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मेरा रक्षक - भाग 23

by ekshayra
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रणविजय घुटनों के बल बैठा था। सिर झुका हुआ, आंखों से बहते आंसू ज़मीन को भिगो रहे थे। उसके ...

मेरा रक्षक - भाग 22

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फार्महाउस की बालकनी से रणविजय हर एक पल मीरा को देख रहा था। उसकी नज़रें जैसे मीरा पर ही ...

मेरा रक्षक - भाग 21

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फार्महाउस की शांति कुछ अलग ही थी। शहर की भागदौड़, बंद कमरों की घुटन और मशीनों की आवाज़ों से ...

मेरा रक्षक - भाग 20

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जॉन ने रणविजय की ओर देखा, उसकी आंखों में कुछ सवाल थे, पर चेहरे पर वही वफादार चिंता। वो ...

मेरा रक्षक - भाग 19

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एक अजीब सी खामोशी छा गई थी उस घर में। सबकुछ होते हुए भी सब कुछ अधूरा लग रहा ...

मेरा रक्षक - भाग 18

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मीरा जब घर लौटी तो उसका चेहरा एकदम फीका पड़ चुका था। मन और शरीर दोनों थक चुके थे। ...

मेरा रक्षक - भाग 17

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रनविजय की आँखों के सामने अब भी मीरा का चेहरा घूम रहा था—वो आँखें, जो कभी उसे देख मुस्कराया ...

मेरा रक्षक - भाग 16

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शाम के चार बजे थे। सूरज ढलने को था, और आसमान में हल्की सुनहरी सी रोशनी फैली हुई थी। ...

मेरा रक्षक - भाग 15

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मीरा वहीं खड़ी थी, जहाँ रणविजय ने उसे छोड़ दिया था बिल्कुल अकेली, बेजान-सी। उसके कानों में रणविजय के ...

मेरा रक्षक - भाग 14

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रणविजय कमरे से बाहर निकला ही था कि सामने जॉन उसे बेसब्री से इंतज़ार करता दिखा। उसकी आँखों में ...