मैत्री की बनायी रंगोली देखकर जहां एक तरफ बबिता और विजय बेहद खुश थे ये सोचकर कि मैत्री कितनी ...
अवध ने जब राजीव से कहा कि "मधु ने रात से खाना.. खाना तो दूर पानी भी नहीं पिया ...
शाम को लखनऊ से निकलकर कानपुर पंहुचते पंहुचते रात के करीब आठ बज गये थे, घर के अंदर जाने ...
=="अंकिता तुम मेरा फोन नहीं उठाती हो, मैसेज का रिप्लाई भी नहीं करती हो.. क्या हुआ क्या है, अरे ...
जहां एक तरफ मैत्री खुशी खुशी अपनी दोनो भाभियो के साथ रसोई मे खाना बनाने चली गयी थी वहीं ...
बचपन की मासूमियत और उस मासूमियत में करी गयी निश्छल सी बातें कानों में जाकर एक अलग ही तरह ...
चूंकि मैत्री जतिन और अपने सास ससुर की दिनचर्या जानती थी इसलिये उसने उसी हिसाब से सुबह सात बजे ...
अपनी गोद में सिर रखकर लेटे राजीव के सोने के बाद चारू भी थोड़ा कम्फर्टेबल होते हुये बैठ गयी ...
जहां एक तरफ मैत्री जतिन की यादो मे खोयी हुयी अपनी मम्मी सरोज से लिपट कर सो रही थी ...
राजीव के महज़ फोन रिसीव ना करने की वजह से चारू इतनी जादा परेशान हो गयी कि वो उससे ...