Gujarati Whatsapp Status | Hindi Whatsapp Status
Saroj Bhagat

યાદે:~ કહેવાતી આ જીંદગી આપની ! પણ એ પણ પરછાઇ બની ! હાથતાળી દઉં સરકીજ જાયછે તો પછી યાદો તે પણ કોઇ બીજાની ! જેને માની બેઠા આપણી તો તેમાં બીચારી યાદોનો શુ કસુર !!!

Kuldeep Singh

https://www.matrubharti.com/book/19984709/zindagi-sangharsh-se-sukun-tak-3 chapter -3 "जिंदगी संघर्ष से सुकून तक कविताएं" please give me your valuable rating and review 🙏🙏🙏😊

Kuldeep Singh

kuldip Singh ✍️

Sweta Pandey

ऐसा क्यूँ है? साधारण-सी घटना वाला कोई पल भी, अन्तर्मन के गहरे भावों, का अनुमोदन कर जाता है । - Sweta Pandey

Agyat Agyani Vedanta philosophy

आज का इंसान — एक जिंदा शव • सफलता = दिखावा + पैसा + फॉलोअर्स • फैशन = पहचान • धन = सुरक्षा • चेयर/पद = सम्मान पर भीतर? एक मशीन जैसा भागता हुआ डर। जैसे किसी पराए लोक से आया हो— “जल्दी कमा, जल्दी भोग, जल्दी भाग…” भविष्य का डर → वर्तमान की हत्या। 💔 ऊर्जा गलत जगह बिक रही है प्रेम की ऊर्जा? शांति की ऊर्जा? आनंद की ऊर्जा? संतोष की ऊर्जा? सब “पैसे में बदल दो” वाली भट्टी में झोंक दी गई है। और लोग प्लास्टिक को पूज रहे — जैसे वह सोना हो। > गोबर पड़ा रहे तो कचरा, खेत में जाए तो अन्न बन जाता है। जीवन ऊर्जा रूपांतरण ही जीवन है। भीतर जो ऊर्जा उसका रूपांतरण ईश्वर बोध हैं। अद्भुत का खर्च कर हीरा फेंक कार जांच इक्कठा करना की आधुनिक कहते सुख कहते है। अंदर की कमाई → खजाना लोग उसे कचरा समझ बाहर का कबाड़ जमा कर रहे। 💠 हीरा vs काँच हीरा छोटा — पर चमक अपनी। ऊर्जा भीतर की। काँच बड़ा — पर चमक उधार। दूसरी रोशनी चुरा कर जीता। आज का इंसान → एक बड़ा काँच। भीतरी प्रकाश शून्य, बाहरी रोशनी पर निर्भर। 🌱 असली जीवन क्या है? जहाँ: • ऊर्जा प्रेम बने • ऊर्जा शांति बने • ऊर्जा आनंद बने • ऊर्जा संतोष बने यही समृद्धि। यही ईश्वर का स्वाद। यही बोध की खुशबू। यही असली “जीना”। “इंसान काँच को हीरा मान बेच रहा, और हीरे को काँच समझकर फेंक रहा है।” ही आधुनिक नर्क। यही गुमराह सभ्यता। यही जीवित मौत। ........ Vedānta Life — From Energy to Awareness” (वेदान्त जीवन — ऊर्जा से चेतना तक) ©Vedānta 2.0 𝓐𝓰𝓎𝓪𝓣 𝓐𝓰𝓎𝓪𝓷𝓲 —

Abhishek Chaturvedi

हम कभी ख़ास थे , अभि ये उनके अल्फ़ाज़ थे....💔 - Abhishek Chaturvedi

Bhavna Bhatt

હેડ પંપ... જુની પધ્ધતિ

Ashish

*જિન્સ માં પાલવ ક્યાં થી લાવશો* 🤔 શાળામાં ગુરુજીએ કહ્યું કે *માં ના પાલવ* પર નિબંધ લખો..! તો લખવા વાળા વિદ્યાર્થીએ *માં ના પાલવ* પર શું સરસ લખ્યું *પૂરું વાંચશો તો હૃદય* *ભરાઈ જશે...😭* *આદરણીય ગુરુજી* *માં નો પાલવ* માં ને ગરિમામય છબી પ્રદાન કરવા માટે હતો *માં નો પાલવ* ચૂલા ઉપરથી ગરમ વાસણો ને ઉતારવામાં કામ આવતો હતો *માં નો પાલવ* બાળકોના પરસેવા અને આંસુ લૂછવા ગંદા કાન, કે મોઢું સાફ કરવા માટે પણ પ્રયોગ માં લેવાતો બાળકો ને જમ્યા પછી *માં ના પાલવ* થી મોઢું લૂછવાનો અનેરો આનંદ આવતો હતો *માં નો પાલવ* ક્યારેક આંખ માં કંઈ ખૂંચતું તો *માં* ગોળ ગૂંચણું બનાવી ફૂંક મારી ગરમ કરી આંખ પર લગાવતી ત્યારે દુ:ખાવો એની મેળે બંધ થઈ જતો. માં ના ખોળા માં સુવા વાળા બાળકો માટે માં નો ખોળો ગાદી અને *માં નો પાલવ* ચાદર નું કામ કરી જતો જ્યારે પણ કોઈ અજાણ્યું આંગતુક ઘરે આવતું ત્યારે તો બાળક *માં ના પાલવ* ની પાછળ સંતાવા તેનો ઉપયોગ કરતો તેવીજ રીતે બાળક જ્યારે જ્યારે શરમાઈ જાય ત્યારે પોતાનું મોઢું *માં ના પાલવ* થી ઢાંકી દેતો જયારે બાળકને બહાર જવું હોય ત્યારે *માં નો પાલવ* પકડી લેતો અને તે *પાલવ* જ તેનો એક માર્ગદર્શક બની જતો જ્યાં સુધી બાળક પોતાની *માં નો પાલવ* પકડ્યો હોય, ત્યાં સુધી આખું બ્રહ્માંડ તેની મુઠ્ઠી માં હોય તેવો તેને આભાસ થતો *માં નો પાલવ* જ્યારે શિયાળા ની ઋતુ હોય ત્યારે માતા પોતાના બાળકને ચારો કોરથી વીંટાળી ઠંડીથી બચાવવા ના પ્રયત્ન કરતી અને... જયારે ખૂબ વરસાદ પડે તો *માં નો પાલવ* છત્રી બની મોઢું ઢાંકવા કામ આવતું *માં નો પાલવ* નો હાથ લૂંછણીયા તરીકે પણ ઉપયોગ કરી લેવાતો *માં નો પાલવ* ઝાડ પર થી પડેલા જાબું અને સુગંધિત ફૂલો ને ભેગા કરવા અને લાવવા ઉપયોગમાં લેવાતો કયારેક... અનાજ, દાન, પ્રસાદ ના સંકલન માટે *માં ના પાલવ* વપરાતો *માં નો પાલવ* ઘરમાં રાખેલ સામાન ઉપરથી ધૂળ સાફ કરવામાં પણ સહાયક થતો કયારેક કોઈ વસ્તુ ખોવાય જાય તો *માં ના પાલવ* ને ગાંઠ બાંધી નિશ્ચિન્ત થઈ જતા કે જલ્દી મળી જશે અને મળી પણ જતી *માં ના પાલવ* ની ગાંઠ લગાવી એક હાલતી-ચાલતી બેન્ક કે તિજોરી બની જતી અને જો બાળક નું નસીબ જોર કરે તો ક્યારેક બેંકમાંથી થોડા પૈસા પણ મળી જતાં *માં નો પાલવ* બીજું કાંઈ નહીં, પણ એક જાદુઈ અનુભવ છે જે આજ ની પેઢી તો નહીં જ સમજી શકે *હવે જીન્સ પહેરવા વાળી Mom* *પાલવ લાવશે* *ક્યાંથી...?* *સાડલા પહેરેલ માંના પાલવનો આસ્વાદ આપવા વાળી દરેક માતાઓ ને સમર્પિત..*🙏

