गुफ़ा का अंधकार अब गहराई में और भी घना हो चुका था।लाल लपटों और धुंध के बीच, दीवारों पर ...
गुफ़ा की तंग सुरंगों में ठंडी हवा उनके चेहरे पर लग रही थी।दीवारों पर उकेरे गए प्रतीक और शिलालेख, ...
भूमिगत मार्ग के अंत में, पत्थरों की नमी से टपकती बूंदों की गूंज अब धीरे-धीरे शांत हो रही थी। ...
गुफा की दीवारों पर जलती मशालें टिमटिमा रही थीं। हवा में घुटन-सी घुली थी, जैसे पत्थरों के भीतर दबी ...
मंदिर के अंदर का वातावरण बदल चुका था।पत्थर की दीवारों पर जली हुई मशालें अब अजीब लाल आभा बिखेर ...
वो क्षण जब चेतना, विज्ञान और आध्यात्म का संधि स्थल बन गया।"जिन्हें तुम समय की सीमाओं में बांधते हो, ...
पुनर्पाठ (Recap):पिछले अध्याय में रुद्र ने त्रिलोक-सेतु के दरवाज़े पर खड़े होकर “काल के पार” की एक झलक देखी ...
पिछले अध्याय में:आर्यन ने "अभिज्ञान पाटल" के रहस्यमय संकेतों को सक्रिय कर एक ऐसे द्वार को खोला जिसे "शून्य ...
त्रिलोक सिंक्रोनाइज़र के सक्रिय होते ही धरती पर समय के बहाव में एक हल्का कंपन हुआ। जैसे ही तीनों ...
पूर्व कथा:आर्यन एक असाधारण लेकिन दिशाहीन युवा है जिसे प्रोफेसर ईशान वर्मा द्वारा चुना गया है एक गुप्त प्रयोग ...