Gujarati Whatsapp Status | Hindi Whatsapp Status
Fazal Esaf

जगाच्या गर्दीत माणूस एकटाच राहतो, आवाज मिळत नाही, फक्त प्रतिध्वनी ऐकू येतात. मनच्या खिडक्या उघडताना, आठवणी धुळीसारख्या उडतात. कधी हसू, कधी अश्रू — आयुष्य फक्त रंगवते. by Fazal Abubakkar Esaf

Shefali

#shabdone_sarname__ #શબ્દોને_સરનામે__ #shabdone_sarname_

Manvi Chauhan

Tujh bin Mujhe iye EHSAAS hua ki...🖤🥀 Akela Pan kisse kehte hai..? Saath Tera Jo छूटा mujhe logo ki asliyat se रूबरूब hua...🫂 Subha ki Roshni ki jagah abe mujhe...🌤️ Raat ki khamoshi Psnd ane lgi hai...🌒 andhero se darne wala me ...🌒❤️‍🩹 Abe andhero se yaarana jod liya..🤝🤞 Sach kaha karti thi tu...❤️‍🩹🥀 Koi nhi yaha tere sivaye mujhe Mera apna. kehne wala...🫂 Tu Jo gyi me khud hi khud se dur ho gaya...🥺 Abe to khamoshi bhi chikh -chikh ke kehte hai....😭❤️‍🩹 Barbaadi ka raasta tune hi chuna tha...🫵💔 Teri yaadein bhi badi ajeeb hai Kabhi hasati h 🙂 to kabhi rulati hai....😭 Sach me yaar Tere Jane ke Baad mujhe tere kumi ka ehsaas hone lga...🫂❤️‍🩹 ✍️..... manvi

Fazal Esaf

हातातली बेतमती कागदं, फोटो, जुनी ओळखपत्रं — ते मला सांगतात, “किती माणसं एका रात्रीत बदलली.” परंतु आत्मा बदलत नाही — तो इतिहासाच्या धगधगाटांतही दीप्तो राहतो. म्हणून मी विसरत नाही; जगण्याचा आदर देतो Fazal Abubakkar Esaf

Fazal Esaf

कधी स्मशानभूमीवर उभं राहून विचार केलं, “या धरणाऱ्या मेघांमुळे पावसाचं पाणी पहाटिंना कोठे जातं?” जवळच्या कुंडीत डुंबलेलं पाणी जसं शांत झुळझुळं करत होतं, तसं मन अजूनही त्या पहाटेचं ओघ धरण्याचा इच्छितं By Fazal Abubakkar Esaf

Unnati Gupta

मैं, नादान-सी हूँ, कुछ अनजान-सी हूँ, रहती हूँ इस ज़िंदगी में, पर फिर भी गुमनाम-सी हूँ। मुझे नहीं पसंद मैं, मैं नादान-सी हूँ, अनजान-सी हूँ, और गुमनाम-सी हूँ... हाँ, माना प्यार ख़ुद से करना चाहिए, पर मुझे तो ख़ुद से नफ़रत चाहिए। मैं सही नहीं, मैं प्यार के क़ाबिल नहीं, इसलिए इस “मैं” को अब मैं नहीं चाहती... मेरे लिए सब अच्छे हैं, पर मैं नहीं, मुझे चाहिए किसी का साथ, पर मैं नहीं, मुझे चाहिए कोई, पर मैं नहीं, प्यारे हैं सब... पर मैं नहीं, इसलिए खुश रहें सब... पर मैं नहीं... 💔

Parmar Mayur

વેરાન થઈ રહેલા જીવનમાં. તારું આગમન વસંત જેવું લાગે છે. - Parmar Mayur

રોનક જોષી. રાહગીર

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Nothing

💞

Rahul Raaj

वो मुस्कान जो कभी सुकून देती थी, अब दर्द देती है। शायद इसलिए कहते हैं यादें सबसे बड़ी सज़ा होती हैं..!! कभी जिसकी एक झलक से दिल खिल उठता था, आज उसी की याद से साँसें भारी हो जाती हैं..!! कभी बातें रूह को छू जाती थीं, आज ख़ामोशियाँ चुभने लगी हैं..!! हम सोचते थे वक़्त के साथ सब ठीक हो जाएगा, पर वक़्त ने तो बस ये साबित कर दिया जिसे दिल से चाहो, वहीं सबसे गहरा घाव देकर जाता है..!! काश कोई समझ पाता. हम हँसते ज़रूर हैं, पर अंदर से हर रोज़ थोड़ा-थोड़ा टूटते हैं..!! यादें भी अजीब होती हैं, छोड़ती नहीं... और जीने देती नहीं

Krisha Reddy

🌙 Whispers of an Unseen Dawn 🌙 In the quiet hour before the sun, When night is soft and nearly gone, A silver hush drifts through the air— A secret time, both still and rare. The world sits gently in its dreams, Wrapped in fading moonlit seams, And every star that glows above Feels like a distant, tender love. The breeze arrives with stories old, Of hidden truths the shadows hold, Of wishes brushed by morning’s hand, Awakening life across the land. And as the sky begins to bloom, Chasing off the velvet gloom, The first light falls—so soft, so true— A quiet promise made anew. ---

Rahul Raaj

अंदर शोर समेटे मौन हो रहा हु मैं... मुझे खुद नहीं पता कौन हो रहा हु मैं...!

pink lotus

दर्द बस इतना है की बया करने के लिए आँसू और खामोशी काफी नहीं 🥀 by:pinklotus 🌸❣️

shree

તું જવાનો જ હતો, તો શું જરૂર હતી આવાની? તોડવાનો હતો જ વિશ્વાસ, તો શું જરૂર હતી એને જાળવવાની? જો સાથ નોહ્તો જ દેવાનો, તો શું જરૂર હતી સફર શરુ કરવાની? તારે વિસરી જ જવું હતું બધું, તો શું જરૂર હતી મારે શમણે આવાની? હતી આદત તને ઘર બદલવાની,(2) તો શું જરૂર હતી મારાં દિલ ને તારું સરનામું બનાવની?

kattupaya s

Good evening friends have a great evening

Miska

मेरे यार नाल प्यार नहीं बचा अब खरीदार को इमान बेच नहीं सकती

Miska

मेरा मानसिक संतुलन खराब कर गया यार मेरा धोखेबाज निकला

Miska

मेरा यार झूठा निकला प्यार से नफरत नहीं सौदा किया है

Ishani Morya

सरल नहीं है किसी से,यूँ प्रेम कर पाना किसी का प्रेम समझ पाना,प्रेम का मान रख पाना,आप अनजाने में अनेक बार,वे फूल कुचल डालते हैं....... आप प्रेम तो चाहते हैं मगर,देने का मात्र भ्रम पालते हैं,सरल नहीं है किसी हृदय के,फूलों को सींच पाना,सरल नहीं है स्वयं को,इस समर्पण पर खींच लाना...💗😌

Imaran

अपना _प्यारा सा एक #एहसास दे दो, दिल में छोटी _सी ही सही पर जगह _ख़ास दे दो, हमेप्यार है तुमसे #ज़िन्दगी से ज्यादा, बना के हमेअपना _ज़िन्दगी को एक ख़ुशी का साथदे दो. 🫶 imran 🫶

Aiswarya

I woke up in the middle of my sleep. Something was creeping over my body. It took me a moment to realise it was a hand. When it started moving toward the secrets of my body, I pushed it away in terror. A familiar touch—yet completely unknown to me. Something inside me kept telling me to get up and leave. I was ten years old. That night I felt angry at the relative who had placed me beside him when I fell asleep while playing. In the living room, everyone was sleeping on the floor. In the bitter cold, without even a thin sheet, I lay down on the ground. By morning, everyone was surprised. How did I end up there, when I had gone to sleep on the bed? His eyes frightened me. Years later, I still feared the dark and small, closed rooms. He had daughters. And the moment I heard that, a quiet happiness rose inside m

pink lotus

sorry.. 🌸🙏 to some one misbehaving ke liye

Bhavna Bhatt

મહેંદી રસમમા મસ્તીનો માહોલ...‌😍🥳😍

Manvi Chauhan

❤️MERE PYAARE MAA ❤️ Tu jub jub hasti hai meri duniya khil khila uthti hai 😊✨ Tere ankho me mujhe Mera pura sansar dikhta h..🌌✨ Mere MAA tere God me सर jo Rakh du Me Puri duniya ki takleefo ko bhula dete ho..✨🥀 Mere MAA tu to khuda ka bo anmol tofha hai mere liye Jo mere har bure wkt me mere liye roshini bn kr ati h.... Tere Anchal ke chaya sa koi or chaya nahi Tere haatho ka Khane se badhkar koi 56 bhog nhi ... Khuda har ghar nhi pahuch skta to har ghar maa bhej diya 🌍❤️✨.. ✍️... manvi

Soni shakya

सब कुछ मिट जाएगा मेरे अंदर से.. "लेकिन तुम ,तुम्हारी बातें , तुम्हारी यादे कभी नहीं मिटेंगी" 💕💕 - Soni shakya

Manvi Chauhan

❤️MERE PYAARE MAA ❤️ Tu jub jub hasti hai meri duniya khil khilata uthti hai 😊✨ Tere ankho me mujhe Mera pura sansar dikhta h..🌌✨ Mere MAA tere God me सर jo Rakh du Me Puri duniya ki takleefo ko bhula dete ho..✨🥀 Mere MAA tu to khuda ka bo anmol tofha hai mere liye Jo mere har bure wkt me mere liye roshini bn kr ati h.... Tere Anchal ke chaya sa koi or chaya nahi Tere haatho ka Khane se badhkar koi 56 bhog nhi ... Khuda har ghar nhi pahuch skta to har ghar maa bhej diya 🌍❤️✨.. ✍️... manvi

Manvi Chauhan

CONFESSION ❤️✨🌍... **“यूँ तो कहते हो कि…🥀 दिल की बातें लफ़्ज़ों से बयान कैसे करें…? ❤️‍🩹 कुछ अनकही-सी बातें हैं… 🗣️ उसे बयान कैसे करें…? 🤔 यूँ तो दिनभर तुम करते रहते हो बक–बक 🖤🥀… पर जब बारी तुम्हारी आई दिलों की बातें बयान करने की तो..तुमने चुप्पी कि चादर क्यु ओढ़ ली…🌿 झूठ का वो नक़ाब क्यों पहन लिया …? 🫧❤️‍🩹”** जिस ने मुझे सबसे ज़्यादा तोड़ दिया💔🩹 — ✍️....manvi

pink lotus

दिन- ब- दिन बदलती जाँ रही हूँ मैं क्या थी क्या से क्या होती जा रही हु मे आँसू जो पोछा करती थी सब के मे आज खुद अपने आँसु सम्भाल ना पा रही हुँ में 🥀 by:pink lotus 🌸❣️

pink lotus

🌙 जन्म और मृत्यु का रहस्य — एक ही आत्मा, दो अलग लम्हे अजीब नहीं लगता? इंसान जब इस दुनिया में आता है, तो खुद रोता हुआ जन्म लेता है, और आसपास की दुनिया हंसती है, खुश होती है। और जब वही इंसान दुनिया छोड़कर जाता है, तो खुद शांत, स्थिर, मौन होता है— और उसके पीछे बाकी लोग रोते हैं, टूटते हैं। क्या अद्भुत खेल है यह भी… जन्म में रोना बिना दुख के, और मृत्यु में शांति दुख के बीच। जन्म में आत्मा पहली बार शरीर के बंधन में बंधती है, इसलिए उसका रोना स्वाभाविक है। और मृत्यु में आत्मा बंधनों से मुक्त होती है, इसलिए उसका शांत हो जाना भी स्वाभाविक है। कितनी बड़ी लीला है यह… आगमन का रुदन, विरह की शांति — यही शिव का चक्र है। और मैं एक बात सोचती हूँ… लोग “राम नाम सत्य है” अंतिम संस्कार में कहते हैं, लेकिन मैं तो यह वाक्य जन्म के समय कहूँगी। क्योंकि सत्य का ज्ञान अंत में क्यों? सत्य की शुरुआत ही जन्म से होनी चाहिए। जन्म की दीक्षा — “राम नाम सत्य है” और मृत्यु का अंतिम मंत्र — “शिवोऽहम।” जीवन का पूरा चक्र इसी में समाया है। om shiv gorksh🙏❣️ by :pinklotus

