एक आंसू की बूंद....उसे और उसकी बहन को....."अब आगे...................विवेक का उसकी बातें सुनकर खुन खौल उठा था अगर तक्ष ...
आदित्य ने समझी माँ की चिंता.....अब आगे...........विवेक इशान से कहता है......" भाई आप इनके पास रहना मैं घर जा ...
तक्ष की सच्चाई आई सामने....अब आगे........आदित्य हैरानी से पूछता है...." अननैचुरल... लेकिन विवेक तुम्हें कैसे लग रहा है कि ...
जहर अदिति ने दिया....अब आगे...................औषधि वाले पानी को पिलाने के बाद भी आदित्य के शरीर में कोई हरकत नहीं ...
आदित्य की हालत बिगड़ चुकी है....अब आगे...............बबिता विवेक को परेशान देख उसे एक उपाय बताती है...." विवेक जी आपको ...
विवेक की परेशानी....अब आगे.................विवेक पीछे मुड़कर बबिता से अचानक रोकने का कारण पूछता है....." क्या हुआ ताई...?..."बबिता घबराई सी ...
*"माँ... माँ कुछ नहीं समझती... हमेशा टोकती रहती है... उसकी वजह से मेरी ज़िंदगी बर्बाद हो रही है!"*यह शब्द ...
अब आगे..................अदिति (तक्ष) के चिल्लाने की आवाज सुनकर इशान उसके पास आता हैइशान : क्या हुआ अदिति...?...इस तरह क्यूं ...
अब आगे.........बबिता परेशान सी वहीं बैठ जाती है..... तभी उसे ध्यान आता है की वो तक्ष के कमरे में ...
अब आगे...........तान्या हैरानी से बाॅलकनी की तरफ देखकर एकांक्षी से कहती है......" तू रूक मैं देखती हूं कौन है...?..." ...