Gujarati Whatsapp Status |
Hindi Whatsapp Status
Narendra Parmar
पत्नी अपने पति से
स्वामी जी
आप दिया लेकर ढूंढते तो भी आपको मेरे जैसे बीवी नहीं
मिलती 🤣🤣🤣😂
पति
आपकी बात सही है ✔️
इसीलिए तो में अपने घर से टोर्च लेकर आया था तुम्हें देखने
के लिए,फिर भी क्या फ़ायदा हुआ है मुझे ???
😩😩😩🤣🤣🤣😀😀
आखिर में मेरे तक़दीर में तुम ही लिखी थी 😂😂😩
पत्नी
🤫😡😡😡😡😡😏
नरेन्द्र परमार ✍️
Aachaarya Deepak Sikka
*ॐ नमः शिवाय*
*कर्मों का पीछा*
एक छोटे से गाँव में एक व्यक्ति रहता था — नाम था शंभू। वह दिखने में तो बहुत साधारण था, पर उसका अभिमान आसमान छूता था। गाँव में अगर कोई भूखा होता, तो वह कहता – “मुझे क्या लेना? हर कोई अपने कर्मों का फल भोगे।”
वह अपने कर्मों को भी हल्के में लेता — झूठ बोलना, दूसरों का हक मारना, और जरूरतमंद की मदद न करना उसकी आदत बन चुकी थी।
एक दिन गाँव में एक वृद्ध साधु आया। उसने सबको कर्म का महत्व समझाया और कहा —
“कर्म बूमरैंग की तरह हैं बेटा, जो जैसा करेगा, वैसा पाएगा। चाहे आज नहीं, कल सही।”
शंभू ने मज़ाक उड़ाते हुए कहा —
“महाराज, अगर सच में कर्म लौटते हैं तो मुझे अभी क्यों नहीं सज़ा मिली?”
साधु मुस्कुराया, “बीज बोया है, फल आने दो।”
साल बीतते गए। शंभू का व्यवसाय बढ़ा, धन-वैभव खूब मिला, पर उसका मन और निर्दयी होता गया।
वह गरीबों का मज़ाक उड़ाता, अपने माता-पिता को वृद्धाश्रम भेज देता और मंदिर जाते हुए भी सिर्फ नाम का माथा टेकता।
एक दिन अचानक उसे अजीब बीमारी हो गई। डॉक्टरों ने कहा — “इसका इलाज नहीं।”
दिन-रात वह बिस्तर पर तड़पता, पर कोई उसके पास न आता। जिन लोगों की मदद न की थी, वे अब उससे नज़रें चुरा लेते।
एक दिन वही साधु फिर आया। उसने कहा —
“याद है शंभू, तुमने कहा था — कर्म मुझे क्यों नहीं पकड़ते? अब पकड़ चुके हैं। जिस दर्द की अनदेखी तुमने दूसरों की की थी, वही दर्द अब तुम्हारे जीवन में उतर आया है।”
शंभू रो पड़ा। बोला, “अब क्या करूँ महाराज?”
साधु ने कहा, “अभी भी देर नहीं हुई। भगवान से क्षमा मांगो, सेवा करो, पश्चाताप ही मुक्ति का मार्ग है।”
शंभू ने शेष जीवन गरीबों की सेवा में लगा दिया। उसके कर्मों ने धीरे-धीरे उसे शांति दी।
मृत्यु के समय वह मुस्कुराया —
“सच कहा था महाराज… कर्म कभी पीछा नहीं छोड़ते, पर सच्चे कर्म उन्हें भी माफ कर सकते हैं।”
*शिक्षा:*
मनुष्य योनि में किया गया हर कर्म, चाहे छोटा या बड़ा, लौटकर अवश्य आता है।
इसलिए कहा गया है —
“सोच समझकर कर्म कीजिए,
क्योंकि कर्म ही भाग्य का लेख है।”
आचार्य दीपक सिक्का
संस्थापक ग्रह चाल कंसल्टेंसी
GIRLy Quotes
https://www.instagram.com/reel/DR4rOMkjB9U/?igsh=MXBidnJqbXJzZTNl
Hemant Bhangawa
केवल पुस्तक ही नहीं, मैं व्यक्ति का 'व्यक्तित्व' भी पढ़ता हूँ.. प्रिये -
मुझसे छल करना असंभव है.. परंतु, तुम मेरे अपने हो, तुम्हें इसकी 'स्वीकृति' देता हूँ...
- Hemant Bhangawa
ArUu
अरावली—
भारत की प्राचीन प्रहरी,
दो अरब वर्ष पुरानी
धरा की अटल रीढ़।
वो केवल पहाड़ नहीं,
थार का तटबंध है,
इस मिट्टी की संरक्षक,
राजस्थान की साँस है।
आदिवासियों की जन्मभूमि,
आमजन की पहचान,
लूणी, साबरमती, बनास की जननी।
पर अब खनन की चोटों ने
कर दी इन पहाड़ियों की छाती छलनी ।
ये कभी राजस्थान की ढाल थी,
रेगिस्तान से लड़ने की दीवार थी।
किसी ने इसे वीरों की भूमि कहा,
पर अब इस पर अरावली की छाँव कहाँ?
अगर यह कटेगी—
तो होगा धूल का साम्राज्य,
नंगे घाव, प्यास ,भूख
और सन्नाटे का विस्तार।
फिर आरम्भ होगा प्रकृति का प्रतिशोध,
विप्लव, विनाश और विध्वंस के साथ।
और याद रखना—
अरावली बचेगी, तो थार रुकेगा;
अरावली गिरेगी,
तो रेत —
हमारे भविष्य पर राज करेगी।
ArUu ✍️
ArUu
अरावली—
भारत की प्राचीन प्रहरी,
दो अरब वर्ष पुरानी
धरा की अटल रीढ़।
वो केवल पहाड़ नहीं,
थार का तटबंध है,
इस मिट्टी की संरक्षक,
राजस्थान की साँस है।
आदिवासियों की जन्मभूमि
आमजन की पहचान,
लूणी, साबरमती, बनास की जननी
पर अब खनन की चोटों ने
कर दी इन पहाड़ियों की छाती छलनी।
ये कभी राजस्थान की ढाल थी।
इस रेगिस्तान से लड़ने की दीवार थी।
किसी ने इसे वीरों की भूमि कहा,
पर अब इसपर अरावली की छांव कहाँ ?
अगर यह कटेगी—
तो होगा धूल का साम्राज्य
नंगे घाव,प्यास और सन्नाटा
बचानी है अरावली—
क्योंकि जब रीढ़ टूटती है,
तो सभ्यताएँ खड़ी नहीं रहतीं।
ArUu ✍️
S A Y R I K I N G
मैं तेरे बिना भी जी लूँगा - ये सच है पर तेरे साथ जीता तो शायद ज़िंदा कहलाता !
pink lotus
हर मुलाकात खास नही होती
हर नज़रों का मिलना इश्क की शुरुआत नही होती
ये वोह ज़माना है जाहा लोग नज़रे मिलकर इश्क की
फिरा लेते है खेल कर।
just shayeri👍
by:pinklotus❣️ 🌸
S A Y R I K I N G
आज मम्मी मुझे दो नोट 50 के दिए
एक आलू के लिए एक टमाटर के लिए
अब समझ नहीं आ रहा
आलू का कौनसा है और टमाटर का कौनसा है
🤔😂😂😂😂😂
S A Y R I K I N G
आज भी जब मैं उसे पलट के देखता हूं वो मुझे देवता समझ कर जूती उतार देती ह
Soni shakya
"धुंध में भी साफ दिखता है तेरा चेहरा,
सर्दी में भी सबसे गर्म एहसास है तू"
- Soni shakya
વૈભવકુમાર ઉમેશચંદ્ર ઓઝા
अजी आप हंसिए मत,
हम होश खो बैठते है,
और जब होश में आते है,
तो आप फिरसे मुस्कुरा देते हो।
- स्पंदन
kattupaya s
Goodnight friends.. yadhumatra peruveli part12 will be published on 19/12/25@1pm.
