Chapter 4"माँ...............!"ऋषि अचानक ज़ोर से चिल्ला कर उठ बैठा।उसके माथे पर पसीना था और सांस तेज़ चल रही थी। ...
रात के ग्यारह बजे थे। आकाश चमकीले तारों से भरा हुआ था। चाँद इस तरह चमक रहा था मानो ...
The sun had set already and soon it was going to be night. The wind was blowing furiously as ...
शाम होने को थी, ऋषि अभी तक घर नहीं आया। रूपा बेहोशी हालत में थी।फुल्की ने रूपा के सर ...
बस में बहुत भीड थी, लोगों को खड़े खड़े सफर कर रहे थे। बैठने वाले भी दांत को कसके ...