SUNIL ANJARIA

ગંગા આરતી રામઝુલા, ઋષિકેશ

Soni shakya

एक बुंद इश्क 'तेरा'..! 'जीवन भर की प्यास दे गया..!! - Soni shakya

અશ્વિન રાઠોડ - સ્વયમભુ

અછાંદસ કાવ્ય:શીર્ષક: "માત્ર નામ નહીં, એક અહેસાસ" એક જ અસ્તિત્વ, અને કેટકેટલા સંબોધન! યશોદાના આંગણે એ લાલો છે, તો ગોપીઓના મનમાં રાસ રમતો કાનુડો. ક્યારેક એ માખણની મટકી ફોડતો માખણચોર, તો ક્યારેક ગાયોની ધૂળમાં રગદોળાતો ગોવાળિયો. જુઓ તો ખરા, એના વ્યક્તિત્વના રંગો! વાંસળીના સૂર છેડે ત્યારે મુરલીધર, ટચલી આંગળીએ પર્વત તોળે ત્યારે ગિરધારી, અને રણ મેદાન છોડીને ભાગે... ત્યારે એ રાજા રણછોડ. અને એતો સૌરાષ્ટ્રનો કારીયા ઠાકર છે, તો વળી પ્રેમમાં રંગાયેલો શ્યામ પણ. કોઈ એને ગોપાલ કહીને બોલાવે, તો કોઈ લાડથી કહે કનૈયો. પણ અંતે તો, એ સોનાની નગરીનો દ્વારકાધીશ, અને આ જગતને જ્ઞાન આપનારો જગદગુરુ, અને એ પળેપળે રૂપ બદલતો, મારો વ્હાલો "સ્વયમ’ભુ"લીલાધારી શ્રી કૃષ્ણ. અશ્વિન રાઠોડ"સ્વયમ’ભુ"

Bk swan and lotus translators

The image you provided is a Pizlio Models Membership Card for a person named Sai Syam Manohar Kanagala from Vijayawada. Here is a fact check based on publicly available information about the modeling agency: * Agency Name and Location: Pizlio Models is a modeling agency based in Lucknow, Uttar Pradesh, India. The address on the card (Agrasen Marg, Plot no. 1, Pawar Chauraha, Keshav Nagar, Lucknow, Uttar Pradesh 226020) aligns with addresses listed for the company online. * Membership Cards/Fees: * Pizlio Models is reported to offer an affordable membership plan (online sources mention a cost around ₹999/-) which grants access to collaborations, auditions, and portfolio creation services. * However, it is a common warning in the modeling industry that genuine, top-tier agencies generally do not require up-front fees or charge for a "model/artist card" before you start working and earning commissions. Paying for a card or membership is frequently cited as a warning sign of a scam by industry mentors. ⚠️ Important Note on Modeling Agency Membership While Pizlio Models appears to be a verifiable entity with a physical address and online presence, and they publicly state their membership plan is part of their ethical business model to provide affordable opportunities: > You should exercise caution. Any agency that requires payment for membership, a portfolio, or a card before you secure any paid work should be investigated thoroughly. It is a non-standard practice in the professional modeling industry, which typically operates on commission from the model's earnings. > If you or the person on the card are considering or pursuing a career with them, it is highly recommended to: * Search for independent reviews and reports from models who have worked with them. * Ensure they provide a clear, written contract that details all services, fees, and the specific job opportunities they will provide. * Do not pay large sums of money upfront.

Komal Arora

कान्हा अब यू यकीन करना भी मुश्किल सा लग रहा है........ ना जाने खुद ही यकीन फिर खुद ही परेशान हैं........... इतने रिश्तों से मन टूट सा गया है......... पर एक विश्वास मन में घर कर रहा है.......... कि सब गलत हो सकते है पर आप के द्वारा किया हुआ फैसला यू मेरी किस्मत का गलत तो नहीं हो सकता.......... बस आस नहीं रख रही हूँ किसी पर बस तुम जो भी करना देख कर करना......... कि सही की चाह में खो ना जाऊ दोबारा से......... क्योंकि मुझे मुझ से ज्यादा सिर्फ तुम जानते हो......... Radhe radhe

Yogi Krishnadev Nath

ওজন কমানো সম্পর্কিত এই বইটিও অ্যামাজন ও ফ্লিপকার্টে পাওয়া যাচ্ছে। একদম দিন গোনা ৩০ দিনের রোডম্যাপ দেওয়া হয়েছে এখানে; মেনে চললে মিনিমাম ১০ কেজি ওজন কমে যাবে। যাদের শরীরের ওজন বেশি তাদের আরো বেশি কমবে।

Nothing

My view POV:

Shailesh Joshi

🙏પ્રત્યેક માતા-પિતાએ યાદ રાખવા જેવું🙏 કે આપણે માત્ર આપણાં સંતાનો ખુશ રહે એવું નથી કરવાનું, પરંતુ એની સાથે-સાથે આપણું સંતાન એના સંતાનોને પણ ખુશ રાખી શકે એવું બનાવવાનું છે. - Shailesh Joshi

Raju kumar Chaudhary

🌅 Imagine – Happy New Year 2026 Song Scene कल्पना कीजिए… सुबहे-सुबहे हल्की सुनहरी धूप आसमान में फैल रही है। ठंडी हवा चेहरे को छूते हुए एक नई शुरुआत का एहसास करा रही है। लोग छतों पर खड़े हैं—हाथों में खुशियों की चमक, बच्चे हँसते हुए रंग-बिरंगी पटाखों की स्पार्कलर चला रहे हैं। सड़कों पर हल्की सजावट, लाइटों की टिमटिमाहट… हर घर के बाहर "Happy New Year 2026" की रंगीन लाइटें चमक रही हैं। आप कैमरे के सामने खड़े हैं— चेहरे पर आत्मविश्वास, आँखों में सपने, और धीमी हवा में आपकी जैकेट हल्के-हल्के लहर रही है। जैसे ही म्यूज़िक शुरू होता है— आस-पास के दोस्त, परिवार, भाई-बहन सब एक साथ 3…2…1… की गिनती करते हैं। फिर पूरा माहौल एक साथ चिल्लाता है— "Happy New Year 2026!!!" आकाश में रंगीन आतिशबाज़ी फटती है, चिंगारियों की रोशनी सबके चेहरों पर पड़ती है, और लगता है जैसे पूरा आसमान आपके सपनों के लिए रास्ता खोल रहा हो। कैमरा ऊपर उठता है— तारों से भरा आसमान, नीचे खुशियों से भरा शहर, और बीच में आप— नए साल की नई उम्मीदों के साथ मुस्कुराते हुए।

Raju kumar Chaudhary

https://youtu.be/WRuvN3RCYiQ?si=QZFp_naIN6rafeDu

Raju kumar Chaudhary

https://youtu.be/WRuvN3RCYiQ?si=QZFp_naIN6rafeDu🌅 Imagine – Happy New Year 2026 Song Scene कल्पना कीजिए… सुबहे-सुबहे हल्की सुनहरी धूप आसमान में फैल रही है। ठंडी हवा चेहरे को छूते हुए एक नई शुरुआत का एहसास करा रही है। लोग छतों पर खड़े हैं—हाथों में खुशियों की चमक, बच्चे हँसते हुए रंग-बिरंगी पटाखों की स्पार्कलर चला रहे हैं। सड़कों पर हल्की सजावट, लाइटों की टिमटिमाहट… हर घर के बाहर "Happy New Year 2026" की रंगीन लाइटें चमक रही हैं। आप कैमरे के सामने खड़े हैं— चेहरे पर आत्मविश्वास, आँखों में सपने, और धीमी हवा में आपकी जैकेट हल्के-हल्के लहर रही है। जैसे ही म्यूज़िक शुरू होता है— आस-पास के दोस्त, परिवार, भाई-बहन सब एक साथ 3…2…1… की गिनती करते हैं। फिर पूरा माहौल एक साथ चिल्लाता है— "Happy New Year 2026!!!" आकाश में रंगीन आतिशबाज़ी फटती है, चिंगारियों की रोशनी सबके चेहरों पर पड़ती है, और लगता है जैसे पूरा आसमान आपके सपनों के लिए रास्ता खोल रहा हो। कैमरा ऊपर उठता है— तारों से भरा आसमान, नीचे खुशियों से भरा शहर, और बीच में आप— नए साल की नई उम्मीदों के साथ मुस्कुराते हुए।

Raju kumar Chaudhary

https://youtu.be/WRuvN3RCYiQ?si=QZFp_naIN6rafeDu🌅 Imagine – Happy New Year 2026 Song Scene कल्पना कीजिए… सुबहे-सुबहे हल्की सुनहरी धूप आसमान में फैल रही है। ठंडी हवा चेहरे को छूते हुए एक नई शुरुआत का एहसास करा रही है। लोग छतों पर खड़े हैं—हाथों में खुशियों की चमक, बच्चे हँसते हुए रंग-बिरंगी पटाखों की स्पार्कलर चला रहे हैं। सड़कों पर हल्की सजावट, लाइटों की टिमटिमाहट… हर घर के बाहर "Happy New Year 2026" की रंगीन लाइटें चमक रही हैं। आप कैमरे के सामने खड़े हैं— चेहरे पर आत्मविश्वास, आँखों में सपने, और धीमी हवा में आपकी जैकेट हल्के-हल्के लहर रही है। जैसे ही म्यूज़िक शुरू होता है— आस-पास के दोस्त, परिवार, भाई-बहन सब एक साथ 3…2…1… की गिनती करते हैं। फिर पूरा माहौल एक साथ चिल्लाता है— "Happy New Year 2026!!!" आकाश में रंगीन आतिशबाज़ी फटती है, चिंगारियों की रोशनी सबके चेहरों पर पड़ती है, और लगता है जैसे पूरा आसमान आपके सपनों के लिए रास्ता खोल रहा हो। कैमरा ऊपर उठता है— तारों से भरा आसमान, नीचे खुशियों से भरा शहर, और बीच में आप— नए साल की नई उम्मीदों के साथ मुस्कुराते हुए।

Raju kumar Chaudhary

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Nisha

kya aap work from home Krna chahte ho agr ha to dm kijiye

Shailesh Joshi

📢 આ ભૂલ બહુ મોંઘી પડી શકે છે, સંતાનને પણ, અને મા-બાપને પણ આપણે આપણા સંતાનને ભલે ગમે તેટલી મોંઘી વસ્તુઓ લાવી આપીએ, પછી એ મોબાઈલ હોય, બાઈક હોય, કે પછી ગાડી હોય, કોઈપણ વસ્તુ કેમ ના હોય. પરંતુ જો એ સંતાન જે તે વસ્તુની કિંમત જાણતું હોય, અને એ વસ્તુ ખરીદવા માટે મારા મા-બાપે દુકાનદારને જે રૂપિયા આપ્યા, એ રૂપિયા મારા મા-બાપની કેટલી મહેનત કર્યા પછી, કે કેટલો પરસેવો પાડ્યા પછી આવ્યા છે ? બસ એકવાર આ બે બાબતોનું જ્ઞાન સંતાનમાં આવી જાય, પછી સંતાન જે માંગે એ લાવી આપવામાં ક્યારેય, કોઈ જ વાંધો નથી આવતો.

Shah Nimishaben Kantilal

વ્હેમમાં રહેવું ગમે છે, હકીકત ક્યાં કદી ખૂબસૂરત હોય છે સૌને સૌની હદમાં રાખવા ગમે, શરાફત ક્યાં કદી સલામત હોય છે. ​હોઠ પર ઝેર લઈને પણ હસવું પડે છે, ક્યાં દરેક વાતની અસર પણ કરુણાવત હોય છે! ​સાવ ઓછું બોલે છે જે, એ વધુ સમજે છે, શાંત એ જ હોય છે જેનામાં બહાદુરીની તાકાત હોય છે. ​આશરો આપીને પછી રસ્તા બતાવે, એકલા રહેવાની એની ખાસ અદાવત હોય છે. ​જ્યાં જઈને આંસુ છુપાવી શકાય છે, એક ખૂણો હોય છે, ત્યાં જ શાંતિની ઈમારત હોય છે. ​શબ્દને ચૂપ કરી દેવો પડે, કેમકે 'હું' છું, નહીંતર તો ઘોંઘાટમાં ક્યાં કદી શાનદાર વાત કબૂલાત હોય છે?