Parmar Mayur
हर एक शख्स कह रहा है कि ख्वाबों को सच करने के लिए जागना पड़ता है।
हम तो कहते हैं कि ख्वाबों को देखने के लिए पहले शांति से सोना पड़ता है।
- Parmar Mayur
S A Y R I K I N G
अब ये दिल लेकर कहां जाऊं, जिसमें सिर्फ तुम हो, पहले से बिकी हुई चीजों के भाव, अक्सर गिर जाया करते हैं।।
S A Y R I K I N G
पत्थर पूजन से कुछ ना मिले पुस्तक पढ़ने से मिले ज्ञान मंदिर जाने से अगर भगवान मिले तो पुजारी आपसे क्यों मांगे दान...
S A Y R I K I N G
मेरी मोहब्बत का इख्तियांम अब कुछ यूं है, कि मैंने मेरे यार के यार को भी अपनी कहानी का हिस्सा बना लिया....!!
S A Y R I K I N G
रिटर्न टिकट.... कन्फर्म है हम सबका, कैंसिल कोई नहीं करवा सकता इसीलिए यात्रा का पूरा आनंद लें..!!
ज़ख्मी__दिल…सुलगते अल्फ़ाज़
🦋...𝕊𝕦ℕ𝕠 न┤_★__
शिकायतें सब भुला चुके हैं, अब
कोई गिला नहीं,
मंज़िलें जब जुदा थीं हमारी, तो
रास्ता मिला नहीं,
मैं खुद को मना लूँगा हाँ मैं खुद
को मना लूँगा,
तुम अपनी मुस्कान संजोए
रखना,
दबाए बैठे हैं दर्द दिल में, हँसी
लबों पर सजाए रखना,
तड़प रही है जो याद बन- कर
वो शम्मा घर में जलाए रखना,
हमें सिखाया था तुमने जीना
अब भूलना भी सिखा दो तुम,
जो बुझ गई है लौ वफ़ा की उसे
दोबारा जगा दो तुम,
यूँ खामोशी से ना जाओ कुछ
बोलकर तो देखो तुम,
उजड़ गई जो बस्ती दिल की
उसे फिर से बसा दो तुम,
मेरे सफ़र में…बस थोड़ी सी
अपनी दुआ रखना,
ख़ुशी मिली जो तुम्हें किसी से
तो हम भी खुद को मना लेंगे,
ज़माना पूछेगा हाल मेरा ज़ब
तो झूठा किस्सा सुना देंगे,
मिले जो खुशियाँ तुम्हें जहाँ की
यही मेरी फ़रियाद है,
बचेगा क्या इस वजूद में अब कि
रूह तक तो बर्बाद है,
जब तक ये सांसें चलेंगी बस तेरा
ही इंतज़ार है,
अब बस इतना ही कहना, मुकद्दर
का लिखा ये फ़ासला, शायद साथ
हमारा यहीं तक था…🥀😔
╭─❀💔༻
╨──────────━❥
♦❙❙➛ज़ख़्मी-ऐ-ज़ुबानी•❙❙♦
#LoVeAaShiQ_SinGh☜
╨──────────━❥
Anuradha Singh
मै अपने भूलने की इंतिहा क्या बताऊ,
मैं अक्सर अपना नाम भूल जाती हूँ।
✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️
Shailesh Joshi
"વિચારો" એ એક એવી બાબત છે કે જે,
ક્યારેક આપણને બિચારો પણ બનાવી શકે છે,
એટલે હંમેશ માટે આપણે એટલું યાદ રાખીએ કે,
"હમણાં જેટલું જરૂરી છે
એટલું જ વિચારીએ"
Shailesh Joshi
Jyoti Gupta
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InkImagination
Good night friends 🌌🌌
khwahishh
टूट कर बेजार हुए पैमाने मे,
कौन सा जाम टिकता है।
कोई मुझे बताये की टुटा हुआ शीशा,
किस बाजार मे बिकता है।
और कोई तो दे पता मुझे उस हकीम का,
जो टूटे हुए दिल को, सुई से सिलता है।
- khwahishh
khwahishh
आफत - ऐ - मुहाल जिंदगी का जाने अंजाम क्या लिखा है। उस खुदा ने लकीर - ऐ - किस्मत मे जाने किसका नाम लिखा है।
- khwahishh
khwahishh
मैं चंद लम्हे चुराके बक्त से तेरे नाम करना चाहता हूं।
आसमान से लेकर थोड़े से सितारे तेरे आंचल मे भरना चाहता हूं।
तूने जितनी ख्वाहिशे छोडी है मेरे लिए सब पूरी करना चाहता हूं।
मुझे अपनी दुनिया बनाया है तुमने तुम्हे दुनिया अपनी बनाना चाहता हूं।
तू ही कहती है मुझे हक है आसमानो को छूने का,
मे तुझे अपनी उड़ान मे शामिल करना चाहता हूं।
ने चंद लम्हे चुरा के बक्त से तेरे नाम करना चाहता हूं।
Shraddha Panchal
जन्मता मनुष्य है ,
मरता भी मनुष्य है,
पर…………
जीवन जीता
सिर्फ़ और सिर्फ़
“समाज” है 🙏
Aasha Karan Keshvala
એકાંત એ મારું અંગત અધિકાર ક્ષેત્ર છે ત્યાં તો હું તને પ્રવેશવા સુદ્ધાંની પરવાનગી નહીં આપું...!
Soni shakya
एक सुकून सा है तेरी बातों में ..
जब भी बात होती है दिल खुश हो जाता है..
💖💖
- Soni shakya
khwahishh
हर कुबूल सजा करते है,
तेरी ख्वाहिश के लिए,
पर जरा ये तो बता बेवफा,
तूने क़ब्र कहाँ खोदी है,
मेरे दफ़न के लिए।
- khwahishh
Imaran
कोई हमको मोहब्बत में अपनी पागल कर गया
ये इश्क़ बैठे बिठाए कितना घायल कर गया
मेरी मोहब्बत की दास्तान सुन सुन कर
आज मेरा मोबाईल भी इश्क से घायल हो गया
📲imran 📲
Soni shakya
तुझे हल्के से अपनी ओर खींचकर ..
तुझे बांहों में लेकर ..
तेरी आंखों में डुबकर ..
तेरी बढ़ती धड़कनों को सुनकर ..
बस ये एहसास दिलाना चाहती हुं कि ..
ये घड़कन सिर्फ मेरे लिए है..
बस यकीन दिलाना चाहती हुं..
