Kabir stories download free PDF

खामोश परछाइयाँ - 2-3

by Kabir
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रिया के कमरे की खिड़की अब भी आधी खुली थी। बाहर गहरी रात का सन्नाटा था, पेड़ों की शाखें ...

अधूरी मोहब्बत का इलज़ाम - 5-6-7

by Kabir
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चैप्टर 5 – जुर्म की गंधरात का अँधेरा गहराता जा रहा था।बारिश थम चुकी थी, लेकिन शहर की सड़कों ...

खामोश परछाइयाँ - 1

by Kabir
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अध्याय 1 – नई शुरुआतदिल्ली का सेंट मैरी कॉलेज। गर्मियों का पहला दिन।नए सेशन का पहला दिन हमेशा हलचल ...

अधूरी मोहब्बत का इलज़ाम - 3-4

by Kabir
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चैप्टर 3 – भाई की परछाईकॉलेज का माहौल अब अरुण और रिया के लिए बदल चुका था।हर दिन मिलने ...

अनकही मोहब्बत - 2

by Kabir
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खामोश तस्वीरकक्षा 11 का समय था।वेदांत एक साधारण-सा लड़का था—ना ज्यादा दोस्त, ना ज्यादा बातें। बस कोने की बेंच ...

अधूरी मोहब्बत का इलज़ाम - 1-2

by Kabir
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चैप्टर 1 – मुलाक़ात की वो पहली नज़रकॉलेज का पहला दिन था। हल्की-हल्की बारिश की बूँदें खिड़की से टकरा ...

अनकही मोहब्बत - 1

by Kabir
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कक्षा 9वीं का लड़का आरव अपने मोहल्ले और परिवार के लिए एक सीधा-सादा बच्चा था। माँ उसे हमेशा कहतीं, ...