भाग 21 (अंतिम भाग)बेसमेंट की ठोस दीवार के पीछे काली छाया कैद थी। उस भयानक रात को हफ़्ते बीत ...
भाग 20बेसमेंट अब एक ऐसे भँवर में बदल गया था जहाँ अच्छी और बुरी शक्तियाँ आपस में उलझ रही ...
भाग 19बेसमेंट का दरवाज़ा एक प्राचीन, भयावह रहस्य की तरह खड़ा था। जैसे ही डॉ. मेहता ने उसे खोला, ...
भाग 18डॉ. मेहता आश्रम में ऋषि अग्निहोत्री से विदा हुए, उनका मन ज्ञान और नई ऊर्जा से भरा हुआ ...
भाग 17डॉ. मेहता ने रात को ही अपनी गाड़ी पकड़ी और दिल्ली से हिमालय की तलहटी की ओर निकल ...
भाग 16डॉ. मेहता लगभग बीस मिनट में ही अपार्टमेंट पहुँच गए। उनके चेहरे पर गहरी चिंता के बावजूद एक ...
भाग 15कवच को पाने के बाद मिली राहत कुछ देर ही रही। विवेक ने उसे अपने बैग में सुरक्षित ...
भाग 14विवेक ने कुएं के गहरे, अंधेरे मुँह को देखा, जहाँ से एक अजीब-सी काली रोशनी निकल रही थी। ...
भाग 13विवेक ने नीले फूल को कांच के जार में सुरक्षित रखा और तेज़ी से उसी रास्ते पर वापस ...
भाग 12विवेक ने गुफा के भीतर कदम रखा, टॉर्च की रोशनी में वह आगे बढ़ा। अंदर आते ही, हवा ...