उस मोहब्बत का जो अंत तक तुमसे ही रहेंगी..
- Soni shakya
Arun V Deshpande
जिंदगी मे बदलाव
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जिंदगी खुबसुरत और
बडी लगने लगेगी जब ।
मै, मेरा, मुझे, मेरे लिए,
इन को जगह नही होगी।
होगा यहा सब ,अपना,
सबका, हर एक के लिए..।
दृष्टिकोन को तुम बदलो,
छोटीसी ज़िंदगी, छोटीसी दुनिया,
बडी बडी खुशियों भरी होगी....।
नजर मे बदलाव, सोच मे बदलाव
लाने से प्रतिमा निखर जाती है ।
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स्वलिखित रचना
कवी अरुण वि.देशपांडे-पुणे
Nabiya Khan
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🌸 एक नई सुबह का पैग़ाम 🌸
हर नई सुबह अपने साथ उम्मीदों का एक उजाला लेकर आती है।
रात की ख़ामोशी के बाद जब सूरज की पहली किरण ज़मीन को चूमती है, तो लगता है जैसे ज़िंदगी फिर से मुस्कुराने लगी हो। ये सुबह हमें बताती है कि चाहे कल कितना ही मुश्किल क्यों न रहा हो, आज फिर से एक नई शुरुआत मुमकिन है।
हवा में घुली ताज़गी, परिंदों की चहचहाहट, और आसमान का हल्का-सा नीला रंग—सब मिलकर दिल को सुकून दे जाते हैं। इस सुकून में एक दुआ छुपी होती है, कि आज का दिन बीते कल से बेहतर हो।
नई सुबह हमें ये सिखाती है कि उम्मीद कभी पुरानी नहीं होती। टूटे हुए ख़्वाब भी अगर सच्चे हों, तो इस सुबह की रोशनी में फिर से जिंदा हो जाते हैं। बस ज़रूरत है तो अपने दिल के दरवाज़े खोलने की, और ज़िंदगी को एक और मौक़ा देने की।
तो आइए, इस नई सुबह के साथ हम भी अपने अंदर की थकान, शिकवे और मायूसी को पीछे छोड़ दें।
दिल में सब्र, ज़हन में सुकून और लबों पर मुस्कान रखकर आज के दिन का इस्तक़बाल करें।
क्योंकि हर नई सुबह यही कहती है—
“अभी बहुत कुछ बाक़ी है, बस यक़ीन बनाए रखो।” 🌤️
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Shefali
#shabdone_sarname__
#shabdone_sarname_
#શબ્દોને_સરનામે__
kattupaya s
Good evening friends.. have a nice time
manshi
learn to live alone,
because one day god will also say,
who I am yours।
ધબકાર...
એકદમ શાંત જાણે મૃત,
ચીર નિંદ્રામાં સરી પડેલો.
Hemant pandya
મને સાફ સાફ દેખાય છે ભગવંત
તારી બનાવેલ માણસ જાત કેટલી અધીરી બની છે,
કાળ માથે ફરે છતા કાલની ચીંતા માં કેટલી નઠારી બની છે,
વીવશ બેચારી ભાષતી છતા કંઈક છું એવા ઢોંગ કરતી ખડી છે..
કેવા કેવા નસામા ચુર બેભાન ખડી છે,
કામ ક્રોધ લાલચ લોભ થી વધુ હું નામનું ગ્રહણ લાગી ગયું છે, ચારે બાજુ થી ખવરાઈ રહી ખતમ થઈ રહી છે, તો પણ ખુદને મહાન બતાવવાની પડી છે
- Hemant pandya
Dhamak
याद रखना, मैं जैसी हूँ वैसी,
सबको याद रहूँगी।
दुनिया को बताना ज़रूरी नहीं,
मेरी मौजूदगी ही मेरी पहचान बनेगी।
शोर बिना, दावे बिना,
मेरे स्वभाव और मेरी काबिलियत से,
लोग ख़ुद मजबूर हो जाएँगे
मुझे याद रखने के लिए
ढमक।
Hemant pandya
જયા કુદરત આગળ વીવશ લાચાર કોઈ માણસ જાત દેખાય છે , ત્યાં મને માત્ર ને માત્ર માનવતા દાખવવી એજ મારો સાચો ધર્મ મનાય છે
- Hemant pandya
Darshana Kakadiya
જીવનની દરેક પરીક્ષા માં જો પરિવાર નો સાથ હોય ને તો દોસ્ત દુનિયાની બીજી કોઈ પણ તાકાત ની જરૂર નથી હોતી...😊
- Darshana Kakadiya
Gautam Patel
Varun Dhawan. Keerthy Suresh
અશ્વિન રાઠોડ - સ્વયમભુ
દેશભક્તિની ગઝલ "ધબકારા ચુકી જવાય છે."
(વતનની રક્ષા અને શહીદોના બલિદાન પ્રત્યેનો આદર)
૧)સરહદના એ પડકારમાં ધબકારા ચૂકી જવાય છે,
વીરોની સજ્જ તલવારમાં ધબકારા ચૂકી જવાય છે.
૨)તિરંગો જ્યારે લહેરાય છે ગગનની ઊંચાઈએ,
એ કેસરીયા શણગારમાં ધબકારા ચૂકી જવાય છે.
૩)માતૃભૂમિની રક્ષા કાજે જે હસતા મુખે હોમાયા,
એ વીરોના રક્તની ધારમાં ધબકારા ચૂકી જવાય છે.
૪)દુશ્મનને જ્યારે ધૂળ ચટાડે હિંદના આ જવાનો,
યુદ્ધના એ રણકારમાં ધબકારા ચૂકી જવાય છે.
૫)ભારત માનું નામ લેતા જ હૈયું ગજગજ ફૂલે છે,
વતનના એ જયજયકારમાં "સ્વયમ’ભુ" ધબકારા ચૂકી જવાય છે.
અશ્વિન રાઠોડ ”સ્વયમ’ભુ”
અશ્વિન રાઠોડ - સ્વયમભુ
વિરહની ગઝલ
(જ્યારે કોઈની યાદ હૃદયને વ્યાકુળ કરી દેતી હોય)
ખાલી પડેલા દ્વારમાં ધબકારા ચૂકી જવાય છે,
તારા અધૂરા પ્યારમાં ધબકારા ચૂકી જવાય છે.
વરસો વીત્યા તો પણ હજુ એ જ હાલત છે મનની,
તારા જૂના સ્મરણોમાં ધબકારા ચૂકી જવાય છે.
કંઈ કેટલાયે ચહેરાઓ મળે છે રોજ રસ્તામાં,
તારા સરખા આભાસમાં ધબકારા ચૂકી જવાય છે.
સંભળાય છે પગરવ તારા હજુયે આ સન્નાટામાં,
ચાલતી પવનની લહેરમાં ધબકારા ચૂકી જવાય છે.
હવે તો ટેવ પાડી છે મેં એકલતામાં જીવવાની,
પણ તારા નામની બૂમમાં "સ્વયમ’ભુ” ધબકારા ચૂકી જવાય છે.
અશ્વિન રાઠોડ "સ્વયમ’ભુ"
અશ્વિન રાઠોડ - સ્વયમભુ
ગઝલ: ધબકારા ચૂકી જવાય છે
તારી નજરની ધારમાં ધબકારા ચૂકી જવાય છે,
સીધી સીધી વાતમાં ધબકારા ચૂકી જવાય છે.
