DHIRENDRA SINGH BISHT DHiR stories download free PDF

काठगोदाम की गर्मियाँ - 3

by DHIRENDRA BISHT DHiR

रिश्तों की परछाइयाँकाठगोदाम की सुबहें जितनी शांत थीं, रोहन का घर उतना ही हलचल भरा था। घर में बहन ...

मन की हार, ज़िंदगी की जीत - भाग 1

by DHIRENDRA BISHT DHiR
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काठगोदाम की गर्मियाँ - 2

by DHIRENDRA BISHT DHiR
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नए शहर, पुराने सवाललेखक- धीरेंद्र सिंह बिष्टकभी-कभी शहर बदलने से ज़िंदगी नहीं बदलती, सिर्फ़ खिड़की के बाहर का दृश्य ...

कोशिश - अंधेरे से जिंदगी के उजाले तक - 3 - (अंतिम भाग)

by DHIRENDRA BISHT DHiR
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नेतृत्व, सफलता और दूसरों के लिए प्रेरणा बनना“कभी-कभी ज़िंदगी तुम्हें वहाँ पहुँचा देती है, जहाँ तुमने सोचा भी नहीं ...

काठगोदाम की गर्मियाँ - 1

by DHIRENDRA BISHT DHiR
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अध्याय 1 मैग्गी प्वाइंट्स की शाम शा म के कोई सात बजने वाले थे। जून का महीना था, लेकिन ...

कोशिश - अंधेरे से जिंदगी के उजाले तक - 2

by DHIRENDRA BISHT DHiR
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"कोशिश - अंधेरे से जिंदगी के उजाले" के फर्स्ट पार्ट में हमने पढ़ा रोहन अपनी मेहनत और लगन से ...

मौली ’’मौली’’

by DHIRENDRA BISHT DHiR
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“इस कहानी की मुख्य पात्र एक गाय है — मौली। मौली केवल एक जानवर नहीं, बल्कि भावनाओं से भरी एक ...

शनिवार का दिन

by DHIRENDRA BISHT DHiR
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कहानी का सारांश : इस कहानी में केवल एक शनिवार के दिन का वर्णन ...

कर्मो का फल

by DHIRENDRA BISHT DHiR
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कहानी का सारांश:-इस कहानी में मुख्य भूमिका पिता के रूप में दीनानाथ की है। अपने आदर्शो के लिये दीनानाथ ...

नेकी

by DHIRENDRA BISHT DHiR
  • (4.4/5)
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कहानी का सारांश: कहानी में मुख्य भूमिका उत्तम नाम के व्यापारी की है, जो एक मेहनती और बुद्धिमान है, ...