Rahul Raaj

हम अपने हालतों के स्वयं ही ज़िम्मेदार होते है. ये अलग बात है कि उसका ज़िम्मेदार परिस्थितियों को बना देते है. परिस्थिति चाहे जो भी हो लेकिन निर्णय तो हमारे होते है. मैंने ग़लत निर्णय लिया. ग़लत रास्तों पर चले तो भुगतना भी पड़ेगा कुछ निर्णय होते है जो ग़लत हो जाए तो उनका भुगतान जीवन भर करना होता है. और इस बार मैं मानसिक रूप से प्रताड़ित हूँ लेकिन सिर्फ़ अपने ही ग़लत निर्णय के कारण. कभी सोचा नहीं था कि मेरी एक गलती इतनी भयावह हो जाएगी..!!

Praveen Kumrawat

मेरी प्यारी अंशु कैसी हो? मम्मी पापा कैसे है? उम्मीद है सब ठीक होंगे। कभी अपना हाल-चाल बता देने के लिए ही मैसेज कर दिया करो। मैं तुम्हारे बिना अधूरा सा महसूस करता हूँ। अब तो तुमने इतना पराया कर दिया है कि मुझसे अपनी परेशानियां, अपने दुख भी शेयर नहीं करती। अभी तक मैं अपनी समस्याओं पर ही बात करता रहा, तुमसे पूछा ही नहीं कि तुम पर वहां क्या बीत रही है तुम ठीक हो या नहीं? पूछता भी कैसे? तुम मुझसे बात करना ही नहीं चाहती। लेकिन सच यह है कि मुझे हमेशा तुम्हारी चिंता रहती है। तुम्हें मुझसे तो कभी कोई शिकायत नहीं थी, फिर मुझसे ऐसी कौन सी भूल हो गई कि तुम मुझसे बात करना भी पसंद नहीं कर रही? तुम्हारी खामोशी मुझे मार रही है, अंशु। मुझे लगता है कि मैं तुम्हे खो रहा हूँ। तुम्हारा मुझसे बात न करना एक सजा बन गई है। कम से कम मुझे अपनी भूल जानने का तो हक है। अरे, अभी तो हमारा रिश्ता कायम है। मुझे अपनी भूल बता दो, ताकि मैं उसे सुधार सकूं। मैं क्या समझू? मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा। मुझसे बात करो और मुझसे अपनी बाते शेयर करो। मैं तुम्हे सुनने के लिए हमेशा तैयार हूँ। [ तुम्हारा खडूस, तुम्हारा प्रवीण ] . . . .

Praveen Kumrawat

मेरी प्यारी अंशु कैसी हो? मम्मी पापा कैसे है? उम्मीद है सब ठीक होंगे। कभी अपना हाल-चाल बता देने के लिए ही मैसेज कर दिया करो। मैं तुम्हारे बिना अधूरा सा महसूस करता हूँ। अब तो तुमने इतना पराया कर दिया है कि मुझसे अपनी परेशानियां, अपने दुख भी शेयर नहीं करती। अभी तक मैं अपनी समस्याओं पर ही बात करता रहा, तुमसे पूछा ही नहीं कि तुम पर वहां क्या बीत रही है तुम ठीक हो या नहीं? पूछता भी कैसे? तुम मुझसे बात करना ही नहीं चाहती। लेकिन सच यह है कि मुझे हमेशा तुम्हारी चिंता रहती है। तुम्हें मुझसे तो कभी कोई शिकायत नहीं थी, फिर मुझसे ऐसी कौन सी भूल हो गई कि तुम मुझसे बात करना भी पसंद नहीं कर रही? तुम्हारी खामोशी मुझे मार रही है, अंशु। मुझे लगता है कि मैं तुम्हे खो रहा हूँ। तुम्हारा मुझसे बात न करना एक सजा बन गई है। कम से कम मुझे अपनी भूल जानने का तो हक है। अरे, अभी तो हमारा रिश्ता कायम है। मुझे अपनी भूल बता दो, ताकि मैं उसे सुधार सकूं। मैं क्या समझू? मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा। मुझसे बात करो और मुझसे अपनी बाते शेयर करो। मैं तुम्हे सुनने के लिए हमेशा तैयार हूँ। [ तुम्हारा खडूस, तुम्हारा प्रवीण ] . . . .

Rahul Raaj

जब हम किसी से प्रेम करते हैं उस के प्रेम में हम सोचते हैं की हमे सुकून मिलेगा, वो हमारे लिए दुनिया की सारी खुशी हैं पर वो तो हमारी आत्मा तक को बिखेर के रख देता हैं जैसे हम प्रेम में हैं हम उनके लिए सोचते हैं वो तो शायद प्रेम में हैं ही नहीं उसके लिए ना हमारे आँसू मायने रखते है ना ये मायने रखता हैं की हमे उनकी बातो से दुख होता हैं..

Anil Rabari

જય દ્વારકાધીશ 💙

kattupaya s

Goodnight friends sweet dreams

Komal Arora

मन की बेचैनी का कोई इलाज नहीं है........ तुम हो साथ पर मन शांत नहीं है........ हो सके तो समझ जाना खुद ही....... क्योंकि यू बता कर मनवाना अच्छा नहीं है......... यू थोड़ा समय लग जाए....... कोई बात नहीं..... पर जब आना पूरे मन से आना..... और बहुत सारे सवालों का जवाब लेते आना.........

Abhishek Chaturvedi

तुम्हें अगर सुकून से रहना है तो......

