जॉन ने रणविजय की ओर देखा, उसकी आंखों में कुछ सवाल थे, पर चेहरे पर वही वफादार चिंता। वो ...
एक अजीब सी खामोशी छा गई थी उस घर में। सबकुछ होते हुए भी सब कुछ अधूरा लग रहा ...
मीरा जब घर लौटी तो उसका चेहरा एकदम फीका पड़ चुका था। मन और शरीर दोनों थक चुके थे। ...
रनविजय की आँखों के सामने अब भी मीरा का चेहरा घूम रहा था—वो आँखें, जो कभी उसे देख मुस्कराया ...
शाम के चार बजे थे। सूरज ढलने को था, और आसमान में हल्की सुनहरी सी रोशनी फैली हुई थी। ...
मीरा वहीं खड़ी थी, जहाँ रणविजय ने उसे छोड़ दिया था बिल्कुल अकेली, बेजान-सी। उसके कानों में रणविजय के ...
रणविजय कमरे से बाहर निकला ही था कि सामने जॉन उसे बेसब्री से इंतज़ार करता दिखा। उसकी आँखों में ...
उस रात के बाद अर्जुन ने अपनी मां को बुला लिया अपने पास, डरा हुआ अर्जुन अब अकेले नहीं ...
कमरे में एक गहराई सी खामोशी थी। सिर्फ दो लोगों की साँसों की आवाज़ें — धीमी, भारी और एक-दूसरे ...
"सपने देखो, पर खुली आँखों से, और नींद को पीछे छोड़कर। क्योंकि जो नींद में खो जाए, वो सपना ...