर्डिंग तैयार किए।
संपादक ने कहा,
“यह प्रोजेक्ट शहर के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। राधा, तुम्हारा काम सराहनीय है। इसे प्रमुख समाचार में प्रकाशित किया जाएगा।”
राधा की आँखों में खुशी और गर्व था।
“मेरी मेहनत अब सिर्फ मेरे लिए नहीं, बल्कि पूरे शहर के लिए उपयोगी है।”
राजु ने मुस्कुराते हुए कहा,
“तुमने साबित कर दिया कि मेहनत, ईमानदारी और साहस के साथ हर चुनौती पार की जा सकती है।”
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⭐ भाग 10 — हिस्सा 3
रिपोर्ट प्रकाशित होने के बाद, राधा को शहर और समाज में सम्मान मिला।
लोग उसकी मेहनत और ईमानदारी की सराहना करने लगे।
शिक्षक, सरकारी अधिकारी और आम नागरिक सीधे उससे मिलकर धन्यवाद देने लगे।
“आपने हमारे बच्चों और शहर के लिए आवाज़ उठाई। हम आपके आभारी हैं।”
राधा ने महसूस किया कि अब वह सिर्फ नौकरी करने वाली नहीं, बल्कि शहर और समाज के लिए एक प्रेरणा बन चुकी थी।
लेकिन चुनौतियाँ खत्म नहीं हुई थीं।
अरमान जैसी साजिशें अब भी कहीं-कहीं नजर आती थीं, लेकिन राधा अब डरने वाली नहीं थी।
उसने मन ही मन कहा—
“अब मैं किसी भी झूठ, लालच या दबाव से डरने वाली नहीं हूँ। मेरी मेहनत और इज्जत ही मेरी सबसे बड़ी पूँजी हैं।”
राजु ने उसकी ओर देखकर मुस्कुराया,
“तुमने साबित कर दिया कि ईमानदारी और साहस के सामने कोई बाधा टिक नहीं सकती।”
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⭐ भाग 10 — हिस्सा 4 (अंतिम)
राधा ने शाम को घर लौटते हुए खिड़की से बाहर देखा।
शहर की रोशनी अब डर, लालच और झूठ का प्रतीक नहीं रही।
बल्कि यह उसके साहस, मेहनत और सफलता का प्रतीक बन गई थी।
उसने अपने आप से वादा किया—
“अब मैं किसी भी चुनौती से नहीं डरूँगी। चाहे कितनी भी मुश्किलें क्यों न आएँ, मेहनत, ईमानदारी और हिम्मत ही मेरे मार्गदर्शक होंगे।”
माँ ने उसकी पीठ थपथपाई और कहा,
“बेटी, तुम्हारा साहस और मेहनत अब शहर में सम्मान पा चुका है। तुमने केवल अपने लिए नहीं, बल्कि समाज के लिए भी बदलाव लाया है।”
राधा ने मुस्कुराते हुए अपनी आँखें बंद कीं।
उसने महसूस किया कि अब उसका जीवन केवल डर और लालच से मुक्त नहीं, बल्कि समाज में उसकी पहचान और सम्मान से भरा हुआ था।
भाग 10 का अंत
राधा ने सीखा—नई चुनौतियाँ चाहे कितनी भी बड़ी क्यों न हों, मेहनत, ईमानदारी और साहस के साथ उन्हें पार किया जा सकता है। और राजु जैसे साथी हर मुश्किल में साथ रहते हैं।⭐ भाग 11 — हिस्सा 1
राधा अब शहर में केवल नौसिखिया रिपोर्टर नहीं रही थी, बल्कि समाज और शहर में अपनी पहचान बना चुकी थी।
उसकी मेहनत, हिम्मत और ईमानदारी ने उसे नए सम्मान और अवसर दिए थे।
लेकिन अरमान, जिसने पहले कई बार उसे फँसाने की कोशिश की थी, अब अंतिम साजिश की तैयारी कर रहा था।
उसने अपने कुछ करीबी कर्मचारियों से कहा,
“राधा को ऐसा फँसाओ कि उसका नाम और काम दोनों बदनाम हो जाए। अब मैं इसे खत्म कर दूँगा।”
राधा को यह जानकारी राजु ने दी।
“राधा, सावधान रहो। अरमान की आखिरी चाल तुम्हारे खिलाफ आ सकती है। लेकिन डरने की जरूरत नहीं। हम इसे संभालेंगे।”
राधा ने मन ही मन कहा,
“अब डरना नहीं। मैंने पहले भी साजिशें झेली हैं। मेहनत, हिम्मत और ईमानदारी के साथ मैं इसे भी पार कर लूँगी।”
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⭐ भाग 11 — हिस्सा 2
अरमान ने अगले दिन एक झूठी खबर फैलाने की योजना बनाई।
उसने मीडिया को फर्जी सबूत भेजे और कहा कि राधा ने अपने व्यक्तिगत लाभ के लिए लोगों की कहानियों को बदलकर प्रकाशित किया।
राधा को यह पता चला तो उसका मन कांप उठा।
लेकिन उसने गहरी साँस ली और राजु से कहा,
“राजु, अब समय है अपनी पूरी मेहनत और ईमानदारी दिखाने का। मैं झूठ के सामने नहीं झुकूँगी।”
राजु ने मुस्कुराते हुए कहा,
“हिम्मत रखो राधा। हम सबूत के साथ सच्चाई सामने लाएँगे। तुम अकेली नहीं हो।”
राधा ने तुरंत अपने सभी नोट्स, रिकॉर्डिंग और इंटरव्यू की फाइलें तैयार की।
हर झूठ और हर साजिश का प्रमाण अब उनके हाथ में था।
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⭐ भाग 11 — हिस्सा 3
राधा और राजु ने सभी साक्ष्य संपादकों और वरिष्ठ अधिकारियों को दिखाए।
साबूतों के सामने अरमान की सारी साजिशें बेनकाब हो गईं।
संपादकों ने कहा,
“राधा, तुमने अपनी मेहनत और ईमानदारी से यह साबित कर दिया कि सच्चाई और हिम्मत के सामने झूठ कभी टिक नहीं सकता।”
अरमान अब मजबूर था।
उसकी नापाक चालें विफल हो चुकी थीं।
राधा ने महसूस किया—सच्चाई, हिम्मत और मेहनत के सामने कोई ताकत टिक नहीं सकती।
राजु ने उसकी ओर देखकर मुस्कुराया,
“तुमने आज न केवल खुद के लिए बल्कि समाज और पत्रकारिता के लिए भी जीत हासिल की। यह तुम्हारी असली सफलता है।”
राधा की आँखों में चमक और गर्व था।
उसने महसूस किया कि अब उसका जीवन सिर्फ डर और लालच से मुक्त नहीं, बल्कि सम्मान और पहचान से भरा हुआ था।
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⭐ भाग 11 — हिस्सा 4 (अंतिम)
राधा ने शाम को घर लौटते हुए खिड़की से बाहर देखा।
शहर की रोशनी अब केवल उसके डर या लालच का प्रतीक नहीं रही।
बल्कि यह उसके साहस, मेहनत और सफलता का प्रतीक बन गई थी।
माँ ने उसकी पीठ थपथपाई और कहा,
“बेटी, तुम्हारा साहस और मेहनत अब शहर और समाज में सम्मान पा चुका है। तुमने केवल अपने लिए नहीं, बल्कि समाज के लिए भी बदलाव लाया है।”
राधा ने मुस्कुराते हुए कहा,
“माँ, अब मैं जानती हूँ कि मेहनत, ईमानदारी और आत्मसम्मान से हर चुनौती पार की जा सकती है। चाहे कितनी भी बड़ी साजिश क्यों न हो।”
राजु पास खड़ा था और मुस्कुराते हुए कहा,
“आज तुम्हारी जीत सिर्फ व्यक्तिगत नहीं, बल्कि पत्रकारिता और समाज के लिए भी प्रेरणा बन गई है।”