Dr. Damyanti H. Bhatt

गीता महोत्सव 🌹🙏🌹

Dr. Damyanti H. Bhatt

Dr. Damyanti Bhatt: गीता जयंति की हार्दिक शुभकामनाएं 💐💐💐🙏🙏🙏🌹🙏🌹 संजय ने कहा, करूणा से व्याप्त, अश्रुपूर्ण नयनों से, अर्जुन ने श्री कृष्ण से कहा, नहीं लड़ना चाहता मैं हे केशव! यह धर्मयुद्ध, आचार्य पिता मह,गुरु उनसे में कैसे लड़ु?जिन्होंने ही मुझे बाण चलना सिखाया कैसे यह महापातक करूं? इससे तो अच्छा है, मैं अपना जीवन भिक्षा में व्यतीत करूं। नहीं लड़ना चाहता मैं। ऐसा कहकर मौन हुआ जब अर्जुन , तब मुस्कुराए मधुसुधन! तू बड़ा विद्वान हो गया बातें करने लगा शाण पनकी, बल्कि विद्वान पुरुष कभी शोक नहीं किया करते हैं, यह देहमें बचपन, युवानी ,जरा- मरण आया जाया करते हैं, जैसे सुख-दुख, शीत -गरमी आया जाया करते हैं, वैसे जन्म मृत्यु का नित्यक्रम चलता रहता है, इसमें शॉक कैसा? तुम क्षत्रिय हो,युद्ध कर। नहीं आत्मा का जन्म होता और ना मृत्यु, जैसे मनुष्य पुराने वस्त्रों को फेंक कर नयाधारण करता है वैसे शरीर पुराना त्याग कर, नया दे प्राप्त करता है, इसमें शोक कैसा? तुम क्षत्रिय हों, युद्ध कर! नहीं आत्मा किसी से मरता है, नहीं जन्म पामता, नासमझ है वह लोग जो इसे नहीं मानते, यह आत्मा अविनाशी अजर अमर सनातन है,तुम क्षत्रिय हो,युद्ध कर। सुख दुख ,लाभ -अ लाभ, जय पराजय, में समत्व बुद्धि धारण करें और साधना अविरत करें फलश्रुति की अपेक्षा ना करें, उसको कर्म बंधन क्या नडे ?जो अपना सब कुछ मुझ को समर्पित करें, स्वयं समाधि में स्थिर रहे वही मेरी नजर में स्थित प्रज्ञ है,"गीता" तुम क्षत्रिय हो,युद्ध कर। ✍️...© drdhbhatt

Shailesh Joshi

સંબંધોમાં સૌથી વધારે થતી એક એવી ભૂલ, કે જે આપણને હંમેશાં પરસ્પરની સાચી લાગણી, અને એકબીજાનાં સાચા પ્રેમની અનુભૂતિથી દૂર રાખે છે. એ ભૂલ એટલે..... 1 - કોને કેટલી છૂટ આપવી ? અને 2 - કોની ઉપર કેટલો વિશ્વાસ મૂકવો ? આ બે બાબતોમાં આપણે જ્યારે સામેના વ્યક્તિનો કોઈપણ પ્રકારનો અનુભવ કર્યાં વગરજ અગાઉથી જાતેજ નક્કી કરી લેવું, ને પછી એ નિર્ણય પર જ કાયમ ( અડગ ) રહેવું. આ બહુજ ખોટું છે, કારણકે આના કારણે આપણને જે નુકશાન થાય છે, એ નુકશાન સામેના વ્યક્તિ પર એક વાર વિશ્વાસ મૂક્યા પછી મળતા વિશ્વાસઘાત કરતા અતિશય મોટું હોય છે, અને કાયમી પણ. માટે કોઈપણ સંબંધમાં આપણને સામેની વ્યક્તિ પસંદ હોય, અથવા તો આપણને એના વગર ચાલે એમ ના હોય તો એક બે વાર એ વ્યક્તિ પર પૂર્ણ વિશ્વાસ મૂકી જોવો, પછી ભલે એમાં આપણને કોઈપણ પ્રકારનું થોડું ઘણું નુકશાન જવાનો ડર હોય, કેમકે આવું કરવાથી આપણને બે વાતનો ખુલાસો મળી રહેશે. 1 - કાંતો આપણો ડર સાચો હતો કે ખોટો એ આપણને જાણવા મળશે, અને 2 - કાંતો આપણે સામેની વ્યક્તિ પર મુકેલ વિશ્વાસમાં એ વ્યક્તિ જ્યારે ઉણો ઉતરે પરંતુ જ્યારે એ વ્યક્તિ એના ઉણા ઉતારવાનું સાચું કારણ આપણને જણાવે ત્યારે એવું પણ બને કે, આપણે એના વિશે અગાઉથી બાંધેલી ધારણામાં આપણે પોતેજ ખોટા હતા એનો આપણને એહસાસ થઈ જાય.

Rahul Raaj

"इंतज़ार जो शायद ख़त्म ही न हो" इंतज़ार तो ऐसा कर रहा हूँ जैसे, वो सच में एक दिन लौट आएगी... जैसे इन सूनी गलियों में फिर से उसके क़दमों की आहट पड़ेगी, जैसे इन सूखे होंठों पर फिर से उसका नाम हलके से ठहर जाएगा। रातें अब भी लंबी नहीं लगतीं, बस ख़ाली लगती हैं, जैसे किसी ने मेरी नींद से मेरा सुकून चुरा लिया हो। हर सुबह इस आस में आँख खुलती है, कि शायद आज वो "फिर से" अपने होने का कोई सबूत छोड़े। मेरे कमरे की दीवारें अब भी उसका नाम जानती हैं, और वो तसवीर... जिसे मैंने कई बार हटाना चाहा, हर बार दिल ने कहा- छोड़ दे, उसे रहने दे, कहीं सच में लौट आए तो उसे देख कर मुस्कुरा सके। कभी-कभी सोचता हूँ वो कैसे जी रही होगी? क्या उसे भी कभी नींद से पहले मेरी याद आती है? या अब उसके दिल में किसी और के लिए वैसी ही जगह बन गई है जैसी कभी मेरे लिए थी - अधूरी, मगर सच्ची। आज भी बारिश की हर बूंद में वही आवाज़ सुनता हूँ, वही हँसी, वही नाराज़गी वही चुप्पी... कभी लगता है, वो यहीं है, बस छुपी हुई, कहीं मेरी उम्मीदों में, या शायद मेरे टूटने में। लोग कहते हैं, छोड़े हुए लोग लौट कर नहीं आते, पर दिल अब भी जिद्दी बच्चा बना है, बस बैठा है उसी मोड़ पर जहाँ वो आख़िरी बार पलटी थी, आँखों से कुछ कह कर, होंठों से कुछ और। शायद वो कभी न लौटे, पर इंतज़ार तो अब साँसों की तरह हो गया है – रोक लूँ हो दम टूट जाए, चलता रहूँ तो दिल हर धड़कन में उसका नाम ले। बहुत ज्यादा याद आ रही है तुम्हारी🥺🥺🥺

Dada Bhagwan

Pujya Niruma's Birthday We promise to stay in utmost humility and oneness with each and every living being in this world. To know more about Pujya Niruma, please visit: https://dbf.adalaj.org/sqaDOqeG #birthday #happybirthday #birthdayvibes #DadaBhagwanFoundation

Rahul Raaj

इंसान विकल्पों का आदी है, विकल्प मिलते ही उसे पुराने में कमिया और नए में खूबिया नजर आने लगती है..!

Rahul Raaj

तुम्हें छूना... हमेशा रोमांस नहीं होता, कई बार ये तुम्हारी रूह से अपनी रूह को थोड़ी देर के लिए जोड़ लेने जैसा होता है। तुम्हें गले लगाना... मानो सारे डर, सारी थकान एक ही पल में पिघल जाए। कई बार बहुत तरस जाता हूँ सिर्फ़ तुम्हारी उँगलियों के हल्के-से स्पर्श के लिए, तुम्हारी बाँहों के उस घेराव के लिए जहाँ दुनिया का शोर एकदम ख़ामोश हो जाता है। बस एक ही कसक रहती है-तुम आओ... और मुझे यूँ थाम लो जैसे मैं तुम्हारी ही धड़कन हूँ

SADIKOT MUFADDAL 《Mötäbhäï 》

કોણ કહે છે ઇશ્વર નથી દેખાતો, એ જ તો દેખાય છે જ્યારે કોઈ નથી દેખાતું. !! - SADIKOT MUFADDAL 《Mötäbhäï 》

Parmar Mayur

🙏🙏જે પૈસા માટે 'હવા પાણી' દૂષિત કરતાં માણસ તું અચકાતો નથી. જ્યારે તે જ પૈસાથી ખરીદવા પડશે હવા પાણી ત્યારે તેનું 'મૂલ્ય' સમજાશે તને.🦚🦚 ⏳રાષ્ટ્રીય પ્રદૂષણ નિયંત્રણ દિવસ 💡

Jyoti Gupta

#AnandDham #AnandDhamMela #MelaVibes #IndianFair #TempleVibes #FestivalOfIndia #BhaktiMela #DesiFair #TrendingShorts #ViralIndia #JhulaMela #MeerutVibes #IndianCulture #HarHarMahadev #BhaktiVibes #DevotionalTrip #TravelIndia #MiniVlog #ReelTrending #YTShortsIndia #Tradition #AmazingIndia #SpiritualJourney #DesiMasti

Imaran

♥♥जमाने,,,के,,देखे,,है,,,रंग,,,हज़ार, ,,नही,,,कुछ,,सिवा,,,, प्यार,,,के,,, आके,,,तू,,,लग,,,जा,,,गले,,,मेरे,,,यार,, नही,,,कुछ,,,सिवा,,, प्यार ,,,,के,,♥♥ 💞 imran 💞

Deepak Bundela Arymoulik

शब्दों की आवाज़ जिन्हें शब्दों की आवाज़ सुनाई नहीं देती, वो इंसान की आवाज़ क्या सुनेंगे? जिनकी आत्मा सोई है पत्थर बनकर, वो दर्द की धड़कन क्या सुनेंगे? जो अक्षरों में आग नहीं पहचानते, उन्हें सच की गर्मी क्या छू पाएगी? जो खामोशी में भी शोर नहीं पढ़ते, उन्हें चीख़ की भाषा क्या समझ आएगी? जिनकी आँखों में मतलब मर चुका है, वो आँसुओं की इबारत क्या पढ़ेंगे? जिन्हें शब्दों की आवाज़ सुनाई नहीं देती, वो इंसान की आवाज़ क्या सुनेंगे? और जो सुनते हैं शब्दों की सरगोशी, वो ही ज़मीर की साज सुनाते हैं, वो हर टूटी आवाज़ को जोड़कर, इंसानियत को फिर जिंदा कर जाते हैं। आर्यमौलिक

Deepak Bundela Arymoulik

कलम की आवाज़ लाखों लोग मोबाइल में उलझे हुए हैं, उँगलियों में दुनिया, दिल सूने पड़े हैं। कोई रोटी के टुकड़े को तरसता हुआ, कोई फ़ैशन में डूबा, सच्चाई से अनजान हुआ। हज़ारों हैं जो दौड़ रहे हैं नाम के पीछे, थक गए हैं सपने, पर रुकते नहीं सीने। कुछ गिनते हैं नोट, कुछ गिनते हैं लाइक, किसी को नहीं फ़ुर्सत, किसी को नहीं वक़्त। पर कुछ ऐसे भी हैं, जो ख़ामोश लिखते हैं, अंधेरे समाज में उजाला बिखेरते हैं। उन्होंने मोबाइल नहीं, कलम को थामा है, हर शब्द में सच्चाई का दीप जलाया है। जहाँ भी अन्याय, वहीं उनकी स्याही बहती, जहाँ भी मजबूरी, वहीं कविता कहती। उनके अल्फ़ाज़ कोई खेल नहीं होते, वो ज़िंदा समाज की नींव होते। कलम चलती है, तो क्रांति जन्म लेती है, सोई हुई आत्मा भी जाग उठती है। मोबाइल से आगे भी एक दुनिया है, जहाँ विचारों की सबसे बड़ी पूँजी है। सलाम उन हाथों को जो लिखते हैं सच, जो झूठ की भीड़ में जलाते हैं मशाल हर पल। क्योंकि समाज वही बदलेगा एक दिन, जिसके पास कलम की ताक़त होगी, न कि मोबाईल फोन की चाहत होंगी। क्या बदलेंगे लोग, बदलेगा युग...? आर्यमौलिक

ભૂપેન પટેલ અજ્ઞાત

हाथ से रेत सरकती रही, वैसे ही वक्त बहता रहा। चंद लम्हों में मुट्ठी खाली सी हो गई, फिर से वही रेत को वही मुट्ठी से उठाया, पर बीता हुआ वह वक्त हाथों में नहीं आया, बस,छूटे हुए लम्हों के निशान ही रह गए।।।। - ભૂપેન પટેલ અજ્ઞાત

Deepak Bundela Arymoulik

मोहब्बत और ज़िन्दगी वो मोहब्बत को जितने निकले हैं, वो ज़िन्दगी में बीतने निकले हैं। ख्वाबों की झोली भर लाए थे, पर नींद में ही रीतने निकले हैं। जिसे जीत समझा था बाज़ी में, वो खुद से ही हारने निकले हैं। हर मोड़ पे शीशे टूटे हैं, फिर भी मुस्कानों को सीतने निकले हैं। इश्क़ का पंछी ऊँचा उड़ा, पर पंख जमीं में गींतने निकले हैं। वो जिनको फ़तह का गुमान था, वो वक़्त से ही सीखने निकले हैं। मोहब्बत में जो सब हार गए, अक्सर वही खुद को पाने निकले हैं। आर्यमौलिक

Deepak Bundela Arymoulik

दिन औऱ रात के लोग दिन के उजाले में अंधे हैं लोग, रात के अँधेरे में सफ़र करते हैं लोग। सूरज सामने, फिर भी राह न दिखे, झूठे उजालों में सच से डरते हैं लोग। आँखों पर बाँध रखे हैं फ़ायदे के पट्टे, दिल को गिरवी रख बाज़ार करते हैं लोग। शोर बहुत है, पर सुनता कोई नहीं, ख़ामोशी बेच कर भाषण करते हैं लोग। दीप जले हर घर में, फिर भी अंधियारा, मन के कोनों में ख़ौफ़ भरते हैं लोग। आईने टूटे हैं सच बोलने के डर से, तस्वीरों में ख़ुद को बेहतर करते हैं लोग। रात की आगोश में सपने जाग उठें, दिन की धूप में उन्हें मारते हैं लोग। नींद को ओढ़कर जागने का अभिनय, जागते-जागते भी सोते हैं लोग। कभी तो लौटेगी रौशनी भीतर भी, कभी तो सच का सामना करेंगे लोग। तब दिन भी बोल उठेगा रात की भाषा, और अँधेरों में भी उजाले भरेंगे लोग। आर्यमौलिक

Raj Phulware

IshqKeAlfaaz मैंने कई हसरतें..

