निर्जर दस साल बाद धौलागढ़ गांव लौटा है, अपनी अधूरी मोहब्बत चारुलता की तलाश में। वृंदावन हवेली, जहां कभी ...
बारिश धीमी-धीमी रफ्तार से गिर रही थी। कार की खिड़कियों पर बूंदें पड़कर फिसलती जा रही थीं, जैसे कोई ...
वो आवाज़ फिर आई। धीमी, गहरी, और डरावनी। खर्र... खर्र... खर्र... जैसे कोई नाखूनों से पुरानी लकड़ी को कुरेद ...
वक़्त बीत गया… लेकिन यादें नहीं। मायरा अब अमेरिका से लौट चुकी थी। मुंबई में एक बड़ी मल्टीनेशनल कंपनी ...
पिछले कुछ महीनों में आरव और मायरा की दोस्ती अब रिश्ते की एक नयी परिभाषा बन चुकी थी। वो ...
भाग 12: गिरफ़्त से रिहाई… या नई क़ैद?(जहाँ मोहब्बत की सबसे गहरी यादें ही सबसे बड़ा सच बन जाती ...
भाग 11: वो आख़िरी रिकॉर्डिंग(जब सना की आवाज़ आख़िरी बार ज़हन में गूंजी… और सच ने सब कुछ बदल ...
भाग 10: आईने में दूसरी शक्ल(जहाँ ज़हन के आईने में… सना फिर लौटती है — लेकिन अब वो कोई ...
शांता के मंदिर के द्वार पर गिरते ही मानो सारा समय ठहर गया। विद्या दौड़ती हुई आई और माँ ...
भाग 9: सना कौन थी… वाक़ई?फाइल नंबर 72 ने आरव की दुनिया को पूरी तरह हिला कर रख दिया ...