DINESH KUMAR KEER stories download free PDF

लालच बुरी बला है

by दिनेश कुमार

लालच बुरी बला हैएक बार एक बुढ्ढा आदमी तीन गठरी उठा कर पहाड़ की चोटी की ओर बढ़ रहा ...

रेत के घरौंदे सा

by दिनेश कुमार
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1.शादी का शौक नही है साहब... बुरा लगता है :- मेरी वजह से किसी का बेटा अभी तक कुवारा ...

अवनी के खिलौने

by दिनेश कुमार
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1. कबूतरों का झुण्डकबूतरों का झुण्ड भोजन की तलाश में इधर-उधर भटक रहा था। वहीं दूसरी तरफ एक शिकारी ...

फिजा में हरियाली तुमसे है

by दिनेश कुमार
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1.कोई पूछे तो भी तेरे किस्से बयाँ नहीं करते, हम अपने दिल की बातें यहाँ वहाँ नहीं करते...!2.सुनो... बहुत ...

आपकी नजरों ने समझा

by दिनेश कुमार
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1.साथ रहते यूँ ही वक़्त गुजर जायेगा,दूर होने के बाद कौन किसे याद आयेगा,जी लो ये पल जब हम ...

यूंही अच्छे लगते हो

by दिनेश कुमार
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1."पाने की तलब है ही कहां""हम तो बस तुझे खोने से डरते हैं"2.बहुत खूबसूरत है, तेरे इन्तजार का आलम... ...

सांसों में बसे हो तुम

by दिनेश कुमार
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1.दूरी ने कर दिया है तुझे और भी करीबतेरा ख्याल' आ कर न जाये तो क्या करें2.मोहब्बत का हसीन ...

रिश्ता अनोखा सरलता का

by दिनेश कुमार
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1.ऐसा ना हो कि,तुम्हें जब मेरी आदत होने लगे,अपने आस पास,मुझे ढूंढने की,कवायद होने लगे...2.इन सुलगते रास्तों पर मैं ...

देखो फूल रूठ गए

by दिनेश कुमार
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1.जिस राह पर अब हम हैं,घर तुम्हारा पीछे छूट गया,शीशे का महल था,शब्द कंकरों से,छन से टूट गया...2.बाज़ार का ...

किस्मत ने बांधा (एक डोर से)

by दिनेश कुमार
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1.आज रास्ते में देखा उसे,सब बदला बदला सा लगा,वो जो सबकुछ हुआ करता था कभी,दुनियां की तरह अजनबी सा ...