Aradhana stories download free PDF

इश्क और अश्क - 55

by Aradhana
  • 297

वर्धांन: हां तो मैं कहीं फँस गया होऊंगा… ये तुमने सोचा कभी?प्रणाली (कुछ याद करते हुए): अरे हां… तुम्हें ...

एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा - 30

by Aradhana
  • 375

अगले दिन, प्रकृति और रिद्धान दोनों अलग-अलग जगहों पर अपने-अपने मिशन पर लग गए।प्रकृति ने सबसे पहले रिद्धि के ...

इश्क और अश्क - 54

by Aradhana
  • (4.8/5)
  • 771

अब रात्रि बाजार से होकर दूसरी ओर अपनी सवारी मंगवाती है, और बैठकर आगे बढ़ने लगती है।सवारी अभी कुछ ...

एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा - 29

by Aradhana
  • (4.6/5)
  • 831

प्रिंसिपल बदल चुके थे, और यह जानकर प्रकृति और कबीर दोनों थोड़े हताश हुए।प्रकृति की आँखों में हल्की निराशा ...

इश्क और अश्क - 53

by Aradhana
  • (4.9/5)
  • 1.1k

वर्धांन बिना उसे कोई जवाब दिए आगे बढ़ गया।सय्युरी उसे रोकते हुए:"वर्धांन! तुम जानते हो ना कि हम एक-दूसरे ...

इश्क और अश्क - 52

by Aradhana
  • (4.7/5)
  • 1.5k

अगस्त्य वहाँ से निकल गया।सय्युरी गुस्से में पास में रखा वास तोड़कर ज़ोर से चिल्लाती है:"आआआआआआ........!"पिछली बार इतना सब ...

इश्क और अश्क - 51

by Aradhana
  • (5/5)
  • 1.5k

दोनों की नज़दीकियाँ बढ़ने लगीं...अगस्त्य: देखा... यही वो वजहें हैं, जिनकी वजह से तुम ये कहानी नहीं जान सकती ...

इश्क और अश्क - 50

by Aradhana
  • (4.5/5)
  • 1.1k

अगस्त्य कॉल पिक करके:"मुझे पता था तुम कॉल करोगी... मुझे भी तुमसे मिलना है सय्युरी। मैं अभी तुम्हारे घर ...

एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा - 28

by Aradhana
  • (4.7/5)
  • 1.4k

वो आलिंगन सिर्फ़ आलिंगन नहीं था… वो उसकी बरसों की थकान, दर्द और ग़म का विस्फोट था। उसकी साँसें ...

इश्क और अश्क - 49

by Aradhana
  • (0/5)
  • 1.1k

[गरुड़ लोक | सुबह का पहला पहर]गरुड़ शोभित (रौबदार आवाज़ में): धरती पर जा रहे हो?वर्धान् एक पल को ...