इतंजार**********वो एक भीड़-भाड़ वाला इलाका था । चारों तरफ लोगो कि आवा- जाही थी । कई दुकानें थीं तो ...
कभी यादों में आओ ️ ( मुक्ति )***************एप्सन हॉस्पिटल ( काल्पनिक )मुंबईआशी मशीनों से घिरी आधी बेहोशी कि हालत ...
कभी यादों में आओ ️ ( मुक्ति)************नंदिता स्टुडियो से बाहर निकल एसिपि को किसी का कॉल आया । नंबर ...
*** वो बरसात कि रात ...! ***वो अपने कमरे कि खिड़की पर खड़ी थी । उसके हाथ में एक ...
कभी यादों में आओ ️ ( मुक्ति )*************सुबह का समयनंदिता स्टुडियो ( काल्पनिक)मुंबईहर तरफ चहल पहल थी । करु ...
कभी यादों में आओ ️ ( मुक्ति )**********हॉस्पिटल से वो अंजान लड़की घर ला चुंकि थी । सारा परिवार ...
कभी यादों में आओ ️ ( मुक्ति ) ...
दोनों हास्पिटल से बाहर आए और इस बार मुस्कुराते हुए। पहले जब वो यहां से जा रहे थे तब ...
----------------------वो कार कि खिड़की से बाहर देख रही थी । मौसम बारिश का था । ठंडी हवा चल रही ...
-------------------------" नील...नील कहा खोए हो ? " प्रिशा नील को आवाज देते हुए बोली जो कहीं खोया हुआ था ...