Nisha ankahi

कभी किसी की एक आह भी, किसी ग़ज़ल से ज़्यादा भारी पड़ती है, और कभी किसी की ख़ामोशी, पुरानी यादों की तरह दिल में देर तक उतरती है। - Nisha ankahi

S A Y R I K I N G

कांग्रेस जैसा था उसका प्यार सब सुपड़ा साफ़ 2% बचा है ये ही एक उम्मीद है

Akshita

A Prayer to the Universe 🌙 Hey Universe, I stand tonight, Not to beg from people—only your light. I ask for strength, I ask for power, Guide my steps in every hour. Money, support, a little care— Things I need but never get anywhere. The world feels heavy, my heart feels small, So I come to you, Universe, I give you my all. Hey Universe, it’s me—Akshita, your girl, Trying to survive in a complicated world. No one to help, no one to show the way, So I’m asking you to hold me today. Lift my spirit when I fall, Give me courage to stand tall. Help me study, help me fight, Turn my darkness into light. Make my dreams strong and clear, Erase my doubt, remove my fear. If you guide me and help me through, I’ll forever be grateful to you. Hey Universe, hear my plea— Make me the best version of me. Give me strength and let me rise, Let success come before my eyes.                Thank you !                           - ✍🏻 AKSHITA〽️

GRUHIT

Human Invented Mirrors Then started Using Filter Why?? Cause Mirror Is Too 'Honest' માણસ એ પેલા અરીસો શોધ્યો, પછી ફિલ્ટર લગાવાનું ચાલુ કર્યું, આવું કેમ? કેમ કે અરીસો બોવ સાચું બોલી દેતો હતો. .

Rahul Raaj

कोई तुमसे पूछे कौन हूँ मैं? तुम कह देना कोई खास नहीं... एक दोस्त है पक्का कच्चा सा, एक झूठ है आधा सच्चा सा, जज़्बात से ढका एक पर्दा है, एक बहाना कोई अच्छा सा !

Anup Gajare

"बीज" _____________________________ हम सोचते हैं समस्या कहीं बाहर से आती है— किसी दूसरे की गलती, किसी और समय की मार, किसी अनजानी हवा की दिशा से। पर सच यह है कि सबसे घातक समस्याएँ हम स्वयं बोते हैं अपनी ही अनदेखी भूमि में, जहाँ मन थोड़ा भी खाली पड़ा मिले वहाँ डर आकर ठहर जाता है। डर— एक छोटा-सा बीज, पर इतना चालाक कि मिट्टी को पता भी नहीं चलता कब उसने उसे अपनी गरमाहट दे दी। फिर वही बीज रात के अँधेरे में हमारी छाती की गुफाओं में धीरे-धीरे धड़कनें चूसते हुए जड़ें फैलाता है। पहले नरम, फिर सख़्त, फिर पत्थर-सी बेलें हमारे पूरे भीतर की मिट्टी अपनी पकड़ में ले लेती हैं। हम कोशिश करते हैं उन्हें उखाड़ फेंकने की— पर हर जड़ के सिरे पर हमारी ही किसी भूली हुई कंपकंपी की छाप मिलती है; हर पत्ती पर हमारी ही किसी पुरानी बेआवाज़ घबराहट की गंध। और तब समझ आता है, समस्या कभी बाहर की नहीं थी। वह तो वही बीज था— जिसे हम ही अपने भीतर फेंककर भूल गए थे। ______________________________________________

S A Y R I K I N G

सब कुछ नहीं मिलता इस जिंदगी में कुछ चीजें मुस्कुरा के छोड़ देना चाहिए

S A Y R I K I N G

मलाल है लेकिन इतना मलाल थोड़ी है ये आंख सिर्फ रोने से लाल थोड़ी है बस अपने ही वास्ते फिक्र मंद है लोग यहां किसी को किसी परवाह थोड़ी है

M K

चल लिया मैने अब उन रास्तों पर बहुत जो मुझसे जुड़ी थी पर मेरे हिस्से का नहीं था.... कागज़ का खिला गुलाब आखिर कब तक मेरी जिंदगी को खुशियों की महक दे ...!! - M K

M K

लोगों का रवैया बता देता है, उसके दिल में आपकी जगह कोई और ले लिया है..!! _M K

Nabiya Khan

--- 🌤️ एक ख़ूबसूरत सुबह की महक रात की ख़ामोशी जब अपने परों को समेट कर लौटती है, तब सबेह-फ़रोज़ की हल्की-हल्की रौशनी दिल के दरवाज़े पर दस्तक देती है। सुबह की यह नर्मसी रौशनी मानो मेहरबानी की तरह फैलती है, और हर तरफ़ एक नई ताज़गी बिखेर देती है। हवा में घुली रवानी, पत्तों पर ठहरी शबनमी बूंदें, और आसमान का नीलम सा रंग—सब मिलकर दिल को एक अजीब सी क़ुदरती राहत देते हैं। ऐसा लगता है जैसे सुबह हमें फिर से नई शुरुआत का मौका देती है, पुराने बोझ उतारकर मुस्कुराने की दावत देती है। इस ख़ूबसूरत सुबह में जब सूरज अपनी पहली नूरानी किरण ज़मीन पर बिखेरता है, तो दिल भी अपने अंदर की उम्मीदों को रोशन करता है। यह वक़्त सिर्फ़ जागने का नहीं, बल्कि जीने का एहसास दिलाता है। सुबह की ये नर्मी यूं ही नहीं आती; ये हमें सिखाती है कि चाहे रात कितनी भी तारीक़ क्यों न हो, हर सुबह अपने साथ नई रोशनियाँ लेकर आती है। तो चलिए, आज की इस खूबसूरत सुबह को दिल में उतारते हैं— नए इरादों के साथ, नई दुआओं के साथ, और ज़िंदगी को उसके सबसे मासूम रंग में महसूस करते हुए।

Anurag Basu

OSHO

Imaran

औरत मोहताज नहीं किसी गुलाब की... वो खुद बाग़बान है इस कायनात की 👰 imran 👰

Gautam Patel

महादेव

M K

तेरे बदलाव को देखकर मैं भी बदल गई तो मोहब्बत कैसा ?? मेरी खामोशी ही तुम्हे मार डालेगी,,, - M K