તું મળે છે ત્યારે તો આખું જગત થંભી જતું,
તારા અચાનક આવવાંમાં ધબકારા ચૂકી જવાય છે.
મેં ક્યાં કીધું કે તારી યાદમાં જ બધું અટકી ગયું?
તારી ગલીના વળાંકમાં ધબકારા ચૂકી જવાય છે.
મૌન તારું સાંભળીને જીવ તો ગભરાય છે જ,
પણ તારા મીઠા સાદમાં ધબકારા ચૂકી જવાય છે.
આમ તો હિસાબ રાખું છું શ્વાસનો હું ક્ષણે ક્ષણ,
પણ તારા એક અહેસાસમાં "સ્વયમ’ભ" ધબકારા ચૂકી જવાય છે.
અશ્વિન રાઠોડ "સ્વયમ’ભુ"
NehKavya
तिने जरासे लाजून पाहिले
धडधड उगीच वाढली
केस कानामागे टाकले अन्
माझी शंभरावी विकेट पडली
आता आपलं काही खरं नाही
मन म्हणायला लागलं
जवळ सरकून बसली
अन् तीच पैंजण वाजलं
इरादा मला तिचा काही
साधा दिसत नव्हता
हात तिचा हळू हळू
माझ्या छातीकडे सरकत होता
लाजरी बुजरी माझी बायको
स्वतःहून जवळ आली म्हणून आनंद झाला
हात तिने हळूचं माझ्या खिशात घातला
अन् धडधड माझी परत वाढली
तिने हळूच डोळा मारला
हिच्या लाजण्याच्या नादात
माझा सगळा खिसा रिकामा झाला...
~नेहा जोशी
Ganesh Kachhwaha
दो कविताएं -
(1)
हाथ कमजोर है, हौसला नहीं
हाथ कमजोर है, हौसला नहीं,
कदम धीमे हैं, रुकने का इरादा नहीं।
छड़ी थामी है आज सहारे के लिए,
सपनों ने अब भी मेरा हाथ छोड़ा नहीं॥
संकटों से घबराया नहीं, कभी टूटा नहीं हूँ,
ठोकरों ने ही मजबूती से चलना सिखाया है।
चौराहों से नई दिशाएँ मिलीं,
राहों ने राही बनना सिखाया है॥
संघर्ष जीवन का श्रृंगार है,
यह समय ने मुझको समझाया है।
जो समझे थे मुझे अंत की दहलीज़ पर,
उन्हें मेरी जिजीविषा ने चौंकाया है॥
पुरुषार्थ से पाया जो कुछ भी जीवन में,
हिम्मत को मैंने कभी हारा नहीं।
हाथ कमजोर हो सकते हैं मेरे,
पर हौसला—कभी थका नहीं, टूटा नहीं॥
मुसीबतों ने ही संभाला, संवारा, निखारा है,
जीवन ने मुझे कभी निराश किया ही नहीं।
गणेश कछवाहा
रायगढ़, छत्तीसगढ़
(2)
दूसरी पारी
छड़ी थामे जब चला मैं,
रास्तों ने डर दिखाया,
पर हर कदम ने सिखाया—
हार मानना मेरे स्वभाव में नहीं।
शनैः-शनैः कदम बढ़ते गए,
रास्ते खुद खुलते गए,
मैं आगे बढ़ता गया,
पीछे देखना मेरी आदत नहीं।
शरीर थक सकता है,
हौसले नहीं।
घाव आज भी बोलते हैं,
पर आत्मविश्वास को चुप करा नहीं पाए।
जो टूटकर भी खड़ा है,
वही जानता है जीवन का मोल।
यह दूसरी पारी है मेरी—
और अब हर पल है अनमोल।
गणेश कछवाहा
रायगढ़, छत्तीसगढ़
Sonu Kumar
(1) भ्रष्ट सुप्रीम कोर्ट जजो द्वारा खनन माफिया को अरावली में प्रवेश करने की जो अनुमति दी गयी है, उसके परिणामस्वरूप अगले 50 वर्षों में अरावली के इस पार स्थित राजस्थान के दर्जन भर जिले - भीलवाड़ा, अजमेर, ब्यावर, चित्तौड़, जयपुर, अलवर, कोटा, बूंदी, दौसा आदि रेगिस्तान होना शुरू हो जायेंगे, और अगले 100 वर्षों में रेगिस्तान दिल्ली, मध्यप्रदेश, बिहार एवं उत्तरप्रदेश आदि राज्यों को पूरी तरह अपनी चपेट में ले लेगा !!
.
(2) इसमें कोई अतिशियोक्ति नहीं है, यह भौगोलिक एवं पारिस्थितिकी तंत्र की सच्चाई है !! पूरा उत्तर भारत रेगिस्तान नहीं है, तो इसकी एक मात्र वजह अरावली है। इस बात को समझने के लिए विशेषज्ञ होने की जरूरत नहीं है, जिस भी व्यक्ति ने कक्षा 12 की पाठ्यपुस्तकों में राजस्थान का भूगोल पढ़ा है, या अरावली के इस पार के जिलों से उस पार के जिलों में गया है, या कम से कम अजमेर से कभी पुष्कर भी गया है, तो वह इस बात को समझ सकता है।
.
(3) पर्यावरण को तबाह करने वाले ऐसे फैसले निरंतर किए जा रहे है, और आगे भी किए जाते रहेंगे। क्योंकि इसके पीछे पैसा है। अकूत पैसा। माइनिंग माफिया जो पैसा लूटता है, उसमें से एक हिस्सा प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और जजों को देता है। और पर्यावरण मंत्री नाम की चिड़िया को तो वे चिल्लर के भाव भी नहीं गिनते। क्योंकि पर्यावरण मंत्री की नौकरी पीएम की कृपा पर रहती है।
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(4) स्थायी समाधान सिर्फ यह है कि, पर्यावरण मंत्री को वोट वापसी पासबुक के दायरे में लाया जाये। इससे पर्यावरण मंत्री की छोटी पीएम एवं खनन माफिया के हाथ से निकल कर नागरिकों के हाथ में आ जाएगी। और तब, सिर्फ तब ही पर्यावरण को तबाह करने वाले ऐसे फैसलों को रोका जा सकता है।
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(5) बड़ी समस्या यह है कि भारत में पर्यावरण वादी जितने भी लीडर-फ़्री लोडर (जग्गी वासुदेव, प्रशांत त्रिपाठी, वन्दना शिवा आदि) है, उन सभी को अपना धंधा चलाने और ख्याति लाभ के लिए यू ट्यूब, फेसबुक, ट्विटर और पेड मीडिया का समर्थन चाहिए और सोशल मीडिया और पेड मीडिया को माइनिंग माफिया स्पॉन्सर करता है। इसलिए ये फ़्री लोडर्स पर्यावरण मंत्री को वोट वापसी के दायरे में लाने की माँग का विरोध करते है, और अपने कार्यकर्ताओं को अराजनैतिक बनाए रखने के भाषण-प्रवचन देकर उन्हें उलझाए रखते है।
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(6) मेरा सुझाव है कि जो कार्यकर्ता पर्यावरण बचाना चाहते है, उन्हें पर्यावरण मंत्री को वोट वापसी पासबुक के दायरे में लाने के कानून की मांग खड़ी करने के लिए काम करना चाहिए। यदि एक बार पर्यावरण मंत्री वोट वापसी पासबुक के दायरे में आ जाता है तो अरावली भी बचेगी, आरे के जंगल भी बचेंगे, गंगा-यमुना भी बचेगी, और उत्तराखंड भी बचेगा। वरना एक एक करके सब कुछ उजड़ेगा। ये लोग पूरा का पूरा पारिस्थितिक तंत्र तबाह कर देंगे। जल, जंगल, जमीन सब कुछ। अभी अरावली निशाने पर है, कल सतपुड़ा और नीलगिरी।
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मैं आज जद पे हूँ तो खुशगुमान न हो,
चिराग सब के बुझेंगे हवा किसी की नहीं!!
