S Bhagyam Sharma stories download free PDF

अपराध ही अपराध - भाग 32

by S Bhagyam Sharma
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अध्याय 32 “अभी कुछ दिन पहले एक तेलुगु पिक्चर में मैंने देखा। एक हीरो उड़ने वाले हेलीकॉप्टर को ...

अपराध ही अपराध - भाग 31

by S Bhagyam Sharma
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अध्याय 31 पिछला सारांश: कार्तिका इंडस्ट्रीज कंपनी के मालिक कृष्ण राज अपना तीसरा असाइनमेंट धनंजयन को बताते हैं। इसे ...

अपराध ही अपराध - भाग 30

by S Bhagyam Sharma
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अध्याय 30 किसी तरह ढूंढ कर उन्हें यह शुरुआत मिल ही गया। “बहुत-बहुत धन्यवाद सर। हमारे लिए बहुत ...

अपराध ही अपराध - भाग 29

by S Bhagyam Sharma
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अध्याय 29 पिछला सारांश कार्तिका इंडस्ट्रीज के संस्थापक कृष्णा राज के दिए दो असाइनमेंट्स को सफलतापूर्वक पूरा करने पर ...

अपराध ही अपराध - भाग 28

by S Bhagyam Sharma
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अध्याय 28 वह निगाहें तुम्हारे सामने बात करते हुए संकोच हो रहा है ऐसा लगा। इसलिए इस बात को ...

अपराध ही अपराध - भाग 27

by S Bhagyam Sharma
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अध्याय 27 पिछला सारांश: धनंराजन ने उसे दिए दूसरे असाइनमेंट की मूर्ति जिसे कृष्णराज ने कीरन्नूर के मंदिर ...

अपराध ही अपराध - भाग 26

by S Bhagyam Sharma
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अध्याय 26 “ धना मूर्ति को तो वह उठा कर ले गया फिर हम क्यों कीरंनूर जा रहे ...

अपराध ही अपराध - भाग 25

by S Bhagyam Sharma
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अध्याय 25 पिछला सारांश: कीरंनूर जाकर वापस आए धनंजय शिव लिंग के ऊपर नाग के फन निकाले हुए ...

अपराध ही अपराध - भाग 24

by S Bhagyam Sharma
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अध्याय 24 धना के ‘अपार्टमेंट’ के अंदर ड्राइवर के ड्रेस में कुमार ने प्रवेश किया। उसको देखते ही ...

अपराध ही अपराध - भाग 23

by S Bhagyam Sharma
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अध्याय 23 उनके घर के अंदर सांप के आने के बारे में धना ने पूछा। वहां ...