राधा ने महसूस किया कि अब उसके जीवन में डर और लालच का कोई स्थान नहीं रहा।
भाग 11 का अंत
राधा ने सीखा—सच्चाई, मेहनत, हिम्मत और आत्मसम्मान के साथ हर बड़ी चुनौती पार की जा सकती है। और अंतिम सफलता का पर्व हर प्रयास के बाद अवश्य आता है।⭐ भाग 12 — हिस्सा 1
राधा अब शहर में केवल एक रिपोर्टर नहीं रही थी, बल्कि उसका नाम ईमानदारी, साहस और मेहनत के प्रतीक के रूप में जाना जाने लगा था।
हर कदम पर उसके काम की तारीफ हो रही थी।
सुबह-सुबह, राजु ने उसे फोन किया,
“राधा, आज तुम्हारे लिए एक खास दिन है। शहर में तुम्हारी उपलब्धियों को मान्यता दी जाएगी। तैयार हो जाओ।”
राधा ने मुस्कुराते हुए कहा,
“मैं तैयार हूँ। अब डर और लालच मेरे जीवन में कोई जगह नहीं रखते।”
घर से निकलते समय माँ ने कहा,
“बेटी, तुम्हारा साहस और मेहनत अब तुम्हें शहर में पहचान दिलाएगा। हमेशा अपनी इज्जत और मेहनत पर विश्वास रखो।”
राधा ने मन ही मन वादा किया—
“अब मैं अपने आत्मसम्मान, मेहनत और साहस को कभी खतरे में नहीं डालूँगी। और राजु हमेशा मेरा मार्गदर्शक रहेगा।”
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⭐ भाग 12 — हिस्सा 2
दिन का समय शहर के बड़े मीडिया हॉल में आया।
राधा को एक समारोह में बुलाया गया, जहाँ उसे सम्मानित किया जाना था।
राजु पास खड़ा था और उसकी मेहनत की तारीफ कर रहा था।
राधा ने मंच पर खड़े होकर कहा,
“मैं केवल अपनी मेहनत और ईमानदारी के लिए सम्मानित नहीं हुई हूँ। यह पुरस्कार उन सभी लोगों के लिए है, जो सच्चाई, हिम्मत और आत्मसम्मान के साथ अपने जीवन में संघर्ष कर रहे हैं।”
सभी लोग तालियाँ बजाने लगे।
राधा की आँखों में खुशी और गर्व था।
“मेरी मेहनत अब सिर्फ मेरे लिए नहीं, बल्कि समाज और शहर के लिए भी उपयोगी है।”
राजु ने मुस्कुराते हुए कहा,
“तुमने साबित कर दिया कि मेहनत, साहस और ईमानदारी के साथ हर चुनौती पार की जा सकती है।”
राधा ने महसूस किया कि अब वह केवल पत्रकार नहीं, बल्कि समाज के लिए प्रेरणा बन चुकी थी।
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⭐ भाग 12 — हिस्सा 3
समारोह खत्म होने के बाद, राधा और राजु शहर की सड़कों पर टहल रहे थे।
राधा ने कहा,
“राजु, अब मैं सिर्फ नौकरी नहीं कर रही हूँ, बल्कि समाज के लिए काम कर रही हूँ। यह मेरे लिए एक बड़ी उपलब्धि है।”
राजु ने सिर हिलाया,
“याद रखो राधा, यह सिर्फ शुरुआत है। आगे और बड़ी चुनौतियाँ आएंगी। लेकिन अब तुम मजबूत हो और हर चुनौती का सामना कर सकती हो।”
राधा ने मन ही मन वादा किया—
“मैं अब कभी पीछे नहीं हटूँगी। हर कठिनाई और चुनौती का सामना हिम्मत, मेहनत और ईमानदारी से करूंगी।”
शहर की रोशनी अब डर और लालच का प्रतीक नहीं थी।
बल्कि यह उसके साहस, मेहनत और सफलता का प्रतीक बन गई थी।
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⭐ भाग 12 — हिस्सा 4 (अंतिम)
राधा ने घर लौटते हुए माँ के पास जाकर कहा,
“माँ, आज मेरा जीवन नया मोड़ ले चुका है। अब मैं अपने और समाज के लिए कुछ कर सकती हूँ। और राजु हमेशा मेरे साथ है।”
माँ ने मुस्कुराते हुए कहा,
“बेटी, तुम्हारी मेहनत और हिम्मत ने तुम्हें शहर और समाज में पहचान दिलाई है। यह तुम्हारी सच्ची सफलता है।”
राधा ने खिड़की से बाहर देखा।
शहर की रोशनी अब डर, लालच या झूठ का प्रतीक नहीं थी।
बल्कि यह उसकी मेहनत, ईमानदारी और साहस का प्रतीक बन गई थी।
राजु ने उसके हाथ थामे और कहा,
“अब हम मिलकर अपने भविष्य की योजनाएँ बना सकते हैं। तुमने साबित कर दिया कि सच्चाई, मेहनत और साहस के साथ हर चुनौती पार की जा सकती है।”
राधा ने मुस्कुराते हुए अपनी आँखें बंद कीं।
उसने महसूस किया कि अब उसका जीवन केवल डर और लालच से मुक्त नहीं, बल्कि समाज में उसकी पहचान और सम्मान से भरा हुआ था।
भाग 12 का अंत
राधा ने सीखा—नई पहचान और सम्मान मेहनत, ईमानदारी, साहस और सही साथी के साथ ही संभव है। और भविष्य की हर चुनौती अब सामना करने योग्य है।⭐ भाग 13 — हिस्सा 1
राधा अब सिर्फ पत्रकार नहीं रही थी, बल्कि समाज में बदलाव की प्रेरणा बन चुकी थी।
शहर के लोग उसकी मेहनत, ईमानदारी और साहस की सराहना करने लगे थे।
सुबह-सुबह राजु ने कहा,
“राधा, अब तुम्हारा अगला कदम समाज के लिए बदलाव लाना होना चाहिए। शहर में तुम्हारी पहुँच और पहचान अब एक अवसर है।”
राधा ने मुस्कुराते हुए सिर हिलाया,
“मैं तैयार हूँ। अब मेरी जिम्मेदारी सिर्फ खबर लिखने की नहीं, बल्कि समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की है।”
उस दिन राधा ने अपने ऑफिस से कुछ नए प्रोजेक्ट की रूपरेखा तैयार की।
इसमें शिक्षा, स्वास्थ्य और गरीब बच्चों के लिए नई पहल शामिल थी।
राजु हर कदम पर उसके साथ था, मार्गदर्शन और मदद के लिए।
राधा ने महसूस किया—अब उसकी जिम्मेदारी केवल रिपोर्टिंग की नहीं, बल्कि समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की है।
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⭐ भाग 13 — हिस्सा 2
राधा ने शहर के स्कूलों, अस्पतालों और गरीब इलाक़ों का दौरा किया।
हर जगह उसने समस्याओं को देखा और उनके समाधान के लिए रिपोर्ट तैयार की।
राजु ने कहा,
“राधा, यह सिर्फ रिपोर्ट नहीं है। यह समाज के लिए संदेश है। इसे प्रभावशाली बनाना होगा।”
राधा ने अपने लेख और वीडियो रिकॉर्डिंग तैयार किए।
संपादक ने कहा,
“राधा, तुम्हारा काम अब केवल खबर नहीं, बल्कि समाज के लिए मार्गदर्शन बन गया है। इसे प्रमुख समाचार में प्रकाशित किया जाएगा।”
राधा की आँखों में चमक थी।
“मेरी मेहनत और ईमानदारी अब केवल मेरे लिए नहीं, बल्कि पूरे समाज के लिए उपयोगी हैं।”
राजु ने मुस्कुराते हुए कहा,
“तुमने साबित कर दिया कि मेहनत, ईमानदारी और साहस के साथ हर चुनौती पार की जा सकती है।”
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⭐ भाग 13 — हिस्सा 3
