AKANKSHA SRIVASTAVA stories download free PDF

भय की छाया

by AKANKSHA SRIVASTAVA
  • 78

रात का समय था। शहर की गलियों में एक सन्नाटा पसरा हुआ था, और सड़कों पर दूर-दूर तक कोई ...

गोल रोटियों का सफ़र

by AKANKSHA SRIVASTAVA
  • 168

"प्रेम, परंपरा और परिपूर्णता की कहानी"गोल रोटी—सुनने में जितनी साधारण, बनाने में उतनी ही कठिन! यह भारतीय रसोई की ...

Unsafe Environment

by AKANKSHA SRIVASTAVA
  • 243

"हाय मॉम, कैसी है आप?""बेटा मैं ठीक हूँ, तू ठीक है ना। ""क्या मॉम!ऑलवेज सेम क्वेश्चन रिपीट!हद है माँ, ...

अंग्रेजियत पर हिंदी दिवस का कटाक्ष

by AKANKSHA SRIVASTAVA
  • (5/5)
  • 13.4k

हिंदी को वनवास दे दिया,अंग्रेजी को राज हम हिंदुस्तानियों ने सत्तर साल में कैसा गढ़ दिया समाज , बदल ...

पोषम्पा

by AKANKSHA SRIVASTAVA
  • (5/5)
  • 7.5k

पोषम्पा भई पोषम पा,सौ रुपये की घड़ी चुराई दो रुपये की रबड़ी खाई,अब तो जेल में जाना पड़ेगा। जेल ...

होमवर्क

by AKANKSHA SRIVASTAVA
  • (4/5)
  • 8.2k

उफ़्फ़फ़फ़ ये होमवर्क!कैसे भूल जाती हूं मैं गुड्डी को होमवर्क कराना। सुबह- सुबह ही दिन खराब हो गया। ऊपर ...

कलमकार हूँ 

by AKANKSHA SRIVASTAVA
  • (4/5)
  • 9.1k

"मैं एक खुली किताब हूँ तुम जितना मुझे पढ़ोगे पन्नों की तरह तुम मुझमे सिमटते जाओगे हा मैं ...

क्या मर्द को भी दर्द होता हैं

by AKANKSHA SRIVASTAVA
  • (3/5)
  • 9.4k

रात के करीब तीन बजे ही रहे होंगे तभी कमरे के बाहर कुछ आहट सी हुई ...नीद टूटी,ओर चारपाई ...

हर करम अपना करेंगे, ए - वतन तेरे लिए

by AKANKSHA SRIVASTAVA
  • (4/5)
  • 17.8k

" यहां सदियों से ये रीत है जी हर डर के आगे जीत है जी, हम रक्षक है इस ...

काशी के गोकुल धाम

by AKANKSHA SRIVASTAVA
  • (5/5)
  • 9.9k

नंद के घर आनंद भयो जय कन्हैयालाल की.... https://youtu.be/5f4cLVn9pKo छैल छबीला,नटखट,माखनचोर, लड्डू गोपाल,गोविंदा,जितने भी नाम लिए जाए सब कम ...