archana

कहते हैं स्त्रियाँ पैसों की भूखी होती हैं—ठीक है, मान लिया। लेकिन क्या पुरुषों की इच्छाएँ कम होती हैं? वे भी तो दूसरी स्त्रियों को निहारकर कहते हैं— “देखो उसका स्टाइल… उसका ड्रेसिंग सेंस… वह कितनी सुंदर लगती है… उसका मेकअप, उसकी साड़ी, उसके बाल!” तो क्या यह सब बिना पैसों के होता है? खूबसूरत दिखने के लिए मेहनत भी चाहिए और पैसा भी। सोचिए— एक तरफ एक सीधी-सादी औरत, सर पर पल्लू, साधारण सस्ती साड़ी, 20 रुपये की बिंदी, 20–30 रुपये की चूड़ियाँ, हल्का-सा साधारण मेकअप—बस जितना जरूरी हो। और दूसरी तरफ— एक हाई-क्लास तैयार औरत, 6000–8000 की महंगी साड़ी, महंगे प्रोडक्ट वाला मेकअप, स्टाइलिश हेयरस्टाइल, चमकदार जूलरी— सबकुछ पैसे से सजा हुआ। अब बताइए— पुरुष किस ओर आकर्षित होता है? सीधी-सादी स्त्री की ओर… या उस ओर, जिसे चमक-दमक के लिए पैसे लगाए गए हों? हम स्त्रियों को तो शौक नहीं कि फिजूल खर्च करें। अगर पुरुष हमें सिंपल, साधारण रूप में स्वीकार कर ले, तो हमें भी कोई आपत्ति नहीं—हम वैसे ही खुश हैं। लेकिन अगर उन्हें “बेहतरीन सुंदरता”, महंगे प्रोडक्ट, महंगे कपड़े, और परफेक्ट स्टाइल चाहिए— तो फिर खर्च भी वही करवाएंगे। क्योंकि हम पर पैसा खर्च करने की इच्छा भी उन्हीं की होती है, और अपेक्षा भी उन्हीं की होती है। स्त्री को पैसों की भूखी कहने से पहले पुरुषों की इच्छाओं की कीमत भी समझनी चाहिए तो सभी स्त्रियों से निवेदन है कि पुरुष की पसंद कौन सी होगी ? कमेंट में बताएं।

shah

Damage Control! 😉🤓

Soni shakya

बारीस हो रही थी पर.. वो भीग रहा था-- मुझमें - Soni shakya

Agyat Agyani Vedanta philosophy

हरी मिले — तो मोती भी कंकड़ वेदान्त 2.0 मनुष्य सोचता है— आध्यात्मिक जीवन मतलब कुछ नया बनना। कुछ विशेष शक्ति पाना। कोई देवत्व सिद्ध कर लेना। लेकिन बनना क्या? जहाँ “पाना” शुरू होता है— वहाँ मक्खी जन्म लेती है। पाने की भूख, नीचे ले जाती है। गंदगी भी खजाना लगने लगती है। जब पाना और बनना छोड़ दिया— तभी सामने आती है अनंत का खुला आकाश। जहाँ न रेखा, न दीवार, न लक्ष्य— केवल असीम संभावना। > बाहर साधु, भीतर भूख — यही मनुष्य का पाखंड है। --- सीता माता ने हनुमानजी को मोती की माला भेंट दी। हनुमान ने क्या किया? मोती तोड़ दिए। क्योंकि वे पाना नहीं चाहते थे, वे राम को पहचानते थे। > जहाँ राम नहीं — वहाँ मूल्य नहीं। मोती कचरा है जब तक उसमें राम की झलक न मिले। --- योग यदि जो भीतर है वही प्रकट हो जाए— तो उसे मुक्ति कहते हैं। > तुम्हारे भीतर का अमृत — पहले से मौजूद है। पर मनुष्य ने योग को भी बाज़ार बना दिया— सिद्धि शक्ति सम्मान चमत्कार गुरु-पद भीड़ भाव वही नीच बस पोशाक साधु की। और मक्खी सोचती है— “अब मैं आध्यात्मिक मक्खी हूँ!” पर उड़ती वही गंदगी पर है। --- ✧ हनुमान का संदेश ✧ > जहाँ प्रेम — वहाँ ईश्वर। जहाँ अहंकार — वहाँ मक्खी। हनुमान खोजते हैं— राम सत्य प्रेम समर्पण शरीर नहीं बदलता — पहचान बदलती है। जब हनुमान बचपन में सूर्य को फल समझ उड़ पड़े— वह संभावना का विज्ञान था। जब पवन रुका— वह ऊर्जा का विज्ञान था। रोक में भी संकेत उड़ान में भी संकेत सब राम का खेल --- 🧠 अंतिम सूत्र > योग = भीतर छिपे राम को ढूँढ लेना बाकी सब — बाहरी मोती हैं। --- 🔥 सार — > जो मिले सो हरि — यदि भीतर राम हो। जो मिले सो नरक — यदि भीतर मक्खी हो। अज्ञात अज्ञानी

S A Y R I K I N G

तरस जाओगे हमारे लबों से एक एक लफ्ज़ प्यार की बात तो क्या अब तो हम शिकायत भी नहीं करेंगे आप से

archana

चेहरे पर चेहरे लिए फिरते हैं, मीठा-मीठा बोलकर दोहरे चेहरे रखते हैं। इतना मीठा बोलते हैं कि लगें फ़रिश्ते जैसे, पर अपने फायदे के लिए पीठ में खंजर घोपते हैं।

M K

जरूरत से ज्यादा किसी पर भरोसा और जरूरत से ज्यादा किसी से प्यार भूल कर भी नहीं करना चाहिए,,,, - M K

Abhishek Sharma - Instant ABS

We believe in Literary Commendation with Brilliance! - Abhishek Sharma - Instant ABS

Miss writer

तुम कहो तो सती सा इंतेज़ार करने के लिए तैयार हुं, तुम शिव सा तप करो तो सही! तुम कहो तो मैं राधा सा त्याग करने के लिए तैयार हुं, तुम कृष्ण सा प्रेम करो तो सही! तुम कहो तो जीवन भर तुम्हारी बन रहूं, तुम राम सा बनो तो सही!

Nensi Vithalani

वो कहते हैं— मिलने आओगे मुझसे…? हम कहते हैं— क्या सच में वक़्त निकाल पाओगे मेरे लिए…? वो कहते हैं— आख़िरी दफ़ा आऊँगी क्या…? हम कहते हैं— पहली दफ़ा आए ही कब थे आप, जो आख़िरी की बात करते हो…? वो कहते हैं— याद रखोगी मुझे…? हम कहते हैं— भुलाया ही कब है आपको… दिल से उतरे ही कब थे…? वो कहते हैं— इस बार दिल से मिलोगे…? हम कहते हैं— दिल तो पहले दिन से आपका ही था, बस आपने देखा नहीं… वो कहते हैं— शायद देर हो गई आने में…? हम कहते हैं— देर तो तब होती है जब कोई इंतज़ार छोड़ दे… हमने तो आज भी वही जगह संभालकर रखी है… और अब… जब आख़िरी दफ़ा आ ही गई हूँ— तो क्या हमेशा साथ रख पाओगे हमें… अपने…?