रिपोर्ट प्रकाशित होने के बाद, राधा को समाज और शहर में सम्मान मिला।
लोग सीधे उससे मिलने लगे और धन्यवाद कहा,
“आपने हमारे बच्चों और शहर के लिए आवाज़ उठाई। हम आपके आभारी हैं।”
राधा ने महसूस किया कि अब वह सिर्फ नौकरी करने वाली नहीं, बल्कि समाज के लिए एक प्रेरणा बन चुकी थी।
लेकिन चुनौतियाँ अभी खत्म नहीं हुई थीं।
कुछ भ्रष्ट अधिकारी और अरमान जैसी पुरानी साजिशें अब भी कहीं-कहीं नजर आती थीं, लेकिन राधा अब डरने वाली नहीं थी।
उसने मन ही मन कहा—
“अब मैं किसी भी झूठ, लालच या दबाव से डरने वाली नहीं हूँ। मेरी मेहनत और इज्जत ही मेरी सबसे बड़ी पूँजी हैं।”
राजु ने उसकी ओर देखकर मुस्कुराया,
“तुमने साबित कर दिया कि ईमानदारी और साहस के सामने कोई बाधा टिक नहीं सकती।”
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⭐ भाग 13 — हिस्सा 4 (अंतिम)
राधा ने शाम को घर लौटते हुए खिड़की से बाहर देखा।
शहर की रोशनी अब डर, लालच और झूठ का प्रतीक नहीं रही।
बल्कि यह उसके साहस, मेहनत और समाज के लिए किए गए योगदान का प्रतीक बन गई थी।
माँ ने उसकी पीठ थपथपाई और कहा,
“बेटी, तुम्हारा साहस और मेहनत अब शहर और समाज में सम्मान पा चुका है। तुमने केवल अपने लिए नहीं, बल्कि समाज के लिए भी बदलाव लाया है।”
राधा ने मुस्कुराते हुए कहा,
“माँ, अब मैं जानती हूँ कि मेहनत, ईमानदारी और आत्मसम्मान से हर चुनौती पार की जा सकती है। और राजु हमेशा मेरे साथ है।”
राजु ने उसके हाथ थामे और कहा,
“अब हम मिलकर अपने समाज के लिए नई पहल और बदलाव ला सकते हैं। तुम्हारी मेहनत अब केवल व्यक्तिगत सफलता नहीं, बल्कि पूरे समाज के लिए प्रेरणा बन गई है।”
राधा ने अपनी आँखें बंद कीं।
उसने महसूस किया कि अब उसका जीवन केवल डर और लालच से मुक्त नहीं, बल्कि समाज में उसकी पहचान और सम्मान से भरा हुआ था।
भाग 13 का अंत
राधा ने सीखा—सच्चाई, मेहनत, हिम्मत और आत्मसम्मान से समाज में भी बड़ा बदलाव लाया जा सकता है। और सही साथी के साथ हर चुनौती पार की जा सकती है।
Kamlesh
મોતી બની પરોવાઇ જાઉં એના હૈયાના હારમાં,
સ્વાતિના મેહબૂંદ સમ, લિપ્સાઓના વાદળને એમ ક્યાં છોડાય છે...
કોઇ ફરક નથી પડતો કહી, ફરતો જીવ ડંફાસી, આવરણ એકલતાના એમ ક્યાં ખંખેરાય છે...
હૈયું ઝંખે દિદાર કરવા, આંખોમાં ભરવા,
મારગ એ મિતના એમ સરળ ક્યાં જાય છે...
નખશિખ પ્રિતમાં ઝૂરતા બે અર્ધ હ્રદય,
સમાજની સૂળીએ ચઢી રોજ ફાંસો ખાય છે...
પાનખરની પિડને હેતથી જીરવતા એક થઇ,
અનોખીપ્રિતના આયામને અમર કરી જાય છે...
S A Y R I K I N G
कुछ शब्दों को प्रिोकर एक बात लिखूँगा,
तुम तक पहुँचे ऐसे जज़्बात लिखूँगा।
तुम सुन सको जिसे, सदियों के पार भी,
वक़्त को थामे वो लम्हात लिखूँगा।
S A Y R I K I N G
अब मैं उसको खत नहीं लिखता, बेटा उसका पढ़ने लायक हो गया है।
Saroj Prajapati
जिंदगी हर रोज़ एक नया फलसफा सिखा रही है
धीरे ही सही अपने- पराए का भेद समझा रही है ।।
सरोज प्रजापति ✍️
- Saroj Prajapati
Shreya Jaiswal 31
संकल्पना
संकल्पना मांडते या जीवनाची
अस्पष्ट माझ्या विचारांची
भोळी माझी विचारशैली
समाजाच्या रितीत अडकलेली
कधी जाईल या मनातून पुढे ?
हुळहुळ फक्त व्यक्त होण्याची
डगमग डगमग मनातील वादळ
वाट पाहतात त्या शब्दरूपी वाऱ्याची
संकल्पना मांडते या जीवनाची
अस्पष्ट माझ्या विचारांची
_ श्रेया
Rahul Raaj
सबसे कठिन होता है स्वयं से लड़ना। अपनी ही कमजोरियों, भ्रमों, टूटे सपनों और अधूरी उम्मीदों से निरंतर सामना करना। हर सुबह जब सूरज निकलता है, तो दिल करता है कि आज कुछ बदले, आज दर्द कम हो जाए। मगर अक्सर ऐसा नहीं होता, और स्वयं को संभालते-संभालते थकान हावी हो जाती है।
फिर भी, जीवन यहीं नहीं रुकता। मन की गहराइयों के सागर में लहरें उठती-गिरती रहती हैं। उलझा मन उम्मीद और चिंता के बीच झूलता रहता है। उदासी जब बहुत गहरी हो जाती है, तब वही पीड़ा हमें मजबूत बनाते हुए धीरे-धीरे बदलने लगती है। खैर.. हर दर्द की अपनी कहानी होती है और हर कहानी का एक अंत होता है।
ArUu
एक बार कर लो अपने मन की
फिर कौन पूछता है
तुम ठीक हो या नहीं
एक बार कर लो उनके मन की
फिर भी कौन पूछता है
तुम ठीक हो या नहीं
ArUu ✍️
Deepak Bundela Arymoulik
नारी
शब्द नहीं, संपूर्ण जीवन का विस्तार है,
सृष्टि की पहली धड़कन, धरा का कोमल उपहार है।
उसकी आँखों में सभ्यताओं का उजाला जलता है,
उसके आँचल में आशीषों का सागर पलता है।
ममता की धूप भी वही, करुणा की छांव भी वही,
वो थक जाए तो दुनिया रुके, फिर भी कहे“मैं वही।”
नारी ऊर्जा है, जो अंधेरों में दीप जला सकती है,
शक्ति है, जो टूटे मन को भी पर्वत बना सकती है।
वो जन्म देती है, फिर सपनों को पंख पहनाती है,
अपने दर्द छुपाकर भी, जग को हँसना सिखाती है।
उसकी चुप्पी में तप है, उसकी वाणी में वेद,
वो अकेली ही बना लेती है— मां, बहन, साथी, अवधेद।
जीवन की हर भूमिका में भावों का संगीत है,
नारी केवल देह नहीं वो स्वयं एक अनादि प्रगीत है।
सम्मान उसका धर्म है, आदर उसका स्वभाव,
जहाँ नारी का मान नहीं वहाँ कैसा उगता प्रभाव?
उसका सम्मान करो
क्योंकि दुनिया की हर सुबह उसकी कोख से गुजरती है,
और हर संस्कृति उसकी आत्मा की रोशनी से संवरती है।
नारी
सुंदरता की मूरत भी, ममता का मंदिर भी,
संघर्षों की तपस्विनी भी, जीवन का समंदर भी।
वो झुकती नहीं—
वो बस संसार को सँभालने के लिए थोड़ा मुड़ती है,
नारी कभी कमज़ोर नहीं
वह बस रिश्तों को मजबूत करने में खुद टूटती है।
नमन उस नारी शक्ति को
जिसके बिना यह जग सिर्फ़ एक अधूरी कहानी है…
आर्यमौलिक
રોનક જોષી. રાહગીર
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Piyush Goel
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ek archana arpan tane
મળી જાય બધું જરૂરી નથી દુર રહી પણ એ હરપળ મારી સાથે છે દીવાળી મનાવવા એટલું જ કાફી છે.