Raj Phulware

IshqKeAlfaaz बुलाओगे तो

Raj Phulware

IshqKeAlfaaz तोल माझा का..

DrAnamika

तेरी मोहब्बत ने दिल का नक्शा ही बदल दिया, हर दर्द को जैसे नेमतों में उगल दिया। तेरे होने से रूह में ऐसी ख़ामोशी उतरी, ख़ुदा भी मुझमें कुछ पल ठहर गया। #डॉअनामिका

Chaitanya Joshi

ના મુસીબત આપણી સૌને કહીએ. હરડગલે બસ આપણે ગાતાં રહીએ. સુખદુઃખ આવે સહજ સહુ સહીએ, હરડગલે બસ આપણે ગાતાં રહીએ. ગીત અમારું હશે હિંમત આપનારું, હસતાં રમતાં એ આગળ વધારનારું. ના રોદણાં રડીને કોઈને ના કહીએ, હરડગલે બસ આપણે ગાતાં રહીએ. વિજય ગીત અમારું પ્રાણ પૂરનારુ, આફતને ટાળી વળી આગે ધપનારુ. વહેતા વારિની જેમ વહેતાં રહીએ, હરડગલે બસ આપણે ગાતાં રહીએ.

Dhamak

કોણ યાદ રાખશે તને, એવું તે શું છે તારામાં… ક્યારેક મન પોતાને પૂછે, તું શું છે પોતાની ઓળખમાં… શાંત પળોમાં અંદર કહેશે, “હું તારો જ સહારો છું.” અંધારું આવે ત્યારે પણ, તારું અંતર જ પ્રકાશનું વ્હાલું સૂત્ર છું. જવાબ બધાં મારી અંદર જ છે… મારી ઓળખનો પ્રકાશ પણ અંદર જ છે…

kajal jha

"तेरे जाने के बाद दिल का शहर वीरान हुआ, हर मुस्कान के पीछे एक चुभता अरमान हुआ। हमने तो साँसों की डोर भी तुझसे जोड़ रखी थी, तू टूटा क्या… हम भी अंदर ही अंदर बेजान हुआ।" - kajal jha

Mamta Trivedi

ममता गिरीश त्रिवेदी की कविताएं पूरी कविता का वीडियो देखिए https://youtu.be/1xxFwdwruMU?si=cp34P1QLuvWbab7a

Soni shakya

🙏🙏सुप्रभात 🙏🙏 🌹आपका दिन मंगलमय हो 🌹

Dr Darshita Babubhai Shah

मैं और मेरे अह्सास पल भर का ये सफ़र हमसफ़र के साथ पल भर का ये सफ़र रहा l और सफ़र का वक्त जैसे पानी की तरह बहा ll दिल का भी अज़ीब खेल होता है देखो तो l जाना कहां था ओ पहुँचे गये जान थी वहा ll "सखी" डो. दर्शिता बाबूभाई शाह

Dinesh

*🙏જય બાબા સ્વામી*🙏 *આજનો સુવિચાર* કેટલાંક સંબંધોથી માણસો સારાં લાગે છે અને કેટલાંક માણસોથી સંબંધો સારાં લાગે છે. *શુભ સવાર*

બદનામ રાજા

સત્યને કોઈનાં સાથની જરૂર નથી હોતી તેની આંગળી તો ભગવાને જ પકડી હોય છે અને પ્રમાણિકતાને પુરાવાની જરૂર નથી હોતી દોસ્ત, સમય જ બધું પુરવાર કરી આપે છે... શુભ સવાર 🌻 વહેલી સવારના જાજા કરીને જય શ્રી કૃષ્ણ 🙏🏻🚩 ભગવાન ❤️🙂

GANESH TEWARI 'NESH' (NASH)

जीवन के इस सफ़र में, नहीं मिला हमराह। सतत ढू़ंढता रह गया, बची रह गयी चाह।। दोहा--334 (नैश के दोहे से उद्धृत) ----गणेश तिवारी 'नैश'

Ritik Sandilya

मैं उन्हें भूल जाऊं .....ये एक बात है..... वो मुझे याद तक नहीं आतीं .....ये एक बात है।

Ritik Sandilya

कुछ खाश पलों में मै उन्हें याद कर लेता हूं या यूं कहूं.....मैं कभी उन्हें कभी भूल ही नहीं पाया 😔😔

Heena Ramkabir Hariyani

વ્યથા નો થાક એટલો છે કે મૌન થઈ જાઉં, કથા નો સાર એટલો છે કે દુનિયા શર લઉં હીના રામકબીર હરીયાણી

વૈભવકુમાર ઉમેશચંદ્ર ઓઝા

किसी कामसे आपकी गली से इत्तेफाक से गुज़रे थे, झरोखेंमें आपको देखके हम किसी कामके ना रहे। - स्पंदन

વૈભવકુમાર ઉમેશચંદ્ર ઓઝા

तड़प रहे है वो जिसके हम ना हो सके, और आप है कि हमसे रूठे बैठे हो। - स्पंदन

Raju kumar Chaudhary

दिल के रहस्य - Dil ke Rahasya❤️ दिल के रहस्य – पार्ट 5 शीर्षक: खतरा और दिल की दास्तान जैसे ही अजनबी नज़दीक आया, नीरव ने आर्या का हाथ कसकर पकड़ा और उसे कैंटीन के पीछे छुपा लिया। दिल की धड़कनें तेज़ थीं, और डर साफ़ महसूस हो रहा था। “आर्या, अब संभल कर!” नीरव ने फुसफुसाया। अजनबी ने नीरव की तरफ घूरते हुए कहा, “तुम्हारे राज़ को अब छुपाना मुश्किल होगा। मैं तुम्हें चेतावनी दे रहा हूँ।” आर्या ने महसूस किया कि नीरव का डर वास्तविक था। लेकिन उसी समय, नीरव ने उसे धीरे से अपनी ओर खींचा। उनके चेहरे बहुत करीब थे, और डर के बीच रोमांस की हल्की चमक भी थी। नीरव ने धीरे से कहा, “आर्या, तुम्हें सब सच बता दूँ?” आर्या ने हौले से सिर हिलाया। “हां… मुझे जानना है।” नीरव ने अपना पहला राज़ खोला: > “मेरी फैमिली पर कभी हमला हुआ था, और मैं हमेशा सतर्क रहता हूँ कि वही खतरा मुझे और मेरे दोस्तों तक न पहुँचे। यही कारण है कि मैं बहुत कुछ छुपाता हूँ। लेकिन अब मैं चाहूँगा कि तुम मेरी कहानी का हिस्सा बनो।” आर्या के दिल में डर और विश्वास दोनों उमड़ रहे थे। उसने नीरव का हाथ कसकर पकड़ा और कहा, “मैं तुम्हारे साथ हूँ, चाहे कुछ भी हो।” अजनबी ने देखा कि नीरव अकेला नहीं है। वह कुछ पल ठहरा, फिर धीरे-धीरे वहां से चला गया। आर्या और नीरव की नज़दीकियाँ बढ़ चुकी थीं, लेकिन खतरा अभी भी छुपा हुआ था। क्या अजनबी फिर लौटेगा? और क्या आर्या और नीरव इस खतरे का सामना कर पाएंगे?

Raju kumar Chaudhary

❤️ दिल के रहस्य – पार्ट 2 शीर्षक: पहली दोस्ती, पहला रहस्य अगले दिन, आर्या कॉलेज पहुँचते ही महसूस कर रही थी कि नीरव की छवि उसके दिमाग़ से गायब नहीं हो रही। हर क्लास में उसकी नजरें कहीं न कहीं उसे ढूंढतीं। क्लास में बैठते ही अचानक नीरव उसके सामने आ खड़ा हुआ। “आजकल तुम्हें बहुत परेशान देख रहा हूँ… क्या सब ठीक है?” उसने धीरे से पूछा। आर्या मुस्कराई। “ठीक हूँ, बस नए माहौल में थोड़ी अजीब सी लग रही है।” नीरव ने हँसते हुए कहा, “तुम्हें जल्दी एडजस्ट होना पड़ेगा। वैसे, मैं मदद कर सकता हूँ।” आर्या ने उसकी ओर देखा। उसका अंदाज, उसकी मुस्कान, सब कुछ उसे आरामदेह लग रहा था। शायद यही पहली दोस्ती की शुरुआत थी। दिन भर वे छोटे-छोटे ग्रुप एक्टिविटी में एक-दूसरे के करीब आए। आर्या ने महसूस किया कि नीरव में सिर्फ मिस्ट्री नहीं, बल्कि एक दयालु और समझदार इंसान भी है। लेकिन शाम को, जब क्लास खत्म हुई और लोग निकलने लगे, नीरव अचानक आर्या की ओर झुककर कुछ कहने वाला था… पर तभी उसके फोन की घंटी बज गई। आर्या ने गौर से सुना, और महसूस किया कि नीरव ने कुछ अनकहा रहस्य उसे बताना चाहा। क्या नीरव कोई राज़ छुपा रहा है? और क्या आर्या उसके राज़ को जान पाएगी? ❤️ दिल के रहस्य – पार्ट 3 शीर्षक: पहला राज़ और पहला ट्विस्ट अगले दिन, कॉलेज का माहौल सामान्य था, लेकिन आर्या की नींद नहीं खुल रही थी। नीरव का वो रहस्य उसके दिमाग़ में बार-बार घूम रहा था। लंच ब्रेक में नीरव अचानक उसके पास आया। “आर्या, कुछ दिखाना है तुम्हें। ये सिर्फ तुम्हारे लिए…” उसने अपनी जेब से एक छोटा नोटबुक निकालकर दिखाया। आर्या ने हैरानी से पूछा, “ये क्या है?” नीरव ने धीरे से कहा, “ये मेरी डायरी का एक पन्ना है। इसमें कुछ बातें हैं जो मैंने कभी किसी को नहीं बताई। मैं चाहता हूँ कि तुम समझो…” आर्या ने हौले से पन्ना पढ़ना शुरू किया। > “मैं कॉलेज में दिखाने जितना सामान्य नहीं हूँ। मेरे पास एक राज़ है… मेरी फैमिली में कुछ ऐसा हुआ है, जिसकी वजह से मैं हमेशा सतर्क रहता हूँ। मुझे डर है कि लोग इसे समझेंगे नहीं…” आर्या की आँखों में आश्चर्य और थोड़ी चिंता दोनों थी। वह जान गई कि नीरव सच में अलग है और उसका रहस्य शायद बड़ा है। तभी नीरव ने उसके हाथ को हल्का सा पकड़ा और कहा, “आर्या, मैं चाहता हूँ कि तुम मेरी दोस्त बनो… लेकिन ये राज़ अभी और समय लेगा खुलने में।” आर्या ने मुस्कान दी और कहा, “ठीक है… मैं रहस्य के लिए तैयार हूँ।” लेकिन जैसे ही वे दोनों हँसते हुए वहां खड़े थे, कॉलेज के गेट पर एक अजनबी आया और नीरव की ओर गंभीर नजरों से देखा। क्या आर्या का नया दोस्त सच में सुरक्षित है? और ये अजनबी कौन है जो नीरव के राज़ को जानता है? ❤️ दिल के रहस्य – पार्ट 4 शीर्षक: खतरा और बढ़ती नज़दीकियाँ अगली सुबह, आर्या कॉलेज पहुंची तो उसने देखा कि नीरव कुछ चिंतित लग रहा था। उसकी आँखों में हल्की चिंता थी, जो पहले कभी नहीं देखी थी। “क्या हुआ?” आर्या ने पूछा। नीरव ने धीरे से कहा, “कल जो अजनबी गेट पर खड़ा था… वह मेरे अतीत से जुड़ा है। मैं नहीं चाहता कि तुम परेशान हो, लेकिन शायद हमें सतर्क रहना पड़े।” आर्या की धड़कन तेज़ हो गई। खतरा नज़दीक था, और अब सिर्फ दोस्ती ही नहीं, बल्कि सुरक्षा भी मायने रखती थी। दिनभर क्लास में आर्या और नीरव एक-दूसरे के करीब आने लगे। छोटे-छोटे पल – साथ में किताबें उठाना, कॉफी ब्रेक में बातचीत, और कभी-कभी नजरों का टकराना – सब रोमांस की मिठास बढ़ा रहा था। लेकिन दोपहर को, जब कॉलेज का कैंटीन खाली था, वही अजनबी फिर दिखाई दिया। उसने नीरव की तरफ तेज़ कदम बढ़ाए। नीरव ने आर्या की ओर देखा और फुसफुसाया, “छिपो, जल्दी।” आर्या ने उसके हाथ को पकड़ लिया। उस पल, डर और रोमांस दोनों एक साथ महसूस हो रहे थे। अजनबी ने नीरव को कुछ कहा, और नीरव के चेहरे का रंग बदल गया। “ये वही है जिसकी वजह से मैं हमेशा सतर्क रहता हूँ…” नीरव ने धीरे से कहा। क्या यह अजनबी नीरव के राज़ को उजागर कर देगा? और क्या आर्या इस खतरे से बच पाएगी?❤️ दिल के रहस्य – पार्ट 5 शीर्षक: खतरा और दिल की दास्तान जैसे ही अजनबी नज़दीक आया, नीरव ने आर्या का हाथ कसकर पकड़ा और उसे कैंटीन के पीछे छुपा लिया। दिल की धड़कनें तेज़ थीं, और डर साफ़ महसूस हो रहा था। “आर्या, अब संभल कर!” नीरव ने फुसफुसाया। अजनबी ने नीरव की तरफ घूरते हुए कहा, “तुम्हारे राज़ को अब छुपाना मुश्किल होगा। मैं तुम्हें चेतावनी दे रहा हूँ।” आर्या ने महसूस किया कि नीरव का डर वास्तविक था। लेकिन उसी समय, नीरव ने उसे धीरे से अपनी ओर खींचा। उनके चेहरे बहुत करीब थे, और डर के बीच रोमांस की हल्की चमक भी थी। नीरव ने धीरे से कहा, “आर्या, तुम्हें सब सच बता दूँ?” आर्या ने हौले से सिर हिलाया। “हां… मुझे जानना है।” नीरव ने अपना पहला राज़ खोला: > “मेरी फैमिली पर कभी हमला हुआ था, और मैं हमेशा सतर्क रहता हूँ कि वही खतरा मुझे और मेरे दोस्तों तक न पहुँचे। यही कारण है कि मैं बहुत कुछ छुपाता हूँ। लेकिन अब मैं चाहूँगा कि तुम मेरी कहानी का हिस्सा बनो।” आर्या के दिल में डर और विश्वास दोनों उमड़ रहे थे। उसने नीरव का हाथ कसकर पकड़ा और कहा, “मैं तुम्हारे साथ हूँ, चाहे कुछ भी हो।” अजनबी ने देखा कि नीरव अकेला नहीं है। वह कुछ पल ठहरा, फिर धीरे-धीरे वहां से चला गया। आर्या और नीरव की नज़दीकियाँ बढ़ चुकी थीं, लेकिन खतरा अभी भी छुपा हुआ था। क्या अजनबी फिर लौटेगा? और क्या आर्या और नीरव इस खतरे का सामना कर पाएंगे?