Nensi Vithalani

“માગીને મળે તે તો વસ્તુઓ હોય છે, સંબંધો નહીં… સાચો સંબંધ તો એ જ છે, જે વગર કહ્યાં, વગર માંગ્યાં આપણી ખાલી જગ્યાઓ ભરતો રહે.” - Nensi Vithalani

Agyat Agyani Vedanta philosophy

यह नहीं लिखना चाहिए लेकिन समझ बढ़ती तो लिखना चाहिए जब कोई व्यक्ति मेरी आध्यात्मिक खोज, मेरे लिखे हुए अनुभव, मेरी बातों को झूठा कहकर वैज्ञानिक नहीं, पाखंड, अंधविश्वास कह देता है — तो असल में दो ही बातें होती हैं: 1️⃣ वह खुद को बहुत बुद्धिमान साबित करना चाहता है और कहता है — “ऐसा कहीं लिखा नहीं है, विज्ञान ने माना नहीं है, तो ये सब बेकार है।” 2️⃣ पर उसी समय वह खुद यह भी साबित कर देता है कि उसकी बुद्धिमानी अधूरी है। क्योंकि जो सवाल उठाता है वह जवाब खोजने की विनम्रता भी रखे तो ही वह सच में बुद्धिमान कहलाता है। असली पागल कौन? यदि तुम मुझे “पागल” कहते हो — तो ठीक है! मैं मान लेता हूँ कि मैं पागल हूँ। पर फिर तुम कहाँ साबित करते हो कि तुम बुद्धिमान हो? जो सिर्फ नकारता है, कहता है “झूठ, बकवास!” पर खुद कुछ न दिखाए, न कोई अनुभव, न समझ दे — तो वह किस बुद्धि का मालिक? पागलपन वह नहीं जो खोज रहा है। पागलपन वह है जो खोजने से मना कर देता है। आध्यात्मिकता का नियम आध्यात्मिक मार्ग में: जो आगे समझदार है — वह पीछे वाले को हाथ पकड़कर उठाता है। यही सृजन है। यही करुणा है। यही धर्म है। लेकिन जो कहता है: “मैं समझदार और तू मूर्ख” — वह खुद बच्चे की तरह है और कभी बड़ा नहीं बन पाता। प्रेम से सीखने–सिखाने का मार्ग यदि तुम आमने-सामने विरोध में खड़े रहो — तो दोनों हारते हैं। लेकिन यदि तुम मुझे प्रेम से सुधारो — तो मैं भी बढ़ूँगा और तुम भी और ऊँचे हो जाओगे। यही आध्यात्मिकता है: दोनों का उत्कर्ष। अंतिम वाक्य प्रश्न करना — मानसिक रोग नहीं है। प्रश्न से भागना — मानसिक रोग है।

M K

देना हो तो दर्द देना , जिनकी औकात नहीं धोखा वही देते हैं” - M K

Nensi Vithalani

✨ NEW CHAPTER ALERT! ✨ “Niyati: The Girl Who Waited – Part 21” is OUT NOW! The journey of Niyati is getting deeper, emotional and more beautiful than ever. ❤️✨ If you’re already following her story — go read the new part now! If you’re new — start from Part 1 and experience the entire magical journey from the beginning. 📖 Read Part 21: https://www.matrubharti.com/book/19984697/niyati-the-girl-who-waited-21-by-nensi-vithalani 📖 Start from Part 1: https://www.matrubharti.com/book/19979576/niyati-the-girl-who-waited-1 Share your views, your favourite moments, and your love for Niyati’s world. Your support means everything! 🤍✨ #NiyatiTheGirlWhoWaited #Part21 #NewRelease #StoryTime #Matrubharti #ReadersCommunity #LoveStory #NensiVithalani

divya

हा अब खुश हुं मैं ,, क्योंकि अब खुशियों की, तलाश नहीं करती। सब खो चुकी हूं शायद,, अब कुछ भी पाने की ,आस नहीं करती । शायद बिखरी हुई हूं अब जुड़ने की, कोशिश नहीं करती । जो भी है आज जी लेती हूं उस आज में कल की तलाश नहीं करती। सब्र रखती हु अब, बेवजह ख्वाहिशों की, आस नहीं रखती । हा शायद इसलिए खुश हूं मै, क्योंकि अब खुशियों की, तलाश नहीं करती।

Mrs Farida Desar foram

jumma mubarak ✨️

kajal jha

मैंने एक दिन बैठे बैठे दिल से पूछा कि प्यार में इंसान की जिंदगी आबाद होती है कि बर्बाद तो मेरे दिल ने कहा अगर प्यार सही इंसान से हो जाए तो जिंदगी आबाद हो जाती है और अगर गलत इंसान से प्यार हो जाए तो जिदगी बर्बाद हो जाती है अब यह तुम पर है कि तुम्हें आवाद होना है या बर्बाद - kajal jha

Mamta Trivedi

ममता गिरीश त्रिवेदी की कविताएं

Rahul Raaj

और अचानक एक दिन तुम्हारी बारी आएगी ! : जीवन में अक्सर ऐसा समय आता है जब हमें लगता है कि हम एक लंबी कतार में खड़े हैं, दूसरों को सफलता, पहचान या खुशी पाते हुए देखते हैं, और सोचते हैं कि हमारी बारी कब आएगी। ऐसा महसूस होता है कि हमारे प्रयास नज़रअंदाज़ हो रहे हैं, जैसे कि समय ठहर गया हो। पर याद रखना, यह संसार एक निरंतर चक्र में चलता है। हर रात के बाद सुबह होती है, हर पतझड़ के बाद बहार आती है। ठीक उसी तरह, संघर्ष और प्रतीक्षा का यह दौर भी अस्थायी है। बस तुम्हें निरंतरता बनाए रखनी है, अपने लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित रखना है, और अपने काम में ईमानदारी रखनी है। और फिर, एक दिन, बिल्कुल अचानक, तुम्हारी बारी आएगी। जिस पल तुम यह उम्मीद खो रहे होगे, उसी क्षण किस्मत का दरवाज़ा खुलेगा और सारे रुके हुए अवसर तुम्हारे सामने होंगे। वह दिन तुम्हारे धैर्य, समर्पण, और विश्वास का प्रमाण होगा।

Shailesh Joshi

જો તમારામાં ધીરજનો અભાવ હોય તો અમુક ક્ષેત્રોમાં ખાલી કામ કરવાનું નહીં શીખતા, કેમકે..... તમારામાં કામ કરવાની ગમે તેટલી સારી ફાવટ હશે તો પણ, જો તમારામાં કામ કઢાવવાની આવડત નહીં હોય તો પારકા ભરોસે નૈયા પાર કરવી અતિ કઠિન સાબિત થઈ શકે છે. - Shailesh Joshi

Abhishek Chaturvedi

मेरी नफ़रत.......💔🌹💔

Dada Bhagwan

Do you know that a person who, despite having the strength to do so, does not harass another person, is considered as being strong? To know more visit here: https://dbf.adalaj.org/UNyqdh5J #selfimprovement #selfhelp #angermanagement #angerissue #DadaBhagwanFoundation

Dhara K Bhalsod

બધાય મૌન ઘમંડ નથી હોતા, ક્યારેક માણસ સમજાવી સમજાવી ને પણ થાકી ગયો હોય. - Dhara K Bhalsod