- ek archana arpan tane
Priya
एक 40 साल के शख्स को एक बार ये गुमान हो गया
की किसी नादान सी बालिका को उससे प्यार हो गया
हाल ये हो गया की वो उस पर हक जताने लगा
उसे मिलने को फिर वो बुलाने लगा
प्यार के बहाने अपनी flirting skill
उस पर वो आजमाने लगा
अपनी सारी बुराईयो को वो उससे छुपाने लगा
साइड मे कुछ आंटियो से भी वो नजदीकिया बढ़ाने लगा
फिर कुछ हुआ और एक दिन
उस लड़की को सब पता चल गया
ये शख्स ही खराब हैं इस बात से अब पर्दा उठ गया
अपनी कमी छुपाने के लिए वो उस लड़की को ही
दुनिया के सामने गलत बताने लगा
हार कर उस लडक़ी ने उससे किनारा कर लिया
सबक सिखाने का ख्याल साइड कर दिया
क्योंकी वो ये जान गई थी उससे पहले भी
उस शख्स की इससे पहले भी कई थी
बाकी जाने देना ही श्रेष्ठ हैं
अब उस लड़की के दिल में भी ना
अब कोई खेद हैं।
इस तरह से फिर एक बार बुराई की जीत हुई..
यही जीवन की सच्चाई हैं...।
ये सिर्फ एक काल्पनिक रचना हैं इससे लेखक के जीवन से कोई सम्बन्ध नहीं हैं।
Priya kashyap...✍️
Falguni Dost
किरदार ऐसा रखो कि मुखौटे की जरूरत न हो,
दोस्त! आईने में खुदको देखकर ग्लानि नहीं गर्व हो!
- फाल्गुनी दोस्त
- Falguni Dost
Bharat Ahir
ફેલાવ તું પાલવ ને એક સાંજ ઢળી જાય,
સુરજ પાછળ સંતાયેલી એક રાત પડી જાય.. ✍🏻✍🏻 ભરત આહીર
અશ્વિન રાઠોડ - સ્વયમભુ
"ગઝલ" શિર્ષક: "ફર્ક હોતા હૈ"
બનાને વાલે કી રચના ખુબ સુરતથી, કોઈ ખામી ન થી,
મગર ઇન્સાન કી અપની નઝર મેં ફર્ક હોતા હૈ.
બનાને વાલે ને મિટ્ટી લેકર સિર્ફ પૂતલા હી બનાયા થા,
યે હમ હૈં જિસને બાંટા હૈ, બશર મેં ફર્ક હોતા હૈ.
ત્યાગ દે જો મોહ માયા, વહી રામ ક્રિષ્ન બનતા હૈ,
કિસી કે બોલને મેં ઔર અસર મેં ફર્ક હોતા હૈ.
અકેલે દર્દ સહના હો, યા સબ કુછ પા લિયા હો તુમને,
જહાં મેં હર કિસી કે બસ સફર મેં ફર્ક હોતા હૈ.
"સ્વયમ’ભુ" ખેલ સારા યે દિલોં કી અદલા-બદલી હૈ,
વરના પથ્થરો મેં ઔર જિગર મેં ફર્ક હોતા હૈ.
- અશ્વિન રાઠોડ "સ્વયમ’ભુ"
Manvi Chauhan
Bachpan 😄 ❤️..
Nadaniyon ka safar hota hai bachpan...😉
MAA ka Anchal hota hai bachpan..😊
Kala chata -mitha Jammun hota h bachpan🫐..
Gili danda,ghoda gaadi, mitti ke khilono ka दौड़ hota hai bachpan ...🤸⛹️
Dosto ke saath school Jana 🏫...
Mor banke Barshato me bhigna 🦚🌧️... hota hai bachpan 😄..
Raat ko Sone se phele ki लोरी hoti hai bachpan...❤️
Nana -nani , dada -dadi kaa pyaar hota hai bachpan...❤️😊......
MAA ki dant -baap ka स्नेह
Hota hai bachpan...😄❤️
Bachpan ki yaadein hamesha dilo me reh jati hai...❤️
Ese hoti hai bachpan...🤸🚴
Jabhi yaad aati hai, dilo ko dehla jati h bachpan...❤️
✍️..... manvi
Shefali
#shabdone_sarname__
#શબ્દોને_સરનામે__
#shabdone_sarname_
Imaran
Tumhe khone se darta hai dil,
Har pal tum pe marta hai dil,
Pal pal yaad tumhe krta hai dil
Ek pal tujhe bhoola tha yeh dil
Tab se tujhe bhoolne se jyada,
Dhadakne se darta hain yeh dil
💜 imran 💜
Gautam Patel
Bajaran Bali
bhagwat singh naruka
अगर आप 35 साल के हो ओर आप जिंदा हो तो लोग यकीन दिलाएंगे कि आप बुड्ढे हो गए हो यार ।
लेकिन आप 35 की उम्र में मर जाते हो तो वहीं लोग कहेंगे कि अभी तो उसकी उम्र ही क्या थी ।
इस लिए कहता हु ये चार लोगों की बातों पर मत जाओ उन चार लोगों का काम ही कहना ।✅✅✅✅✅
आपको पोस्ट कैसे लगी कॉमेंट में बताओ
bhagwat singh naruka
जीवन के उस चौराहे पर कभी खड़े अकेले पाओ तो केवल अपने दिल की सुनना अपने मां बाप की सुनना ,,लेकिन उन चार लोगों की मत सुनना जो कहते रहते है कि चार लोग क्या कहेंगे।
आपकी क्या राय है कॉमेंट में बताना ।
लेखक भगवत सिंह नरूका ✍️ ✍️
रॉ एजेंट सीजन 1, 2, 3 पढ़ने के लिए अभी सर्च करे google पर writer bhagwat singh naruka matrubharti
bhagwat singh naruka
कुछ लोगों को इतनी भूख लगती है कि वो बहुत खाते है ओर इतना खाते है कि वो दूसरे का हक भी खा जाते है ।
आपकी क्या राय है कॉमेंट करे
लेखक भगवत सिंह नरूका ✍️✍️
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Raj Phulware
IshqKeAlfaaz
तुझसे मैं रूठ
Raju kumar Chaudhary
Title: तुमसे मिलके
Verse 1:
तुमसे मिलके कुछ ऐसा हुआ,
दिल ने कहा अब कोई फ़िक्र न हुआ।
हर सुबह तेरी यादों में खो जाऊँ,
तेरे बिना ये दिल अधूरा सा लगे।
Chorus:
तुमसे मिलके, रोशनी सी छा गई,
तुमसे मिलके, ये दुनिया हसीं लग गई।
तुम ही हो मेरे ख्वाबों की रौशनी,
तुमसे ही मेरी ज़िंदगी महक गई।
Verse 2:
तेरी हँसी में बसी है खुशियों की बातें,
तेरी नज़रों में छुपी हैं मीठी रातें।
हर पल तेरा नाम लूँ, यही दुआ है,
साथ तेरे बीते हर पल मेरा जन्नत है।
Chorus:
तुमसे मिलके, रोशनी सी छा गई,
तुमसे मिलके, ये दुनिया हसीं लग गई।
तुम ही हो मेरे ख्वाबों की रौशनी,
तुमसे ही मेरी ज़िंदगी महक गई।
Bridge:
मिलेंगे जब भी हम, ख्वाबों में जी लेंगे,
तारों की छाँव में, प्यार के गीत गाएंगे।
तेरा हाथ थाम कर, मैं हर दर्द भुला दूँ,
संग तेरे हर कहानी को मैं सच कर दूँ।
Final Chorus:
तुमसे मिलके, रोशनी सी छा गई,
तुमसे मिलके, ये दुनिया हसीं लग गई।
तुम ही हो मेरे ख्वाबों की रौशनी,
तुमसे ही मेरी ज़िंदगी महक गई।
Bharat Ahir
જયારે કોઈ
અણધાર્યા ગમતા સંબંધો મળે,
ત્યારે એ
મળ્યાની ખુશી કરતા,
ગુમાવી બેસવાનો ડર વધુ મોટો હોય છે..!!✍🏻✍🏻 ભરત આહીર
yeash shah
અંકશાસ્ત્ર ની એક અદભૂત રીત શીખવું.