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#वोट_वापसी_पासबुक
#जूरी_कोर्ट
jaIo vaIa
jjjjjj
- jaIo vaIa
Black Heart
मोहब्बत #ishq
Shraddha Panchal
“લાગણી”
લખી ત્યારે ખબર પડી કે ,
ભણેલા પણ વાંચી નથી શકતા અમુક લાગણી 😀❤️
Black Heart
*"मोहब्बत की खामोशी"*
मोहब्बत वो लफ्ज़ है, जो कहने से नहीं आती,
ये तो आँखों से बहती है, आवाज़ नहीं बन पाती।
कोई नाम नहीं होता, कोई पहचान नहीं होती,
पर जब होती है, तो हर सांस उसकी दीवानी होती।
वो छू भी ना पाए, फिर भी दिल धड़कता है,
दूर रहकर भी उसका एहसास महकता है।
न शिकवा होता है, न कोई शिकायत,
मोहब्बत बस चाहती है... सिर्फ़ रज़ा और मोहब्बत।
वो पहली नज़र, वो हल्की सी मुस्कान,
बस उतना ही काफी था, दिल को कर दे कुर्बान।
અશ્વિન રાઠોડ - સ્વયમભુ
અછાંદસ કાવ્ય: શિર્ષક: આપણી પ્રથા:એક વિશ્વ ધરોહર
સીમાડાઓની લકીર થી પર,
જે વહે છે રક્ત બનીને ભારતીયોના હૃદયમાં,
એ જ છે આપણી પ્રથા.
એ કોઈ જડ નિયમોની સાંકળ નથી,
પણ પેઢીઓની સમજણનો નિચોડ છે.
જ્યારે પશ્ચિમ 'હું' ના કવચમાં કેદ હતું,
ત્યારે આપણી પ્રથાએ 'વસુધૈવ કુટુંબકમ્' ના નાદ સાથે,
આખા વિશ્વને ઉંબરે લાવીને બેસાડ્યું હતું.
અતિથિના ચરણ પખાળતી એ હસ્તરેખાઓ,
આજે 'ગ્લોબલ હોસ્પિટાલિટી'નું સરનામું બની છે.
કંકુ-ચોખાના તિલક પાછળ છુપાયેલું એ સન્માન,
આજે માનવતાની મશાલ બનીને જગ મગે છે.
આપણી પ્રથા એટલે...
નદીઓને લોકમાતા કહેવાની ઉદારતા,
વૃક્ષોમાં વાસુદેવ જોવાની દિવ્યતા,
અને શૂન્યમાંથી બ્રહ્માંડ સર્જવાની એ ગહનતા.
યોગની મુદ્રાઓમાં જે લય છે,
એ માત્ર શરીરની કસરત નથી,
ભારતની એ પ્રાચીન પ્રથા છે,
જેણે અશાંત વિશ્વને 'શાંતિ' નો અર્થ સમજાવ્યો છે. માટે આજે વિશ્વ એ યોગ દિવસ ઉજવતો થયો છે.
આપણી પરંપરાના રંગો આજે,
ન્યુયોર્કની ગલીઓથી લઈને લંડનના ચોક સુધી,
ને પૂર્વ થી લઈને પશ્ચિમ અને ઉત્તર થી લઈને દક્ષિણ સુધી,
બધા વિશ્વના દેશોમાં ઉત્સવ બનીને છલકાય છે.
આ પ્રથા એ જ આપણી સાચી ઓળખ છે, "સ્વયમ’ભુ"
જે ભારતને વિશ્વ ફલક પર વિશ્વની આત્મા બનાવે છે.
અશ્વિન રાઠોડ "સ્વયમ’ભુ"
Imaran
Door hain aap se toh koi ghum nahin,
door reh ke bhoolne waale hum nahin..
Roz mulaqaat na ho toh kya hua ?
aap ki yaad aap ki mulaqaat se kam nahin
🤎imran 🤎
Shailesh Joshi
કરે છે ઘણા "એવું" "ના" કરવા જેવું
છોડીને "એવું" કરો એ "જે છે કરવા જેવું" કારણ કે આમાં...
લાંબુ નહીં ચાલે, મૂકી દો, અને
"કરો એવું" જે છે "કરવા જેવું"
નહીં તો, "એ વખત દૂર નથી"
જ્યારે પડશે જે નથી ગમતું,
"એ બધું સહેવું" ને આમાંથી
"સહ્યા વગર બાકાત"
કોઈ જ નથી રહેવાનું.
"ના હું, કે ના તમે"
"પછી એ, ગમે, કે ના ગમે"
- Shailesh Joshi
Nanda H Solanki
વિશાળ આ નભમાં
તને શોધું છું માં
એક તારલી સમી
માં
તું મને જોતી!!!!!
- Nanda H Solanki
Kamini Shah
મૃગજળની પાછળ જોને
દોડ્યાં હતાં રણમાં
ઝાંઝવાનાં નીર છતાં
પખાળ્યાંતા પ્રણયમાં…
-કામિની
Nanda H Solanki
whatsapp અને Internet ના
યુગમાં કોણ કોનાથી દૂર છે?
દૂરતા તો માત્ર ને માત્ર
બંધ બારણે અને
ચાર દીવાલોમાં ભરપૂર છે!!!!!!!
Nanda H Solanki..
- Nanda H Solanki
Jyoti Gupta
#ananddham #paharchadhna #bhakti #viralshorts
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#yatravibes #devotion #faith
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ज़ख्मी__दिल…सुलगते अल्फ़ाज़
🦋...𝕊𝕦ℕ𝕠 ┤_★__
वही दर्द है, वही प्यास पहचान
मेरी हो गई,
तू जो रूठी तो मुकम्मल दुनिया
वीरान हो गई,
मिले थे कभी हम भी, महकते
गुलाब की तरह,
बिछड़े कुछ यूँ कि अब यादें भी
बेजान हो गई…🔥
╭─❀💔༻
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♦❙❙➛ज़ख़्मी-ऐ-ज़ुबानी•❙❙♦
#LoVeAaShiQ_SinGh☜
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Dada Bhagwan
Do You Know that the law of nature is such that if you are pure, no one can harm you? So destroy your mistakes.
Read more on: https://dbf.adalaj.org/DlNmvXnE
#spirituality #spiritualpost #forgiveness #DadaBhagwanFoundation
वात्सल्य
તારી આંગળીનો સ્પર્શ પામવા માટે...
જાણી જોઈને હું વાળની એક લટ છુટ્ટી મુકું છુ...