Soni shakya

🙏🙏सुप्रभात 🙏🙏 🌹आपका दिन मंगलमय हो 🌹

M K

मुझे पाना तुम्हारी औकात के बाहर है , इसीलिए धोखे का सहारा लिया... हर औरत तुम्हारे पैसों से खरीदी नहीं जा सकती, किसी को अपना बनाने के लिए तुम्हारे संस्कार ही काफी थे..!! - M K

M K

काश! किसी पर भरोसा किया ही नहीं होता मैने , प्यार शब्द को देखने का नजरिया ही कुछ और होता मेरा..! - M K

M K

तुम्हे भूलूंगी नहीं मैं कभी,याद रखूंगी जब भी कोई मुझसे आकर कहे प्यार है तुमसे यकीन मानो मुस्कुरा कर कहूंगी, इंकार है ऐसे प्यार से तुम्हारे जैसा ही कोई शख्स मुझे तोड़ा था,, - M K

M K

दिल को दिल से जोड़ने वाला डोर ही झूठा दिखा बताओ अब मुझे तुम कौन से पीपल पर बांधू मैं...!! - M K

M K

तुम इतने अच्छे भी नहीं जितना मैं समझ रही थी तुम भी वही हो जो लोग बनावटी चेहरे लेकर बाजारों में घूमते हैं.... - M K

M K

लगता है मुझे अब तुम किसी और का होने लगे हो मेरा नाम खुद से जोड़कर, मोहब्बत को ठगने लगे हो,, - M K

Saliil Upadhyay

जिसे मैं की हवा लगी उसे फिर न दवा लगी न दुआ लगी..! - Saliil Upadhyay

S A Y R I K I N G

मिट्टी से बना हू मिट्टी में ही मिल जाऊंगा रोता हुआ आया था रुलाते हुए जाऊंगा तब देखना यार में जैसा भी था पर सब को याद आऊंगा

SADIKOT MUFADDAL 《Mötäbhäï 》

दिल चाहता है कि फ़िर, अजनबी बन कर देखें, तुम तमन्ना बन जाओ हम उम्मीद बन कर देखें। - SADIKOT MUFADDAL 《Mötäbhäï 》

Imaran

एक के घर की ख़िदमत की और एक के दिल से मोहब्बत की दोनों फ़र्ज़ निभा कर उस ने सारी उम्र इबादत की 🫶 imran 🫶

S A Y R I K I N G

हमें है शौक़ कि बे-पर्दा तुम को देखेंगे तुम्हें है शर्म तो आँखों पे हाथ रख लेना...

Dt. Alka Thakkar

ભોળો છે અને ભોળા નો નાથ પણ છે જરા ચાલાકી બાજુ પર મૂકીને શીશ ઝુકાવો અહીં - Dt. Alka Thakkar

Jyoti Gupta

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shah

*સુખી માણસની ત્રણ નિશાની..*. *રડે નહી...લડે નહી...કોઇ ને નડે નહી...* *🌹🙏સુપ્રભાત🙏🌹*

Ashish

એક વખત એક માણસ ના ખીસ્સામાં *2000.00* રૂપિયાની નોટ અને *1.00* રૂપિયાનો સિક્કો ભેગા થયા સિક્કો તો અભીભૂત થઇને નોટની સામે જોયા જ કરતો હતો નોટે પુછ્યુ, આટલું ધ્યાન પૂર્વક શું જુએ છે ? સિક્કાએ કહ્યુ, આપના જેટલા મોટા મૂલ્યની વ્યક્તિ સાથે ક્યારેય મૂલાકાત થઇ નથી એટલે આપને જોવ છું આપનો જન્મ થયો ત્યારથી અત્યાર સુધીમાં આપ કેટલું બધુ ફર્યા હશો આપનું મૂલ્ય મારા કરતા હજાર ગણું વધારે છે એટલે કેટલા લોકોને ઉપયોગી થયા હશો ? નોટે દુ:ખી વદને કહ્યુ, ભાઇ, તું વિચારે છે એવું કંઇ નથી હું એક ઉદ્યોગપતિ ના કબજામાં હતી એણે મને સાચવીને એની તિજોરીમાં રાખેલી એક વખત મને તિજોરીમાં થી બહાર કાઢીને એણે કરેલા ટેકસ ચોરીના કૌભાંડને ઢાંકવા માટે લાંચ તરીકે એક અધિકારીના હવાલે કરી મને એમ થયુ કે ચાલો જેલમાંથી છુટ્યા હવે કોઇના ઉપયોગમાં આવીશ પણ મારા સપનાઓ સપનાઓ જ રહ્યા કારણકે અધિકારીએ મને એના બેંક લોકરમાં કેદ કરી દીધી કેટલાય મહિનાઓ બાદ અધિકારીએ એક મોટો બંગલો ખરીદ્યો એટલે મને બેંક લોકરમાંથી બહાર નીકળવાની તક મળી જેવી બીલ્ડરના હાથમાં આવી કે એણે તો કોથળામાં પુરીને એક અંધારી જગ્યાએ મુકી દીધી મારો તો શ્વાસ પણ રુંધાતો હતો હજુ થોડા દિવસ પહેલા જ ત્યાંથી નીકળીને આ માણસના ખીસ્સામાં પહોંચી છું ભાઇ સાચુ કહુ તો મેં મારી જીંદગી જેલમાં જ વિતાવી છે નોટે પોતાની વાત પુરી કરીને પછી સિક્કાને પુછ્યુ “દોસ્ત, તું તો કહે તારા જન્મ પછી તું કેટલુક ફર્યો ?" "કોને કોને મળ્યો ?” સિક્કાએ હરખાતા હરખાતા કહ્યુ *“અરે દોસ્ત,* *શું વાત કરુ ?* *હું તો ખૂબ ફર્યો"* એક જગ્યાએ થી બીજી જગ્યાએ અને ત્યાથી વળી ત્રીજી જગ્યાએ સતત ફરતો જ રહ્યો ક્યારેક ભીખારી પાસે જઇને એને બીસ્કીટ નું પેકેટ અપાવ્યું તો ક્યારેક નાના બાળકના હાથમાં જઇને એને ચોકલેટ અપાવી પવિત્ર તીર્થસ્થાનોમાં જઇ આવ્યો, પવિત્ર નદીઓમાં નાહી આવ્યો અને પ્રભુના ચરણસ્પર્શ પણ કરી આવ્યો ક્યારેક હું આરતીની થાળીમાં જઇ આવ્યો તો ક્યારેક અલ્લાહની ચાદરમાં પણ પોઢી આવ્યો મને ખૂબ મજા આવે છે અને જેની જેની પાસે જાવ છું એને પણ મજા કરાવું છું." *સિક્કાની વાત સાંભળીને* *નોટની આંખો* *ભીની થઇ ગઇ* *મિત્રો,* *તમે કેટલા મોટા છો એના કરતા* *તમે લોકોને કેટલા ઉપયોગમાં આવ્યા* *એ વધુ મહત્વનું છે.* *મોટા હોય પણ ઉપયોગમાં ન આવે* *તો એ નાના જ છે* *અને નાના હોય પણ બીજા ને ઉપયોગમાં આવે તો* *એ નાના નહી* *બહુ મોટા છે.*