તમે જે તારીખે જન્મ્યા હોવ એ તારીખ નો દિવસ નોંધો.
દાખલા તરીકે : ૨૬/૦૮/૧૯૯૩ (વાર : ગુરુવાર ) , અંક :૩
હવે અંક ૩ સાથે સંબંધિત છે.. ગુરુવાર અને પીળો રંગ.
વાંચન અને અધ્યયન નો શોખ હોય છે.. આવા વ્યક્તિઓ ને .. હમેશા શીખતા રહેવું એ પ્રગતિકારક છે.
તમે પણ તમારી જન્મતારીખ અને વાર મને મોકલી શકો છો. (WhatsApp:9662365007)
અંક શાસ્ત્ર અથવા ભારતીય જ્યોતિષ શીખવું હોય તો પણ સંપર્ક કરી શકો.
Rahul Raaj
मैं भली भांति परिचित हूँ, तुम्हारे इस बदले व्यवहार से,
परंतु सह जाना, अब तुम्हें कुछ और कहने से श्रेष्ठ हैं।
Kaushik Dave
દરવાજે થોડી આહટ આવી
છતાં પણ હું કાંઈ ન સમજ્યો
મારી મસ્તીમાં જ એવો જીવ્યો
એકલાને જ દુનિયામાં જોયો
સ્વાર્થ સાધીને આગળ વધ્યો
અચાનક કોઈએ દગો કર્યો
તૂટી ગયું હતું મન મારું
ત્યારે ઈશ્વરને અમે યાદ કર્યો
દિલના દરવાજે ટકોરો પડ્યો
તને સમજાવ્યો છતાં તું ન સમજ્યો
દુનિયા કોઈ એકલાની જ નથી
સ્વાર્થ ત્યજીને મંગલ કામ કરો
બહુ વિચાર્યું પછી જ હું સમજ્યો
હું તો દુનિયામાં તણખલા જેવો
મદ, મોહ અભિમાન ન કરવું
પણ સમજે છે આ માણસ આજે?
કુદરતની થપાટ પડે છે ત્યારે
ઈશ્વર પાસે માંગતા હોય છે આપણે
દરવાજે થપથપાટ જ થાય છે
કુદરત તો વહારે આવે છે
પણ આપણે તુંડમિજાજી છીએ
એટલે કોઈને ગણકારતા જ નથી
ઈશ્વર સહાયતા સદાય હોય છે
આપણે સમજીએ તો જીવન સફળ હોય છે
- કૌશિક દવે
કૃષ્ણ સદા સહાયતે
મહાદેવ કૃપા હર હંમેશ હોય છે
જયશ્રી કૃષ્ણ 🙏
- Kaushik Dave
Soni shakya
"मुझे तुमसे गले मिलना है कुछ इस तरह..
जब तक सांसे एक दूसरे में खो ना जाए...
जहां शब्दों की नहीं सिर्फ...
धड़कनों की आवाज बचें,
और वक्त भी रूककर देखें कि...
कैसे दो लोग एक दूसरे में समा जाते हैं...
कैसे दो लोग एक दूसरे में...
अपना घर बना लेते हैं...
❣️❣️
- Soni shakya
Bitu
My YouTube channel
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archana
मैं निभा रही हूँ पूरी ईमानदारी से ये रिश्ता,
तुम झूठे प्रेम की ओट में देते चले जा रहे हो मुझे दगा।
मुझे सब पता है… फिर भी न जाने क्यों,
हर सच जानकर भी निभा रही हूँ तुमसे ही वफ़ा।
तुम देते रहो… हर बार, दगा पर दगा—
पर मैं तो वही हूँ, जो टूटकर भी तुम्हें ही चुने हर दफा।
- archana
મૃગતૃષ્ણા mrigtrushna"
બક્ષી દો (ગધ્યોપધ્ય)
અદ્રશ્ય બાણશય્યા પર જુઓ,
એ કણસતુ પડ્યું...
પણ તમને ન દેખાશે.
હજું પણ બાણોનો વરસાદ!
નથી એ ભીષ્મ, હવે તો જરા થોભો.
રહો ઉભા ચૂપચાપ એક ખૂણો પકડી,
હવે, એનો અંતિમ શ્વાસ બક્ષી દો.
એનું છોડો.
ક્રૂરતા કેટલી આદરી તમે?!
જરા હિસાબ તો માંડો!
દાનવો પણ સારા સાબિત થયાં તમારાં કર્મોથી,
થાય રસાતાળ ધરતી એ પહેલાં,
બસ કરો. હવે પોતાની જાત બક્ષી દો.
કરો સંકલ્પ કે નથી જવું અમારે એ દિશામાં હવે,
વળી જાઓ પાછાં, કોતરી લો નવી કેડી,
ભલે હો એકલાં પણ વિહરો સ્વતંત્ર થઈ.
છોડો ભીડને, પોતે પોતાનું પ્રારબ્ધ બક્ષી દો.
દિવસને બહું દુભાવ્યો આકરાં શબ્દોનાં બાણોથી,
બસ, બહું થયું હવે તો; એની રાત બક્ષી દો.
હ્રદય, ઘાયલ હ્રદય છે, છલ્લી ને મહીં રૂધિરની દુર્ગંધ,
બહું સહ્યું એણે, હવે એને એનું એકાંત બક્ષી દો.
વજ્રસમ થઈ જવાનું વરદાન કે અભિશાપ મળે એને એ પહેલાં.
શ્રધ્ધાંજલિનાં ફૂલોનો આઘાત બક્ષી દો.
- મૃગતૃષ્ણા
🌷🌷🌷
(સમજૂતી: અહીં વાત થઈ છે પોતાની નિર્દોષતા કે ભોળપણ ભરેલી લાગણીઓની.... ભીડ સાથે ચાલવા આપણે જ ખુદ પર કેટલાં અત્યાચાર કરીએ છીએ... સમય છે પોતાને પોતાની રીતે કે પોતાની વિચારધારા અનુસાર જીવવા દેવાનો... ભીડમાં કદી પણ બુદ્ધિ નથી હોતી કે નથી હોતી લાગણી પરંતુ વ્યક્તિમાં તો હોય છે ને! તો શું કામ વ્યક્તિએ એક બુદ્ધિહીન, લાગણી વિહિન સિસ્ટમને અનુસરવું જોઈએ?)
Pankaj Goswamy
કોણ જાણે ક્યારે તેડું આવશે,
આતમો આમ ક્યાં લગી પંપાળશે;
આકળા થઇ વેડફો ના જિંદગી,
માંહ્યલો છે સાથે યાદ રાખીને કરજો બંદગી;
જીવન કેરી નૈયાને તારી એ જ તારશે,
કોણ જાણે ક્યારે તેડું આવશે.
મંદિર-મસ્જિદને વળી ચર્ચમાં જાવાનું તો ઠીક,
કરમ કરતી વેળાએ રાખજો ઉપરવાળાની બીક;
આખરી વેળાએ સત્કર્મો જ સંભાળશે,
કોણ જાણે ક્યારે તેડું આવશે.
મળતું રહેશે ક્યારેક થોડાં-ઘણું તો દુ:ખ,
ક્યાં લગી ગોતતો ફરીશ હંમેશાં સુખ;
સાધુ સાચો તો એનું નિવારણ ગોતશે,
કોણ જાણે ક્યારે તેડું આવશે.
