CHIRANJIT TEWARY stories download free PDF

श्रापित एक प्रेम कहानी - 4

by CHIRANJIT TEWARY

अघोरी कहता है ----तुझे ये मणि शुद्ध करना होगा और तेरा कार्य पूर्ण होगा और तु श्राप से मुक्त ...

तेरे मेरे दरमियान - 23

by CHIRANJIT TEWARY
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जानवी :- मैं भी यही सौच रही थी । पापा मैं उनसे सिर्फ एक ही बात पूछना चाहती हूँ ...

श्रापित एक प्रेम कहानी - 3

by CHIRANJIT TEWARY
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दक्षराज को एक गेरुआ वस्त्र पहनने ध्यान में लीन एक बाबा दिखई देता है। जिनकी बड़ी बड़ी दाड़ी मुछे ...

तेरे मेरे दरमियान - 22

by CHIRANJIT TEWARY
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मोनिका की बात को बिच मे ही काटकर रेखा कहती है ।रेखा :- तुम क्या चाहती हो बेटी । ...

श्रापित एक प्रेम कहानी - 2

by CHIRANJIT TEWARY
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साधक गुस्से से कहता है ---साधक :- तुने मेरी सारी मेहनत पर पानी फेरा , मेरी ब्रम्हचार्य की परीक्षा ...

तेरे मेरे दरमियान - 21

by CHIRANJIT TEWARY
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आदित्य :- अरे बाहर क्यू है । अंदर लेकर आओ उसे ।रमेश बाहर जाता है और रश्मि के अंदर ...

श्रापित एक प्रेम कहानी - 1

by CHIRANJIT TEWARY
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अमावस्या की रात थी और रात के 11 बज रहे थे । भानपुर गांव का एक तांत्रिक अपनी तात्रिकं ...

तेरे मेरे दरमियान - 20

by CHIRANJIT TEWARY
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मोनिका :- वाउ । ये बहोत अच्छा है । पता है जानवी ये मॉल बहोत एक्सपेंसिव है और यहां ...

तेरे मेरे दरमियान - 19

by CHIRANJIT TEWARY
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आदित्य :- देखो यार, तुम दोनों को तो पता है कि मैंने ज़िंदगी में बहुत मेहनत की है, तभी ...

तेरे मेरे दरमियान - 18

by CHIRANJIT TEWARY
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मोनिका: - पापा । ये आपके हाथ मे किसका शादी का कार्ड है ?रघुनाथ :- तुम खुद ही दैख ...