Deepak Bundela Arymoulik

ललक हो तो फलक अगर तुम में सीखने की ललक नहीं है, तो मंज़िल-ए-फ़लक नहीं है। ख़्वाब तो पलकों पे सजा लेते हो, पर राह में चलने की धमक नहीं है। किताबें सामने, सोच कहीं और, हौसलों में अब वो चमक नहीं है। बातें बड़ी, इरादे बंजर, मेहनत में मिट्टी की महक नहीं है। गिरने का डर जो बाँध ले पाँव, तो उड़ने की कोई पतंग नहीं है। जो कल के सहारे आज जिए, उसके आज में ताज़ी उमंग नहीं है। सीखना ही पूजा, सीखना ही धर्म, बिना इसके जीवन अगरक नहीं है। जो खुद को रोज़ नया न करे, उसकी किस्मत में फलक नहीं है। उठो, सवालों से दोस्ती करो, राहों से अब कोई झिझक नहीं है। जहाँ जिज्ञासा ज़िंदा रहती है, वहीं तकदीर की हर शक्ल नहीं है। Arymoulik

Deepak Bundela Arymoulik

ललक हो तो फलक अगर तुम में सीखने की ललक नहीं है, तो मंज़िल-ए-फ़लक नहीं है। ख़्वाब तो पलकों पे सजा लेते हो, पर राह में चलने की धमक नहीं है। किताबें सामने, सोच कहीं और, हौसलों में अब वो चमक नहीं है। बातें बड़ी, इरादे बंजर, मेहनत में मिट्टी की महक नहीं है। गिरने का डर जो बाँध ले पाँव, तो उड़ने की कोई पतंग नहीं है। जो कल के सहारे आज जिए, उसके आज में ताज़ी उमंग नहीं है। सीखना ही पूजा, सीखना ही धर्म, बिना इसके जीवन अगरक नहीं है। जो खुद को रोज़ नया न करे, उसकी किस्मत में फलक नहीं है। उठो, सवालों से दोस्ती करो, राहों से अब कोई झिझक नहीं है। जहाँ जिज्ञासा ज़िंदा रहती है, वहीं तकदीर की हर शक्ल नहीं है। Arymoulik

Dr Darshita Babubhai Shah

मैं और मेरे अह्सास गुलाब गुलाब की पंखुड़ियों जैसे होंठों से शराब छलक रही हैं l ये देख के दिल फेंक दिवानो की महफिल चहक रही हैं ll रोम रोम में खिला हुआ है यौवन ओ मदमस्त मस्ती l हुश्न की खूबसूरत अदाओं देख शाम भी बहक रही हैं ll "सखी" डो. दर्शिता बाबूभाई शाह

DrAnamika

कुछ तो लोग कहेंगे".. ये☝कुछ लोग कहां हैं??? मुझे अभी तक नहीं मिले.. मिल जाएं इक बार ये👉 कुछ लोग एक बार.. अक्ल ठिकाने न लगा दिया तो.. 😂😂😂 #डॉअनामिका #कुछ_लोग #हिंदी_का_विस्तार #हिंदीपंक्तियाँ #हिंदीशब्द

Kuldeep Singh

kuldip Singh ✍️

S A Y R I K I N G

फिर उसके बाद हमने मुस्कुराना छोड़ दिया दिल टूटा तो दिल लगाना छोड़ दिया वो ढूंढ रहा है जमाने में मुझसे बेहतर वो जिसके लिए मैने जमाना छोड़ दिया

S A Y R I K I N G

चाहने वाले तेरे हजार होंगे कहा सब तेरे वफादार होंगे कुछ जान लेने वाले मिलेंगे कुछ तेरे जा निसार होंगे एना फरिश्तों से पाला पड़ेगा चेहरे मगर पाक निसार होंगे देखना दुश्मन की पहली साफ़ सामने तेरे यार मिलेंगे

Nandani

Good morning ☀️

Umesh Donga

"कोशिशें हमेशा रंग लाती हैं… बस रंग दिखने में थोड़ा समय लगता है साहब....✍

S A Y R I K I N G

उसकी सोबत में गए संभले दुबारा टूटे की हम एक ही शख़्स दे कर दिल सहारा टूटे ये अजीब रस्म है प्यार की हमे बिल्कुल समझ नहीं आया की प्यार भी हम करे और दिल भी हमारा टूटे

S A Y R I K I N G

किसी से जुदा होना आसान होता.. तो जिस्म से रूह को लेने कभी फरिश्ते नहीं आते

S A Y R I K I N G

ये तुम से कह दिया किसने की तुम बिन रह नहीं सकते ये दुख हम सह नहीं सकते चलो हम ये मान लेते है कि तुम बिन हम बहुत रोए कई रातों तक सोए नहीं मगर अफसोस है जन की अब जब तुम लौटोगे हमें तब्दील पाओगे बहुत अफसोस होगा तुम्हें जो पूछोगी ऐसा क्यों किया तुमने तो सुन लो जान पुरानी एक रिवायत तोड़ दी हमने अब मोहब्बत छोड़ दी हमने

Paagla

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Mritunjay kumar

पुरानी हो गयी है अब जग में ये रीत.......... ना राधा जैसा प्रेम मिलता है ना कृष्ण जैसा मीत।❤️ - Mritunjay kumar

Rahul Raaj

ज़िंदगी का सबसे बड़ा सच ये है कि यहाँ किसी को तुम्हारे struggles से फर्क नहीं पड़ता। लोग तुम्हें बस उतना ही value देंगे जितना तुम्हारा result है। अगर तुम्हारे पास power, पैसा या position नहीं है तो तुम्हारी अच्छाई की भी कोई कीमत नहीं होती। Respect माँगने से नहीं मिलती, वो या तो earn करनी पड़ती है या फिर खोनी। और याद रखना, दुनिया तुम्हें उतना ही seriously लेगी जितना तुम खुद को लेते हो। लोग हमेशा बोलते हैं कि रिश्ते ज़िंदगी में सबसे जरूरी हैं, पर असलियत ये है कि अगर तुम financially और mentally stable नहीं हो तो वही रिश्ते तुम्हारे लिए बोझ बन जाते हैं। Time और Energy invest करनी है तो दो चीज़ों में करो skills और health, क्योंकि यही वो assets हैं जो किसी भी हालात में तुम्हें गिरने नहीं देंगे। लोग सोचते हैं कि वो बहुत smart हैं, लेकिन असल test तब होता है जब ज़िंदगी तुम्हें एक ऐसा reality check देती है जिससे तुम्हारी पूरी सोच बदल जाती है। सबसे खतरनाक चीज़ है खुद से झूठ बोलना क्योंकि जब इंसान खुद को देने लगे, तो उसे कोई नहीं बचा सकता। सच यही है कि हर किसी को खुश करने की कोशिश में तुम खुद कभी खुश नहीं रह पाओगे। ज़िंदगी आसान तभी लगेगी जब तुम accept करोगे कि ये unfair है और unfair होते हुए भी तुम्हें अपना best देना है। GOOD MORNING 😊