- પંકજ ગોસ્વામી 'કલ્પ'
Kamini Shah
એમ કંઈ સરળ નથી
સહુને ગમી જવું
ક્રોધને કાબૂમાં રાખી
ધીરજથી શમી જવું
ગમે નહીં ક્યારેક કશુંતો
બોલ્યા વગર સરકી જવું
ઊદાસીની પળોમાં પણ
અમથે અમથું મલકી જવું
ભૂલ થઈ જાય ક્યારેક તો
ખેલદિલી થી નમી જવું
જીતને કોરાણે મુકી
હારતાં હોય પણ રમી જવું
પરિવારની ખુશી કાજે
જીદ છોડી ખમી જવું
બસ આટલું કરીશ તો
સરળ છે સહુને ગમી જવું…
-કામિની
S A Y R I K I N G
कलम और शब्द अपने पर गुमान किये बैठे है । उन्हें क्या पता यहाँ सभी प्यार किये बैठे है ।
हर कोई गुजरा है दर्द-ए-महोब्बत से । इसीलिए कई गुलजार तो कई ग़ालिब हुए बैठे है।
S A Y R I K I N G
वो लौटकर आया तो था, पर वैसा नहीं आया, उसकी आँखों में कुछ था जो मेरे नाम का नहीं था।
Shailesh Joshi
અહીંથી શરૂ થાય છે જીવનમાં સુખ અને શાંતિ આવવાની શરૂઆત
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"યુ-ટ્યુબ life changer quotes motivation shorts"
આવા સુવીચાર પસંદ હોય તો....
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Dada Bhagwan
Do you know that God has infinite Vision, infinite Knowledge, infinite Strength and infinite Bliss!
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DrAnamika
ॐ कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने प्रणतः क्लेशनाशाय गोविन्दाय नमो नमः"।
વૈભવકુમાર ઉમેશચંદ્ર ઓઝા
जबसे देखा है तुझे,
हम बंधुआ मज़दूर हो गए है तुम्हारे।
- स्पंदन
khwahishh
कश्ती उतार दी है तूफानी लहरों मे अब खुदा जाने के क्या होगा, या तो डूबेंगे बिच भबर मे या सफर जिंदगी का पार होगा।
- khwahishh
Dhamak
જીદ,
કોઈએ મને હળવેથી પૂછ્યું—
“શું તમે ક્યારેય જિદ કરો છો?”
મેં ધીમેથી કહ્યું,
“હા… પહેલાં કરતી હતી,
પણ હવે જિદ કરવી છોડી દીધી છે,
કારણ કે સમજાયું છે
કે જિદ તો ફક્ત માતા–પિતાની સાથે જ થતી હોય છે।”
માતા જીવતી હોય ત્યારે જિદ કરી લેવાય,
ન તો પછી મનમાં ખટક રહી જાય—
એ સમયે જિદ કેમ ન કરી?
દિલમાં દબાયેલા કેટલાક શબ્દો,
કેટલીક વાતો જે બોલાઈ નથી શકી,
આંખોમાં અટકેલી કોઈ યાદ
પછી દિલમાં ડૂબી જઈને ચૂભી જાય—
“એ સમયે જિદ કેમ ન કરી?”
માતા–પિતાના આગળની નાની જિદ
દિલનો એક હક હોય છે.
સમય સરકી જાય તે પહેલાં
દિલ ખોલીને કહી દેજો—
નહીં તો મનમાં ખટક રહી જશે।
(હું તો આ ઉંમરે પણ જીદ કરૂં છું
અને ભરપુર લાવ લવ છુંતમે પણ
લો....જેથી અફસોસ ન રહે)
DHAMAK
pink lotus
इश्क़ करना है तो उपर वाले से कीजिये
बेशक इतना खूब चढ़ेगा रंग की उसके सिवा
हर चीज बेरंग सी लगेगी
इसी चाहत होगी की रूह के अंत तक
तुम्हे कयामत भी अलग नही कर पायेगी ❣️🌸
कोई इंसान मे खुदा देखता है तो
किसी के लिए खुदा ही इश्क़ बन जाता है
एक तोड़ कर रखता है
एक टूटे हुए को जोड़ कर रखता है
by:pink lotus ❣️🌸
ok shiv gorksh
jay maa kali
aadesh 🙏❣️🌸
kajal jha
जिस दिन तू गया था, उस दिन ज़िदगी थम-सी गई,
आँखों में जो आग थी… वो राख बनकर हम-सी गई।
तेरे बिना हर रास्ता अधूरा, हर धड़कन बोझ लगी,
तू जुदा क्या हुआ… मेरे अंदर की रोशनी भी खो-सी गई।
अब न शिकायत है तुझसे, न कोई दुआ बाकी,
बस एक ख़ालीपन है, एक थकान-सी रह गई।
तू चला भी गया और साथ ले गया क्या-क्या…
ये दिल आज तक तेरी छोड़ी हुई तन्हाई गिन रहा है।
- kajal jha
SADIKOT MUFADDAL 《Mötäbhäï 》
ઈશ્વર ઘણા સ્વરૂપે આપણને મદદ કરવા આવે છે.
પ્રભુને શોધશો નહિં,
ઓળખજો...
- SADIKOT MUFADDAL 《Mötäbhäï 》
Jyoti Gupta
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Imaran
Yaadon ki dhundh me aapki parchaai si lagti hai,
Kaano me goonjti shahnaai si lagti hai,
Aap kareeb hai to apnapan hai,
Varna seene me saans bhi paraai si lagti hai
🌹 imran 🌹
S Sinha
A true friend is neither <br />
Above you nor below you <br />
Whether it’s your hay day or May day <br />
He or she will always be beside you
shah
*સુખ અને દુઃખ*
*પોતાના નસીબથી મળે છે.....*
*અમીરી ગરીબીથી તેને કોઈ લેવા દેવા નથી.*
*રડવાવાળા મહેલોમાં પણ રડે છે.*
*અને હસવા વાળા ઝૂંપડી માં પણ હસે છે....*
*🌹🙏Good morning🙏🌹*
DrAnamika
समुद्र का सूर्योदय
रात की लहरें थककर
किनारे पर सोई थीं,
चाँदनी की चादर ओढ़े
धीरे–धीरे डोल रही थीं।
तभी क्षितिज की नीली देहरी पर
एक सुनहरी साँस उभरी,
मानो आसमान ने अचानक
अपने होंठों पर लौ जगी धरी।
पहली किरण के स्पर्श से
पानी में चमक तैरने लगी,
जैसे किसी ने मोती की थाली
भोर के आगे फेर दी।
लहरें गुलाबी रौशनी में
गीतों-सी लहराईं,
और सीपियों के छोटे मुँह
सरगम-सी मुस्काईं।
दूर एक नाव के पालों पर
धूप ने रंग गाढ़े बुने,
जैसे उम्मीद की कोई चिट्ठी
जल-राह में रख दी सुने।
समुद्र बोला—
“हर लहर लौटकर आती है,
हारें भी राह बनाती हैं।
सूर्योदय का सच यही है—
नई कोशिशें जग जाती हैं।”
पहाड़ का सूर्योदय
ऊँचे शिखरों की चादर पर
रात की नमी ठहरी थी,
मानो बादल अपनी थकान
पत्तों पर रखकर बहरी थी।
धीरे–धीरे क्षितिज के पीछे
जब सूरज ने सिर उठाया,
सांझ का बचा अँधेरा