✍️...જાનવી
હા, એટલે જ તારી લટ ગમે છે એટલે જ તારી લત લાગી છે.
સાચું કહું તો એ લટની પેલે પાર મલકાતું મુખડું જોવા આંખો તરસી છે.
. - વાત્સલ્ય
Miska
ख़ामोशी की ज़ुबाँ भी आज बयान हो गई
तेरे हिज्र में हर साँस परेशाँ हो गई
Paagla
सूखी डाली और सूखे पत्ते कभी...✍️
Saliil Upadhyay
लोग बहुत हैं जो समझाने आते हैं,
बहुत कम होते हैं जो समझ पाते हैं ।
- Saliil Upadhyay
Ghanshyam Patel
इंसान इंसान में फर्क होता हैं।
किसी को हीरो की भी कदर नहीं ,
तो कोई कांच को भी संभालकर रखता है।
Archana Rahul Mate Patil
कुणाच्या अध्यात मध्यात राहिल्यापेक्षाा अध्यात्मात राहिलेल कधी पण चांगलं.. 🥰🥰
- Archana Rahul Mate Patil
Gautam Patel
પાર્વતી સીતા રાધા
દક્ષ પ્રજાપતિને ત્યાં
સાઇઠ પુત્રીઓ અવતરી હતી. તે પૈકીની સ્વધા નામક દીકરી પિતૃઓને પરણાવી હતી.
તેને ઉત્તમ ભાગ્યશાળી ત્રણ પુત્રીઓ થઈ. તેમનાં મંગલદાયક નામો છે મેના, ધન્યા ને કલા.
તે પુત્રીઓ માનસિક સૃષ્ટિથી જન્મી હતી. તે ત્રણે લોકમાતાઓ શ્રેષ્ઠ યોગિની અને જ્ઞાનના
ભંડાર સ્વરૂપ હતાં. એક સમયે ત્રણે બહેનો શ્વેત દ્વીપમાં વિષ્ણુનાં દર્શન-હેતુ ગયાં. ત્યાં મોટો
સમાજ ઉપસ્થિત હતો. તેથી સ્તુતિ કરીને એક બાજુ બેઠક લઈને બેસી ગયાં.
એ વખતે ત્યાં સનકાદિ મુનિઓની પધરામણી થઈ. તેમને જોતાં જ આખી સભા
ઊભી થઈ ગઈ, પરંતુ આ ત્રણ બહેનો, દૈવને વશ થઈને ઊભી થઈ નહિ, એટલું જ નહિ, વંદન
પણ કર્યાં નહિ. સનકાદિ મુનિઓ જ્ઞાની હોવા છતાં તેઓને પણ દૈવયોગે ગુસ્સો ચઢ્યો.
તેમણે શાપ આપ્યો : “તમે પિતૃઓની કન્યાઓ છો, છતાં તમે મનુષ્યની જેમ મૂઢ અને ગર્વિષ્ઠ
થયેલી છો. માટે તમે સ્વર્ગમાંથી દૂર થઈ જશો.’
આથી ત્રણેય બહેનો ખૂબ જ વિસ્મય પામી. પછી સનકાદિ મુનિઓના ચરણમાં પડીને
તે વિનંતી કરવા લાગી : “હે દયાળુ મુનીશ્વરો, અમે મૂઢ બનીને આપને પ્રણામ ન કર્યાં તેનું ફળ અમને પ્રાપ્ત થઈ ગયું છે. પરંતુ આપ તો કૃપાળુ છો, દયાળુ છો. અમારા ઉપર કૃપા કરો.”
સનત્કુમાર પ્રસન્ન થઈને કહે : “હે પિતૃઓની પ્રિય દીકરીઓ ! તમોને હું શાપનો ઉદ્ધાર કહું છું. તમારામાં મોટી દીકરી મેના છે, તે વિષ્ણુના અંગરૂપ હિમાલયની પત્ની થશે.
તેને પાર્વતી નામે પુત્રી થશે. યોગિની મેના પાર્વતીના પતિ શિવના વરદાનથી એ જ શરીરે પરમ પદ કૈલાસને પામશે. બીજી ધન્યા છે, જે જનક રાજાને વરશે આવનારા જન્મમાં તે સુનયના થશે અને મહાલક્ષ્મીજી
સીતાના સ્વરૂપે તેનાં પુત્રી થશે. તે વિષ્ણુના અવતાર શ્રીરામને વરશે. ધન્યા જીવનમુક્ત બનીને વૈકુંઠ પામશે.
ત્રીજી કલાવતી છે. આ કન્યા વૈશ્ય વૃષભાનુની પત્ની થશે, તેનું નામ કૃતિ થશે તેમજ તેને ત્યાં રાધા નામની પુત્રીનો જન્મ થશે, જે ગુપ્ત સ્નેહથી વિષ્ણુના અવતાર શ્રીકૃષ્ણની પત્ની થશે. કલાવતી (કૃતિ) પોતાની કન્યા રાધા સાથે ગોલોકને પામશે. દુઃખ પામેલાંને છેવટે સુખ પ્રાપ્ત થાય છે. વિપત્તિ
વિના મોટાઈ પણ મળતી નથી. તમને વિષ્ણુનાં દર્શન અને કૃપાથી પુનઃ સ્વર્ગ પ્રાપ્ત થશે.” આ મુજબ કહીને સનત્કુમારો તે સ્થળેથી અદૃશ્યમાન બન્યા. ત્રણે બહેનો પણ પાપ-
રહિત થઈ તરત જ પોતાના ઘરે ગઈ.
https://www.facebook.com/share/p/1Fxv6vdPDV/
kajal jha
“हम हँसते रहे दुनिया के सामने हर रोज़,
और रात को तन्हाई में खुद से ही हार गए।
जिसे अपना साया समझ बैठे थे उम्र भर,
वही हमें अँधेरों में अकेला छोड़ गए।”
- kajal jha
Parmar Mayur
वो चिड़िया खोसला यूंही थोड़ा छोड़ना चाहती थी।
पेट, बच्चे खानें के दाने या कुछ और भी मांगते थे।।
- Parmar Mayur
Komal Arora
बहुत कुछ खोने के बाद पता चला कि जो चाहिए था वो तो कब का खो गया.............
अब जो मिल रहा है वो कान्हा की रज़ा है.........
क्यों ही ख़फ़ा हो जाए किसी के ना होने से........
शायद जो मेरा था वो जाता नहीं और जो चला गया वो मेरा नहीं.........
इसी लिए जो है वो भी ठीक और जो नहीं है......
उसका भी कोई मलाल नहीं.........
Rinki Singh
कितना तुझे संवारा जीवन,
सब कुछ तुझ पर हारा जीवन।
फिर भी रूठा रहा तू मुझसे,
तिल-तिल मुझको मारा जीवन।
~रिंकी सिंह ✍️
#matrubharti
#poetry
#thought
#sadness
વિનોદ. મો. સોલંકી .વ્યોમ.
" ભાર લઈને ફરું છું "
ત્રણ શબ્દ ન કહી શકવાનો ભાર લઈને ફરું છું.
પ્રણયની આ રમતમાં હું હાર લઈને ફરું છું.
કઠપૂતળીના મંચ જેવું, બનતું ગયું છે જીવન,
એક મુખોટે રોજ નવો કિરદાર લઈને ફરું છું.