GANESH TEWARI 'NESH' (NASH)

अन्तस के बदले बिना, बदले नहीं स्वभाव। धर्म आचरण के लिए, लाना है सद्भाव।। दोहा--230 (नैश के दोहे से उद्धृत) ----गणेश तिवारी 'नैश'

Vrishali Gotkhindikar

आयुष्य........... आयुष्य काय आहे.... काही हीशोब..,काही व्यवहार... काही देणं....आणी काही घेणं....?? .......नाही ग राणी...... ...........तुझ्या माझ्या मनातलं एक सुरेल गाणं..!!! आयुष्य काय आहे.... भोवतालच्या लोकांची कटकट..!! नात्या नात्यातली करबुर,,???? .......नाही ग राणी...... ...................सुंदर अर्थपुर्ण अशी एक "गझल" पुरेपुर!! आयुष्य काय आहे.... नोकरीची पळापळ..रोजची धावपळ..! आणी ..परीस्थीतिशी झगडणं.... .......नाही ग राणी..... एकमेकांच्या सोबत असण्याचा आनंद घेणं..!! आयुष्य काय आहे.... रोज ..रोज...तेच काम करणं... कंटाळवाणं...नीरस..आणि रुक्ष..! .......नाही ग राणी..... तुझ्या माझ्या प्रेमाची हीच तर आहे खुण निरपेक्ष..!!!

Milan A Gauswami

મર્યાદા માટે મૂકવું, ને પૈસા માટે મૂકવું એમાં ફેર હોય લાલા..... - Milan

Daxa Bhati

अब जाके सही हिसाब करना सीखी हू में,,अब में खुद को खर्च वही करती हूं,जहा मेरे स्वाभिमान, मान ओर सम्मान की कद्र हो....🫰 - Daxa Bhati - Daxa Bhati

Bhavna Bhatt

મોજ મસ્તી પરિવાર સાથે

Abhishek Chaturvedi

💔

Abhishek Chaturvedi

कितनी मुश्किल के बाद टूटा है, वो एक रिश्ता.... जो कभी था ही नहीं......💔 - Abhishek Chaturvedi

Abhishek Chaturvedi

कितनी मुश्किल के बाद टूटा है, वो एक रिश्ता.... जो कभी था ही नहीं......💔

Daxa Bhati

अब जाके सही हिसाब करना सीखी हू में,,अब में खुद को खर्च वही करती ,जहा मेरे स्वाभिमान, मान ओर सम्मान की कद्र हो....🫰 - Daxa Bhati

Bitu

बदल दिया तुमने मुझे जनाब खुद के हिसाब से.. कम से कम मोहब्बत तो करने देते मुझे मेरे हिसाब से... Bitu

KRUNAL

આખી જિંદગી આંકડા તમે માંડો, અને છેલ્લે સરવાળો કોઈ બીજું જ કરી જાય એનું નામ નસીબ..!! ​હાથમાં લીટીઓ કોતરી, ગણિત માંડ્યું કર્મનું, કર્મની ભૂમિ પરે, વાવેતર કર્યું ધર્મનું. પ્રયત્નોની પાટી પર રોજ નવી ગણતરી, આશાઓના અંકોની હારમાળા રચાઈ. ​અંતિમ પરિણામનો હિસાબ કોક અન્યને, નસીબના ચોપડામાં સિક્કો વાગે અદ્રશ્યનો. ક્યારેક મહેનત વ્યર્થ, ક્યારેક અણધારી સૌગાત, એ જ તો જીવનની લીલા, જે જગાવે અનોખી વાત. ​નસીબની આ વ્યાખ્યામાં સત્યનો પૂરે છે સૂર, પ્રયત્ન આપણો ભરપૂર, ભાગ્યનો ફેંસલો છે દૂર.

Rahul Raaj

आजकल इंसान बदल नहीं रहा बस अपनी कमज़ोरियों को words में strong कहलाना सीख गया है। सबको अपने फैसले सही लगते हैं, पर ज़रा भी सवाल करो तो ego hurt हो जाती है। लोग सुनने से ज़्यादा जवाब देने की जल्दी में रहते हैं, जैसे हर बात में जीतना ज़रूरी हो। अब conversations नहीं होते, बस comparison होता है। Respect अब behaviour से नहीं, benefit से मिलती है। लोग character नहीं देखते, convenience देखते हैं। हर कोई 'real' बोलता है, पर honesty उन्हें तभी अच्छी लगती है जब बात किसी और के बारे में हो। खुद पर आए तो हर इंसान logic ढूँढने लगता है। Loyalty भी अब choice नहीं, situation बन चुकी है। लोग depth की बात करते हैं, पर गहरी बात समझने का patience किसी के पास नहीं। हर कोई अच्छा दिखना चाहता है, पर अच्छा होना किसी की priority नहीं रही। शायद इसी लिए आजकल silence ही सबसे सच बोलता हुआ लगता है।

Sudhir Srivastava

किनारा ******* किनारा करने की वजह का मूल्यांकन जरुरी है, या किनारा करने की सिर्फ मजबूरी है, जो भी है, आजकल रिश्तों में बढ़ रही दूरी है। अपने अपनों से किनारा कर रहे हैं, बेवजह के आरोप लगा खुद को सही बता रहे हैं, पर कौन समझाए हमारी सोच को? जो हम अपने माता-पिता से भी किनारा कर रहे हैं, अपनों को ही अपना दुश्मन मान लें रहे हैं। रिश्तों में औपचारिकताओं का बोलबाला बढ़ रहा है, और तो और मानव मशीन बनता जा रहा है, अपने और अपनों की बात तो छोड़िए वो तो अपने आप से भी किनारा कर रहा है। संवेदनाओं को ढकेल कर किनारे कर रहा है, प्रतिस्पर्धा में अपने हित और भविष्य को भी ताक पर रखने को आतुर हो रहा है, आधुनिकता के इस दौर में मानव तकनीक की मशीन बनने की ओर स्वयं ही बढ़ रहा है। मानव ही मानव को दफन कर रहा है परिवार समाज से किनारा कर रहा है, इस चक्कर में उल्टे सीधे तर्क दे रहा है अपने आपमें से ही उलझता जा रहा है, ऐसा लगता है कि बुद्धि विवेक से हीन हो रहा है। सुधीर श्रीवास्तव

M K

लगता है मुझे अब तुम किसी और का होने लगे हो मेरा नाम खुद से जोड़कर, मोहब्बत को ठगने लगे हो,, - M K

M K

लगता है मुझे अब तुम किसी और का होने लगे हो मेरा नाम खुद से जोड़कर, मोहब्बत को ठगने लगे हो,, - M K

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