सोने-सा पिघलकर ढल आया।
पहाड़ों की खुरदुरी रीढ़ों पर
रंगों की परतें चढ़ने लगीं,
पाइन की शाखों के भीतर
रोशनी की नदियाँ बहने लगीं।
हवा ने ठंडे सुरों में
एक मीठा वाद्य बजाया,
जैसे प्रकृति ने खुद सुबह का
पहला भजन गाया।
दूर कहीं चरवाहा जागा,
घंटियों का गूँज उठी,
घाटी के नन्हे फूलों पर
धूप की उँगली फिसल पड़ी।
हर चोटी ने चमक ओढ़ ली,
हर खाई ने मुस्कान पाई,
सूरज बोला—
“जहाँ ऊँचाइयाँ मुश्किल लगें,
वहीं उम्मीदें राह बनाती आई।”
गाँव का सूर्योदय
कच्ची पगडंडी के दोनों ओर
ओस की बूंदें थिरक रही थीं,
जैसे रात ने अपने आँसू
घास के आँचल पर रख दी थीं।
पूर्व दिशा की मिट्टी से
जब पहली किरणें झाँकीं,
माटी की महक में डूबी
सुबह ने आँखें आँकीं।
खलिहान के दरवाज़े पर
भैंसों की घंटियाँ जाग उठीं,
चूल्हे से उठती धुआँ-लकीरें
आकाश में गीत बुनने लगीं।
सरसों की पीली चादर पर
धूप ने उँगलियाँ फेरीं,
और खेतों में छिपी हवा
खुशबू का एक राग ढोने लगी।
तालाब के शांत पानी पर
रात का अँधेरा घुलता गया,
मानो कोई धीरे-धीरे
अतीत का बोझ धुलता गया।
सबके चेहरे पर नए दिन की
हल्की–सी चमक उतर आई,
सूरज बोला—
“चलो, कोशिशें फिर शुरू करो,
जीवन हर भोर नई परछाई।”
सूर्योदय कहता है—
“चलो, फिर से शुरू करो,
जहाँ कल रुक गए थे,
आज वहीँ से चलो।”
हर सुबह एक मौन निमंत्रण है—
कि ज़िन्दगी अभी भी खूबसूरत है,
और उम्मीदें, धूप की तरह,
हमेशा लौट आती हैं।
सूर्योदय : नया सफ़र
रात की थकी हुई पलकों पर
जब उजाले आहट रखते हैं,
नींद में डूबी धरती के कानों में
कुछ कोमल स्वर बजते हैं।
पूरब की हथेली पर जैसे
किसी ने लाल गुलाब सजा दिए हों,
नभ के शांत जलाशय में
सुनहरे मोती गिरा दिए हों।
हवा दुपट्टा ओढ़ के हल्की
धूप का गीत सुनाती है,
पंछी अपने घरों की चौखट पर
नई उड़ान आज़माती है।
पेड़ों की चूड़ी खनक उठती,
पत्तों की कंगन बजते हैं,
हर कली मुस्कान में पिघलकर
सपनों की महक रचते हैं।
डॉ अनामिका 0३/१२/२०२५
Parmar Mayur
🙏🙏ચંદ્રમાં પડેલા તેનાં કાળા ડાઘ પ્રત્યે ધ્યાન આપતા પહેલા અંધકારમાં તેનો મળતો શ્વેત પ્રકાશ પણ મહત્વનો હોય છે.🦚🦚
💺આંતરરાષ્ટ્રીય વિકલાંગ દિવસ 💺
DrAnamika
समुद्र का सूर्योदय
रात की लहरें थककर
किनारे पर सोई थीं,
चाँदनी की चादर ओढ़े
धीरे–धीरे डोल रही थीं।
तभी क्षितिज की नीली देहरी पर
एक सुनहरी साँस उभरी,
मानो आसमान ने अचानक
अपने होंठों पर लौ जगी धरी।
पहली किरण के स्पर्श से
पानी में चमक तैरने लगी,
जैसे किसी ने मोती की थाली
भोर के आगे फेर दी।
लहरें गुलाबी रौशनी में
गीतों-सी लहराईं,
और सीपियों के छोटे मुँह
सरगम-सी मुस्काईं।
दूर एक नाव के पालों पर
धूप ने रंग गाढ़े बुने,
जैसे उम्मीद की कोई चिट्ठी
जल-राह में रख दी सुने।
Raju kumar Chaudhary
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Deepak Bundela Arymoulik
मोहब्बत के साइड इफ़ेक्ट
डॉक्टर ने पूछा, “क्या तकलीफ़ है आपको?”
हम बोले, “इश्क़ हुआ है, बाक़ी सब ठीक है साहब।”
नींद गई, चैन गया, भूख ने भी इस्तीफ़ा दे दिया,
मोबाइल हाथ से चिपका है जैसे फ़ेवीक्विक लगा हो कोई अदृश्य दीदार।
पहले जो फ़िल्में बोरिंग लगती थीं, अब सब रोमांटिक हो गईं,
सब्ज़ी भी मुस्कुराने लगी, दाल में भी शायरी उभर आई है कहीं।
दोस्त कहते हैं, "भाई हमसे भी बात कर लिया कर,"
हम कहते हैं, "नेटवर्क नहीं है,"
असल में नेटवर्क तो दिल में फुल सिग्नल पर है मगर!
पैसे का वजन हल्का हो गया,
जेब डाइट पर चली गई,
चॉकलेट, गिफ्ट और कैंडल में
पूरी तनख़्वाह घुल गई।
गूगल अब डॉक्टर नहीं,
बस उसी की डीपी ढूँढता है,
हम हर पोस्ट में उसी जैसा चेहरा
फ़िल्टर लगाके गढ़ता है।
पहले हम शेर थे, अब टेडी बन गए,
पहले आग थे, अब कैंडल बन गए,
मोहब्बत ने ऐसा मेकओवर किया,
कि हम खुद के ही फ़ैन पेज बन गए।
और जब मोहब्बत ने अचानक मुँह मोड़ लिया,
तो साइड इफ़ेक्ट पूरा कमाल दिखा गया,
जो हँसी मुफ्त में बाँटते थे,
वो "दर्द" पर कविता लिखने लग गए।
अब हर नए इश्क़ से पहले
एक सवाल ज़रूरी हो गया है
“भाई इलाज मिलेगा या
फिर से एडमिशन वहीं होगा?”
आर्यमौलिक
Nency R. Solanki
વ્યક્તિના વર્તનમાં આવેલું પરિવર્તન
અને કંઈપણ સ્વીકારી ન શકવાની વૃત્તિ
જ દુઃખનું મુખ્ય કારણ બને છે.
- Nency R. Solanki
Tr.Anita Patel
કોઈ વ્યક્તિને મારા વિચારોની હરોળમાં સમકક્ષ માનું,
ત્યાં તોએ પોતાનું પોત પ્રકાશી લે.
"ચારણીથી ચાળી ચાળી ને ચાળું હું થુલું,
તો ક્યાંથી નીકળે એ અનાજ?"
પછી મારું મન એવું માની લે.
-@nugami❤️
Dr Darshita Babubhai Shah
मैं और मेरे अह्सास
मनुहार
यादों का बादल घना हैं l
मनुहार से जिवन भरा हैं ll
परेशान ना किया करो l
दिल मोम का बना हैं ll
सोच समझकर जियो l
ख़ुदा का पहरा तना हैं ll
"सखी"
डो. दर्शिता बाबूभाई शाह
kattupaya s
It's rainy all day long. life is so difficult. but meeting friends is always happy moment. Good morning friends. have a great day
Saliil Upadhyay
यदि तुम्हारे अंदर खुद को बदलने की ताकत नहीं है तो तुम्हारा कोई अधिकार नहीं की तुम भगवान या भाग्य को दोष दो....!