ADRIL

🙏🙏🙏

Raju kumar Chaudhary

“साथ-साथ जीवन की राह – भाग 2” विकास और अनामिका की जिंदगी फिर से सामान्य हो रही थी। बच्चों की पढ़ाई, घर और कामकाज के बीच दोनों ने अपनी खुशियों को छोटे-छोटे पलों में ढूंढना शुरू किया। लेकिन जैसे ही सब कुछ ठीक लग रहा था, विकास के ऑफिस में अचानक एक नई परियोजना आई, जो उसकी पूरी ऊर्जा मांग रही थी। इस दौरान, अनामिका ने एक बड़ी पेंटिंग प्रतियोगिता में भाग लिया और उसका काम देश भर में सराहा गया। उसकी प्रसिद्धि बढ़ने लगी, और उसे अक्सर बाहर रहने के लिए बुलाया जाने लगा। विकास और अनामिका दोनों व्यस्त थे, और धीरे-धीरे उनकी जिंदगी फिर से उलझन में आ गई। एक दिन, विकास ने देखा कि अनामिका ने उसके जन्मदिन पर कोई संदेश नहीं भेजा। दिल टूट सा गया। “क्या मैं अब उसके जीवन में उतना अहम नहीं हूँ?” वह सोचने लगा। अनामिका भी अपने मन में यही सवाल कर रही थी। उसने सोचा, “विकास बहुत थका हुआ है, शायद वह मेरी खुशी में खुश नहीं है।” तभी कहानी में ट्विस्ट आया। विकास के ऑफिस में एक नई महिला कर्मचारी आई – स्नेहा। स्नेहा बहुत दोस्ताना और खुशमिजाज थी। विकास ने पहले तो सोचा कि वह सिर्फ मददगार है, लेकिन धीरे-धीरे उसके साथ अधिक समय बिताने लगा। अनामिका ने यह महसूस किया और अंदर से थोड़ा डरने लगी। उसने विकास से सीधे सवाल किया, “विकास, क्या हम कहीं खो रहे हैं?” विकास ने कुछ देर चुप रहकर कहा, “अनामिका, कभी-कभी मैं समझ नहीं पाता कि कैसे दोनों चीज़ें—काम और घर—साथ में निभाऊँ। लेकिन मैं तुम्हें खोना नहीं चाहता।” तभी अनामिका ने मुस्कुराते हुए कहा, “तो हम फिर से शुरुआत करते हैं। अपने प्यार को प्राथमिकता देंगे, चाहे कितना भी काम क्यों न हो।” दोनों ने तय किया कि रोज़ कम से कम आधा घंटा सिर्फ एक-दूसरे के लिए निकालेंगे। धीरे-धीरे, स्नेहा की मौजूदगी भी सिर्फ एक पेशेवर दोस्ती में बदल गई। कुछ महीने बाद, विकास ने अनामिका को सरप्राइज दिया। उसने उनके पुराने कॉलेज वाले पार्क में एक छोटे-से कैम्पिंग ट्रिप का इंतजाम किया। वहाँ, दोनों ने एक-दूसरे को गले लगाया और कहा, “हमारी जिंदगी में उतार-चढ़ाव आए, लेकिन हम हमेशा साथ रहे। यही असली प्यार है।” और इस तरह, विकास और अनामिका ने साबित किया कि सच्चा प्यार वही है जो मुश्किल समय में भी डगमगाए नहीं, बल्कि और मजबूत हो जाए। “साथ-साथ जीवन की राह – भाग 3” कुछ साल बाद, विकास और अनामिका की जिंदगी फिर से स्थिर लग रही थी। बच्चों की पढ़ाई अच्छी चल रही थी, और दोनों ने अपनी-अपनी काम में संतुलन बना लिया था। लेकिन तभी अचानक एक बड़ा संकट आया। अनामिका की पुरानी दोस्त, नीहा, शहर में वापस आई। नीहा और अनामिका कॉलेज की दोस्त थीं, लेकिन विकास को नीहा के साथ अनामिका की दोस्ती कभी अच्छी नहीं लगी थी। नीहा ने अनामिका से मिलने के बहाने घर पर आए और धीरे-धीरे विकास के सामने उसके काम की तारीफ करने लगी। विकास ने यह देखा और पहली बार अंदर से असुरक्षित महसूस किया। उसने अनामिका से कहा, “अनामिका, मुझे डर है कि कहीं तुम्हारे पुराने दोस्त हमारी खुशियों में खलल न डाल दें।” अनामिका ने गंभीर होकर कहा, “विकास, मैं तुम्हारे लिए चुनी गई हूँ, और मेरे लिए तुम ही सब कुछ हो। नीहा सिर्फ मेरी पुरानी दोस्त है, और कोई खतरा नहीं है।” लेकिन संकट यहीं खत्म नहीं हुआ। उसी समय, विकास के ऑफिस में एक बड़ा प्रोजेक्ट था जिसमें गलतफहमी और दबाव की वजह से वह गलती कर बैठा। कंपनी ने उसे सस्पेंड कर दिया। विकास बेहद टूट गया और अनामिका ने उसका सहारा बनने का फैसला किया। उसने विकास को सहलाते हुए कहा, “हमने पहले भी हर कठिनाई का सामना किया है। तुम अकेले नहीं हो। हम साथ हैं।” फिर कहानी में एक रोमांटिक मोड़ आया। अनामिका ने एक सरप्राइज प्लान किया—पुराने कॉलेज वाले कैम्पस की वही जगह जहाँ उन्होंने पहली बार अपनी दोस्ती की शुरुआत की थी। वहाँ पहुँचते ही उसने विकास के सामने कहा, “याद है, जब हम पहली बार यहाँ आए थे, हमने वादा किया था कि हम हमेशा साथ रहेंगे? मैं आज वही वादा दोबारा करना चाहती हूँ।” विकास ने उसकी आँखों में देखकर कहा, “और मैं आज फिर से वादा करता हूँ कि चाहे कोई भी मुश्किल आए, चाहे समय कितना भी बदल जाए, मैं हमेशा तुम्हारे साथ रहूँगा।” दोनों ने हाथ थाम कर आसमान की ओर देखा और महसूस किया कि उनकी जिंदगी में उतार-चढ़ाव कितने भी आएँ, उनका प्यार और विश्वास अडिग था। कहानी का संदेश यह था कि सच्चा प्यार केवल रोमांस नहीं, बल्कि विश्वास, समर्पण और एक-दूसरे के साथ हर चुनौती का सामना करना है।“साथ-साथ जीवन की राह – भाग 4” कुछ सालों बाद, विकास और अनामिका की जिंदगी फिर से व्यवस्थित लग रही थी। उनके बच्चे अब किशोरावस्था में थे और घर में खुशियों का माहौल था। लेकिन एक दिन अचानक अनामिका के पिता की तबियत गंभीर हो गई। अनामिका की शादी के समय से ही उनके पिता ने कभी पूरी तरह उसके करियर और स्वतंत्र निर्णय को स्वीकार नहीं किया था। अब उनका इलाज बहुत महंगा था और विकास के ऑफिस में फिर से वित्तीय संकट आ गया। विकास और अनामिका ने मिलकर यह फैसला किया कि वे पिता की देखभाल और इलाज के लिए शहर छोड़ देंगे। बच्चों के स्कूल और परिवार को संभालना आसान नहीं था। इसी बीच, विकास के ऑफिस में एक प्रतियोगिता की घोषणा हुई। अगर विकास जीतता है तो उसे उच्च पद और वित्तीय सुरक्षा मिल सकती थी। लेकिन इसका मतलब था कि वह पूरे महीने घर से दूर रहे। अनामिका ने उसे रोकने के बजाय कहा, “विकास, यह तुम्हारे लिए एक अवसर है। मैं घर संभाल लूँगी, तुम्हें मौका लेना चाहिए। हम साथ हैं, याद है?” विकास ने अनामिका को देखा और उसकी आँखों में अपने प्यार और भरोसे को महसूस किया। उसने प्रतियोगिता में भाग लिया और कड़ी मेहनत के बाद जीत गया। वित्तीय संकट समाप्त हुआ। घर लौटने पर, अनामिका ने उसे सरप्राइज दिया। उसने घर सजाया, बच्चों के साथ स्वागत किया और खुद भी एक सुंदर पोशाक में इंतजार कर रही थी। विकास ने उसे देखा और कहा, “तुम्हारा हर कदम, तुम्हारा हर भरोसा और प्यार ही मेरी ताकत है। तुम्हारे बिना मैं कुछ नहीं।” अनामिका ने हँसते हुए कहा, “और तुम्हारे बिना मैं कुछ नहीं। हम दोनों मिलकर हर संकट को पार कर सकते हैं।” फिर, उस रात दोनों ने बच्चों को सोने के बाद पुरानी यादों और अपने प्यार के पल याद किए। विकास ने अनामिका के हाथों को पकड़ा और कहा, “हमारी जिंदगी में चाहे कितने भी तूफान आएँ, हम हमेशा साथ रहेंगे। यही सच्चा प्यार है।” और इस तरह, विकास और अनामिका ने साबित किया कि असली प्यार कठिनाइयों में झुकता नहीं, बल्कि और मजबूत होकर खिलता है।“साथ-साथ जीवन की राह – भाग 5” कुछ सालों बाद, विकास और अनामिका की जिंदगी अब स्थिर और खुशहाल लग रही थी। बच्चों की पढ़ाई भी अच्छी चल रही थी, और घर में प्यार और समझदारी का माहौल था। लेकिन एक दिन अचानक अनामिका को एक पुराना पत्र मिला। यह पत्र उसकी कॉलेज की दोस्त नीहा से आया था। नीहा ने लिखा कि वह अब विदेश में शादी कर रही है और वह विकास और अनामिका को एक खास मौका देना चाहती है। पत्र में लिखा था कि उसने अनामिका की पेंटिंग्स से प्रेरित होकर एक इंटरनेशनल आर्ट गैलरी खोलने का विचार किया है और वह अनामिका को अपना विशेष अतिथि बनाना चाहती है। अनामिका ने विकास को पत्र दिखाया। विकास ने मुस्कुराते हुए कहा, “देखो, तुम्हारी कला और मेहनत ने तुम्हें इतना बड़ा मौका दिलाया है। मैं तुम्हारे साथ चलूँगा।” गैलरी का उद्घाटन दिन आया। अनामिका ने अपने पेंटिंग्स प्रदर्शित किए और हर कोई उनकी तारीफ कर रहा था। विकास ने उसके हाथ में हाथ डालकर कहा, “तुम हमेशा चमकती रहो। मैं हमेशा तुम्हारे साथ हूँ।” इसी बीच, बच्चों ने चुपचाप एक सरप्राइज प्लान किया। उन्होंने पिताजी और माँ के लिए एक वीडियो तैयार किया जिसमें उनके छोटे-छोटे प्यारे पल, उनके संघर्ष और खुशियाँ दिख रही थीं। जब विकास और अनामिका ने वह वीडियो देखा, दोनों की आँखों में आँसू आ गए। रात में, गैलरी की छत पर दोनों अकेले बैठे और आसमान की तरफ देखकर अनामिका ने कहा, “विकास, हमारी जिंदगी में हर तूफान आया, लेकिन हमने कभी हार नहीं मानी। हमारे प्यार ने हर चुनौती को पार किया।” विकास ने धीरे से कहा, “अनामिका, तुम्हारे बिना मैं कुछ भी नहीं हूँ। तुम मेरी ताकत, मेरी प्रेरणा और मेरी जिंदगी हो।” फिर, बच्चों और दोस्तों के सामने, विकास ने अनामिका को अपने हाथों में हाथ देकर कहा, “क्या तुम मेरे साथ जीवन भर के लिए फिर से यह वादा दोहराओगी—हर मुश्किल, हर खुशी, हर पल साथ रहने का?” अनामिका ने मुस्कुराते हुए कहा, “हाँ, विकास। हमेशा। हम साथ हैं, और हमेशा रहेंगे।” और इस तरह, विकास और अनामिका की कहानी ने साबित किया कि प्यार, विश्वास और साथ की ताकत से हर मुश्किल आसान हो जाती है, और जिंदगी की असली खूबसूरती छोटे-छोटे पलों और साथ बिताए समय में ही है