કળવા નથી દેતો કોઈને આ હૃદયની વ્યથાને,
ભીતરમાં એવો એક અદાકાર લઈને ફરું છું.
સમાવી બેઠો છું સાત સમંદર આ આંખોમાં,
હસતી આંખોમાં પણ હું ક્ષાર લઈને ફરું છું.
આમ જુઓ તો છે હર કોઈનો સાથ સંગાથ,
ને આમ જુઓ તો સૂનો સંસાર લઈને ફરું છું.
ઝગમગાતો રહું છું "વ્યોમ" માફક બહારથી,
પણ શું કહું? અંદર એક અંધકાર લઈને ફરું છું.
✍...© વિનોદ. મો. સોલંકી "વ્યોમ"
GETCO (GEB), મુ. રાપર.
મનોજ નાવડીયા
માણસને જોઈએ વધારે એને એ કંઈ મળતું નથી,
હાથમાં જે મળ્યું છે તેનું મૂલ્ય એને કંઈ ભાસતું નથી,
સપનાઓના ભાર નીચે શ્વાસ પણ ભારે બન્યો છે,
અપેક્ષાઓના ભારથી આ મન કદી હળવું થતું નથી,
દૂર દૂર સુધી શોધે છે સુખ રેતીના પાકાં મકાનોમાં,
પોતાની અંદરના પ્રકાશને એ ઝળહળાવતો નથી,
સમય સરકી જાય છે મુઠ્ઠીમાં રહેલી રેતી સમો,
પછી રઝળી ગયેલી પળો કંઈ પાછી મળતી નથી,
થોડો ઊભો રહી જોઈ લે પોતાના મનની અંદર,
બહાર જે શોધે છે એ બહાર ક્યાંય મળતું નથી,
થોડી ઇચ્છાઓ પણ છોડે ત્યારે સમજાશે જીવન,
સંતોષ વિના આ જગતમાં કોઈ સુખ ટકતું નથી.
મનોજ નાવડીયા
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Dr Darshita Babubhai Shah
मैं और मेरे अह्सास
गगन
हौसला गगन छूने का रखते हैं l
लोग दिवाना पगला कहते हैं ll
जिगर को फौलाद कर दिया कि l
ज्यादातर आसमाँ में रहते हैं ll
"सखी"
डो. दर्शिता बाबूभाई शाह
Dinesh
*🙏જય બાબા સ્વામી*🙏
*આજનો સુવિચાર*
પ્રગતિ એટલી થઈ, કે હજારો માઈલ દૂર રહેલી વ્યક્તિને જોઈને વાત કરી શકાય છે અને પતન પણ એટલું થયું છે, કે નજીક રહેલી વ્યકિતની તકલીફ કે પીડા જોઈ શકતાં નથી.
*શુભ સવાર*
Hardik Boricha
સહેજ અલ્લડ, સહેજ અણઘડ, સહેજ બેદરકાર છું,
એ છતાં યે સાંભળી લે – હું જ તારો પ્યાર છું ;
રોજ હું આવીશ તારા ઊંબરા સુધી સનમ,
હું જ સૂરજનું કિરણ, હું રાતનો અંધાર છું;
દોસ્ત જે અંગત હતાં એ હાલ સૌ પૂછી ગયાં,
હું પડ્યો જો પ્રેમમાં, સહુને થયું બીમાર છું;
વ્હેમ આ મારા જ મનનો હોય તો યે છો રહ્યો,
માંગનું સિંદૂર હું, તારા ગળાનો હાર છું;
જિન્દગી તારી ભલે ને વારતા જેવી હશે,
આખરે તો હું જ એ આખી કથાનો સાર છું.
Hardik Boricha
આખી રાત તારા ગણવાની વાત છે ;
ઈંટો વગર દીવાલ ચણવાની વાત છે !
પ્રેમ કહો છો, એ કાંઈ ઓછી બલા નથી;
એના નામે જિંદગીને ગુણવાની વાત છે !
આપના વગર જીવનમાં શેષ શું રહ્યું ?
ડાકલા, ભૂવા વગર ધૂણવાની વાત છે!
પ્રેમ પહેલાં બધાં જ વચનો એ બાંધી લો;
એ વાવ્યા પહેલાં જ, લણવાની વાત છે !
આમ મોતથી ડરીને જીવવાનું શું કહું ?
કસ્તૂરી ખાતર મૃગને હણવાની વાત છે !
Hardik Boricha
લાવ તને સોગાત લખી દઉં,
મનગમતી બે વાત લખી દઉં...
ડૂબે સુરજ અજવાળું લઇ,
સોનલ વરણી રાત લખી દઉં...
જાણી લીધાં સપનાં તારા,
આંખો ની રજુઆત લખી દઉં...
તું નજરાણું છે પાટણનું ,
આવ પટોળે ભાત લખી દઉં...
રંગ તને ગમશે તે લઈ લે,
મેઘધનુષના સાત લખી દઉં...
Hardik Boricha
મારી પાસે એક સપનાનો સંબંધ છે,
મિત્રતા હજી એટલેજ અકબંધ છે,
પકડી એનો હાથ ચાલ્યા હતા થોડે સુધી,
હજી હાથમાં એની સુગંધ છે,
ખેરવી કાઢ સુકાઈ ગયેલા બધાયે પાન,
પાનખર પછી જ તો વસંત છે,
સાથે હસતા, સાથે રમતા, સાથે જમતા,
મિત્રતા જેવું બીજું ક્યાં કઈ સગપણ છે?
નથી મળ્યા વરસોથી એથી શું થયું?
સંબંધ હજી એટલોજ અકબંધ છે,
ચાલ બધી જૂની યાદો તાજા કરીએ,
હૈયામાં જે હજી અકબંધ છે 😊
Soni shakya
🙏🙏सुप्रभात 🙏🙏
🌹 आपका दिन मंगलमय हो 🌹
GANESH TEWARI 'NESH' (NASH)
ईश भजन से मनुज का, होता मार्ग प्रशस्त। और ईश की कृपा से, रहता है वह मस्त।।
(नैश के दोहे से उद्धृत)
----गणेश तिवारी 'नैश'
kattupaya s
Good morning friends..have a great day
Nabiya Khan
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🌅 एक ख़ूबसूरत सुबह
सुबह की फ़िज़ा में आज कुछ अलग-सी ताज़गी है।
सूरज की नरम किरणें जब ज़मीन को छूती हैं, तो दिल में भी एक मीठी-सी रौशनी उतर आती है।
पंछियों की चहचहाहट जैसे ज़िंदगी को फिर से जागने का पैग़ाम देती है।
यह सुबह हमें सिखाती है कि हर अंधेरी रात के बाद एक नई उम्मीद ज़रूर आती है।
जो बीत गया, उसे ख़ामोशी से अलविदा कहो,
और जो सामने है, उसे मुस्कुराहट के साथ अपनाओ।
सुबह का ये सुकून हमें याद दिलाता है कि ज़िंदगी सिर्फ़ दौड़ का नाम नहीं,
कभी-कभी ठहरकर इस लम्हे को महसूस करना भी ज़रूरी है।
एक कप चाय की खुशबू,
और दिल में बसता थोड़ा-सा एत्मिनान —
यही तो असली ख़ूबसूरती है।
आओ, इस नई सुबह से एक वादा करें—
आज शिकायत कम होगी,
शुक्रगुज़ारी ज़्यादा होगी।
आज लफ़्ज़ों में नर्मी,
और इरादों में सचाई होगी।
क्योंकि हर ख़ूबसूरत सुबह,
हमें एक बेहतर इंसान बनने का
एक और मौक़ा देती है। ☀️
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वात्सल्य
જ્યારે જયારે જીવનમાં ચિંતા-વ્યગ્રતા સતાવે ત્યારે ત્યારે ગમતું સંગીત સાંભળો,ગમતું પુસ્તક વાંચો,ગમતી જગ્યાએ ગમતા દોસ્તો સાથે ફરવા જાઓ,ગમતા મંદિરમાં બેસી પ્રાર્થના કરો.પરંતુ એકલા ના બેસો.
