बारिश धीमी-धीमी रफ्तार से गिर रही थी। कार की खिड़कियों पर बूंदें पड़कर फिसलती जा रही थीं, जैसे कोई ...
पिछले कुछ महीनों में आरव और मायरा की दोस्ती अब रिश्ते की एक नयी परिभाषा बन चुकी थी। वो ...
कमरे में सिर्फ़ एक बल्ब जल रहा था — पीली, थकी हुई रोशनी में दीवारें चुपचाप साँस ले रही ...
गांव धवलपुर की हवा में एक अजीब सी सड़ांध फैली थी। ऐसा लग रहा था जैसे धरती के नीचे ...