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“साथ-साथ जीवन की राह – भाग 4” कुछ सालों बाद, विकास और अनामिका की जिंदगी फिर से व्यवस्थित लग रही थी। उनके बच्चे अब किशोरावस्था में थे और घर में खुशियों का माहौल था। लेकिन एक दिन अचानक अनामिका के पिता की तबियत गंभीर हो गई। अनामिका की शादी के समय से ही उनके पिता ने कभी पूरी तरह उसके करियर और स्वतंत्र निर्णय को स्वीकार नहीं किया था। अब उनका इलाज बहुत महंगा था और विकास के ऑफिस में फिर से वित्तीय संकट आ गया। विकास और अनामिका ने मिलकर यह फैसला किया कि वे पिता की देखभाल और इलाज के लिए शहर छोड़ देंगे। बच्चों के स्कूल और परिवार को संभालना आसान नहीं था। इसी बीच, विकास के ऑफिस में एक प्रतियोगिता की घोषणा हुई। अगर विकास जीतता है तो उसे उच्च पद और वित्तीय सुरक्षा मिल सकती थी। लेकिन इसका मतलब था कि वह पूरे महीने घर से दूर रहे। अनामिका ने उसे रोकने के बजाय कहा, “विकास, यह तुम्हारे लिए एक अवसर है। मैं घर संभाल लूँगी, तुम्हें मौका लेना चाहिए। हम साथ हैं, याद है?” विकास ने अनामिका को देखा और उसकी आँखों में अपने प्यार और भरोसे को महसूस किया। उसने प्रतियोगिता में भाग लिया और कड़ी मेहनत के बाद जीत गया। वित्तीय संकट समाप्त हुआ। घर लौटने पर, अनामिका ने उसे सरप्राइज दिया। उसने घर सजाया, बच्चों के साथ स्वागत किया और खुद भी एक सुंदर पोशाक में इंतजार कर रही थी। विकास ने उसे देखा और कहा, “तुम्हारा हर कदम, तुम्हारा हर भरोसा और प्यार ही मेरी ताकत है। तुम्हारे बिना मैं कुछ नहीं।” अनामिका ने हँसते हुए कहा, “और तुम्हारे बिना मैं कुछ नहीं। हम दोनों मिलकर हर संकट को पार कर सकते हैं।” फिर, उस रात दोनों ने बच्चों को सोने के बाद पुरानी यादों और अपने प्यार के पल याद किए। विकास ने अनामिका के हाथों को पकड़ा और कहा, “हमारी जिंदगी में चाहे कितने भी तूफान आएँ, हम हमेशा साथ रहेंगे। यही सच्चा प्यार है।” और इस तरह, विकास और अनामिका ने साबित किया कि असली प्यार कठिनाइयों में झुकता नहीं, बल्कि और मजबूत होकर खिलता है।

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“साथ-साथ जीवन की राह – भाग 2” विकास और अनामिका की जिंदगी फिर से सामान्य हो रही थी। बच्चों की पढ़ाई, घर और कामकाज के बीच दोनों ने अपनी खुशियों को छोटे-छोटे पलों में ढूंढना शुरू किया। लेकिन जैसे ही सब कुछ ठीक लग रहा था, विकास के ऑफिस में अचानक एक नई परियोजना आई, जो उसकी पूरी ऊर्जा मांग रही थी। इस दौरान, अनामिका ने एक बड़ी पेंटिंग प्रतियोगिता में भाग लिया और उसका काम देश भर में सराहा गया। उसकी प्रसिद्धि बढ़ने लगी, और उसे अक्सर बाहर रहने के लिए बुलाया जाने लगा। विकास और अनामिका दोनों व्यस्त थे, और धीरे-धीरे उनकी जिंदगी फिर से उलझन में आ गई। एक दिन, विकास ने देखा कि अनामिका ने उसके जन्मदिन पर कोई संदेश नहीं भेजा। दिल टूट सा गया। “क्या मैं अब उसके जीवन में उतना अहम नहीं हूँ?” वह सोचने लगा। अनामिका भी अपने मन में यही सवाल कर रही थी। उसने सोचा, “विकास बहुत थका हुआ है, शायद वह मेरी खुशी में खुश नहीं है।” तभी कहानी में ट्विस्ट आया। विकास के ऑफिस में एक नई महिला कर्मचारी आई – स्नेहा। स्नेहा बहुत दोस्ताना और खुशमिजाज थी। विकास ने पहले तो सोचा कि वह सिर्फ मददगार है, लेकिन धीरे-धीरे उसके साथ अधिक समय बिताने लगा। अनामिका ने यह महसूस किया और अंदर से थोड़ा डरने लगी। उसने विकास से सीधे सवाल किया, “विकास, क्या हम कहीं खो रहे हैं?” विकास ने कुछ देर चुप रहकर कहा, “अनामिका, कभी-कभी मैं समझ नहीं पाता कि कैसे दोनों चीज़ें—काम और घर—साथ में निभाऊँ। लेकिन मैं तुम्हें खोना नहीं चाहता।” तभी अनामिका ने मुस्कुराते हुए कहा, “तो हम फिर से शुरुआत करते हैं। अपने प्यार को प्राथमिकता देंगे, चाहे कितना भी काम क्यों न हो।” दोनों ने तय किया कि रोज़ कम से कम आधा घंटा सिर्फ एक-दूसरे के लिए निकालेंगे। धीरे-धीरे, स्नेहा की मौजूदगी भी सिर्फ एक पेशेवर दोस्ती में बदल गई। कुछ महीने बाद, विकास ने अनामिका को सरप्राइज दिया। उसने उनके पुराने कॉलेज वाले पार्क में एक छोटे-से कैम्पिंग ट्रिप का इंतजाम किया। वहाँ, दोनों ने एक-दूसरे को गले लगाया और कहा, “हमारी जिंदगी में उतार-चढ़ाव आए, लेकिन हम हमेशा साथ रहे। यही असली प्यार है।” और इस तरह, विकास और अनामिका ने साबित किया कि सच्चा प्यार वही है जो मुश्किल समय में भी डगमगाए नहीं, बल्कि और मजबूत हो जाए।

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“साथ-साथ जीवन की राह – भाग 3” कुछ साल बाद, विकास और अनामिका की जिंदगी फिर से स्थिर लग रही थी। बच्चों की पढ़ाई अच्छी चल रही थी, और दोनों ने अपनी-अपनी काम में संतुलन बना लिया था। लेकिन तभी अचानक एक बड़ा संकट आया। अनामिका की पुरानी दोस्त, नीहा, शहर में वापस आई। नीहा और अनामिका कॉलेज की दोस्त थीं, लेकिन विकास को नीहा के साथ अनामिका की दोस्ती कभी अच्छी नहीं लगी थी। नीहा ने अनामिका से मिलने के बहाने घर पर आए और धीरे-धीरे विकास के सामने उसके काम की तारीफ करने लगी। विकास ने यह देखा और पहली बार अंदर से असुरक्षित महसूस किया। उसने अनामिका से कहा, “अनामिका, मुझे डर है कि कहीं तुम्हारे पुराने दोस्त हमारी खुशियों में खलल न डाल दें।” अनामिका ने गंभीर होकर कहा, “विकास, मैं तुम्हारे लिए चुनी गई हूँ, और मेरे लिए तुम ही सब कुछ हो। नीहा सिर्फ मेरी पुरानी दोस्त है, और कोई खतरा नहीं है।” लेकिन संकट यहीं खत्म नहीं हुआ। उसी समय, विकास के ऑफिस में एक बड़ा प्रोजेक्ट था जिसमें गलतफहमी और दबाव की वजह से वह गलती कर बैठा। कंपनी ने उसे सस्पेंड कर दिया। विकास बेहद टूट गया और अनामिका ने उसका सहारा बनने का फैसला किया। उसने विकास को सहलाते हुए कहा, “हमने पहले भी हर कठिनाई का सामना किया है। तुम अकेले नहीं हो। हम साथ हैं।” फिर कहानी में एक रोमांटिक मोड़ आया। अनामिका ने एक सरप्राइज प्लान किया—पुराने कॉलेज वाले कैम्पस की वही जगह जहाँ उन्होंने पहली बार अपनी दोस्ती की शुरुआत की थी। वहाँ पहुँचते ही उसने विकास के सामने कहा, “याद है, जब हम पहली बार यहाँ आए थे, हमने वादा किया था कि हम हमेशा साथ रहेंगे? मैं आज वही वादा दोबारा करना चाहती हूँ।” विकास ने उसकी आँखों में देखकर कहा, “और मैं आज फिर से वादा करता हूँ कि चाहे कोई भी मुश्किल आए, चाहे समय कितना भी बदल जाए, मैं हमेशा तुम्हारे साथ रहूँगा।” दोनों ने हाथ थाम कर आसमान की ओर देखा और महसूस किया कि उनकी जिंदगी में उतार-चढ़ाव कितने भी आएँ, उनका प्यार और विश्वास अडिग था। कहानी का संदेश यह था कि सच्चा प्यार केवल रोमांस नहीं, बल्कि विश्वास, समर्पण और एक-दूसरे के साथ हर चुनौती का सामना करना है।