જે સ્થળે ચિંતા ચોંટે તેં જગ્યાએ પલભર ના રોકાઓ.
- "વાત્સલ્ય "
GOOD MORNING
- वात्सल्य
वात्सल्य
જ્યારે જયારે જીવનમાં ચિંતા-વ્યગ્રતા સતાવે ત્યારે ત્યારે ગમતું સંગીત સાંભળો,ગમતું પુસ્તક વાંચો,ગમતી જગ્યાએ ગમતા દોસ્તો સાથે ફરવા જાઓ,ગમતા મંદિરમાં બેસી પ્રાર્થના કરો.પરંતુ એકલા ના બેસો.
જે સ્થળે ચિંતા ચોંટે તેં જગ્યાએ પલભર ના રોકાઓ.
- "વાત્સલ્ય "
GOOD MORNING
- वात्सल्य
Raj Phulware
IshqKeAlfaaz
मेरा दर्द महसूस..
Biru Rajkumar
कान्हपा की योगिनियाँ
कान्हा बोला—योग न रूखा,
न तन का केवल ताप।
जहाँ प्रेम जगे और चेतन हँसे,
वही साधना, वही जाप।
उसके संग थीं योगिनियाँ,
न दासी, न परछाईं।
सहज हँसी, सहज मौन में,
जागी अंतर की गहराई।
काजल-सी आँखों में ज्ञान,
पैरों में बंधन नहीं।
घर, जंगल, बाजार सभी,
उनके लिए साधन ही सही।
वे बोलीं—देह भी दीप है,
इसे मत कह माया भार।
जिसमें श्वास जगे सजग होकर,
वही ब्रह्म का द्वार।
न व्रत कठिन, न रूढ़ि कठोर,
न भय, न पाप का लेख।
कान्हपा ने योग सिखाया—
जीवन ही बन जाए सेख।
योगिनियाँ हँसती रहीं,
लोक ने जो भी कहा।
प्रेम बना उनका योगपथ,
सहज में मोक्ष मिला।
shabdh skhi
अगर सामने वाले की तरफ से बहुत देर तक
कोई जवाब ना आए तो पूछ लीजिए ..
वो जिंदा है
अगर वो जिंदा है तो यकीनन आप
वहां मर चुके है ..
- shabdh skhi
Biru Rajkumar
योगिनियाँ : नाथ परंपरा की नारी शक्ति
कंदरा–कंदरा गूँज उठी,
जब योगिनियों ने स्वर साधा।
केवल गेरुआ नहीं था पथ,
नारी ने भी योग को साधा।
मैनावती ने त्याग चुना,
बंधन टूटे, भय भी हारे।
अंतर में जागी अग्नि ऐसी,
जिससे अज्ञान तमस मारे।
जालंधरी ने श्वास में बाँधा,
कुंडलिनी का मौन प्रकाश।
गुरु–वाणी हृदय में रखकर,
चल दी वह निर्भय आकाश।
चौरंगी की देह तपस्या,
धैर्य बना उसका शृंगार।
काँटों पर भी पुष्प खिले,
जब जागा अंतर का संसार।
लीलावती लोक में बोली,
ज्ञान न रहा ग्रंथों का दास।
नारी ने जब शब्द जगाए,
जाग उठा हर सूना श्वास।
माया कहकर जिसे टाला,
वही बनी शक्ति का स्रोत।
नाथ-पंथ में नारी बोली—
“मैं भी हूँ योग की ज्योत।”
Biru Rajkumar
गोरख वाणी : नारी चेतना
नारी न माया, न ही बंधन,
यह गोरख की वाणी बोली।
जिस देह में चेतन बसता है,
वह कैसे हो सकती होली?
योग न पूछे नर या नारी,
आत्मा का होता है पंथ।
जहाँ साधना जाग उठे मन में,
वहीं टूटें सब मिथ्या ग्रंथ।
जिसने जननी को हेय कहा,
वह सत्य से अनजान रहा।
गोरख बोले—जिस कोख से जन्मा,
उसका अपमान अपमान रहा।
योगिनियाँ भी चलीं पथ पर,
हठ और धीरज साथ लिए।
लोक-भाषा में ज्ञान दिया,
ताकि नारी भी बात जिए।
न चूड़ी रोकी, न घूँघट पूछा,
न कर्मकांड की दीवार।
गोरखनाथ ने खोल दिए,
नारी के अंतर के द्वार।
shabdh skhi
भगवान करे तेरी जिंदगी में भी ये दौर आए
तू चाहे किसी को बेपनाह और उसकी जिंदगी
में भी कोई ओर आए..
- shabdh skhi
Biru Rajkumar
“घर की देहलीज़”
वह बाहर नहीं निकलती,
पर भीतर बहुत कुछ चलता है।
डर की परछाइयाँ,
संस्कारों की जंजीरें,
और सवाल —
क्या मैं कर पाऊँगी?
घर की दीवारें
सिर्फ ईंटों की नहीं,
कभी-कभी
मन की सीमाएँ बन जाती हैं।
उसने सीखा था—
चुप रहना सुरक्षित है,
कम चाहना समझदारी है,
और खुद से पहले
दुनिया की सोच ज़रूरी है।
पर मनोविज्ञान कहता है—
यह कमजोरी नहीं,
यह सीखी हुई आदत है।
जो बदली जा सकती है
थोड़े साहस से,
थोड़े आत्मविश्वास से।
जब वह
एक कदम बाहर रखती है,
तो दुनिया नहीं बदलती—
वह खुद बदलती है।
और यही
सबसे बड़ी आज़ादी है।
ज़ख्मी__दिल…सुलगते अल्फ़ाज़
🦋...𝕊𝕦ℕ𝕠 ┤_★__
उजाले माँगे थे मैंने और अंधेरा
पाया है…🥀
मोहब्बत की राह में बस धोखा
खाया है…🔥
╭─❀💔༻
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♦❙❙➛ज़ख़्मी-ऐ-ज़ुबानी•❙❙♦
#LoVeAaShiQ_SinGh☜
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Aachaarya Deepak Sikka
*ॐ नमः शिवाय।*
नमस्ते सदा वत्सले मातृभूमे
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"तुम सदैव कह सकते हो कि प्रतिमा ईश्वर है,
केवल यही सोचने की भूल से बचना की ईश्वर प्रतिमा है ।"
'स्वामी विवेकानंद'
जड़त्व में ईश्वर है >< ईश्वर में जड़त्व नहीं है
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