Soni shakya
🙏🙏सुप्रभात 🙏🙏
🌹आपका दिन मंगलमय हो 🌹
pink lotus
किस्मत रूठी है
किस्मत बनाने आदो थोडो रूठो है
और अगर कदी रूठ भी गयो तो
मना लगी मे न मानो तो मेभी बड़ी ज़िदी हु
जब तक माने गा नई तब तक मानती रहूगी
मना मना कर इतना मनाऊ गी रूठ ने वाले को प्यार हो जायेगा।
by:pink lotus ❣️🌸
for my gorkshnath ji kali maa and shiv ji ❣️🌸👀
Shikha
তুই ছিলি
তুই ছিলি আমার কাছে
সাত রাজার ধন—এক মানিক।
তুই ছিলি এমন জনা,
যাকে কল্পনা করে
অন্যের ঠোঁটে ঠোঁট মেশে না।
তুই ছিলি এমন জনা,
যার কথা ভেবে
অন্যের শরীর কাছে টানি না।
তুই ছিলি এমন জনা,
যাকে ভালোবেসে
ভাবনাতেও হাজার জগৎ গড়া।
তুই আমার সবচেয়ে প্রিয়—
তোকে বাস্তবে পাওয়াটা
একটা অলীক স্বপ্ন শুধু।
- কলমে শিক্ষা
GANESH TEWARI 'NESH' (NASH)
मदद हेतु इस जगत में, फैलाया जब हाथ। सदा हाथ खाली रहा, मिला न हमको साथ।।
दोहा--335
(नैश के दोहे से उद्धृत)
----गणेश तिवारी 'नैश'
Tru...
“કોઈને યાદ કરવું એ દુનિયાની સૌથી સુંદર લાગણી છે…
દિલ અહીં,
અને ધબકાર ત્યાં—જ્યાં તમે…”
Dinesh
*🙏જય બાબા સ્વામી*🙏
*આજનો સુવિચાર*
ભાગ્યની બત્તી ચાલુ હોય કે બંધ, પણ કર્મનાં દીવાને ફૂંક ના મરાય.
*શુભ સવાર*
Bhavna Bhatt
લોકો દુખતી નસ દબાવે
Muskurahat
हर किसीको कहना या कहकर समझना,
उसे तो अच्छा है की खुद को खामोश करके,
खुदको समझा लेना....
लेकिन कब तक?
एक हद तो हर किसकी होती है,
इम्तिहान आखिर कब तक?
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
ek archana arpan tane
દીલ તકલીફ માં છે ને તકલીફો આપવાવાળા લોકો દીલ માં જ છે.
- ek archana arpan tane
archana
आज का युग वही है...
पैसा फेंक — तमाशा देख।
इज़्ज़त, रिश्ते, भावनाएँ?
सबकी कीमत बस नोटों में लेख।
- archana
Prashant Singh
“Kuchh hi waqt mein meri umra bhar jayegi…
Soch yahi rahegi ya badal jaayegi?
Bas kuch ghanton mein ek aur saal poora…
Happy Birthday to me.”
Prashant Singh
“Kuchh hi waqt mein meri umra bhar jayegi…
Soch yahi rahegi ya badal jaayegi?
Bas kuch ghanton mein ek aur saal poora…
Happy Birthday to me.”
InkImagination
Good night friends 🌌🌌
Fazal Esaf
जगाच्या गर्दीत माणूस एकटाच राहतो,
आवाज मिळत नाही, फक्त प्रतिध्वनी ऐकू येतात.
मनच्या खिडक्या उघडताना,
आठवणी धुळीसारख्या उडतात.
कधी हसू, कधी अश्रू — आयुष्य फक्त रंगवते.
by Fazal Abubakkar Esaf
Shefali
#shabdone_sarname__
#શબ્દોને_સરનામે__
#shabdone_sarname_
Manvi Chauhan
EHSAAS ❤️🩹💭
Tujh bin Mujhe iye EHSAAS hua ki...🖤🥀
Akela Pan kisse kehte hai..?
Saath Tera Jo छूटा mujhe logo ki asliyat se रूबरूब hua...🫂
Subha ki Roshni ki jagah abe mujhe...🌤️
Raat ki khamoshi Psnd ane lgi hai...🌒
andhero se darne wala me ...🌒❤️🩹
Abe andhero se yaarana jod liya..🤝🤞
Sach kaha karti thi tu...❤️🩹🥀
Koi nhi yaha tere sivaye mujhe Mera apna.
kehne wala...🫂
Tu Jo gyi me khud hi khud se dur ho gaya...🥺
Abe to khamoshi bhi chikh -chikh ke kehte hai....😭❤️🩹
Barbaadi ka raasta tune hi chuna tha...🫵💔
Teri yaadein bhi badi ajeeb hai
Kabhi hasati h 🙂 to kabhi rulati hai....😭
Sach me yaar Tere Jane ke Baad
mujhe tere kumi ka ehsaas hone lga...🫂❤️🩹
✍️..... manvi
Fazal Esaf
हातातली बेतमती कागदं, फोटो, जुनी ओळखपत्रं —
ते मला सांगतात, “किती माणसं एका रात्रीत बदलली.”
परंतु आत्मा बदलत नाही —
तो इतिहासाच्या धगधगाटांतही दीप्तो राहतो.
म्हणून मी विसरत नाही; जगण्याचा आदर देतो
Fazal Abubakkar Esaf
Fazal Esaf
कधी स्मशानभूमीवर उभं राहून विचार केलं,
“या धरणाऱ्या मेघांमुळे पावसाचं पाणी पहाटिंना कोठे जातं?”
जवळच्या कुंडीत डुंबलेलं पाणी
जसं शांत झुळझुळं करत होतं,
तसं मन अजूनही त्या पहाटेचं ओघ धरण्याचा इच्छितं
By Fazal Abubakkar Esaf
Unnati Gupta
मैं, नादान-सी हूँ, कुछ अनजान-सी हूँ,
रहती हूँ इस ज़िंदगी में, पर फिर भी गुमनाम-सी हूँ।
मुझे नहीं पसंद मैं,
मैं नादान-सी हूँ, अनजान-सी हूँ, और गुमनाम-सी हूँ...
हाँ, माना प्यार ख़ुद से करना चाहिए,
पर मुझे तो ख़ुद से नफ़रत चाहिए।
मैं सही नहीं, मैं प्यार के क़ाबिल नहीं,
इसलिए इस “मैं” को अब मैं नहीं चाहती...
मेरे लिए सब अच्छे हैं, पर मैं नहीं,
मुझे चाहिए किसी का साथ, पर मैं नहीं,
मुझे चाहिए कोई, पर मैं नहीं,
प्यारे हैं सब... पर मैं नहीं,
इसलिए खुश रहें सब... पर मैं नहीं... 💔
Parmar Mayur
વેરાન થઈ રહેલા
જીવનમાં.
તારું આગમન
વસંત જેવું લાગે છે.
- Parmar Mayur
રોનક જોષી. રાહગીર
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Rahul Raaj
वो मुस्कान जो कभी सुकून देती थी, अब दर्द देती है। शायद इसलिए कहते हैं यादें सबसे बड़ी सज़ा होती हैं..!!
कभी जिसकी एक झलक से दिल खिल उठता था, आज उसी की याद से साँसें भारी हो जाती हैं..!!
कभी बातें रूह को छू जाती थीं, आज ख़ामोशियाँ चुभने लगी हैं..!!
हम सोचते थे वक़्त के साथ सब ठीक हो जाएगा, पर वक़्त ने तो बस ये साबित कर दिया जिसे दिल से चाहो, वहीं सबसे गहरा घाव देकर जाता है..!!
काश कोई समझ पाता. हम हँसते ज़रूर हैं, पर अंदर से हर रोज़ थोड़ा-थोड़ा टूटते हैं..!!
यादें भी अजीब होती हैं, छोड़ती नहीं... और जीने देती नहीं
Krisha Reddy
🌙 Whispers of an Unseen Dawn 🌙
In the quiet hour before the sun,
When night is soft and nearly gone,
A silver hush drifts through the air—
A secret time, both still and rare.
The world sits gently in its dreams,
Wrapped in fading moonlit seams,
And every star that glows above
Feels like a distant, tender love.
The breeze arrives with stories old,
Of hidden truths the shadows hold,
Of wishes brushed by morning’s hand,
Awakening life across the land.
And as the sky begins to bloom,
Chasing off the velvet gloom,
The first light falls—so soft, so true—
A quiet promise made anew.
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