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“साथ-साथ जीवन की राह – भाग 5” कुछ सालों बाद, विकास और अनामिका की जिंदगी अब स्थिर और खुशहाल लग रही थी। बच्चों की पढ़ाई भी अच्छी चल रही थी, और घर में प्यार और समझदारी का माहौल था। लेकिन एक दिन अचानक अनामिका को एक पुराना पत्र मिला। यह पत्र उसकी कॉलेज की दोस्त नीहा से आया था। नीहा ने लिखा कि वह अब विदेश में शादी कर रही है और वह विकास और अनामिका को एक खास मौका देना चाहती है। पत्र में लिखा था कि उसने अनामिका की पेंटिंग्स से प्रेरित होकर एक इंटरनेशनल आर्ट गैलरी खोलने का विचार किया है और वह अनामिका को अपना विशेष अतिथि बनाना चाहती है। अनामिका ने विकास को पत्र दिखाया। विकास ने मुस्कुराते हुए कहा, “देखो, तुम्हारी कला और मेहनत ने तुम्हें इतना बड़ा मौका दिलाया है। मैं तुम्हारे साथ चलूँगा।” गैलरी का उद्घाटन दिन आया। अनामिका ने अपने पेंटिंग्स प्रदर्शित किए और हर कोई उनकी तारीफ कर रहा था। विकास ने उसके हाथ में हाथ डालकर कहा, “तुम हमेशा चमकती रहो। मैं हमेशा तुम्हारे साथ हूँ।” इसी बीच, बच्चों ने चुपचाप एक सरप्राइज प्लान किया। उन्होंने पिताजी और माँ के लिए एक वीडियो तैयार किया जिसमें उनके छोटे-छोटे प्यारे पल, उनके संघर्ष और खुशियाँ दिख रही थीं। जब विकास और अनामिका ने वह वीडियो देखा, दोनों की आँखों में आँसू आ गए। रात में, गैलरी की छत पर दोनों अकेले बैठे और आसमान की तरफ देखकर अनामिका ने कहा, “विकास, हमारी जिंदगी में हर तूफान आया, लेकिन हमने कभी हार नहीं मानी। हमारे प्यार ने हर चुनौती को पार किया।” विकास ने धीरे से कहा, “अनामिका, तुम्हारे बिना मैं कुछ भी नहीं हूँ। तुम मेरी ताकत, मेरी प्रेरणा और मेरी जिंदगी हो।” फिर, बच्चों और दोस्तों के सामने, विकास ने अनामिका को अपने हाथों में हाथ देकर कहा, “क्या तुम मेरे साथ जीवन भर के लिए फिर से यह वादा दोहराओगी—हर मुश्किल, हर खुशी, हर पल साथ रहने का?” अनामिका ने मुस्कुराते हुए कहा, “हाँ, विकास। हमेशा। हम साथ हैं, और हमेशा रहेंगे।” और इस तरह, विकास और अनामिका की कहानी ने साबित किया कि प्यार, विश्वास और साथ की ताकत से हर मुश्किल आसान हो जाती है, और जिंदगी की असली खूबसूरती छोटे-छोटे पलों और साथ बिताए समय में ही है।

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“साथ-साथ जीवन की राह – भाग 4” कुछ सालों बाद, विकास और अनामिका की जिंदगी फिर से व्यवस्थित लग रही थी। उनके बच्चे अब किशोरावस्था में थे और घर में खुशियों का माहौल था। लेकिन एक दिन अचानक अनामिका के पिता की तबियत गंभीर हो गई। अनामिका की शादी के समय से ही उनके पिता ने कभी पूरी तरह उसके करियर और स्वतंत्र निर्णय को स्वीकार नहीं किया था। अब उनका इलाज बहुत महंगा था और विकास के ऑफिस में फिर से वित्तीय संकट आ गया। विकास और अनामिका ने मिलकर यह फैसला किया कि वे पिता की देखभाल और इलाज के लिए शहर छोड़ देंगे। बच्चों के स्कूल और परिवार को संभालना आसान नहीं था। इसी बीच, विकास के ऑफिस में एक प्रतियोगिता की घोषणा हुई। अगर विकास जीतता है तो उसे उच्च पद और वित्तीय सुरक्षा मिल सकती थी। लेकिन इसका मतलब था कि वह पूरे महीने घर से दूर रहे। अनामिका ने उसे रोकने के बजाय कहा, “विकास, यह तुम्हारे लिए एक अवसर है। मैं घर संभाल लूँगी, तुम्हें मौका लेना चाहिए। हम साथ हैं, याद है?” विकास ने अनामिका को देखा और उसकी आँखों में अपने प्यार और भरोसे को महसूस किया। उसने प्रतियोगिता में भाग लिया और कड़ी मेहनत के बाद जीत गया। वित्तीय संकट समाप्त हुआ। घर लौटने पर, अनामिका ने उसे सरप्राइज दिया। उसने घर सजाया, बच्चों के साथ स्वागत किया और खुद भी एक सुंदर पोशाक में इंतजार कर रही थी। विकास ने उसे देखा और कहा, “तुम्हारा हर कदम, तुम्हारा हर भरोसा और प्यार ही मेरी ताकत है। तुम्हारे बिना मैं कुछ नहीं।” अनामिका ने हँसते हुए कहा, “और तुम्हारे बिना मैं कुछ नहीं। हम दोनों मिलकर हर संकट को पार कर सकते हैं।” फिर, उस रात दोनों ने बच्चों को सोने के बाद पुरानी यादों और अपने प्यार के पल याद किए। विकास ने अनामिका के हाथों को पकड़ा और कहा, “हमारी जिंदगी में चाहे कितने भी तूफान आएँ, हम हमेशा साथ रहेंगे। यही सच्चा प्यार है।” और इस तरह, विकास और अनामिका ने साबित किया कि असली प्यार कठिनाइयों में झुकता नहीं, बल्कि और मजबूत होकर खिलता है।

Raju kumar Chaudhary

“साथ-साथ जीवन की राह – भाग 2” विकास और अनामिका की जिंदगी फिर से सामान्य हो रही थी। बच्चों की पढ़ाई, घर और कामकाज के बीच दोनों ने अपनी खुशियों को छोटे-छोटे पलों में ढूंढना शुरू किया। लेकिन जैसे ही सब कुछ ठीक लग रहा था, विकास के ऑफिस में अचानक एक नई परियोजना आई, जो उसकी पूरी ऊर्जा मांग रही थी। इस दौरान, अनामिका ने एक बड़ी पेंटिंग प्रतियोगिता में भाग लिया और उसका काम देश भर में सराहा गया। उसकी प्रसिद्धि बढ़ने लगी, और उसे अक्सर बाहर रहने के लिए बुलाया जाने लगा। विकास और अनामिका दोनों व्यस्त थे, और धीरे-धीरे उनकी जिंदगी फिर से उलझन में आ गई। एक दिन, विकास ने देखा कि अनामिका ने उसके जन्मदिन पर कोई संदेश नहीं भेजा। दिल टूट सा गया। “क्या मैं अब उसके जीवन में उतना अहम नहीं हूँ?” वह सोचने लगा। अनामिका भी अपने मन में यही सवाल कर रही थी। उसने सोचा, “विकास बहुत थका हुआ है, शायद वह मेरी खुशी में खुश नहीं है।” तभी कहानी में ट्विस्ट आया। विकास के ऑफिस में एक नई महिला कर्मचारी आई – स्नेहा। स्नेहा बहुत दोस्ताना और खुशमिजाज थी। विकास ने पहले तो सोचा कि वह सिर्फ मददगार है, लेकिन धीरे-धीरे उसके साथ अधिक समय बिताने लगा। अनामिका ने यह महसूस किया और अंदर से थोड़ा डरने लगी। उसने विकास से सीधे सवाल किया, “विकास, क्या हम कहीं खो रहे हैं?” विकास ने कुछ देर चुप रहकर कहा, “अनामिका, कभी-कभी मैं समझ नहीं पाता कि कैसे दोनों चीज़ें—काम और घर—साथ में निभाऊँ। लेकिन मैं तुम्हें खोना नहीं चाहता।” तभी अनामिका ने मुस्कुराते हुए कहा, “तो हम फिर से शुरुआत करते हैं। अपने प्यार को प्राथमिकता देंगे, चाहे कितना भी काम क्यों न हो।” दोनों ने तय किया कि रोज़ कम से कम आधा घंटा सिर्फ एक-दूसरे के लिए निकालेंगे। धीरे-धीरे, स्नेहा की मौजूदगी भी सिर्फ एक पेशेवर दोस्ती में बदल गई। कुछ महीने बाद, विकास ने अनामिका को सरप्राइज दिया। उसने उनके पुराने कॉलेज वाले पार्क में एक छोटे-से कैम्पिंग ट्रिप का इंतजाम किया। वहाँ, दोनों ने एक-दूसरे को गले लगाया और कहा, “हमारी जिंदगी में उतार-चढ़ाव आए, लेकिन हम हमेशा साथ रहे। यही असली प्यार है।” और इस तरह, विकास और अनामिका ने साबित किया कि सच्चा प्यार वही है जो मुश्किल समय में भी डगमगाए नहीं, बल्कि और मजबूत हो जाए। “साथ-साथ जीवन की राह – भाग 3” कुछ साल बाद, विकास और अनामिका की जिंदगी फिर से स्थिर लग रही थी। बच्चों की पढ़ाई अच्छी चल रही थी, और दोनों ने अपनी-अपनी काम में संतुलन बना लिया था। लेकिन तभी अचानक एक बड़ा संकट आया। अनामिका की पुरानी दोस्त, नीहा, शहर में वापस आई। नीहा और अनामिका कॉलेज की दोस्त थीं, लेकिन विकास को नीहा के साथ अनामिका की दोस्ती कभी अच्छी नहीं लगी थी। नीहा ने अनामिका से मिलने के बहाने घर पर आए और धीरे-धीरे विकास के सामने उसके काम की तारीफ करने लगी। विकास ने यह देखा और पहली बार अंदर से असुरक्षित महसूस किया। उसने अनामिका से कहा, “अनामिका, मुझे डर है कि कहीं तुम्हारे पुराने दोस्त हमारी खुशियों में खलल न डाल दें।” अनामिका ने गंभीर होकर कहा, “विकास, मैं तुम्हारे लिए चुनी गई हूँ, और मेरे लिए तुम ही सब कुछ हो। नीहा सिर्फ मेरी पुरानी दोस्त है, और कोई खतरा नहीं है।” लेकिन संकट यहीं खत्म नहीं हुआ। उसी समय, विकास के ऑफिस में एक बड़ा प्रोजेक्ट था जिसमें गलतफहमी और दबाव की वजह से वह गलती कर बैठा। कंपनी ने उसे सस्पेंड कर दिया। विकास बेहद टूट गया और अनामिका ने उसका सहारा बनने का फैसला किया। उसने विकास को सहलाते हुए कहा, “हमने पहले भी हर कठिनाई का सामना किया है। तुम अकेले नहीं हो। हम साथ हैं।” फिर कहानी में एक रोमांटिक मोड़ आया। अनामिका ने एक सरप्राइज प्लान किया—पुराने कॉलेज वाले कैम्पस की वही जगह जहाँ उन्होंने पहली बार अपनी दोस्ती की शुरुआत की थी। वहाँ पहुँचते ही उसने विकास के सामने कहा, “याद है, जब हम पहली बार यहाँ आए थे, हमने वादा किया था कि हम हमेशा साथ रहेंगे? मैं आज वही वादा दोबारा करना चाहती हूँ।” विकास ने उसकी आँखों में देखकर कहा, “और मैं आज फिर से वादा करता हूँ कि चाहे कोई भी मुश्किल आए, चाहे समय कितना भी बदल जाए, मैं हमेशा तुम्हारे साथ रहूँगा।” दोनों ने हाथ थाम कर आसमान की ओर देखा और महसूस किया कि उनकी जिंदगी में उतार-चढ़ाव कितने भी आएँ, उनका प्यार और विश्वास अडिग था। कहानी का संदेश यह था कि सच्चा प्यार केवल रोमांस नहीं, बल्कि विश्वास, समर्पण और एक-दूसरे के साथ हर चुनौती का सामना करना है।“साथ-साथ जीवन की राह – भाग 5” कुछ सालों बाद, विकास और अनामिका की जिंदगी अब स्थिर और खुशहाल लग रही थी। बच्चों की पढ़ाई भी अच्छी चल रही थी, और घर में प्यार और समझदारी का माहौल था। लेकिन एक दिन अचानक अनामिका को एक पुराना पत्र मिला। यह पत्र उसकी कॉलेज की दोस्त नीहा से आया था। नीहा ने लिखा कि वह अब विदेश में शादी कर रही है और वह विकास और अनामिका को एक खास मौका देना चाहती है। पत्र में लिखा था कि उसने अनामिका की पेंटिंग्स से प्रेरित होकर एक इंटरनेशनल आर्ट गैलरी खोलने का विचार किया है और वह अनामिका को अपना विशेष अतिथि बनाना चाहती है। अनामिका ने विकास को पत्र दिखाया। विकास ने मुस्कुराते हुए कहा, “देखो, तुम्हारी कला और मेहनत ने तुम्हें इतना बड़ा मौका दिलाया है। मैं तुम्हारे साथ चलूँगा।” गैलरी का उद्घाटन दिन आया। अनामिका ने अपने पेंटिंग्स प्रदर्शित किए और हर कोई उनकी तारीफ कर रहा था। विकास ने उसके हाथ में हाथ डालकर कहा, “तुम हमेशा चमकती रहो। मैं हमेशा तुम्हारे साथ हूँ।” इसी बीच, बच्चों ने चुपचाप एक सरप्राइज प्लान किया। उन्होंने पिताजी और माँ के लिए एक वीडियो तैयार किया जिसमें उनके छोटे-छोटे प्यारे पल, उनके संघर्ष और खुशियाँ दिख रही थीं। जब विकास और अनामिका ने वह वीडियो देखा, दोनों की आँखों में आँसू आ गए। रात में, गैलरी की छत पर दोनों अकेले बैठे और आसमान की तरफ देखकर अनामिका ने कहा, “विकास, हमारी जिंदगी में हर तूफान आया, लेकिन हमने कभी हार नहीं मानी। हमारे प्यार ने हर चुनौती को पार किया।” विकास ने धीरे से कहा, “अनामिका, तुम्हारे बिना मैं कुछ भी नहीं हूँ। तुम मेरी ताकत, मेरी प्रेरणा और मेरी जिंदगी हो।” फिर, बच्चों और दोस्तों के सामने, विकास ने अनामिका को अपने हाथों में हाथ देकर कहा, “क्या तुम मेरे साथ जीवन भर के लिए फिर से यह वादा दोहराओगी—हर मुश्किल, हर खुशी, हर पल साथ रहने का?” अनामिका ने मुस्कुराते हुए कहा, “हाँ, विकास। हमेशा। हम साथ हैं, और हमेशा रहेंगे।” और इस तरह, विकास और अनामिका की कहानी ने साबित किया कि प्यार, विश्वास और साथ की ताकत से हर मुश्किल आसान हो जाती है, और जिंदगी की असली खूबसूरती छोटे-छोटे पलों और साथ बिताए समय में ही है“साथ-साथ जीवन की राह – भाग 4” कुछ सालों बाद, विकास और अनामिका की जिंदगी फिर से व्यवस्थित लग रही थी। उनके बच्चे अब किशोरावस्था में थे और घर में खुशियों का माहौल था। लेकिन एक दिन अचानक अनामिका के पिता की तबियत गंभीर हो गई। अनामिका की शादी के समय से ही उनके पिता ने कभी पूरी तरह उसके करियर और स्वतंत्र निर्णय को स्वीकार नहीं किया था। अब उनका इलाज बहुत महंगा था और विकास के ऑफिस में फिर से वित्तीय संकट आ गया। विकास और अनामिका ने मिलकर यह फैसला किया कि वे पिता की देखभाल और इलाज के लिए शहर छोड़ देंगे। बच्चों के स्कूल और परिवार को संभालना आसान नहीं था। इसी बीच, विकास के ऑफिस में एक प्रतियोगिता की घोषणा हुई। अगर विकास जीतता है तो उसे उच्च पद और वित्तीय सुरक्षा मिल सकती थी। लेकिन इसका मतलब था कि वह पूरे महीने घर से दूर रहे। अनामिका ने उसे रोकने के बजाय कहा, “विकास, यह तुम्हारे लिए एक अवसर है। मैं घर संभाल लूँगी, तुम्हें मौका लेना चाहिए। हम साथ हैं, याद है?” विकास ने अनामिका को देखा और उसकी आँखों में अपने प्यार और भरोसे को महसूस किया। उसने प्रतियोगिता में भाग लिया और कड़ी मेहनत के बाद जीत गया। वित्तीय संकट समाप्त हुआ। घर लौटने पर, अनामिका ने उसे सरप्राइज दिया। उसने घर सजाया, बच्चों के साथ स्वागत किया और खुद भी एक सुंदर पोशाक में इंतजार कर रही थी। विकास ने उसे देखा और कहा, “तुम्हारा हर कदम, तुम्हारा हर भरोसा और प्यार ही मेरी ताकत है। तुम्हारे बिना मैं कुछ नहीं।” अनामिका ने हँसते हुए कहा, “और तुम्हारे बिना मैं कुछ नहीं। हम दोनों मिलकर हर संकट को पार कर सकते हैं।” फिर, उस रात दोनों ने बच्चों को सोने के बाद पुरानी यादों और अपने प्यार के पल याद किए। विकास ने अनामिका के हाथों को पकड़ा और कहा, “हमारी जिंदगी में चाहे कितने भी तूफान आएँ, हम हमेशा साथ रहेंगे। यही सच्चा प्यार है।” और इस तरह, विकास और अनामिका ने साबित किया कि असली प्यार कठिनाइयों में झुकता नहीं, बल्कि और मजबूत होकर खिलता है।

kashish

Kass tu aye kisi rat yun hi apni yadon ki tarah .. Kass tu aye kisi rat is har taraf fyle andhere ki tarah .. Kass tu aye or cha jaye rochni Hi har jagah . Kass tu ayee kisi rat isi chamakte chand ki tarah .. Kass tu aye , aaa kar sine se lagale mujhko , meri ghutti sanson ko sahara de de , meri behnti ankhon ko kandha de de , Kass tu ayee kisi rat mere tadapte dil ko rahat ki tarah , Kass tu aye kisi rat is ghane badal ki tarah, in tamam bechainon me rahat ki tarah , kass tu ayee , Kass tu aye .. kisi raattt , yun hi apni yaadon ki tarah... _kashwii..

Biru Rajkumar

कविता: आत्मिक बदलाव शीर्षक: नए सवेर की ओर अंधेरों में जब खोई थी राह, मन के कोने में थी एक सुनी सदा। पर वक्त ने दिया नई सोच का एहसास, अभी भी है भीतर, एक नई शुरुआत का अहसास। बीते कल की पीड़ा, अब नहीं रोकती, हर अनुभव ने मुझे फिर से जोड़ा। अहंकार और डर को पीछे छोड़, मैं चल पड़ा, आत्मा की ओर। हर दिन नया, हर सोच नया, अतीत की परछाई को छोड़, मैंने पाया शांति का रास्ता, आत्मिक बदलाव—जीवन का सबसे प्यारा उपहार।

Raj Phulware

IshqKeAlfaaz हैरानी इस बात..

Dhamak

ફીક્ર કોઈની ચિંતા કરો તો, એને જરૂર કહેજો, મૌન રહેશો તો મનના દરવાજા બંધ થઈ જશે. ન કહેલા શબ્દો કદી કોઈ સાંભળતું નથી, અને એ શબ્દો જ અંતરમાં ભાર બની રહે છે. DHAMAK

Raju kumar Chaudhary

सरस्वती माता का गीत अंतरा 1: वाणी की देवी, ज्ञान की मूरत, सरस्वती माता, कर दो हम पर कृपा। पढ़ाई में लगे रहें, बुद्धि में वृद्धि हो, तेरे चरणों में हम समर्पित जीवन जीएँ। कोरस: जय माँ सरस्वती, जय माँ सरस्वती, ज्ञान की दाता, जग की रौशनी। जय माँ सरस्वती, जय माँ सरस्वती, वाणी और विद्या की तुम हो नायिका। अंतरा 2: साधक बनाकर करो जीवन सफल, अज्ञान के अंधकार को तुम दूर भगाओ। संगीत और कला में हमें निपुण बनाओ, माँ सरस्वती, हम सब पर अपनी कृपा बनाओ। कोरस: जय माँ सरस्वती, जय माँ सरस्वती, ज्ञान की दाता, जग की रौशनी। जय माँ सरस्वती, जय माँ सरस्वती, वाणी और विद्या की तुम हो नायिका। अंतरा 3: हाथ में वीणा, कमल पर विराज, सत्य और विद्या का करती प्रचार। भक्तों के संकट हर लो तू दूर, सरस्वती माता, कर दो जीवन सुंदर। कोरस: जय माँ सरस्वती, जय माँ सरस्वती, ज्ञान की दाता, जग की रौशनी। जय माँ सरस्वती, जय माँ सरस्वती, वाणी और विद्या की तुम हो नायिका।

Shivraj Bhokare

स्पर्धा नको कोणाशी , फक्त स्वतः ला सिद्ध करण्याची जिद्द असावी "

Manvi Chauhan

yaadein ❤️‍🩹 💭.... Kuch yaadein Tere mujhe hasati h..😊 Kuch yaadein Tere mujhe rulati hai.....😭 Mujhe Mere ache bure wkt me bs Tere hi yaad ati h...🫵❤️ Tu Mera hakikat tu hi mera ibbadat hai ❤️Tu bs Mera pyaar hi nhi Mera sara jahan Hai ✨🌍... Sach me yrr mujhe Tere bohot yaad aati..🥺💭... Saath to tu Mere abhi bhi hai..🫂 Par pehle ki trh tu pyaar dikhata nhi hai..❤️‍🩹 Tu karib ho ke bhi Ajnabi sa lgta hai❤️‍🩹🥀... Kya kasoor rkha tha mene tujhe hamare pyaar me..?💔 Tu Mera ho ke bhi Mera na hua .❤️‍🩹😭.. Shayad isi ka naam mohobbat Hai...❤️‍🩹 ✍️....... Manvi

Shivraj Bhokare

आजचा दिवस तुझाच आहे कधी कधी आपल्याला असं वाटतं की आयुष्य आपल्याविरोधात उभं आहे. लोक बोलतात, परिस्थिती बिघडते, आणि मन सांगतं — "नको रे, आज जमत नाही." पण खरं सांगू? आजचा दिवस कोण जिंकणार हे तुझ्या मनातल्या एका निर्णयावर अवलंबून आहे. तू स्वतःलाच एकदा तरी मनापासून विचार: "मी हार मानायला जन्मलोय का, की जिंकण्यासाठी?" जिंकणाऱ्यांचं एकच नियम असतो— ते थांबत नाहीत. ते पडले तरी उठतात. आणि उठल्यानंतर धावतात. कारण त्यांना माहित असतं… हार फक्त त्यालाच मिळते जो थांबतो. आणि विजय त्यालाच मिळतो जो प्रयत्न करत राहतो. आज तू छोटा प्रयत्न कर— एखादं पान वाच, एखादं स्वप्न लिहून ठेव, एखादं छोटं लक्ष्य गाठ… काहीही कर, पण रिकामा दिवस जाऊ देऊ नको. कारण हळूहळू केलेले छोटे बदलच मोठ्या जिंकांचा पाया बनतात. आणि लक्षात ठेव— तुझ्या आयुष्यातला सर्वात मजबूत व्यक्ती तूच आहेस. बाकी सगळे फक्त पाहुणे आहेत. आजचा दिवस तुझाच आहे… जा, जिंकून ये...

બદનામ રાજા

નબળો સમય શ્રેષ્ઠ પાત્રને પણ કલંકિત કરી નાખે છે,

Raju kumar Chaudhary

सरस्वती माता का गीत अंतरा 1: वाणी की देवी, ज्ञान की मूरत, सरस्वती माता, कर दो हम पर कृपा। पढ़ाई में लगे रहें, बुद्धि में वृद्धि हो, तेरे चरणों में हम समर्पित जीवन जीएँ। कोरस: जय माँ सरस्वती, जय माँ सरस्वती, ज्ञान की दाता, जग की रौशनी। जय माँ सरस्वती, जय माँ सरस्वती, वाणी और विद्या की तुम हो नायिका। अंतरा 2: साधक बनाकर करो जीवन सफल, अज्ञान के अंधकार को तुम दूर भगाओ। संगीत और कला में हमें निपुण बनाओ, माँ सरस्वती, हम सब पर अपनी कृपा बनाओ। कोरस: जय माँ सरस्वती, जय माँ सरस्वती, ज्ञान की दाता, जग की रौशनी। जय माँ सरस्वती, जय माँ सरस्वती, वाणी और विद्या की तुम हो नायिका। अंतरा 3: हाथ में वीणा, कमल पर विराज, सत्य और विद्या का करती प्रचार। भक्तों के संकट हर लो तू दूर, सरस्वती माता, कर दो जीवन सुंदर। कोरस: जय माँ सरस्वती, जय माँ सरस्वती, ज्ञान की दाता, जग की रौशनी। जय माँ सरस्वती, जय माँ सरस्वती, वाणी और विद्या की तुम हो नायिका।

Raju kumar Chaudhary

सरस्वती माता का गीत अंतरा 1: वाणी की देवी, ज्ञान की मूरत, सरस्वती माता, कर दो हम पर कृपा। पढ़ाई में लगे रहें, बुद्धि में वृद्धि हो, तेरे चरणों में हम समर्पित जीवन जीएँ। कोरस: जय माँ सरस्वती, जय माँ सरस्वती, ज्ञान की दाता, जग की रौशनी। जय माँ सरस्वती, जय माँ सरस्वती, वाणी और विद्या की तुम हो नायिका। अंतरा 2: साधक बनाकर करो जीवन सफल, अज्ञान के अंधकार को तुम दूर भगाओ। संगीत और कला में हमें निपुण बनाओ, माँ सरस्वती, हम सब पर अपनी कृपा बनाओ। कोरस: जय माँ सरस्वती, जय माँ सरस्वती, ज्ञान की दाता, जग की रौशनी। जय माँ सरस्वती, जय माँ सरस्वती, वाणी और विद्या की तुम हो नायिका। अंतरा 3: हाथ में वीणा, कमल पर विराज, सत्य और विद्या का करती प्रचार। भक्तों के संकट हर लो तू दूर, सरस्वती माता, कर दो जीवन सुंदर। कोरस: जय माँ सरस्वती, जय माँ सरस्वती, ज्ञान की दाता, जग की रौशनी। जय माँ सरस्वती, जय माँ सरस्वती, वाणी और विद्या की तुम हो नायिका।

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